सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

संरक्षित वन में कैसे बन रहा थापर का पावर प्लांट!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 96

संरक्षित वन में कैसे बन रहा थापर का पावर प्लांट!

(एस.के. खरे)

सिवनी (साई)। मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में शामिल मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड कें ग्राम बरेला में प्रस्तावित 1200 मेगावाट का कोल आधारित पावर प्लांट पूरी तरह संरक्षित वनों से न केवल घिरा हुआ है वरन् यह संरक्षित वन क्षेत्र में ही बन रहा है। संयंत्र प्रबंधन ने इसके पहले चरण की लोकसुनवाई में संरक्षित वनों के बारे में चुप्पी ही साधी रखी थी जो अनेक संदेहों को जन्म दे रही है।
आरोपित है कि 22 अगस्त 2009 को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा आहूत लोकसुनवाई के पूर्व संयंत्र प्रबंधन द्वारा जमा कराए गए कार्यकारी सारांश में इस संयंत्र के प्रथम चरण में आसपास कोई भी नेशनल पार्क नहीं होना दर्शाया गया था। उल्लेखनीय होगा कि संयंत्र स्थल से महज सत्तर किलोमीटर दूर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कान्हा नेशनल पार्क अवस्थित है। इतना ही नहीं संयंत्र प्रबंधन ने संयंत्र के इर्दगिर्द रक्षित वनों के मामले में इस संबंध में मौन साध लिया गया था।
यहां एक बात उल्लेखनीय होगी कि गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर में डाले जा रहे पावर प्लांट का संयंत्र स्थल लगभग एक दर्जन संरक्षित वनों से ना केवल घिरा हुआ है वरन् यह संयंत्र भी एक संरक्षित वन में ही स्थापित किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान की मंशा इस बारे में स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि वे वनों के हितैषी होकर उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं या फिर अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में वनों को ही उजाड़ रहे हैं।
बहरहाल, शोर शराबा होने के बाद भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के प्रथम चरण को हरी झंडी दे दी गई। इसके उपरांत जब दूसरे चरण की लोकसुनवाई संपन्न हुई तब मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा एक बार फिर पहले चरण का ही कार्यकारी सारांश मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को सौंप दिया गया। पीसीबी के सूत्रों का कहना है कि जब इसमें लिखित खामियों के बारे में हल्ला मचा तब संयंत्र प्रबंधन ने मण्डल के कारिंदों की मदद से कार्यकारी सारांश ही बदल दिया।
सूत्रों ने कहा कि नए कार्यकारी सारांश के पांचवें पेज में संयंत्र प्रबंधन ने कहा है कि इस संयंत्र के इर्द गिर्द एक दो नहीं एक दर्जन संरक्षित वन हैं। इसमें उत्तर से दक्षिण में तीन किलोमीटर रोटो संरक्षित वन, उत्तर से उत्तर पूर्व में साढ़े सात किलोमीटर पर बरवाक्चार संरक्षित वन, उत्तर पश्चिम में नौ किलोमीटर पर काटोरी संरक्षित वन, उत्तर पश्चिम में तीन किलोमीटर पर धूमा संरक्षित वन है।
इसके अलावा दक्षिण में साढ़े सात किलोमीटर पर घंसौर संरक्षित वन, पश्चिम उत्तर पश्चिम में डेढ़ किलोमीटर पर भाटेखारी संरक्षित वन, पूर्व दक्षिण पूर्व में साढ़े तीन किलोमीटर पर बिछुआ संरक्षित वन, दक्षिण पश्चिम में आठ किलोमीटर पर जेतपुर संरक्षित वन, ग्राम बरेला में लगने वाले संयंत्र खुद ही संरक्षित वन में स्थापित है। पूर्व दक्षिण पूर्व में आठ किलोमीटर में प्रतापगढ़ आरक्षित वन है।
संयंत्र प्रबंधन द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को सौंपे गए 15 पेज के अपने कार्यकारी संक्षेप के पांचवें पेज पर स्वयं ही इस बात को स्वीकार किया है कि संयंत्र से शून्य किलोमीटर दूरी पर बरेला संरक्षित वन है। शून्य किलोमीटर का सीधा तात्पर्य यही हुआ कि गौतम थापर के स्वामित्व वाला अवंथा समूह का सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा छटवीं अनुसूची में अधिसूचित सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड के ग्राम बरेला में लगाए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट को संरक्षित वन में ही संस्थापित करने का तानाबाना केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की देखरेख में मध्य प्रदेश शासन के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के द्वारा बुना जा रहा है।
यक्ष प्रश्न तो यह बना हुआ है कि यह सब देखने सुनने के बाद क्या वन विभाग आंखों पर पट्टी बांधे हुए है, अथवा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, अथवा संयंत्र प्रबंधन द्वारा आनन फानन में तैयार कर मण्डल की मिलीभगत से घंसौर के गोरखपुर गांव में 22 नवंबर को संपन्न हुई लोकसुनवाई के एक सप्ताह के बाद जमा करवाए गए कार्यकारी सारांश में जल्दबाजी में यह ऋुटी कर दी गई है?
अगर संयंत्र प्रबंधन का कहना सही है कि उक्त संयंत्र संरक्षित वन में स्थापित किया जा रहा है तब इसके प्रथम चरण के काम को क्या रोका जाएगा? साथ ही साथ जमीनी हकीकत देखे बिना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आखिर इसके निर्माण की अनुमति कैसे दे दी गई है? इस तरह देश में सियासी दलों द्वारा सशक्त लोकपाल लाने का दावा किया जा रहा है।

