बुधवार, 25 अप्रैल 2012

छः महीने सिवनी में बिता गया हत्यारा डॉन भानू!


छः महीने सिवनी में बिता गया हत्यारा डॉन भानू!

सिवनी पुलिस को कानों कान खबर नहीं

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। आंध प्रदेश के हैदराबाद में पिछले साल जनवरी में हुए हाई प्रोफाइल सूरी मर्डर में सिवनी का नाम भी जमकर उछल रहा है। सीआईडी टीम द्वारा इस हत्याकांड में जब मोस्ट वांटेड डॉन भानु किरण को धर दबोचा तब उसने इस बात का खुलासा किया है कि उसने छः माह का समय सिवनी में नाम बदलकर बिताया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में 2 अप्रेल को जब आंध्र प्रदेश में सीआईडी के एक दल ने भानु किरण को पकड़ा तब उससे पूछताछ में यह बात सामने आई है कि जनवरी 2011 में तेलगू देशम पार्टी के हाई प्रोफाईल नेता सूर्य नारायण रेड्डी उर्फ सूरी की हत्या उसी के शोहदे रहे नामी डॉन भानु किरण ने उन्हीं की कार में कर दी थी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसके बाद से हत्यारा डॉन वहां से फरार हो गया था। देश भर में अनेक शहरों में फरारी काटने के बाद भानु ने सिवनी में भी अपना समय बिताया है। उक्त डॉन ने सिवनी में स्थानीय स्तर पर अपनी अच्छी पैठ बनाकर कुछ लोगों के माध्यम से कटंगी नाका स्थित अभिषेक कालौनी में चंचलेश पाण्डे नामक व्यक्ति का मकान ढाई हजार रूपए प्रतिमाह पर किराए से लिया था।
सूत्रों ने यह भी बताया कि भानू ने अपना नाम महेश कुंजाम बताया था। भानू ने अपने आप को कथित तौर पर अपने आप को बंग्लुरू का रहने वाला और वहां रिलायंस वेब वर्ल्ड चलाए जाने की बात कही थी। उसने पेंच नेशनल पार्क में एक रिसोर्ट खोलने की योजना लोगों को बताई थी। उसके रहन सहन चाल ढाल देखकर किसी को भी इस बात पर शक नहीं हुआ कि उक्त महेश कुंजाम के छद्म नाम से रहने वाला भानू जरायम पेशा अपराधी हैै।
सिवनी शहर भाजपा का गढ़ समझा जाने लगा है। सिवनी के सांसद विधायक यहां तक कि नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष भी भाजपा के ही हैं। बताया जाता है कि कुछ माहों में शातिर दिमाग के धनी भानू ने यहां रहकर अपना राशन कार्ड भी बनवा लिया था। जून 2011 में मेजर ध्यान चंद वार्ड के इस राशन कार्ड के बल पर भानू ने अपना ड्राईविंग लाईसेंस आदि भी बनवा लिया था। नगर पालिका परिषद से उसका राशन कार्ड बनना अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है।
सीआईडी टीम द्वारा जहीराबाद से गिरफ्तार किय्ो गय्ो भानु किरण से मामले की पूछताछ जारी है। पुलिस इस जांच में जुटी है कि भानु का सिवनी से तार कैसे जुडे और किसकी मदद से उसने य्ाहां फरारी कांटने का प्लान बनाय्ाा। जांच के तमाम बिंदुओं को लेकर हैदराबाद पुलिस की टीम सिवनी का रूख कर सकती है। हालांकि स्थानीय्ा पुलिस भी अब अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है।
उधर आंध्र प्रदेश के पुलिस सूत्रों का कहना है कि भानु किरण की गिनती आंधप्रदेश के बडे अपराधिय्ाों में होती है हैदराबाद पुलिस के सूत्रों के अनुसार भानु पर लूट, हत्य्ाा, अपहरण सहित कई बडे अपराधो को लेकर विभिन्न थानों में चार दर्जन से ज्य्ाादा मामले दर्ज है और लंबे समय्ा से पुलिस को उसकी तलाश थी। भानु का सुराग देने पर आंध्र प्रदेश पुलिस ने 10 लाख रूपय्ो का ईनाम भी घोषित कर रखा था।

