बारिश तो कट जाएगी पर ठण्ड में होगी
मुश्किल!
मौसम ठण्डा होते ही तेज हो सकता है
डेंगू के मच्छरों का हमला
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सिवनी में सरकारी तौर पर
डेंगू के पांच मरीजों के होने की पुष्टि की गई है जबकि आठ मरीजों के डेंगू
प्रभावित होने की खबर है। कुछ मरीजों को निजी चिकित्सकों द्वारा डेंगू की पुष्टि
या संभावना होने पर नागपुर या जबलपुर भेजा गया है। बारिश का मौसम तो जैसे तैसे कट
ही जाएगा, पर ठण्ड में डेंगू का डंक अपना तेज असर दिखा सकता है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली
ब्यूरो से सोनाली खरे ने बताया कि दिल्ली में डेंगू का प्रकोप ठण्ड में चरम पर
रहता है। शीत ऋतु में दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की तादाद आम दिनों
से कई गुना अधिक रहती है। दरअसल ठण्ड के दिनों में लोग पंखा आदि चलाकर नहीं सोते
हैं, रात को नींद में उनके अंग खुले रह जाते हैं जिससे इन्हें मच्छर अपना
शिकार आसानी से बना लेते हैं।
जानकारों का कहना है कि सिवनी में डेंगू
के लिए जिम्मेदार मच्छर का मिलना वाकई बेहद खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग की टीम
रोजाना ही विवेकानंद वार्ड और शहीद वार्ड में घरों में एकत्र पानी में मच्छरों के
लार्वा की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि सिवनी में
विवेकानन्द वार्ड और शहीद वार्ड में रोजाना डेंगू और मलेरिया के लिए जिम्मेदार
मच्छरों का लार्वा मिल रहा है, जो वाकई चिंता की बात है।
रोजाना लार्वा मिलने से स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया विभाग और नगर पालिका परिषद् के
अधिकारियों की सेहत पर भले ही कोई असर नहीं हो रहा हो, पर सिवनी की जनता की पेशानी पर पसीने की
बूंदे छलक रही हैं। इससे प्रभावित लोगों के परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह
है कि जिला चिकित्सालय में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध ना होने के कारण बेचारे
मरीजों की तीमारदारी के लिए वे उन्हें कहां ले जाएं।
जिला चिकित्सालय में रोजाना औसतन साढ़े
तीन दर्जन मरीज भर्ती हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय में मरीजों की तादाद क्षमता से
अधिक होने पर मरीज जमीन पर बिना किसी सही उपचार के पड़े हुए हैं। जिला चिकित्सालय
में सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी का कमजोर प्रशासन ही माना जाएगा कि वार्ड में
मरीजों को बाजार से दवाएं खरीदने, बाहर से टेस्ट करवाने, बात बात में पैसे मांगने आदि की
शिकायतें अब आम हो गई हैं।
जिला चिकित्सालय में जिला कलेक्टर के
आदेश और ‘कड़े निर्देश‘ को कितनी तरजीह दी जा रही है इस बात का सबूत चिकित्सकों की उपस्थिति से
ही मिलता है। बताया जाता है कि सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी को दरबार लगाने का
शौक है, और चिकित्सालय में पदस्थ अधिकांश चिकित्सक ड्यूटी के समय मरीज देखने के
बजाए डॉ.सोनी के कक्ष में बैठकर ‘वाह वाह‘ करते ही नजर आते हैं।