(क्रमशः जारी)

अजीब सी विज्ञप्ति जारी की है जनसंपर्क ने


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 56

अजीब सी विज्ञप्ति जारी की है जनसंपर्क ने


(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले के जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा 14 फरवरी को जारी विज्ञप्ति के मायने लोगों द्वारा अनेक तरह से लगाए जा रहे हैं। जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा इस दिन जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नगर के सर्व धर्मगुरूओं ने नागरिकों से शांति और संयम बरतकर हर हाल में हर संभव तरीके से शहर में अमन-चौन कायम रखने की अपील की है। धर्मगुरूओं ने कहा है कि हम सब भारतवंशी है, आपसी सौहार्द्र और शांतिप्रियता सदियों से हमारी संस्कृति रही है। हम सभी अपनी इस गौरवमयी संस्कृति के संवाहक और शांतिदूत बने।
धर्मगुरूओं ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नगर में शांति कायमी के लिये प्रशासन द्वारा आहूत सर्व धर्मगुरूओं की एक संयुक्त बैठक में नागरिकों से यह अपील की। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर आर।बी। प्रजापति ने की। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर शुक्ला, नगर निरीक्षक हरिओम शर्मा, नगर के सभी मंदिरों के महन्त/पुजारी, मस्जिदों के मौलवी, गुरूद्वारा प्रमुख, पादरी सहित सर्व धर्मगुरूजन, प्रबुद्वजन एवं वरिष्ठजन उपस्थित थे।
बैठक में सर्वधर्म समभाव की भावना के अनुरूप सभी ने नागरिकों से अपील की कि सभी एक दूसरे के धर्म एवं पूजा स्थलों का सम्मान करें और अपने मोहल्ले व शहर में शांति बहाली के लिये प्रशासन की मदद करें। धर्मगुरूओं ने कहा कि शहर हम सबका है, हम सभी को मिलजुलकर रहना है, इसलिये कोई भी नागरिक अपनी धाघ्मक पूजा/उपासना की कोई नई परम्परा स्थापित न करें और पूर्व स्थापित परम्पराओं का ही पालन कर एक अश्छे और जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें। बैठक में सभी समाज के धर्मगुरूओं और प्रबुद्वजनों द्वारा अपने-अपने तरीके से सभी नागरिकों से शांति बरतने की अपील की गई। बैठक में अपर कलेक्टर आर।बी। प्रजापति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने धर्मगुरूओं से अपील की कि वे सभी से नगर में शांति बहाली के लिये प्रशासन व पुलिस का हर तरीके से सहयोग करने के लिये कहें।
अब लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर इस बैठक में प्रशासनिक अमले के अलावा नगर के वे सभी सम्माननीय सभी मंदिरों के महन्त/पुजारी, मस्जिदों के मौलवी, गुरूद्वारा प्रमुख, पादरी सहित सर्व धर्मगुरूजन, प्रबुद्वजन एवं वरिष्ठजन कौन थे, जिनका नाम जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी करने में गुरेज किया गया है। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से इनके नाम उजागर ना करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए थे, फिर भी इस तरह की गतिविधि कर जनसंपर्क कार्यालय द्वारा आखिर साबित क्या करना चाहा है यह बात ना तो मीडिया ही समझ पा रहा है और ना ही आम जनता!

सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन!


सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। रेल बजट को लेकर उलटी गिनती आरंभ हो चुकी है। इस बार भी हर बार के ही मानिंद सिवनी के निवासियों को रेल बजट में ब्राडगेज का झुनझुना भी बजाने को नहीं मिलने वाला है। कमजोर नेतृत्व के कारण सिवनी में ब्राडगेज का ना आ पाना निश्चित तौर पर निंदनीय ही माना जा रहा है। दो दो सांसदों के होते हुए भी सिवनी जिला ब्राडगेज के लिए बुरी तरह तरस रहा है।
गौरतलब है कि पिछले साल उम्मीद की जा रही थी कि छिंदवाड़ा से इंदौर जाने वाली पेंचव्हेली, रेल गाड़ी को भगवान शिव की नगरी सिवनी से चलने का गौरव मिल सकेगा। सालों साल परासिया से भोपाल जाने वाली रेलगाड़ी अब छिंदवाड़ा से इंदौर तक जा रही है।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर के अमान परिवर्तन को अगर नेता चाहें तो पल भर में अनुमति दिलवा सकते हैं। इस रेल खण्ड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अमान परिवर्तन में केवलारी से नैनपुर खण्ड में वनभूमि की कुछ बाधा आ सकती है किन्तु सिवनी से छिंदवाड़ा तक का हिस्सा इससे पूरी तरह से मुक्त है।
विभागीय सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इसके निर्माण के लिए मृदा परीक्षण का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा था किन्तु अचानक ही इस काम को मंथर गति से संचालित करवाना आरंभ कर दिया गया है। इसके पीछे महाकौशल के ही एक जिम्मेदार और महाबली संसद सदस्य के द्वारा दिए गए निर्देशों को ही मुख्य रूप से जवाबदार माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है उक्त महाबली सांसद अपने संसदीय क्षेत्र का काम तेज गति से करवाना चाह रहे हैं इसीलिए उन्होंने बाकी जिलों के ब्राडगेज के काम पर ग्रहण ही लगवा दिया है।
उधर, रेल्वे बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस साल के बजट में सिवनी जिले के नागरिक कुछ भी मिलने की उम्मीद ना पालें, इसका कारण यह है कि सिवनी जिले के दोनों सांसदों, भारतीय जनता पार्टी के के।डी।देशमुख एवं कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम द्वारा जिले के लिए ना तो कोई प्रस्ताव ही भेजे और ना ही छिंदवाड़ा नैनपुर के अमान परिवर्तन के लिए कोई संजीदा प्रयास ही किए हैं।
गौरतलब है कि शतायु हो चुके जबलपुर नागपुर नेरोगेज रेलखण्ड में 106.93 किलोमीटर के गोंदिया से नैनपुर का काम 13 अप्रेल 1903 में तो नैनपुर से बरगी के 82.83 किलोमीटर के रेलखण्ड का काम 5 जुलाई 1904, बरगी से जबलपुर के हाऊबाग (बोलचाल में हवाबाग) के 25.91 किलोमीटर के रेलखण्ड का काम 7 अप्रेल 1905 तो हाऊबाग से जबलपुर के 2.2 किलोमीटर रेलखण्ड का काम 15 सितम्बर 1905 में पूरा हुआ था। नागपुर से मण्डला फोर्ट बरास्ता छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर रेलखण्ड को सतपुड़ा लाईन्स के नाम से भी जाना जाता था।
(क्रमशः जारी)