यूपी की हार से बदलेंगे कांग्रेस के सियासी समीकरण


यूपी की हार से बदलेंगे कांग्रेस के सियासी समीकरण

नपेंगे अनेक व्हाईट कालर हाई प्रोफाईल्ड पर्सन्स

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश में बुरी तरह हारी कांग्रेस में हार के कारणों के मंथन के साथ ही साथ अब राज्य और केंद्र में सियासी समीकरणों के बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संभालने का दावा करने वाले अनेक नेताओं पर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी की नजरें इनायत होने ही वाली है।
कांग्रेस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश को लेकर हाल ही में हुई चिंतन बैठक में कांग्रेस के सर्वशक्तिमान महासचिव राहुल गांधी ने साफ तौर पर कह दिया कि वे कांग्रेस के नेताओं की जवाबदेही (अकांउटेबिलिटी) तय करेंगे। इसका सीधा आशय यह लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के जिन नेताओं के पास उत्तर प्रदेश में प्रभार थे उन पर कार्यवाही निश्चित है।
सूत्रों ने आगे कहा कि कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह को उत्तर प्रदेश के प्रभार से मुक्त किया जा सकता है। कांग्रेस के नेता अविनाश पाण्डे को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं अब यूपी की कमान रीता बहुगुणा से लेकर किसी अन्य के कांधों पर रखी जा सकती है।
जिन नामों की उत्तर प्रदेश कांग्रेस के निजाम बनने की चर्चा है उनमें आर.पी.एन.सिंह और इरफान का नाम सबसे आगे चल रहा है। राशिद मसूद के भतीजे इरफान की कार्यशैली और भाषण देने की अदा पर राहुल गांधी फिदा बताए जा रहे हैं। इरफान को अगर यूपी की कमान दी जाती है तो इससे मुस्लिमों में अच्छा संकेत जाने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा इरफान का विरोध यह कहकर विरोध कर रहा है कि इरफान अभी जुम्मा जुम्मा चार दिन पहले ही पार्टी में आए हैं।
इसके अलावा यूपी कैंपेन कमेटी में शामिल केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायस्वाल और मीडिया कमेटी के चर्चित चेहरे, रूपहले पर्दे के अदाकर राज बब्बर भी सियासी तस्वीर में अपने आप को लगाए रखने के प्रयास में दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन दोनों ही को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

कपास किसानों के कथित मसीहा बने पवार मोदी!


कपास किसानों के कथित मसीहा बने पवार मोदी!

कपड़ा उद्योग के लिए खतरे की घंटी है पवार, मोदी की जुगलबंदी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। कपास उत्पादक किसान इन दिनों राहत महसूस कर रहे हैं, इसका कारण दो बड़े सियासी लीडरान का उनके हितों में काम करना है। दोनों ही नेता इस बात के लिए एकजुट दिख रहे हैं कि हर कीमत पर कपास का निर्यात खोला जाए। इसके लिए वे हर तरह से जोड़ तोड़ करने में लगे हुए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दोनों ही नेताओं का यह कदम किसानों के लिए आत्मघाती से कम नहीं है। सूत्रों ने कहा कि नेता द्वय भले ही किसानों के हितों की दुहाई दे रहे हों पर जमीनी हकीकत इससे उलट ही है। दरअसल वर्तमान में कपास का जितना निर्यात हो चुका है वह निर्धारित लक्ष्य का कई गुना से अधिक है।
सूत्रों ने बताया कि गुजरात के एक व्यवसाई हैं भद्रेश शाह। शाह ने अकेले ही निर्धारित लक्ष्य का डेढ़ गुना से अधिक निर्यात अब तक किया जा चुका है। यह निर्यात किसी और को नही वरन् चीन को किया गया है। इस तरह एक ही देश को इतनी अधिक मात्रा में निर्यात किए जाने और उस पर गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी और सेंट्रल एग्रीकल्चर मिनिस्टर द्वारा निर्यात की बात बार बार कहना खतरनाक ही माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कपास चीन को निर्यात किया गया है। अब आशंका यह बलवती हो रही है कि कहीं देश के कपड़ा उद्योग को आने वाले दिनों में चीन से ही मंहगी कीमत पर सूत ना खरीदना पड़ जाए। अगर यह आशंका सच साबित हुई तो आने वाले दिनों में कपड़ों के दाम आसमान छू सकते हैं, तब देश में मंहगाई का ग्राफ एक बार फिर उछाल मार सकता है।

