रविवार, 7 जुलाई 2013

भाजपा के युवा नेता को गोलियों से भूना

भाजपा के युवा नेता को गोलियों से भूना

आरोपियों का पता चल गया है, देर रात या कल तक हो सकती है गिरफ्तारी: शुक्ला

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। ग्यारह दिन में जिला मुख्यालय सिवनी में दो लोगों की निर्मम हत्या से लगने लगा है मानो सिवनी में जंगलराज कायम हो गया है। 26 जून को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समीप एक आर्मी के जवान को चाकुओं से गोदने के उपरांत ललमटिया क्षेत्र में गत रात्रि भाजयुमो के नगर मंत्री प्रशांत अग्रवाल उर्फ मुन्ना खैरी को गोलियों से भूंज दिया गया।
घटना के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार रात्रि लगभग 11 बजे प्रशांत अग्रवाल उर्फ मुन्ना खैरी अपने घर गया तथा कपड़े बदलकर नाईट ड्रेस पहनकर सोने की तैयारी में था। मुन्ना के पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि मुन्ना को कोई मोबाईल आया जिसके उपरांत वह लोअर और टीशर्ट पहनकर घर से कुछ देर बाद आने का कहकर चला गया।
इसके उपरांत क्या हुआ? कैसे हुआ? इस बात की जानकारी किसी को नहीं है। देर रात जब किसी ने विवाह समारोह से लौट रहे भाजयुमो के सदस्य दीपक नगपुरे, पिंकी त्रिवेदी, अजीत उपाध्याय आदि को किसी ने मुन्ना के झगड़े की सूचना दी तो वे उसकी तलाश में निकल पड़े। बार बार उसे फोन लगाने के बाद भी जब कोई पता नहीं चला तो उसके घर के आसपास तलाश जारी की।
बताया जाता है कि इसके उपरांत रात लगभग दो बजे जब मुन्ना को खून से लथपथ हालत में देखा गया तो उनके साथियों के होश उड़ गए। उन्होंने उसे तत्काल उठाकर जिला चिकित्सालय लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। देर रात भारतीय जनता युवा मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी सहित बड़ी तादाद में युवाओं का हुजूम चिकित्सालय में लगा रहा।
इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला ने ‘‘हिन्द गजट‘‘ से चर्चा के दौरान कहा कि यद्यपि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, पर आरोपी कौन है इस बारे में पुलिस को पता चल चुका है, एवं देर रात अथवा कल उनकी वे पुलिस की हिरसत में होंगे।

06 गोलियां मारी
बताया जाता है कि प्रशांत अग्रवाल को 6 गोलियां मारी गई, जिसमें से चार गोलियां उसके चेहरे पर लगी शेष दो गोली अन्य जगह लगी। जानकार बताते हैं प्रशांत अग्रवाल किसी अंजान व्यक्ति के बुलावे में कदापि नहीं जाता, उसे किसी न किसी परिचित व्यक्ति ने बुलाकर ले गया होगा। फिलहाल यह तो पुलिस की जांच का विषय है कि मुन्ना खैरी को किसने घर से बुलाकर ले गया और किसने गोली मारा। चर्चा तो यह भी चल रही है कि प्रशांत अग्रवाल को किसी ने फोन लगाया और बाहर बुलाया। सूत्रों की माने तो पुलिस इस पूरे मामले में उसके मोबाईल में आये नंबरों की पतासाजी कर रही है।

हाथों में थे बाल
बताया जाता है कि मुन्ना खैरी का रात के समय आरोपियों से विवाद और झूमाझपटी हुई होगी, तभी तो मुन्ना खैरी के हाथ में बालों का गुच्छा भी मिला है। पुलिस सूत्रों की ओर से इस बावत कोई पुष्टि नहीं की गई है। इस संबंध में नगर कोतवाल शिवराज सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उन्होंने मोबाईल नहीं उठाया।

