शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

क्या जितेंद्र सिंह ठोंक पाएंगे ताल!


क्या जितेंद्र सिंह ठोंक पाएंगे ताल!

(लिमटी खरे)

मल्ल युद्ध का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। ताल ठोंककर जब पहलवान एक दूसरे को ललकारते हैं तब दर्शकों का रोमांच बढ़ जाता है। आदि अनादि काल से मल्ल यानी कुश्ती का खेल बड़ा लोकप्रिय रहा है। कालांतर में नई पीढ़ी ने अब इस ओर ज्यादा ध्यान देना बंद कर दिया है। सरकारों द्वारा भी कुश्ती या मल्ल विद्या को बढ़ावा देने में कोताही ही बरती है। कुश्ती के गुरू या अखाड़ों की अपनी धाक हुआ करती थी। पहलवानों को इस विद्या में पारंगत करने के लिए गुरू एड़ी चोटी एक कर देते थे। देश विदेश में अनेक जगहों पर अखाड़ों में चौबीसों घंटे पहलवानों को तैयार करने का काम किया जाता रहा है। रूपहले पर्दे पर भी कुश्ती को लेकर अनेक फिल्मों में प्रसंगों की भरमार है। इक्कीसवीं सदी के पहले दशक के बीतने के साथ ही अब लगने लगा है मानो कुश्ती पर संकट के बादल तेजी से घिर रहे हैं और इस पारंपरिक खेल को लोग जल्द ही भूलने वाले हैं।

