सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

बज गई मनमोहन के लिए खतरे की डुगडुगी!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

बज गई मनमोहन के लिए खतरे की डुगडुगी!
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के लिए बुरी खबर है, मनमोहन सिंह की ओर से अब कांग्रेस मुंह मोड़ती ही जा रही है। वैसे तो मनमोहन सिंह 2014 तक का कार्यकाल पूरा करने का विश्वास पाल रहे हैं पर कांग्रेस के अंदर ही अंदर चल रही तैयारियों ने उनके होश फाख्ता कर रखे हैं। जयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को आधिकारिक तौर पर नंबर दो बनाए जाने की घोषणा के उपरांत पार्टी का स्टेंड काफी हद तक साफ दिखने लगा है। पार्टी ने भी अब मनमोहन से किनारा करना आरंभ कर दिया है। राहुल गांधी भी मनमोहन को ज्यादा चांस या तैयारी का मौका नहीं देना चाहते इसलिए वे भी खुद के प्रधानमंत्री बनने की बात को हवा नहीं देना चाह रहे हैं। मनमोहन सिंह के लिए यह बेहद बुरी खबर हो सकती है कि जयपुर चिंतन शिविर में उनकी चिंताओं से युक्त भाषण को कांग्रेस ने अपनी आधिकारिक वेब साईट में स्थान देना भी उचित नहीं समझा। पार्टी को तो छोड़िए कहते हैं राहुल के निर्देश पर पुलक चटर्जी ने भी पीएमओ की वेब साईट पर मनमोहन का भाषण नहीं डाला।

इसी माह होगी टीम राजनाथ की घोषणा
भाजपा के निजाम राजनाथ सिंह इसी महीने अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं। दरअसल, पार्टी की राष्ट्रीय परिषद और कार्यकारिणी की बैठक एक से तीन मार्च तक दिल्ली में आहूत है और इसके पहले राजनाथ सिंह अपनी टीम की घोषणा कर देंगे। यह बैठक पहले 16 से 18 फरवरी तक पुणे में प्रस्तावित थी, जिसमें गड़करी को दुबारा कमान दिया जाना प्रस्तावित था। अब बदले समीकरणों में राजनाथ सिंह के हाथो कमान आई है इसलिए इसकी बैठक, रायपुर या भोपाल में होने का अनुमान लगाया जा रहा था। राजनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजनाथ की पहली पसंद भोपाल ही थी, किन्तु वे किसी भी भाजपा शासित मुख्यमंत्री को ज्यादा तवज्जो देकर विवादों को जन्म देना नहीं चाह रहे थे इसलिए इसके लिए दिल्ली का ही चयन अंतिम समय में किया गया।

जमीनी हकीकत ने दहलाया युवराज को!
देश के हालात कांग्रेस के पक्ष में कतई नहीं दिख रहे हैं। उपर के नेता युवराज राहुल गांधी को बार बार भरमा रहे हैं कि 2014 में उनके नेतृत्व में ही सरकार बनने जा रही है। राहुल गांधी युवा हैं, पर उनकी एक गुप्तचर टीम जमीन से जुड़े नेताओं की भी है, जो लगातार युवराज को जमीनी हकीकत से रूबरू करवा रही है। राहुल जहां भी जा रहे हैं वहीं उनके पीएम बनने की बात और नारे लगवाकर नेतागण राहुल की नजरों में अपने नंबर बढ़वाने का जतन कर रहे हैं। इसी तारतम्य में गत दिवस विजय बहूगुणा के द्वारा पीएम बनने की बात पर राहुल की नाराजगी का सामना करना पड़ा उन्हें। इतना ही नहीं राहुल ने नेताओं को साफ साफ निर्देश दिया है कि हवा हवाई बातों को करने के बजाए वे काम करके दिखाएं। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के मिशन 2014 को कितने नेता मिलकर ईमानदारी से साकार करते हैं।

पीहर पर फिर लगा आरोप!
अमूमन भारत देश में सनातनपंथियों की बालाओं के विवाहोपरांत उनके पीहर यानी मायके के बारे में कोई अगर सच्चे झूठे आरोप लगाता है तो विवाहिता के मन में जमकर टीस उठती है। पिछले दिनों देश में कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी के पीहर इटली पर घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों में तेजी आई है। सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि घूस और भ्रष्टाचार के मामलों में भारत और इटली का सीधा संबंध बन रहा है। इस लिहाज से सोनिया गांधी के मन में (भले ही उन्होंने भारत की नागरिकता ले ली हो) पीड़ा या कसक उठना स्वाभाविक ही है। व्हीव्हीआईपी हेलीकाप्टर की खरीद में घूस के मामले में इटली ने जांच प्रारंभिक स्तर पर होने के चलते दस्तावेज देने से इंकार कर दिया है। राजनाथ सिंह खुश हैं क्योंकि भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है।