पोस्टमार्टम में लगे 04 घंटे से अधिक
बताया जाता है कि प्रशांत अग्रवाल के शरीर में लगी गोली को निकालने पोस्टमार्टम करने वालों को चार घंटे से अधिक समय लगा। बताया जाता है कि मृतक के पेट में एक गोली फंसे होने की आशंका थी, इसलिए पहले एक्सरे किया गया, बाद में शव परीक्षण के दौरान उसके पेट से गोली निकाली गई।

प्रशांत के हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार करें पुलिस: बाबा

भाजयुमो के नगर मंत्री प्रशांत अग्रवाल  उर्फ मुन्ना खैरी की गोली मारकर हत्या कर देने की घटना होने के बाद सांसद प्रतिनिधि अजय पांडे ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि नगर में कुछ दिनों से घट रही घटनायें यहां के लोगों के लिये चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि समय रहते जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सतर्क होकर असामाजिक तत्वों पर लगाम कसे अन्यथा ऐसे लोगों के हौसलें बुलंद होते रहेंगे और इस तरह की घटनायें घटित होते रहेगी, जो शांतिपूर्ण शहर के लिए घातक है। पांडे ने प्रशांत अग्रवाल के निधन पर शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशांत अग्रवाल के ऊपर हमला करने वालों को पुलिस शीघ्र गिरफ्तार करें।

बंदूक संस्कृति का आगाज!

बंदूक संस्कृति का आगाज!

(शरद खरे)