विलंब से फैसला वाकई समस्या: कबीर


विलंब से फैसला वाकई समस्या: कबीर

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। न्यायिक प्रक्रिया में विलंब पर देश के प्रधान न्यायधीश भी चिंतित हैं। उनका मानना है कि आपराधिक मामलों में निर्णय में होने वाला विलंब वास्तव में दुखद है। अमूमन मामलों के निपटारण में डेढ़ दशक तक का समय लग जाता है। देश के प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति कबीर ने यहां आपराधिक न्याय प्रशासन विषय पर न्यायमूर्ति पीडी देसाई स्मारक व्याख्यान में अपनी इस पीड़ा का इजहार करते हुए कहा, कि आज एक बड़ी समस्या देरी है जहां अपराध का मामला दर्ज किये जाने से लेकर अंतिम रूप से दोषी ठहराये जाने तक पूरी प्रक्रिया में करीब 15 से 16 साल लग जाते हैं।
उन्होंने कहा, कि वे आशा करते हैं कि इस प्रक्रिया मे शामिल प्रत्येक व्यक्ति न्याय की प्रक्रिया को तेज करने के लिये अपनी जिम्मेदारी निभायेगा। उन्होंने कहा, कि इस तरह की एक घटना पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली में हुई थी। पहली प्रतिक्रिया थी कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिये त्वरित अदालतों का गठन किया जाये।

चार्टर्ड प्लेन चौपर हैं खतरनाक!


चार्टर्ड प्लेन चौपर हैं खतरनाक!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। निजी तौर पर उड़ने वाले हेलीकाप्टर यानी चौपर और विमानों में सुरक्षा के साधनों का अभाव काफी हद तक खतरनाक स्तर पर पाया गया। मौसम विभाग के आला अधिकारियों द्वारा पिछले दो दशकों में हुई दुर्घटनाओं के बाद यह निश्कर्ष निकाला है कि चार्टर्ड प्लेन और चौपर अन्य विमानों की तुलना में काफी हद तक खतरनाक ही साबित होते हैं।
मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि निजी विमानों में सुरक्षा को लेकर किए गए एक विश्लेषण में पाया गया है कि ऐसे विमानों का एक्सीडेंट होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसकी वजह इन विमानों में मौसम संबंधी चेतावनी देने वाले सिस्टम की कमी और पायलट और जमीन पर मौजूद दिशानिर्देश देने वाले लोगों के बीच बेहतर तालमेल नहीं होना बताया गया है। हेलिकॉप्टरों को भी इसी कैटिगरी में शामिल किया गया है।
इस विश्लेषण के लिए मौसम विज्ञानियों ने भारत में 1990 से 2008 के बीच हुए 121 विमानों की दुर्घटना का जायजा लिया। इसमें पाया गया कि सबसे ज्यादा 32 प्रतिशत मामले प्राइवेट और बिजनेस विमानों से जुडे़ थे। इसके बाद 26 प्रतिशत ट्रेनिंग के दौरान हुए हादसे थे और 22 प्रतिशत बिना निर्धारित समय के ऑपरेशंस से जुडे़ थे। सूत्रों ने कहा कि प्राइवेट विमानों का सबसे ज्यादा एक्सीडेंट खराब मौसम की वजह से होता है। वैज्ञानिकों ने कहा, प्राइवेट विमान हल्के और छोटे होते हैं और इनमें मौसम संबंधी जानकारी देने वाले बढ़िया सिस्टम नहीं होते।

यहां अजीब है भारतीय रेल


यहां अजीब है भारतीय रेल

(वर्षा अग्रवाल)

