दिग्विजय ने पेश किए करकरे से बातचीत के काल रिकार्ड
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने 26 नवंबर 2008 के दिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले के कुछ घंटों पहले ही महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे से हुई बातचीत का कॉल रेकॉर्ड पेश किए हैं, जिनमें उन्होंने दावा किया था कि करकरे ने फोन पर उनसे चर्चा की थी, साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल से माफी की मांग की है।
दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि मरने से कुछ घंटे पहले करकरे ने उन्हें फोन करके दक्षिणपंथी ताकतों से धमकी मिलने की बात कही थी। कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि वह बातचीत का रेकॉर्ड उपलब्ध करा सकते हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने दूरसंचार महकमे से रेकॉर्ड न मिलने की बात कही थी।
दिल्ली में मंगलवार को दिग्विजय सिंह ने हेमंत करकरे से हुई बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक करते हुए कहा कि अब ऐसे लोग कम से कम उनसे माफी मांगें जिन्होंने उन्हें झूठा और देशद्रोही तक करार दिया था। उन्होंने कहा कि बीएसएनएस ने उनके फोन कॉल की जानकारी उपलब्ध कराई है।
दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल के उस बयान पर भी दुख प्रकट किया, जिसमें पाटिल ने दिग्विजय सिंह के दावे पर संदेह जताया था और कहा था कि कांग्रेस नेता और करकरे के बीच किसी भी तरह की बातचीत होने के सबूत उपलब्ध नहीं हैं। मध्य प्रदेश सरकार पर भी आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार आतंकी गतिविधियों को छिपाती है। उन्होंने कहा कि समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट की साजिश सबरी कुंड में रची गई थी। उन्होंने पाटिल को लिखे पत्र की प्रति भी मीडिया को उपलब्ध कराई है।
सिंह ने दावा किया कि करकरे ने उन्हें कहा था कि उनकी जान को उन तत्वों से खतरा है, जो उनके द्वारा की जा रही मालेगांव ब्लास्ट की जांच से नाराज हैं। मालेगांव ब्लास्ट में कथित रूप से हिंदू आतंकवादियों के शामिल होने के सुराग हैं। करकरे ने उन्हें यह भी बताया कि आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका में उनके बेटे के बारे में भी गलत जानकारियां दी गई हैं। पत्रिका में लिखा है कि उनके बेटे को दुबई से 50 करोड़ रुपए का ठेका मिला हैए जबकि उनका बेटा केवल 17 साल का है।
पत्रकारों से रूबरू दिग्विजय सिंह ने कहा कि यद्यपि उनकी मुलाकात हेमंत करकरे से कभी नहीं हुई थी, फिर भी मालेगांव विस्फोट के कथित सूत्रधारों की गिरफ्तारी पर उन्होंने करकरे को फोन कर बधाई दी थी। उसी समय करकरे ने दिग्विजय सिंह से कहा था कि नागपुर में मौजूद उनके माता पिता को जान से मारने की धमकियां मिल रहीं थीं। साथ ही सिंह ने कहा कि करकरे ने फोन पर चर्चा के दौरान साफ कहा था कि उनकी जान को उन तत्वों से खतरा है जो मालेगांव ब्लास्ट की जांच से नाराज हैं।
381 सेकण्ड बात की करकरे से
दिग्विजय सिंह द्वारा पेश उनके मोबाईल के रिकार्ड में मुंबई एटीएस के उस नंबर का उल्लेख है जो महाराष्ट्र एटीएस की वेव साईट पर कान्टेक्ट नंबर के तौर पर पड़ा हुआ है। बीएसएनएल के महाप्रबंधक भोपाल कार्यालय के लेखाधिकारी द्वारा उन्हें उपलव्ध कराए गए रिकार्ड में 26 नवंबर 2008 को मुंबई के 23087336 नंबर पर उनके मोबाईल से 381 सेकण्ड बात की जाना दर्शाया गया है, वह भी शाम पांच बजकर 44 मिनिट और नौ सेकण्ड पर। यक्ष प्रश्न तो यह है कि 26 नवंबर को अपरान्ह जब ताज होटल पर आतंकियांे ने कब्जा जमा लिया था, तब शाम पांच बजे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने करकरे को एटीएस के जनरल लेण्ड लाईन पर फोन करके बधाई देने की बात कहां से सूझी, जबकि उस वक्त करकरे निश्चित तौर पर आतंकियों से निपटने की रणनीति बनाने में व्यस्त होंगे।
तेरह महीने से ज्यादा रिकार्ड नहीं होता बीएसएनएल के पास
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के सूत्रों का कहना है कि विभाग के पास किसी भी मोबाईल का महज 13 माह का ही काल रिकार्ड होता है, जैसे ही एक दिन भी इस अवधि से ज्यादा होता है पुराना रिकार्ड अपने आप ही डिलीट हो जाता है। सूत्रों ने आगे कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के आग्रह पर विभाग छः छः माह का रिकार्ड दे देती हैं। वैसे काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) में पूना स्थित विभाग के स्विच रूम से ही इस बात का पता किया जा सकता है कि मोबाईल उपभोक्ता किस समय किस टावर के माध्यम से किससे बात कर रहा है।
एमपी की पुलिस पर भरोसा नहीं!
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश की पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए। बाद में पत्रकारों के द्वारा महाराष्ट्र पुलिस के बारे में यही प्रश्न दुहराने पर उन्होंने अपनी गल्ति को स्वीकारते हुए कहा कि वे एमपी और महाराष्ट्र दोनों ही सूबे की पुलिस का पूरा आदर करते हैं किन्तु मध्य प्रदेश में जिनकी अगुआई में पुलिस काम कर रही है उससे उन्हें शंका है कि जांच निष्पक्ष होगी।
क्या कहा था दिग्विजय सिंह ने
कांग्रेस के ताकतवर महासचिव दिग्जिजय सिंह ने तकरीबन एक महीने पहले सिंह ने दावा किया था कि मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के करीब साढ़े तीन घंटे पहले, याने शाम 6 से 7 बजे के बीच उनकी करकरे से बातचीत हुई। सिंह ने कहा था कि उन्हें नहीं मालूम है कि हेमंत करकरे की मौत के पीछे आरएसएस का हाथ है या नहीं। लेकिन वे यह कह सकते हैं कि करकरे को लगातार धमकियां मिल रही थीं। यहां तक कि नागपुर में रहने वाले उनके माता पिता को भी धमकियां दी जा रहीं थी।
पीसीसी का मोबाईल उपयोग कर रहे हैं सिंह
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे वर्तमान एआईसीसी महासचिव दिग्विजय ंिसंह आज भी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम से आवंटित भारत संचार निगम लिमिटेड का मोबाईल फोन उपयोग कर रहे हैं। 9425015461 नंबर के इस मोबाईल के काल डिटेल आज उन्होंने मीडिया को उपलब्ध करवाए। यह मोबाईल वे बतौर एमपी के चीफ मिनिस्टर भी उपयोग करते रहे हैं।