अंतर्राष्ट्रीय आलंपिक समिति की कार्यकारी बोर्ड ने वर्ष 2020 में होने वाले आलंपिक में कुश्ती सहित कुछ अन्य खेलों को विदा करने की सिफारिश की है। 25 नए खेलो को ऑलंपिक में शामिल करने के लिए आईओसी ने कुश्ती सहित कुछ अन्य खेलों को इससे हटाने की सिफारिश कर सभी को चौंका दिया है। यह बात सितम्बर में आहूत आईओसी के 125वें सत्र में समिति के समक्ष रखी जाएगी।
बेसबाल, कराते, साफ्टबाल, स्पोर्टर्स क्लाईंबिंग, रोलर स्केट्स, स्क्वैश, वुशु, बेकवोर्डिंग जैसे खेल भी कुश्ती के साथ बाहर का रास्ता पा सकते हैं। कुश्ती आज का खेल नहीं है जो ऑलंपिक में खेला जा रहा हो। इस प्रतिस्पर्धा को तो 1896 के एथेंस ऑलंपिक से खेला जा रहा है। अगर 2020 के ऑलंपिक में इसे बाहर कर दिया जाता है तो सबसे बड़ा धक्का भारत गणराज्य के पहलवानों को ही लगने वाला है।
कुश्ती का अपना गौरवशाली इतिहास और परंपरा रही है। इतिहास साक्षी है राजा महाराजा भी मनोरंजन के लिए ही सही मल्ल युद्ध को काफी तवज्जो दिया करते थे। अनेक प्रसंग तो इस तरह के भी आते हैं जिनमें राजा महाराजाओं द्वारा इस विधा को प्रोत्साहित करने के लिए तरह तरह के लुभावने कदम भी उठाए जाते रहे हैं। देश में रियासतों में पहलवानों की पूछ परख जमकर होती थी। सभी इनका पूरा ध्यान रखने के साथ ही साथ इन्हें अपनी रियासत की धरोहर माना करते थे।
दारा सिंह, कीकर सिंह, प्रोफेसर राममूर्ति, गामा, चंदगीराम, मेहरदीन जैसे पहलवानों ने कुश्ती को नई दिशा और मुकाम तक पहुंचाया है। रूस्तमे हिन्द, रूस्तमे जमां बनने के लिए पहलवानों द्वारा कितना कठोर परिश्रम किया जाता रहा है। समूचे भारत विशेषकर हरियाणा में कुश्ती का जुनून देखते ही बनता है। हरियाणा में आज भी अनेक अखाड़ों में उस्ताद अपने पट्ठों का तेल निकालते देखे जा सकते हैं।
आईओसी के इस निर्णय और सिफारिश से रोजाना अखाड़ों में पसीना बहा रहे पहलवानों और कुश्ती प्रेमियों पर गाज गिरी है। ऑलंपिक को कुश्ती का महाकुंभ माना जाता है, अगर इस महाकुंभ से कुश्ती को ही बाहर कर दिया गया तो भला फिर आने वाले समय में कुश्ती की ओर घट रहे आकर्षण को कैसे रोका जा सकेगा। वैसे भी अब कुश्ती के मुकाबले कम ही देखने और सुनने को मिलते हैं।
देखा जाए तो एशियाई खेलों और कामन वेल्थ आदि गेम्स की तैयारियों में जुटे पहलवानों का अंतिम लक्ष्य तो ऑलंपिक ही होता है। जो पहलवान अपना पसीना बहाते हैं वे यही उम्मीद करते हैं कि उन्हें ऑलंपिक में परफार्म करने का एक मौका अवश्य ही मिले। देश के पहलवानों के लिए ऑलंपिक बहुत मायने रखता है। सुशील कुमार ने देश का नाम रोशन किया है पहलवानी में। लंदन ऑलंपिक में 66 किलोग्राम में रजत पदक जीतकर सुशील कुमार ने लगातार दो ऑलंपिक में पदक जीतने का रिकार्ड बनाकर देश का नाम रोशन किया है।
सुशील कुमार देश में यूथ आईकान बनकर उभरे हैं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। सुशील कुमार को देखकर गांव गांव में अब पहलवानी को लेकर जुनून पैदा होने लगा है। गांव गांव में गोदे यानी अखाड़े बनने लगे हैं, और इसकी मिट्टी को माथे और बाजुओं में लगाकर पहलवान अपनी मछलियां फड़का रहे हैं। जैसे ही यह खबर देश में फैलेगी कि ऑलंपिक से इस खेल को बाहर का रास्ता दिखाया जाना प्रस्तावित है, वैसे ही पहलवानों में निराशा की लहर दौड़ना स्वाभाविक ही होगा।
भारत गणराज्य के खेल मंत्री जितेंद्र सिंह को चाहिए कि वे कुश्ती को ऑलंपिक में बरकरार रहने के मार्ग प्रशस्त करें। इसके लिए उन्हें उन देशों का समर्थन प्राप्त करना होगा जहां कुश्ती को लोकप्रियता हासिल है। इसके लिए उन्हें विशेष प्रयास करने होंगे इसके लिए आवश्यक है कि उनके प्रयास समय सीमा में ही हो, क्योंकि सितम्बर की बैठक के बाद सांप तो निकल जाएगा खेल मंत्री लकीर ही पीटते रह जाएंगे।
वैसे इस खेल को बचाए रखने के लिए कुश्ती प्रेमियों के साथ ही साथ सरकार को एक बड़ी मुहिम चलाने की जरूरत है। सरकार को चाहिए के दुनिया भर के कुश्ती संगठनों के अलावा सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर इसको बचाने की मांग पुरजोर तरीके से उठे एसे प्रयास करे। मीडिया को भी इस बात को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने तरीके से उछालना होगा ताकि कुश्ती का शानदार और गौरवशाली इतिहास कलंकित ना हो पाए। (साई फीचर्स)

न निंदा, न संवेदना: ये कैसा मौन ?


न निंदा, न संवेदना: ये कैसा मौन ?