सिवनी जिला शांति का टापू माना जाता रहा है। आज के समय में सिवनी शहर में आपराधिक गतिविधियां चरम पर हैं। जुंआ, सट्टा, वेश्यावृति, मारपीट, राहजनी, डकैती, फिरौती, हत्या, लूट आदि जैसी वारदातों का सिवनी में तेजी से इजाफा हुआ है। यह सब कुछ पिछले डेढ़ दो दशकों में तेजी से बढ़ा है।
इस बार तो हद ही हो गई 11 दिनों के अंतराल में ही दो निर्मम हत्याएं। जिला मुख्यालय दहल गया है। 26 जून को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समीप सेना के एक जवान की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई, वह भी दिन दहाड़े। यह घटना जिले में आपराधिक तत्वों के पैर जमाने और पुलिस की ढ़ीली पकड़ को साबित करने के लिए पर्याप्त मानी जा सकती है।
शुक्रवार और शनिवार की मध्य रात्रि में ललमटिया क्षेत्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर मंत्री प्रशांत अग्रवाल उर्फ मुन्ना खैरी का शव जिस हालत में मिला वह वास्तव में दर्दनाक, भयावह, डरा देने वाला माना जा सकता है। इससे साबित हो जाता है कि शहर में पुलिस कितनी मुस्तैदी से गश्त कर रही है।
एक समय था जब सिवनी में घटे अपराध इतिहास बन जाते थे। प्रौढ़ हो रही पीढ़ी आज भी सत्तर के दशक के उत्तरार्ध में हुए धूमा डकैती कांड़ जिसमे अमर सिंह और सज्जाद को फांसी की सजा हुई थी को याद करता है। इसके शहर में पुराने एलआईबी कार्यालय के पास, अमर टाकीज के समीप हुए कत्ल भी सालों साल लोगों की जुबान पर रहे।
सिवनी जिला ऐसा कतई नहीं था जैसा वर्तमान परिवेश में है। सिवनी में लोग हाथ में लट्ठ लेकर भी नहीं चलते दिखे, पर अब तो सरेराह जनसेवक होने का दावा करने वाले कमर में रिवाल्वर टांगकर घूम रहे हैं। यह कौन सी संस्कृति का आगाज हो रहा है, इनका साथ देने वाले भी सिवनी को बिहार बनाने पर आमदा प्रतीत हो रहे हैं।
सिवनी में बंदूक संस्कृति का आगाज शुभ लक्षण कतई नहीं माना जा सकता है। बीते सालों में सिवनी में गोलीबारी की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है, जो निंदनीय है। कालेज गोली काण्ड, के उपरांत नगर पालिका के सामने ही बरात की घोड़ी पर सवार दूल्हे को ही गोली मार दी जाती है, वह भी शहर कोतवाली से चंद कदम दूरी पर!
क्या कहा जाएगा इसे! निश्चित तौर पर इसके लिए दिशाहीन और स्वार्थपरक राजनीति ही पूरी तरह से जिम्मेदार है। राजनेताओं संरक्षण में असमाजिक तत्व पूरी तरह फल फूल रहे हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। मीडिया जैसे परोपकार और जनसेवा के क्षेत्र में भी आपराधिक तत्वों की आमद एक दुखद संकेत से कम नहीं है।
एक वक्त था, जब गांव में ‘‘जागते रहो‘‘ की आवाज लगाता चौकीदार लालटेन और हाथ में लकड़ी लिए आवाज करता घूमता था। उसकी आवाज में ही इतना दम होता था कि सब चैन से सोया करते थे। आज लोगों का अमन चैन गायब है। शहर की रखवाली के लिए कुछ नेपाली लोग रात भर जागा करते थे। अब उनके दीदार भी मुश्किल ही हैं।
पुलिस के वाहनों से चौकसी की जाती थी। अब तो पुलिस भी साधन संपन्न हो चुकी है। पुलिस के पास कल तक चीता कललाने वाले आज के ब्रेकर मोबाईल हैं। हर क्षेत्र में ये मुस्तैद हैं। बावजूद इसके शहर में अमन चैन कायम नहीं है। लोगों को सुरक्षा देने की जवाबदेही निश्चित तौर पर पुलिस की है।
पुलिस पर नजर रखने का काम कहीं ना कहीं सांसद और विधायकों का है। विडम्बना यह है कि जब सांसद विधायक ही अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने लगें तो आखिर जनता कहां जाएगी? सांसद विधायक ही जनता की सेवा के बजाए निहित स्वार्थों को प्राथमिकता देने लगे तो इस तरह की अराजकता का वातावरण निर्मित होना लाजिमी ही है।
महज ग्यारह दिनों में देश के लिए अपनी जान लगा देने वाले सेना के एक जवान को सरेराह ढलती शाम को चाकुओं से गोद दिया जाता है। उसके उपरांत प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के अनुषांगिक संगठन के नगर मंत्री को गोलियों से भून दिया जाता है, पर विपक्ष में बैठी कांग्रेस अपना मुंह सिले बैठी है। अगर यही बात दिल्ली या भोपाल में हुई होती तो प्रवक्ताओं का कभी ना थमने वाला विज्ञप्तियों का सिलसिला कबका आरंभ हो चुका होता।
पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला ने कहा है कि अपराधियों के बारे में पता चल गया है कि किसने इस हत्या को अंजाम दिया है। यह निश्चित तौर पर राहत की बात ही मानी जाएगी। सिवनी के लिए यह शुभ संकेत है कि जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक संजय झा सिवनी में बतौर पुलिस अधीक्षक पदस्थ रह चुके हैं अतः वे सिवनी की फिजां से वाकिफ हैं।
पुलिस अधीक्षक से यही अपेक्षा है कि जिले भर में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु कठोर कदम उठाएं। सांसद विधायकों से अपेक्षा करना तो अब बेमानी ही लगता है। पुलिस का यह दायित्व है कि वह आपराधिक तत्वों में भय पैदा कर लोगों को अमन चैन से रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

विवादों में फंसती दिख रही अण्णा की सिवनी यात्रा

विवादों में फंसती दिख रही अण्णा की सिवनी यात्रा

दिनेश राय होंगे जनतंत्र के सिवनी प्रत्याशी: नवीन

दिनेश मंच पर गए तो होगा बहिष्कार: गौरव जायस्वाल

शराब के पैसे से हुआ अण्णा के लिए लॉन बुक

(आकाश कुमार / अखिलेश दुबे)

