बुधवार, 25 अप्रैल 2012

बारदानों की समस्या से आवगत कराया थामस को शिवराज ने


बारदानों की समस्या से आवगत कराया थामस को शिवराज ने
(राजीव सक्सेना)
नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री प्रो0 के0वी0 थामस से भेंट कर मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन के लिये आवश्यक मात्रा में और नियमित रूप से समय पर बारदाने उपलब्ध कराने की मांग की।
उन्होंने प्रदेश मंे उपािर्जत गेहूं का प्रतिमाह एक मीट्रिक टन गेहूं उठाव कराने की व्यवस्था भारतीय खाद्य निगम से कराने पर भी बल दिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो0 थामस ने टैक्सटाईस मंत्री से बात करने और समय पर वांछित मात्रा में बारदाने की आपूर्ति कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव एंथनी डीसा भी मौजूद थे। 
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 15 मार्च से अभी तक करीब 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हो चुका है। आगामी 20 मई तक कुल करीब 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन होने की सम्भावना है। श्री चौहान ने कहा कि गेहूं की मात्रा को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा समय चक्र अनुसार बारदाने उपलब्ध नहीं कराने के कारण गेहूं उपार्जन व्यवस्था में अनावश्यक व्यवधान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसानों को घोषित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त प्रति क्विटल एक सौ रूपये बोनस भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने गेहूं उपार्जन की सारी प्रक्रिया, किसान पंजीयन से लेकर खरीदी बाद बैंक खातों में राशि जमा कराने तक, सभी कार्यों का ई-उपार्जनव्यवस्था के तहत कम्प्यूटरीकरण किया है।
उन्होंने बताया कि उत्तम उपार्जन व्यवस्था के कारण खरीदी का दैनिक औसत एक लाख 60 हजार टन तक पहुंच गया था, अब करीबन एक लाख टन प्रतिदिन हो रहा है। राज्य सरकार ने संभावित उपार्जन को ध्यान में रखते हुए डी.जी.एस.एण्ड.डी. को समय-समय पर 478.75 करोड़ रूपये की राशि 2 लाख 69 हजार 230 बारदाना गठानों के लिये प्रदान की है। किन्तु समय पर पर्याप्त मात्रा में बारदाना गठानें प्राप्त नहीं हो रही हैं।
श्री चौहान ने कहा कि समय पर पर्याप्त मात्रा में बारदाने प्राप्त नहीं होने पर केन्द्र सरकार से एक बार उपयोग में लाये गये बारदानों को पुनः उपयोग करने और जूट बारदानों की अनुपलब्धता के कारण एच.डी.पी.ई. प्लास्टिक बैग का उपयोग करने की अनुमति चाही गई थी। यह अनुमतियां भी अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।
श्री चौहान ने कहा कि बारदानों की समस्या के अलावा भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं उठाव में आनाकानी भी बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मानसून जल्दी शुरू हो जाता है, अतः 20 मई तक गेहूं का उपार्जन एवं उठाव कार्य पूर्ण होना चाहिये। प्रति सप्ताह एक लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम को करना चाहिये लेकिन अभी मात्र एक मीट्रिक टन प्रतिमाह का उठाव किया जा रहा है। जबकि अन्य राज्यों से कई गुना ज्यादा का उठाव किया जा रहा है। इस तरह मध्यप्रदेश से अन्याय हो रहा है।

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