बेचारे पंकज पचौरी!
समाचार चेनल की लकझक नौकरी छोड़कर प्रधानमंत्री के मीडिया एडवाईजर बने पंकज पचौरी लंबे समय से गुमनामी के अंधेरे में जी रहे हैं। इसका कारण पीएमओ में पुलक चटर्जी का पूरा वर्चस्व और सूचना प्रसारण मंत्री के बतौर मनीष तिवारी मिल चुके हैं। पीएमओ के सूत्रों का दावा है कि पुलक चटर्जी ने पीएम को यह भी बताया गया है कि पंकज पचौरी उनकी छवि चमकाने में पूरी तरह नाकाम ही साबित हुए हैं। इसके पहले के एडवाईजर हरीश खरे से अंबिका सोनी बुरी तरह खफा थीं, इसलिए उन्होंने पीएम के पास भारतीय सूचना सेवा के अफसर के बजाए पंकज पचौरी को भेजा था, अमूमन पीएम या प्रेजीडेंट के पास मीडिया एडवाईजर के बतौर भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ही पदस्थ रहते आए हैं। अब मनीष तिवारी ने सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला है तो पंकज पचौरी का बेरोजगार होना स्वाभाविक ही है।

काश शिंदे की होती बेटियां हजार!
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री प्रीति के पति राज श्राफ की मंहगी एसयूवी कार मुंबई में चोरी हो गई। मामला चूंकि हाई प्रोफाईल कनेक्शन्स का था इसलिए मुंबई पुलिस ने कोताही बरतना उचित नहीं समझा। तत्काल एक विशेष टीम का गठन कर इस काम पर लगा दिया गया। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर आम मुंबईकर की कार चोरी हुई होती तो उसकी जूतियां पुलिस के चक्कर काटते काटते घिस जाती। इस मामले में पुलिस को पूरी मुस्तैदी इसलिए भी दिखानी पड़ रही है क्योंकि अगर कार नहीं मिली तो मीडिया लानत मलानत भेजेगी मुंबई पुलिस को, और महाराष्ट्र में कांग्रेस नीत सरकार है। गृह मंत्री भी इसी सूबे से हैं इसलिए उनकी भी भद्द पिटना स्वाभाविक ही है। अब तो किसी की कोई चीज गुमे उसके मुंह से निकल ही पड़ेगा, काश, शिंदे की हजार बेटियां होती और एकाध बेटी उनके घर में भी ब्याह जाती।

शनि हो चुका है मनमोहन का भारी!
लगता है मनमोहन सिंह चारों तरफ से घिर चुके हैं। एक तरफ पार्टी उनका साथ छोड़ती नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी उनके किनारा कर लिया है। मुलायम सिंह ने तो अपनी तैयारी आरंभ कर दी है। अपने मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी कर उन्होंने आम चुनावों का अघोषित बिगुल फूंक दिया है। उत्तर प्रदेश के खुफिया तंत्र ने मुलायम सिंह यादव को बता दिया है कि मायावती बजट सत्र के आसपास ही अपना खेल खेलकर समर्थन वापसी का एलान करेंगी। कांग्रेस के प्रबंधक इसकी तैयारियों में जुट चुके हैं। मायावती के खिलाफ ताज कारीडोर मामले को एक बार फिर जिंदा करने का प्रयास अकेले नहीं किया गया है। मायावती के भाई के खिलाफ मामलों की फाईलों की धूल भी झटककर साफ की गई है, और इसकी सूचना मायावती को दे दी गई है। अब देखना है कि बजट सत्र में मामला किस करवट बैठता है।

भय में भूरिया!
देश के हृदय प्रदेश की कांग्रेस के निजाम कांतिलाल भूरिया इस समय भयाक्रांत नजर आ रहे हैं। दरअसल, युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया और 9 बार के सांसद केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को उपरी स्तर पर मिल रही तवज्जो तथा प्रदेश में भाजपा के ढहते किले से वे परेशान हैं। भूरिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनको बताया गया है कि इस बार भाजपा सरकार शायद ही बना पाए। वहीं दूसरी ओर अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो सीएम के स्वाभाविक दावेदार कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया हो सकते हैं। इस हिसाब से उनका पत्ता कटना तय है। इसी डर से भूरिया ने कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जड़ों में मठ्ठा डालना आरंभ कर दिया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि भूरिया ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास जाकर नाथ और सिंधिया की सीधी शिकायत की है कि ये दोनों ना तो पीसीसी आते हैं और ना ही प्रदेश कांग्रेस को कोई सहयोग ही प्रदान कर रहे हैं।