नई दिल्ली / सिवनी (साई)। आठ जुलाई को अण्णा हजारे की सिवनी की प्रस्तावित यात्रा ही विवादों में फंसती दिख रही है। एक तरफ टीम अण्णा के कथित सदस्य नवीन द्वारा सिवनी में अण्णा हजारे द्वारा दिनेश राय को जनतंत्र मोर्चा का सिवनी विधानसभा का उम्मीदवार घोषित करने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर सिवनी में अण्णा हजारे की स्वागत समिति के सदस्य गौरव जायस्वाल और नवेंदु मिश्रा का कहना है कि अगर दिनेश राय अण्णा हजारे के साथ मंच शेयर करते हैं तो वे उसका बहिष्कार करेंगे। टीम अण्णा द्वारा दिनेश राय को शराब के कारोबार से कभी जुड़े ही ना होने का दावा भी किया जा रहा है। वहीं चर्चा है कि अण्णा हजारे के सिवनी प्रवास में पैसों के टोटे के चलते कुछ बाहरी तत्व इसे हाईजेक करने के प्रयास में हैं।
ज्ञातव्य है कि अण्णा हजारे सोमवार को सिवनी आने वाले हैं। सिवनी में उनकी यात्रा को लेकर लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग अण्णा को देखने और सुनने को आतुर नजर आ रहे हैं। अण्णा की इस यात्रा के लिए सिवनी में किसके कांधों पर जवाबदेही सौंपी गई है यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
वहीं दूसरी ओर आज सुबह वितरित किए गए जनतंत्र मोर्चा की ओर से जनतंत्र यात्रा के पर्चे पर दो मोबाईल नंबर दिए गए हैं। इनमें से एक नंबर को जनतंत्र मोर्चे के नई दिल्ली के कालकाजी एक्सटेंशन स्थित कार्यालय के सामने दर्शाया गया है। इस नंबर पर टीम अण्णा के किसी नवीन नामक सदस्य ने बताया कि अण्णा का सिवनी का कार्यक्रम बैतूल के विधायक सुनीलम के मार्गदर्शन में संपन्न होगा।
इसके उपरांत श्री नवीन ने पुनः दो बार फोन करके चर्चा की और चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि अण्णा की सिवनी यात्रा के दौरान सिवनी के युवा एवं उर्जावान दिनेश राय उर्फ मुनमुन को अण्णा हजारे द्वारा जनतंत्र मोर्चे का विधानसभा सिवनी का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिनेश राय का ना तो शराब का कारोबार है ना ही लेना देना।
श्री नवीन ने आश्चर्यजनक तौर पर खुलासा करते हुए कहा कि दिनेश राय का शराब से काई लेना देना नहीं है, शराब का कारोबार तो उनकी मौसी का पुत्र करता है। जब श्री नवीन से यह पूछा गया कि सिवनी के लोगों को यह पता नहीं है कि दिनेश राय की कोई मौसी भी हैं तो उनके संज्ञान में दिल्ली में बैठकर यह कैसे आ गया? इसके जवाब में वे मौन हो गए।
यद्यपि दोपहर में बाद में हुई चर्चा में श्री नवीन अपनी इस बात से मुकर गए कि दिनेश राय को प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। जबकि पूर्व में उनका कहना था ‘‘दिनेश राय विल बी अवर नेक्सट केंडीडेट फार विधानसभा सिवनी, ही इज नाट ए लिकर माफिया। हमने दस लोगों से पूछ लिया है, ही इज राईट पर्सन फार जनतंत्र मोर्चा।‘‘
जनतंत्र यात्रा से जुड़े युवा एवं उत्साही नवेंदु मिश्रा एवं गौरव जायस्वाल ने गत दिवस हिन्द गजट कार्यालय में आकर कहा था कि अगर दिनेश राय को अण्णा के साथ मंच पर स्थान दिया गया तो वे इसका बहिष्कार करेगे। आज भी उन्होने अपनी इस बात को दोहराया। उन्होने बताया कि पता नहीं कैसे दिनेश राय द्वारा अण्णा के लिए लॉन बुक करा दिया है।

जनतंत्र यात्रा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस लॉन के लिए दिनेश राय द्वारा दस हजार रूपए अग्रिम दिए गए थे, लॉन को 56 हजार में बुक किया गया था। इसकी पहली किश्त के बतौर दिनेश राय उर्फ मुनमुन द्वारा 10 हजार रूपए अदा कर दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस यात्रा का नेजा संभालने वाले डॉ.सुनीलम के आदेश पर दिनेश राय द्वारा लॉन और अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जा रहा है।