डीजल भी होगा नियंत्रण मुक्त


डीजल भी होगा नियंत्रण मुक्त
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। सरकार ने कहा है कि उसने डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने का सैद्धांतिक रूप से निर्णय ले लिया है, लेकिन रसोई गैस की कीमतों को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री नमोनारायण मीणा ने कल राज्यसभा में बताया कि पेट्रोल की कीमतें पहले ही नियंत्रण मुक्त की जा चुकी है, लेकिन रसोई गैस, मिट्टी के तेल और डीजल की कीमतें सरकार निर्धारित करती है, जिसके कारण बजट का बड़ा हिस्सा सब्सिडी पर खर्च हो रहा है।
इसके बाद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने का सैद्धांतिक रूप से फैसला पिछले साल जून में किया गया था। माना जा रहा है कि अगर डीजल को नियंत्रण से मुक्त किया गया तो सरकार की नवरत्न कंपनियां तो घाटे से उबर जाएंगी पर कीमतों के उछाल को नियंत्रित करना फिर सरकार के हाथ में नहीं रहेगा।

लाल बत्ती का मोह नहीं छोड़ा मंत्रियों ने


लाल बत्ती का मोह नहीं छोड़ा मंत्रियों ने

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस ने इन खबरों को खारिज कर दिया है कि कुछ मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने पद से त्याग पत्र देने और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कल रात नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस के नेता चाहे सरकार में हो या संगठन में पार्टी के हित में काम कर रहे हैं।
उनसे पूछा गया था कि क्या केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, वायलार रवि और गुलाम नबी आजाद ने अपने पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने का प्रस्ताव रखा है? कांग्रेस पार्टी ने संगठन और मीडिया विभाग के प्रभारी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने भी इस खबर को खारिज कर दिया है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठक की है। इसमें लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी के अलावा श्री ए के एंटनी, पी चिदम्बरम, पवन कुमार बंसल, जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद सहित कई वरिष्ठ मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उपस्थित थे।
गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है कि पश्चिम बंगाल के ऋणों की अदायगी पर रोक की घोषणा की जाए। इससे पहले श्रीमती सोनिया गांधी ने कांग्रेस के कोर ग्रुप की बैठक में प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ विचार-विमर्श किया था। सरकार विश्वास व्यक्त कर चुकी है कि तृणमूल कांग्रेस आठ मई तक २०१२-१३ के लिए आम बजट और वित्त विधेयक पारित कराने में साथ देगी।

12 जून को होंगे उपचुनाव


12 जून को होंगे उपचुनाव
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)। आंध्रप्रदेश की नेल्लूर लोकसभा सीट और आठ राज्यों में २६ विधानसभा सीटों के लिए १२ जून को उपचुनाव होगा। मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड में एक-एक सीट तथा पश्चिम बंगाल में दो और आंध्रप्रदेश में १८ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है।
निर्वाचन आयोग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि १८ मई को इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। २५ मई तक नामांकन पत्र भरे जा सकते हैं। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख २८ मई है। वोटों की गिनती १५ जून को होगी। उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही निर्वाचन आयोग ने इन राज्यों के सांसदों और विधायकों के स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के लिए राशि जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।