(हिमांशु कौशल)

सिवनी (साई)। जिला कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन द्वारा दिनांक 07 फरवरी को लोगों के साथ की गयी बर्बरता की जानकारी लग जाने के इतने दिनों बाद भी जिले के जनप्रतिनिधी मौन हैं, न वे प्रशासन के कृत्य की निंदा कर पा रहे हैं और न ही घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर पा रहे हैं। जिले से सीधे जुड़े मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों का ये मौन हमेशा उजागर होता है पर आश्चर्यजनक बात ये है कि इस बार ये प्रशासन से डर कर मौन हैं।
ज्ञातव्य है कि नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत गत दिनांक 07 फरवरी को प्रशासन ने अपनी नाकामियों के चलते झुंझलाकर पहले शुक्रवारी मे लाठी चार्ज किया और फिर कर्फ्यू लगा दिया। चूँकि लाठी चार्ज का आदेश पहले ही मिल चुका था इसीलिये कर्फ्यू लगते ही पुलिस को आम लोगों पर लठ भांजने का मौका मिल गया। कई लोग, पत्रकार, प्रतिष्ठित नागरिकों को पुलिस ने बेरहमी से मारा। प्रशासन की इस बर्बरता की खबर भी जनप्रतिनिधियों को लग चुकी है पर घायलों के प्रति जनप्रतिनिधियों द्वारा न कोई संवेदना व्यक्त की गयी, न ही प्रशासन की निंदा की गयी जबकि सिवनी जिले के जनप्रतिनिधि छोटे-छोटे मामलों मे, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी विज्ञप्तियाँ जारी करते हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्व हिन्दु परिषद, बजरंग दल भाजपा से ही जुड़े संगठन माने जाते हैं। छपारा मे घटित घृणित घटना के आरोपियों को पकड़े जाने और आवश्यक धाराएं लगाये जाने के बाद विश्व हिन्दु परिषद व बजरंग दल द्वारा बंद का नगर बंद आव्हान किया गया। सामान्यतः ऐसी किसी घटना के बाद बंद का आव्हान तब किया जाता है जब आरोपियों पर कार्यवाही न हो किन्तु कार्यवाही होने के बाद बंद के आव्हान हेतु रैली निकाली गयी और नगर मे एक के बाद एक श्रृंखलाबद्ध अप्रिय घटनाएं घटित होते गयी जिन्हें प्रशासन धारा 144 व बाहर की फोर्स बुलाने के बाद भी नहीं संभाल पाया नतीजन अपनी नाकामियों के कारण प्रशासन को आनन फानन पहले लाठी चार्ज और फिर कर्फ्यू लगाना पड़ गया था।
लाठी चार्ज के बाद तुरंत कर्फ्यू लग गया। प्रशासन ने गत 08 फरवरी की सुबह अखबार तो बँटने ही नहीं दिये किन्तु आसपास के गाँवों मे कर्फ्यू की सूचना भी नहीं दी नतीजन स्कूल जाने वाले बच्चे यूनिफार्म पहन कर, दूध वाले दूध लेकर नगर सीमा मे प्रवेश कर गये जिन्हें भी पुलिस ने बर्बरता से मारा। इन सबकी खबर जनप्रतिनिधियों को है किन्तु आश्चर्य, हमारे जनप्रतिनिधियों ने अब तक इस कृत्य पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, जबकि प्रशासन की इस बर्बरता का शिकार महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व भाजपा जिला अध्यक्ष के सबसे करीबी पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष भी हुए हैं, कांग्रेस के प्रवक्ता भी हुए हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी भाजपा-कांग्रेस दोनों ऐसे मौन है जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

शक्कर की कड़वाहट करेगी जायका खराब!


शक्कर की कड़वाहट करेगी जायका खराब!