टाटानगर (साई)। टाटानगर में भारतीय रेल का अलग ही चेहरा सामने आता है। टाटानगर से बादामपहाड़ जाने वाली रेलगाड़ी कुछ अनोखे ही अंदाज में पटरी पर दौड़ती है। यह रेल हाथ देने पर रूक जाती है और इसमें यात्री बसों के मानिंद ही रेल में चलित टिकिट परीक्षक यानी टीटीई द्वारा किराया वसूला जाता है। यह भाड़ा भी टीटीई द्वारा खुद ही तय कर रखा हुआ है।
चक्रधरपुर रेल मंडल में एक ट्रेन ऐसी भी चलती है, जिसमें सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह ट्रेन यात्री के हाथ देने पर कहीं भी रुक जाती है। यात्री जब चाहें कभी भी इस पर चढ़ कर सफर कर सकते हैं। ट्रेन में सफर के दौरान बस कंडक्टर की तरह टीटीइ यात्री से पैसे वसूलते हैं, पर टिकट नहीं देते। यह अनोखी ट्रेन टाटानगर से खुलने वाली टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर है।
टाटानगर स्टेशन से खुलने के बाद ट्रेन मक्खदमपुर रेलव क्रासिंग पार करती है। उसके बाद टीटीइ कोच में टिकट चेकिंग शुरू करता है। चेकिंग के दौरान टीटीइ यात्रियों से पैसे वसूलता है। इससे लगेगा कि यात्रा ट्रेन में नहीं, बस में हो रही हो। यात्रियों को इस बात की पूरी गारंटी रहती है कि टिकट नहीं होने पर उनसे जुर्माना नहीं वसूला जायेगा। टाटा नगर से ट्रेन खुलने के बाद इसका पहला पड़ाव हल्दीपोखर है, पर ट्रेन मकदमपुर रेलवे क्रॉसिंग और करनडीह रेलवे क्रॉसिंग पर भी नियमित रुकती है।
यात्रा के दरम्यान यात्रियों ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान बताया कि टाटानगर से बादामपहाड़ के बीच प्रत्येक स्टेशन का किराया तय है, लेकिन यह किराया रेलवे ने नहीं, बल्कि टीटीइ ने तय किया है। किराया रेलवे के किराये से पांच से सात रुपये ज्यादा है। अगर कोई यात्री ज्यादा सवाल-जवाब करता है, तो टीटीइ यात्री पर फाइन चार्ज करने की धमकी देते हैं।

निकली साई बाबा की शोभायात्रा


निकली साई बाबा की शोभायात्रा

(सुरेंद्र कुमार)

गाजीपुर (साई)। नवापुरा में साई बाबा के मंदिर का वार्षिकोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। साई बाबा की यह शोभायात्रा शहर के अनेक हिस्सों से भ्रमण कर साई मंदिर पहुंची। मार्ग में श्रृद्धालुओं ने इस शोभायात्रा की ना केवल आगवानी की वरन पानी फल फूल नाश्ता आदि से स्वागत भी किया।
श्री दुर्गा शिव साई सेवा संस्थान की ओर से साई बाबा मंदिर नवापुरा के वार्षिकोत्सव पर शनिवार को नवाबगंज से शोभायात्रा निकाली गई। साई बाबा के जयकारे से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। साईं बाबा की पालकी के साथ घोड़े, बैण्डबाजे के साथ सैकड़ों श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल रहे। नवाबगंज, चीतनाथ, टाउनहाल, महाजनटोली, लालदरवाजा, मिश्रबाजार, महुआबाग होते हुए नवापुरा स्थित साई मंदिर में शोभा यात्रा पहुंची।
हवन पूजन के साथ साईं बाबा का महाभिषेक हुआ। इसके बाद भगवान दत्ता त्रेय की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। अंत में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। साई मंदिर नवापुरा में 16 फरवरी को भंडारा होगा। शोभा यात्रा में विश्वकांत दुबे, विजय कुमार, मयूर भारती, प्रशांत राय, संतोष तिवारी, डॉ। एसपी श्रीवास्तव के अलावा सैकड़ों श्रद्धालु शामिल थे।
वहीं पीलीभीत में भी साई बाबा के दर पर पालकी यात्रा और विशेष पूजा अर्चना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गुरुवार शाम को शहर के साई मंदिरों का नजारा आलौकिक था। दीपदान कर लोगों ने मनौतियां मांगी और पूजन अर्चन किया। शहर में टनकपुर बरेली हाईवे के नजदीक नकटादाना चौराहा के पास बने मंदिर में सुबह कांकर आरती की गई और शाम को शयन आरती का आयोजन किया गया। इसमें भक्तों की संख्या अपार रही। बीच शहर में नई बस्ती मुहल्ले में स्थित साई वाटिका मंदिर में भी पूजन अर्चन किया गया। देर शाम भजन संध्या का आयोजन कर महिलाओं ने उपासना की और पालकी यात्रा का आयोजन किया गया।
इसके अलावा बीसलपुर में भी सांई भक्तों ने शहर में आज सांई बाबा की पालकी यात्रा धूमधाम से निकाली। जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। गुरूवार को मोहल्ला बख्तावरलाल स्थित सांई बाबा के मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और उन्होंने मंदिर परिसर से सांई बाबा की पालकी यात्रा धूमधाम से निकाली। पालकी यात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गाे से होती हुई पुनरू मंदिर परिसर में आकर सम्पन्न हुई। कार्यक्रम में सुरेंद्र मोहन, रेनू सक्सेना, अंजू गंगवार, सुंदरी गंगवार, बंटी गंगवार, सुषमा सक्सेना सहित बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल थे। यात्रा सम्पन्न होने पर मंदिर में सांई संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें भक्तों ने सांई बाबा की पूजा अर्चना करने के बाद भजन कीर्तन किया।