अपशकुनी 14 अकबर रोड़!
24 अकबर रोड़ यानी कांग्रेस का मुख्यालय कौन नहीं चाहता इसकी दहलीज पार करना, किन्तु जब बात 14 अकबर रोड़ की आती है तो लोगों का ठिठकना स्वाभाविक ही है। 14 अकबर रोड़ पहले नजमा हेपतुल्ला, पीए संगमा, मणिशंकर अय्यर की रिहाईश रहा है। इस बंग्ले में रहते हुए इन तीनों को अपना पद त्याग करना पड़ा था। ये सभी अब सत्ता के गलियारों से बाहर ही अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। इसके अलावा विलास राव देशमुख का निधन हो चुका है। वर्तमान में यह पीजे कुरियन की रिहाईश है, जो बलात्कार काण्ड में बुरी तरह संलिप्त हो चुके हैं। वे निर्दोष हैं या वाकई दोषी हैं यह बात तो जांच के बाद ही सामने आएगी पर यह सच है कि आने वाले समय में अगर उन्हें पद छोड़ना पड़ा तो इस बंग्ले को अपशकुनी ही मान लिया जाएगा, और इसको आवंटित करवाने में किसी को दिलचस्पी नहीं होगी।

अंबानी बंधुओं की मुट्ठी में है कांग्रेस!
पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी की अंबानी बंधुओ से अनबन की खबरों के बाद उनकी बिदाई का साफ असर दिखा कि लोगों को लगने लगा कि सरकार में अंबानी बंधुओं की मार पकड़ का कोई सानी नहीं है। पिछले दिनों स्व.धीरू भाई अंबानी की अर्धांग्नी कोकिला बेन ने अपनी नातिन की शादी के पहले एक शानदार पार्टी का आयोजन किया। इस पार्टी में कांग्रेस के नेता पूरी तरह बिछे नजर आए। मुरली देवड़ा, आर.के.धवन, सलामन खुर्शीद, राजीव शुक्ला जैसी नामचीन हस्तियों को अंबानी की देहरी पर देखा गया। कहते हैं कि सोनिया और राहुल के दूत के रूप में पहुंचे थे खुर्शीद और शुक्ला। इस अवसर पर विवादित उद्योगपति अंशुमान मिश्रा की उपस्थिति ने सभी को चौंकाया, क्योंकि उनके भाजपा से खासे कनेक्शन हैं। इस अवसर पर वालीवुड भी वहां मौजूद था। दो सितारे आपस में बतिया रहे थे -‘‘क्या गलत कहता है मीडिया, देखो भईया, इन्ही की मुट्ठी में है कांग्रेस!‘‘

बढ़ गया है सुषमा का कद!
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज का कद एकाएक बढ़ गया है। भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह भी उनकी उपेक्षा की कोशिश नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो राजनाथ सिंह अपनी नई टीम के गठन के पहले जिन लोगों के मशविरे या नाराजगी को ध्यान में रख रहे हैं वे हैं नितिन गड़करी, सुषमा स्वराज और अपने पितृ संगठन संघ का। राजनाथ इस बात को अच्छे से जानते हैं कि जब सुषमा स्वराज खुद को अध्यक्ष बनाने के मसले पर संघ के आला नेताओं को एक नहीं कर पाईं तब उन्होंने राजनाथ का नाम आगे कर दिया था। राजनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि टीम राजनाथ में महिला महासचिव और महिला मोर्चा की अध्यक्ष चुनने के लिए सुषमा स्वराज को ही अधिकृत कर दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी मे सुषमा का दबदबा शनैः शनैः बढ़ता ही जा रहा है।

क्या हो गया है सरकार को!
सत्ता के मद में चूर कांग्रेसनीत केंद्र की संप्रग सरकार अब उल जलूल हरकतों पर आमदा नजर आ रही है। हाल ही मेें केंद्र सरकार द्वारा खून बढ़ाने के लिए गोमांस खाने की वकालत कर दी है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की पोषण नमाक पुस्तिका विवादों में घिर गई है। सरकार का अल्पसंख्यक और राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास मंत्रालय उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में शरीर में ऑक्सीजन और खून बनाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ ही मुर्गा व गाय का मांस खाने की सलाह दे रहा है। इस इलाके में यह पुस्तिका बांटी जा रही है। अब एसी स्थिति में क्या सनातन पंथी लोग कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के इस कदम को पचा पाएंगे?

पुच्छल तारा
व्हीव्हीआईपी हेलीकाप्टर्स की खरीद में काला होने की बात कही जा रही है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर एक कमेंट ने बहुत हंसाया। किसी ने लिखा कि इस खरीद में क्या गलत हुआ। हमारे देश में दहेज लेने की परंपरा है। जब स्वर्गीय राजीव गांधी का विवाह हुआ तब उन्हें सोनिया मानियो के परिवार वालों ने दहेज नहीं दिया। बाद में इटली को भारत की रिवायतों के बारे में पता चाला। हेलीकाप्टर्स की खरीद में जो कमीशन का लेनदेन हुआ है उसे कमीशन नहीं सोनिया गांधी के विवाहोपरांत गुप्त रूप से दिया गया दहेज समझा जाए।

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