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। सावधान, तैयार हो जााईए, पेट्रोल और डीजल के दाम डिकंट्रोल होने का नतीजा सामने है। शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में एक बार फिर बढ़ोतरी हो गई। अब महंगाई की यह आग चीनी तक पहुंचने वाली है। सरकार जल्द ही चीनी को भी डिकंट्रोल करने की कवायद में जुटी है।
खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने शुक्रवार को इसके साफ संकेत दे दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 80,000 करोड़ रुपये के चीनी उद्योग को खुले बाजार में चीनी बेचने की छूट देने के बारे में अगले 15 दिनों में फैसला करेगी। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष सी रंगराजन की अगुआई वाली एक्सपर्ट कमिटी ने दो महत्वपूर्ण नियंत्रणों को तत्काल खत्म करने की सिफारिश की थी। ये दो महत्वपूर्ण नियंत्रण थे, विनियमित निर्गम प्रणाली और लेवी चीनी दायित्व। इसके अलावा बाकी नियंत्रणों को भी खत्म करने की सिफारिश की गई थी।
थॉमस ने एसोचेम के एक आयोजन में कहा, कि इस साल हमारी चीनी की स्थिति आरामदेह है। रंगराजन समिति की सिफारिशें विभाग के पास हैं। मेरा मानना है कि अगले 15 दिनों में हम लेवी चीनी, निर्गम प्रणाली और अन्य मसलों के बारे में कोई फैसला करने में सक्षम होंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि रंगराजन समिति की सिफारिशें बाकी समितियों के सुझावों की तरह गंभीर स्थिति का सामना नहीं करेगी जिन सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं किया जा सका।
थॉमस ने कहा कि खाद्य मंत्रालय रंगराजन समिति की सिफारिशों पर विभिन्न मंत्रालयों की राय जानना चाहता है तथा जल्द ही एक मंत्रिमंडलीय परिपत्र जारी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार चीनी क्षेत्र के डिकंट्रोल के बारे में समिति के सुझावों पर करीब 10 राज्यों ने अपना नजरिया जाहिर किया है। हालांकि दो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने अभी तक कोई राय नहीं दी है।
मौजूदा समय में चीनी क्षेत्र उत्पादन से लेकर वितरण तक नियंत्रित किया जाता है। निर्गम प्रणाली के जरिए केंद्र सरकार चीनी के कोटा को निर्धारित करता है जिसे खुले बाजार में बेचा जा सकता है। लेवी प्रणाली के तहत सरकार चीनी मिलों से कहती है कि वे अपने उत्पादन के 10 प्रतिशत भाग को राशन की दुकानों को चलाने के लिए योगदान करे, जिसके कारण चीनी उद्योग पर साल में 3,000 करोड़ रुपये की लागत आती है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार चीनी मिलों से करीब 20 रुपये प्रति किग्रा की दर से चीनी की खरीद करती है और राशनकार्ड धारकों को 13।50 रुपये प्रति किग्रा की दर पर बेचती है।
खुले बाजार में चीनी बेचने के लिए कोटा आवंटन की व्यवस्था खत्म करने के बारे में थॉमस ने कहा, श्हम चौमासा प्रणाली की ओर गए हैं। इस प्रणाली को खत्म करने में कोई समस्या नहीं है।श् गन्ना कीमतों को निर्धारित करने और 70 प्रतिशत आय को किसानों के साथ साझा करने जैसे दो महत्वपूर्ण अवयवों को छोड़कर रंगराजन समिति की रिपोर्ट ने सुझाया है कि चीनी मिलों को खुले बाजार में चीनी बेचने की स्वतंत्रता दी जाए और सरकार की स्थिर निर्यात और आयात नीति हो।

मौसम के यू टर्न ने सभी को चौंकाया!