हिंदुस्तान क्रांति मंच के सदस्यों ने ली भाजपा की सदस्यता


हिंदुस्तान क्रांति मंच के सदस्यों ने ली भाजपा की सदस्यता

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। भाजपा द्वारा पाई में आयोजित किए गए ज्वाइन भाजपा सम्मेलन में हिंदुस्तान क्रांति मंच के सदस्यों ने भाजपा में शामिल होने का जोरशोर से ऐलान किया। इस अवसर पर हिंदुस्तान क्रांति मंच के राष्ट्रीय संयोजक सज्जन आर्य के नेतृत्व में सत्यवान, संदीप, जोगिंद्र, गुरमीत, सुनील, कर्मवीर, सुरेश, बलजीत, हसन, कामराज, यशपाल, रामफल, प्रतीक, राजेश, बलकार, सोनू सहित 100 के लगभग मंच सदस्यों ने भाजपा की सदस्यता विधिवत रूप से ग्रहण की।
सम्मेलन को पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आत्मप्रकाश मनचंदा व प्रदेश सह प्रवक्ता धर्मवीर डागर ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। अपने संबोधन में मनचंदा ने कहा कि भाजपा जातिवाद की राजनीति नहीं करती। किसी भी जाति या वर्ग का कार्यकर्त्ता इसमें जितनी मेहनत से कार्य करता है उसे पार्टी में आगे बढऩे के उतने ही सुअवसर प्राप्त होते हैं। उन्होंने पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात विकास के मामले में इस समय देश का अग्रणी राज्य है। मोदी किसी समय में रेलवे स्टेशन पर रेहड़ी लगाते थे। और अब राजनीति में आकर भाजपा से जुड़कर अच्छे कार्य करने के कारण उनका नाम पूरी दुनिया में चर्चित है। देश के जिन भी राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वे राज्य विकास के मामले में अव्वल हैं।
सह प्रवक्ता धर्मवीर डागर ने कहा कि कांग्रेस ने देश में पिछले 55 वर्षों के शासनकाल में किसानों व निर्धन तबके के लोगों की कतई सुध नहीं ली। उनका केवल शोषण ही किया गया। किसानों को फसल की लागत के हिसाब से कभी भी उचित मूल्य नहीं दिए गए। भाजपा की सरकार देश में आने पर किसानों की फसलों के मूल्य लागत व 50 प्रतिशत लाभ को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किए जाएंगे ताकि किसान घाटे में न जा सके। हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा केवल रोहतक के विकास तक ही सिमटकर रह गए हैं। रोहतक जिले के युवकों को ही अधिकतर सरकारी भर्तियों में नौकरी देने के प्रयास किए गए हैं। भाजपा की सरकार आने पर इस संबंध में ऐसा कानून बनाया जाएगा जिससे सभी संबंधित जिले के युवकों को सरकारी नौकरियों में बराबर की भागीदारी मिल सके। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार में भाजपा द्वारा केवल 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर पर किसानों को ऋण मुहैया करवाए गए जबकि कांग्रेस की सरकारों में किसान ऋणों की दर 12 से 14 प्रतिशत वार्षिक तक होती थी। हिंदुस्तान क्रांति मंच के राष्ट्रीय संयोजक सज्जन आर्य ने कहा कि युवाओं का भाजपा की ओर रूझान बढ़ता जा रहा है और देश प्रदेश में आने वाली सरकार भाजपा की होगी। कार्यक्रम में राजपाल तंवर जिलाण्यक्ष भाजपा, सुभाष हजवाना पूर्व जिला उपाध्यक्ष, मुख्तयार सिंह एडवोकेट, सरदार कुलवत आंहूं, देवेंद्र साकरा, रणजीत साकरा, सतीश शर्मा, नरेद्र मिड्ढा, रणधीर भाणा, मास्टर जियालाल, हरिकेश फौजी, टेकचंद ढुल, यशपाल, तिलकराज, मोनू, बलजीत आदि नेतागण व सैंकडों ग्रामीणों ने भाग लिया। 

इनैलो नेताओं को साजिश के तहत फंसाने पर जनता आक्रोश से भरी: माजरा


इनैलो नेताओं को साजिश के तहत फंसाने पर जनता आक्रोश से भरी: माजरा

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। कलायत के विधायक रामपाल माजरा ने कहा ंिक जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में इनैलो नेताओ को कांग्रेस द्वारा एक साजिश के तहत फंसाया गया है जिसका खामियाजा उसे आगामी लोस व विस चुनावों में भुगतना पड़ेगा। वे गांव काकौत, नरड़, सौंगल आदि गांवों में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। गांव काकौत की आम्मा पट्टी चौपाल में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जेबीटी शिक्षक भर्ती के तहत इनैलो सुप्रीमो औमप्रकाश चौटाला व प्रधान महासचिव अजय चौटाला द्वारा 3206 युवकों को बिना कोई रिश्वत लिए नौकरी देकर उनसे जुड़े परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का काम किया है। जबकि देश में हुए घोटालों में कोयला घोटाला सबसे बड़ा घोटाला साबित हुआ है लेकिन इसमें कांग्रेस सांसदों की संलिप्तता के कारण उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कांग्रेस सरकार इस घोटाले को छिपाने के प्रयास क र रही है। उन्होंने कहा कि जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में इनैलो नेताओं को हुई जेल से प्रदेश की जनता आक्रोश से भरी है। इस अवसर पर औमप्रकाश पौलू पूर्व सरपंच काकौत, बलदेवराज, बचनाराम, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, धर्मसिंह, अनिल प्रजापत, नरेश, सोनू, पालाराम आदि कार्यकर्त्ता व ग्रामीण उपस्थित थे।