मौसम के यू टर्न ने सभी को चौंकाया!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। देश भर में मौसम के बदलते तवरों से लोग बुरी तरह चौंक गए हैं। ठण्ड के मौसम में सही तरीके से ठण्ड ना पड़ने फिर कभी एक सप्ताह ठण्ड तो कभी गर्मी और फिर एकाएक बारिश से सभी भौंचक्के हैं। उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया। उत्तर भारत के कई शहरों के साथ दिल्ली-एनसीआर में रात भर बारिश होने से ठंड एक बार फिर लौट आई। बारिश की बजह से सुबह के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।
राजधानी दिल्ली में मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। शुक्रवार से ही राजधानी के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। दूसरी तरफ सोनीपत के आसपास के गांवों में ओले भी पड़े। बारिश और तेज हवाएं चलने के कारण दिल्ली का शनिवार सुबह का अधिकतम तापमान 19 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम 14 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
शुक्रवार को राजधानी के मौसम में एक बार फिर परिवर्तन देखा गया।सुबह से आसमान में छाया बादल शाम होते-होते बरसने लगा। मौसम में आए इस परिवर्तन की वजह से राजधानी का मौसम सुहाना बन गया है। एक बार फिर लोगों ने हल्की सर्दी का एहसास किया। हालांकि मौसम में आए इस परिवर्तन की वजह पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश बता रहे हैं।
मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कुछ इलाकों में हल्की-फुल्की बारिश हुई है तो कहीं केवल बूंदा-बूंदी हुई है।बारिश के बाद राजधानी का तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शनिवार को भी मौसम का रूख कुछ इसी प्रकार रहने की संभावना जताई है। हालांकि मौसम विभाग ने शनिवार को दिन में कई इलाकों में तेज बारिश की उम्मीद जताई है।
बारिश के बारे में मौसम विभाग के पास खबर लिखे जाने तक कोई आंकड़ा नहीं था। विभाग का कहना है कि बारिश तो कई इलाकों में हुई है लेकिन आंकड़ा उपलब्ध कराने में समय लगेगा। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ में हुए एक बार फिर परिवर्तन की वजह से राजधानी के मौसम में भी बदलाव देखा जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्र जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड राज्यों में बारिश हुई है और जिसकी वजह से दिल्ली का मौसम बदला बदला नजर आ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया किया गया जो औसत से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। जबकि आज यहां का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज  किया गया जो औसत से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
शनिवार को अधिकतम तापमान 21 और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास होने की संभावना जताई है। दिन के समय आसमान में बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में गरज के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। रविवार को भी मौसम का रूख कुछ इसी प्रकार करने की उम्मीद है।
वहीं पीलीभीत से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि ऋतुराज का आगमन और फिर माघ में मौसम ने फिर पलटी मार दी। घने बादलों के बीच पारा फिर लुढ़क गया और वातावरण में ठंडक घुल गई। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20.2 डिग्री और न्यूनतम पारा दस डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानी अगले चौबीस घंटों में बर्फवारी और बारिश की पूरी संभावना जता रहे हैं।