मानवता की मिसाल कायम करते जिलानी


मानवता की मिसाल कायम करते जिलानी

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। आज के युग में जब आसमान छूती मंहगाई के कारण लोग पैसों के पीछे भाग रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के युवा एवं उत्साही एम्बूलेंस के संचालक सईद जिलानी द्वारा मानवता की मिसाल कायम की जा रही है। सईद जिलानी द्वारा एक जनवरी से अपनी एंम्बूलेंस को मरीजों के लिए सरकारी दरों पर उपलब्ध कराना आरंभ किया है।
ज्ञातव्य है कि पिछले दो दशकों से जिला चिकित्सालय सिवनी की दुर्दशा के कारण मरीजों को नागपुर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पूर्व में विधायकों मंत्रियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया जिससे जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं लगभग ठप्प ही हो चुकी हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में लखनादौन की भाजपा विधायक श्रीमति शशि ठाकुर के पति डॉ.ठाकुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तो सिवनी विधायक श्रीमति नीता पटेरिया के पति डॉ.पटेरिया चिकित्सालय में पदस्थ हैं।
इन दो चिकित्सा विशेषज्ञों की पत्नियों की यहां तैनाती के बाद भी मरीजों को जिला चिकित्सालय में आराम नहीं मिल पा रहा है। जिला चिकित्सालय की एम्बूलेंस सेवा इन दिनों चिकित्सकों को लाने ले जाने का ही काम कर रही है। एसी स्थिति में सईद जिलानी ने अपनी एम्बूलेंस को मरीजों के लिए सरकारी घटी दरों पर उपलब्ध कराकर मानवता की मिसाल कायम की है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि जनवरी माह में उनके द्वारा 38 गरीब मरीजों को कम दर पर नागपुर के अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया है।

बज गई मनमोहन के लिए खतरे की डुगडुगी!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

बज गई मनमोहन के लिए खतरे की डुगडुगी!
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के लिए बुरी खबर है, मनमोहन सिंह की ओर से अब कांग्रेस मुंह मोड़ती ही जा रही है। वैसे तो मनमोहन सिंह 2014 तक का कार्यकाल पूरा करने का विश्वास पाल रहे हैं पर कांग्रेस के अंदर ही अंदर चल रही तैयारियों ने उनके होश फाख्ता कर रखे हैं। जयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को आधिकारिक तौर पर नंबर दो बनाए जाने की घोषणा के उपरांत पार्टी का स्टेंड काफी हद तक साफ दिखने लगा है। पार्टी ने भी अब मनमोहन से किनारा करना आरंभ कर दिया है। राहुल गांधी भी मनमोहन को ज्यादा चांस या तैयारी का मौका नहीं देना चाहते इसलिए वे भी खुद के प्रधानमंत्री बनने की बात को हवा नहीं देना चाह रहे हैं। मनमोहन सिंह के लिए यह बेहद बुरी खबर हो सकती है कि जयपुर चिंतन शिविर में उनकी चिंताओं से युक्त भाषण को कांग्रेस ने अपनी आधिकारिक वेब साईट में स्थान देना भी उचित नहीं समझा। पार्टी को तो छोड़िए कहते हैं राहुल के निर्देश पर पुलक चटर्जी ने भी पीएमओ की वेब साईट पर मनमोहन का भाषण नहीं डाला।

इसी माह होगी टीम राजनाथ की घोषणा
भाजपा के निजाम राजनाथ सिंह इसी महीने अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं। दरअसल, पार्टी की राष्ट्रीय परिषद और कार्यकारिणी की बैठक एक से तीन मार्च तक दिल्ली में आहूत है और इसके पहले राजनाथ सिंह अपनी टीम की घोषणा कर देंगे। यह बैठक पहले 16 से 18 फरवरी तक पुणे में प्रस्तावित थी, जिसमें गड़करी को दुबारा कमान दिया जाना प्रस्तावित था। अब बदले समीकरणों में राजनाथ सिंह के हाथो कमान आई है इसलिए इसकी बैठक, रायपुर या भोपाल में होने का अनुमान लगाया जा रहा था। राजनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजनाथ की पहली पसंद भोपाल ही थी, किन्तु वे किसी भी भाजपा शासित मुख्यमंत्री को ज्यादा तवज्जो देकर विवादों को जन्म देना नहीं चाह रहे थे इसलिए इसके लिए दिल्ली का ही चयन अंतिम समय में किया गया।

जमीनी हकीकत ने दहलाया युवराज को!
देश के हालात कांग्रेस के पक्ष में कतई नहीं दिख रहे हैं। उपर के नेता युवराज राहुल गांधी को बार बार भरमा रहे हैं कि 2014 में उनके नेतृत्व में ही सरकार बनने जा रही है। राहुल गांधी युवा हैं, पर उनकी एक गुप्तचर टीम जमीन से जुड़े नेताओं की भी है, जो लगातार युवराज को जमीनी हकीकत से रूबरू करवा रही है। राहुल जहां भी जा रहे हैं वहीं उनके पीएम बनने की बात और नारे लगवाकर नेतागण राहुल की नजरों में अपने नंबर बढ़वाने का जतन कर रहे हैं। इसी तारतम्य में गत दिवस विजय बहूगुणा के द्वारा पीएम बनने की बात पर राहुल की नाराजगी का सामना करना पड़ा उन्हें। इतना ही नहीं राहुल ने नेताओं को साफ साफ निर्देश दिया है कि हवा हवाई बातों को करने के बजाए वे काम करके दिखाएं। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के मिशन 2014 को कितने नेता मिलकर ईमानदारी से साकार करते हैं।