दो दिन पूर्व कोहरे की सुबह संदेश दे गई थी कि मौसम का मिजाज पलटेगा। ऐसा हो भी गया। शुक्रवार को सुबह घने बादलों के बीच चली तेज हवाओं ने बसंत पर सर्दी का फिर एहसास करा दिया। पूरे दिन बादलों के आगोश में रहे सूर्यदेव की किरणों को जमीन पर गिरने के लिए पूरे दिन संघर्ष करना पड़ा। ऐसे में सर्द हवाएं लोगों का बुरा हाल किए रहीं। एक दिन पूर्व चटक धूप के बाद उतर चुके गरम कपडे़ फिर तन पर दिखने लगे। मौसम विज्ञानी इसे ग्लोबल वार्मिग के नजरिए से देख रहे हैं। वहीं पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा.एचएस कुशवाहा ने साई न्यूज को बताया कि अगले चौबीस घंटे में 20 से 25 मिमी बारिश की प्रबल संभावना है। पहाड़ों पर बर्फवारी और मैदानी इलाकों में बारिश चौबीस घंटे में मौसम को और बिगाडे़गी।
राजस्थान समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से शैलेंद्र ने बताया कि राज्य में भी मौसम एक बार फिर एकाएक बदला। गुरुवार देर रात बारिश के बाद हुई तरावट शुक्रवार दोपहर तक बनी रही। सुबह भी शहर के कई इलाकों में बौछारें गिरीं। फिर धूप खिली, मगर दोपहर होते-होते फिर सूरज को बादलों ने घेर लिया। शाम 6रू30 बजे बाद घने बादलों का बड़ा सा दल शहर के पूरब में उठा। शाम 6ः54 बजे तेज गर्जना के साथ बिजली कड़कड़ाने लगीं, बादल गरजने लगे। 6ः58 बजे बिजली बादलों में खो गई। फिर रह-रहकर बादलों के बीच बिजली की रोशनी कौंधती रही। शाम 7ः17 बजे तक ऐसा 5-6 बार हुआ। बिजली की कौंध को खुद में छिपाए बादल बर्फ के पहाड़ों के मानिंद नजर आए। उधर, दिनभर निस्तेज रहा सूरज पश्चिम में सो चुका था, मगर पूरब का आसमान रोशन था।
वहीं पाली से साई न्यूज ब्यूरो ने बताया कि शहर समेत जिलेभर में शुक्रवार देर शाम अचानक मौसम पलट गया तथा अंधड़ के कारण शहरवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। वहीं जिले के जैतारण, रोहट, खिंवाड़ा, जैतपुर, गढ़वाड़ा, सोमेसर व बूसी क्षेत्र में तेज बारिश हुई। बारिश के साथ ही बिजली भी गुल हो गई। कई स्थानों पर ओले गिरने के भी समाचार है। उधर, गुरुवार की रात को हुई हल्की बारिश से एक बार फिर सर्दी ने पलटा मारा है। दो दिन से गर्मी का असर भी बारिश के कारण कुछ कम हुआ है। रात को हुई हल्की बारिश से न्यूनतम तापमान 6 डिग्री लुढ़क गया। शुक्रवार को पाली का न्यूनतम तापमान 13.7 रहा, जबकि अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शुक्रवार को सुबह हल्की सर्दी का असर रहा, जबकि दिन चढऩे के बाद एक बार चुभती गर्मी से भी कुछ राहत महसूस हुई।
वहीं रोहट व जैतारण में बारिश भी समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि जिले के रोहट व जैतारण कस्बे में शुक्रवार शाम ठंडी हवाएं चलने से मौसम के मिजाज बदले हुए नजर आए। यहां रात आठ बजे बाद हल्की बारिश शुरू होने लगी जिससे वातावरण में ठंडक घुल गई।
जालोर से साई ब्यूरो ने बताया कि शहर समेत जिलेभर में एक बार फिर मौसम के मिजाज बदल गए। गुरुवार रात जिले के कई क्षेत्रों में तेज हवा के साथ मध्यम दर्जे की बारिश हुई। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर गई है। किसानों का कहना है कि बारिश से खेतों में खड़ी जीरे की फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है। गुरुवार देर रात जिले के सियाणा क्षेत्र के गांवों में तेज हवा के साथ बारिश आई, जबकि आहोर, गुड़ाबालोतान, चांदराई, उम्मेदपुर व हरजी क्षेत्रों में बेर के आकार के ओले गिरे।  मौसम में आए इस बदलाव के बाद जिले भर में सर्दी एक बार फिर लौट आई है। जालोर शहर में शुक्रवार को दिनभर बादलों की आवाजाही का दौर चला। शाम होते ही शीतल हवा चलने लगी और आकाश बादलों से घटाटोप हो गया।
गुडाबालोतान से साई ब्यूरो ने बताया कि कस्बे सहित आस-पास के गांवों में गुरूवार की रात को अचानक आसमान में बादल छाए और तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। उम्मेदपुर, हरजी सहित आस-पास के इलाके में चने के आकार के ओले गिरे।
वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से राजीव सक्सेना ने बताया कि मौसम के बदले मिजाज के बाद गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात छाए बादल जमकर बरसे। रात ढाई बजे से शुरू हुई बारिश का सिलसिला रुक-रुककर शुक्रवार दोपहर तक जारी रहा। इससे दिन के तापमान में 9.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। साथ ही फरवरी में हुई बारिश का आंकड़ा 21.1 मिमी पर पहुंच गया है। इस बारिश से पिछले सात साल का रिकॉर्ड टूट गया है।
 पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण गुरुवार की शाम से अंचल में बादल सक्रिय हो गए थे। मौसम विभाग के मुताबिक 13.3 मिमी बारिश हुई है। जबकि पांच फरवरी को 7.8 मिमी बारिश हो चुकी है। रात में बारिश होने व दिनभर बादल छाए रहने के कारण पिछले दिन की तुलना में दिन का तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 19.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 7.0 डिग्री कम रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस बढ़त के साथ 14.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक रहा। दिन भर बादल छाए रहने के कारण शुक्रवार को वातावरण में नमी बढ़ गई। सुबह की आर्द्रता 96 फीसदी रिकॉर्ड की गई। यह सामान्य से 34 फीसदी अधिक रही। जबकि शाम की आर्द्रता 84 फीसदी रिकॉर्ड की गई। यह सामान्य से 50 फीसदी अधिक रही।
ग्वालियर साई ब्यूरो के अनुसार इस बारिश में मुरार हॉस्पिटल में लाखों रुपए की दवा भीगी। मुरार जिला हॉस्पिटल की टीबी यूनिट में रखी दवाइयां गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात हुई बारिश से भींग गईं। मौके पर कांग्रेस नेता मुन्नालाल गोयल ने पहुंचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, तब जाकर हॉस्पिटल प्रशासन ने दवाइयों को सुरक्षित स्थान पर रखवाया। समाचार एजेसंी ऑफ इंडिया को बताया गया कि दवाइयां सरदार वल्लभभाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण योजना के तहत मरीजों को बांटी जानी थीं। इनकी कीमत लगभग तीन लाख रुपए बताई गई है। यही नहीं टीबी यूनिट में बनी ब्लड टेस्ट लैब की छत से भी पानी टपक रहा है। कर्मचारियों का कहना था कि यदि छत की रिपेयरिंग नहीं करवाई गई तो लाखों रुपए की जांच मशीनें भी पानी से भीग जाएंगी। इस मामले में सिविल सर्जन सीडी शर्मा का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की ओर से छत की मरम्मत नहीं कराए जाने के कारण बारिश के पानी से दवाइयों के डिब्बे भीगे हैं। हालांकि, रैपर के अंदर दवा होने के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, पीडब्ल्यूडी के खंड क्रमांक-1 के कार्यपालन यंत्री एआर सिंह का कहना है कि छत में लीकेज होने के बारे में कोई सूचना मुरार हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से उन्हें नहीं दी गई है।
गुरुवार- शुक्रवार की रात शुरू हुई बारिश के चलते बिजली कंपनी के मेंटेनेंस की पोल खुल गई। शहर के अधिकांश इलाकों की बिजली गुल होने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। खेड़ापति कॉलोनी, फूलबाग, विकास नगर आदि क्षेत्रों  की बिजली सप्लाई रात में बंद हो गई। जबकि दौलतगंज, सराफा बाजार, महाराज बाड़ा, बालाबाई का बाजार, कंपू, माधवगंज आदि इलाकों की बिजली सप्लाई सुबह सात बजे बंद हो गई। उपभोक्ताओं ने पावर हाउस में फोन लगाए, लेकिन बिजली कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाए। यही स्थिति इंदरगंज, दाल बाजार, ओल्ड हाईकोर्ट रोड, सनातनधर्म मंदिर, जयेंद्रगंज, शिंदे की छावनी, छप्पर वाला पुल की भी रही। इन क्षेत्रों में शुक्रवार को दिनभर बिजली आती-जाती रही।
बठिंडा से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि जहां एक बार फिर देश के कई राज्यों में ठंड का मौसम बनेगा और वहीं तापमान में गिरावट आएगी। इधर, शुक्र व शनिवार की मध्य रात पंजाब के कई इलाकों में बारिश हुई। बठिंडा में सुबह से ही बादल छाए हुए थे। बादलों और सूरज के बीच आंखमिचौली देर शाम तक चलती रही उसके बाद शाम करीब सात बजे आसमान पर काले बादल छा गए। रात को लगभग 10 बजे ठंडी हवाएं चलने लगी और आधी रात करीब पौने एक बजे बारिश शुरू हो गई जिसने माहौल में ठंडक भर दी। लोगों ने एक बार फिर गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं।