पीहर पर फिर लगा आरोप!
अमूमन भारत देश में सनातनपंथियों की बालाओं के विवाहोपरांत उनके पीहर यानी मायके के बारे में कोई अगर सच्चे झूठे आरोप लगाता है तो विवाहिता के मन में जमकर टीस उठती है। पिछले दिनों देश में कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी के पीहर इटली पर घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों में तेजी आई है। सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि घूस और भ्रष्टाचार के मामलों में भारत और इटली का सीधा संबंध बन रहा है। इस लिहाज से सोनिया गांधी के मन में (भले ही उन्होंने भारत की नागरिकता ले ली हो) पीड़ा या कसक उठना स्वाभाविक ही है। व्हीव्हीआईपी हेलीकाप्टर की खरीद में घूस के मामले में इटली ने जांच प्रारंभिक स्तर पर होने के चलते दस्तावेज देने से इंकार कर दिया है। राजनाथ सिंह खुश हैं क्योंकि भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है।

बेचारे पंकज पचौरी!
समाचार चेनल की लकझक नौकरी छोड़कर प्रधानमंत्री के मीडिया एडवाईजर बने पंकज पचौरी लंबे समय से गुमनामी के अंधेरे में जी रहे हैं। इसका कारण पीएमओ में पुलक चटर्जी का पूरा वर्चस्व और सूचना प्रसारण मंत्री के बतौर मनीष तिवारी मिल चुके हैं। पीएमओ के सूत्रों का दावा है कि पुलक चटर्जी ने पीएम को यह भी बताया गया है कि पंकज पचौरी उनकी छवि चमकाने में पूरी तरह नाकाम ही साबित हुए हैं। इसके पहले के एडवाईजर हरीश खरे से अंबिका सोनी बुरी तरह खफा थीं, इसलिए उन्होंने पीएम के पास भारतीय सूचना सेवा के अफसर के बजाए पंकज पचौरी को भेजा था, अमूमन पीएम या प्रेजीडेंट के पास मीडिया एडवाईजर के बतौर भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ही पदस्थ रहते आए हैं। अब मनीष तिवारी ने सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला है तो पंकज पचौरी का बेरोजगार होना स्वाभाविक ही है।

काश शिंदे की होती बेटियां हजार!
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री प्रीति के पति राज श्राफ की मंहगी एसयूवी कार मुंबई में चोरी हो गई। मामला चूंकि हाई प्रोफाईल कनेक्शन्स का था इसलिए मुंबई पुलिस ने कोताही बरतना उचित नहीं समझा। तत्काल एक विशेष टीम का गठन कर इस काम पर लगा दिया गया। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर आम मुंबईकर की कार चोरी हुई होती तो उसकी जूतियां पुलिस के चक्कर काटते काटते घिस जाती। इस मामले में पुलिस को पूरी मुस्तैदी इसलिए भी दिखानी पड़ रही है क्योंकि अगर कार नहीं मिली तो मीडिया लानत मलानत भेजेगी मुंबई पुलिस को, और महाराष्ट्र में कांग्रेस नीत सरकार है। गृह मंत्री भी इसी सूबे से हैं इसलिए उनकी भी भद्द पिटना स्वाभाविक ही है। अब तो किसी की कोई चीज गुमे उसके मुंह से निकल ही पड़ेगा, काश, शिंदे की हजार बेटियां होती और एकाध बेटी उनके घर में भी ब्याह जाती।

शनि हो चुका है मनमोहन का भारी!
लगता है मनमोहन सिंह चारों तरफ से घिर चुके हैं। एक तरफ पार्टी उनका साथ छोड़ती नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी उनके किनारा कर लिया है। मुलायम सिंह ने तो अपनी तैयारी आरंभ कर दी है। अपने मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी कर उन्होंने आम चुनावों का अघोषित बिगुल फूंक दिया है। उत्तर प्रदेश के खुफिया तंत्र ने मुलायम सिंह यादव को बता दिया है कि मायावती बजट सत्र के आसपास ही अपना खेल खेलकर समर्थन वापसी का एलान करेंगी। कांग्रेस के प्रबंधक इसकी तैयारियों में जुट चुके हैं। मायावती के खिलाफ ताज कारीडोर मामले को एक बार फिर जिंदा करने का प्रयास अकेले नहीं किया गया है। मायावती के भाई के खिलाफ मामलों की फाईलों की धूल भी झटककर साफ की गई है, और इसकी सूचना मायावती को दे दी गई है। अब देखना है कि बजट सत्र में मामला किस करवट बैठता है।

भय में भूरिया!
देश के हृदय प्रदेश की कांग्रेस के निजाम कांतिलाल भूरिया इस समय भयाक्रांत नजर आ रहे हैं। दरअसल, युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया और 9 बार के सांसद केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को उपरी स्तर पर मिल रही तवज्जो तथा प्रदेश में भाजपा के ढहते किले से वे परेशान हैं। भूरिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनको बताया गया है कि इस बार भाजपा सरकार शायद ही बना पाए। वहीं दूसरी ओर अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो सीएम के स्वाभाविक दावेदार कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया हो सकते हैं। इस हिसाब से उनका पत्ता कटना तय है। इसी डर से भूरिया ने कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जड़ों में मठ्ठा डालना आरंभ कर दिया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि भूरिया ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास जाकर नाथ और सिंधिया की सीधी शिकायत की है कि ये दोनों ना तो पीसीसी आते हैं और ना ही प्रदेश कांग्रेस को कोई सहयोग ही प्रदान कर रहे हैं।

अपशकुनी 14 अकबर रोड़!
24 अकबर रोड़ यानी कांग्रेस का मुख्यालय कौन नहीं चाहता इसकी दहलीज पार करना, किन्तु जब बात 14 अकबर रोड़ की आती है तो लोगों का ठिठकना स्वाभाविक ही है। 14 अकबर रोड़ पहले नजमा हेपतुल्ला, पीए संगमा, मणिशंकर अय्यर की रिहाईश रहा है। इस बंग्ले में रहते हुए इन तीनों को अपना पद त्याग करना पड़ा था। ये सभी अब सत्ता के गलियारों से बाहर ही अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। इसके अलावा विलास राव देशमुख का निधन हो चुका है। वर्तमान में यह पीजे कुरियन की रिहाईश है, जो बलात्कार काण्ड में बुरी तरह संलिप्त हो चुके हैं। वे निर्दोष हैं या वाकई दोषी हैं यह बात तो जांच के बाद ही सामने आएगी पर यह सच है कि आने वाले समय में अगर उन्हें पद छोड़ना पड़ा तो इस बंग्ले को अपशकुनी ही मान लिया जाएगा, और इसको आवंटित करवाने में किसी को दिलचस्पी नहीं होगी।

अंबानी बंधुओं की मुट्ठी में है कांग्रेस!
पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी की अंबानी बंधुओ से अनबन की खबरों के बाद उनकी बिदाई का साफ असर दिखा कि लोगों को लगने लगा कि सरकार में अंबानी बंधुओं की मार पकड़ का कोई सानी नहीं है। पिछले दिनों स्व.धीरू भाई अंबानी की अर्धांग्नी कोकिला बेन ने अपनी नातिन की शादी के पहले एक शानदार पार्टी का आयोजन किया। इस पार्टी में कांग्रेस के नेता पूरी तरह बिछे नजर आए। मुरली देवड़ा, आर.के.धवन, सलामन खुर्शीद, राजीव शुक्ला जैसी नामचीन हस्तियों को अंबानी की देहरी पर देखा गया। कहते हैं कि सोनिया और राहुल के दूत के रूप में पहुंचे थे खुर्शीद और शुक्ला। इस अवसर पर विवादित उद्योगपति अंशुमान मिश्रा की उपस्थिति ने सभी को चौंकाया, क्योंकि उनके भाजपा से खासे कनेक्शन हैं। इस अवसर पर वालीवुड भी वहां मौजूद था। दो सितारे आपस में बतिया रहे थे -‘‘क्या गलत कहता है मीडिया, देखो भईया, इन्ही की मुट्ठी में है कांग्रेस!‘‘

बढ़ गया है सुषमा का कद!
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज का कद एकाएक बढ़ गया है। भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह भी उनकी उपेक्षा की कोशिश नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो राजनाथ सिंह अपनी नई टीम के गठन के पहले जिन लोगों के मशविरे या नाराजगी को ध्यान में रख रहे हैं वे हैं नितिन गड़करी, सुषमा स्वराज और अपने पितृ संगठन संघ का। राजनाथ इस बात को अच्छे से जानते हैं कि जब सुषमा स्वराज खुद को अध्यक्ष बनाने के मसले पर संघ के आला नेताओं को एक नहीं कर पाईं तब उन्होंने राजनाथ का नाम आगे कर दिया था। राजनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि टीम राजनाथ में महिला महासचिव और महिला मोर्चा की अध्यक्ष चुनने के लिए सुषमा स्वराज को ही अधिकृत कर दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी मे सुषमा का दबदबा शनैः शनैः बढ़ता ही जा रहा है।

क्या हो गया है सरकार को!
सत्ता के मद में चूर कांग्रेसनीत केंद्र की संप्रग सरकार अब उल जलूल हरकतों पर आमदा नजर आ रही है। हाल ही मेें केंद्र सरकार द्वारा खून बढ़ाने के लिए गोमांस खाने की वकालत कर दी है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की पोषण नमाक पुस्तिका विवादों में घिर गई है। सरकार का अल्पसंख्यक और राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास मंत्रालय उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में शरीर में ऑक्सीजन और खून बनाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ ही मुर्गा व गाय का मांस खाने की सलाह दे रहा है। इस इलाके में यह पुस्तिका बांटी जा रही है। अब एसी स्थिति में क्या सनातन पंथी लोग कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के इस कदम को पचा पाएंगे?

पुच्छल तारा
व्हीव्हीआईपी हेलीकाप्टर्स की खरीद में काला होने की बात कही जा रही है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर एक कमेंट ने बहुत हंसाया। किसी ने लिखा कि इस खरीद में क्या गलत हुआ। हमारे देश में दहेज लेने की परंपरा है। जब स्वर्गीय राजीव गांधी का विवाह हुआ तब उन्हें सोनिया मानियो के परिवार वालों ने दहेज नहीं दिया। बाद में इटली को भारत की रिवायतों के बारे में पता चाला। हेलीकाप्टर्स की खरीद में जो कमीशन का लेनदेन हुआ है उसे कमीशन नहीं सोनिया गांधी के विवाहोपरांत गुप्त रूप से दिया गया दहेज समझा जाए।