गड़करी के बाद निशाने पर जेतली!


गड़करी के बाद निशाने पर जेतली!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी में शीर्ष स्तर पर सब कुछ ठीक ठाक नजर नहीं आ रहा है। पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की कारोबारी गतिविधियों की वजह से पहले फंस चुकी बीजेपी अब अपने एक और सीनियर लीडर अरुण जेटली के पेशे की वजह से फंसती नजर आ रही है। राज्यसभा के उपसभापति पी. जे. कुरियन के मामले में पार्टी को जवाब देना भारी पड़ रहा है। हालांकि पार्टी यह भी कह रही है कि कुरियन के केस के लिए अदालत में वकालत करना जेटली का प्रोफेशन है लेकिन पार्टी के लिए मुसीबत यह है कि कुरियन ही बयान दे रहे हैं कि जेटली को मालूम है कि वे बेकसूर हैं।
दरअसल, कुरियन पर जो आरोप लगाए गए हैं, उन पर अदालत में जेटली ही कुरियन के वकील के रूप में पेश हो चुके हैं। अब कुरियन का कहना है कि जेटली को मालूम है कि वे बेकसूर हैं। उधर, पार्टी के लिए मुसीबत यह है कि वह इसी वजह से कुरियन पर खुलकर हमले नहीं कर पा रही है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि अगर जेटली ने कुरियन की ओर से वकालत की है तो यह उनका प्रोफेशनल मामला है लेकिन जहां तक बीजेपी का सवाल है, वह चाहती है कि जब तक कुरियन पाक साफ साबित नहीं हो जाते, तब तक वे अपने पद से इस्तीफा दे दें।
हेलिकॉप्टर सौदे में दी गई दलाली को लेकर अपने सीनियर लीडर जसवंत सिंह के बयान से अलग लाइन लेते हुए बीजेपी ने साफ किया कि इस मामले में पूर्व वायुसेना अध्यक्ष त्यागी को पूरा जवाब देना ही होगा। यही नहीं, त्यागी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि यह सही है कि जसवंत सिंह ने अपनी बात रखी है लेकिन इस मामले को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले की जांच होनी चाहिए और यह साफ होना चाहिए कि आखिर किन लोगों ने दलाली ली।
बीजेपी ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह कोल ब्लॉक मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से कोल ब्लॉक से जुड़े कागजात जानबूझकर सीबीआई को मुहैया नहीं कराए जा रहे, उससे साफ है कि सरकार इस मामले को टालने की कोशिश में है। 2006 से 2010 के बीच जो 142 कोल ब्लॉक अलॉट किए गए, उनमें ही घपला है लेकिन सरकार ने पहले इस मामले को टालने के लिए 1993 से जांच कराने का आदेश दे दिया। लेकिन उस अवधि में सिर्फ 50 कोल ब्लॉक ही आवंटित हुए थे। उन कोल ब्लॉकों के कागजात तो सरकार ने फौरन सीबीआई को दे दिए लेकिन 142 के कागजात अभी नहीं दिए।

राष्‍ट्रपति के पास गईं आधा दर्जन दया याचिकाएं


राष्‍ट्रपति के पास गईं आधा दर्जन दया याचिकाएं

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। गृह मंत्रालय ने लंबित पड़ी दया याचिकाओं को जल्द से जल्द निपटाने का काम शुरू कर दिया है। इसी के तहत उसने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास अंतिम फैसले के लिए सात याचिकाएं भेजी हैं। इन सात मामलों में नौ लोग दोषी हैं।
पिछले पंद्रह दिनों में मंत्रालय ने जिन दया याचिकाओं को राष्ट्रपति के पास भेजा गया हैउनमें सुंदर सिंहजफर अलीप्रवीण कुमारगुरमीत सिंहधरमपालसुरेश और रामजीसोनिया और संजीव शामिल है। उत्तराखंड के सिंह को बलात्कार और हत्या का दोषी करार दिया गया है।
यूपी के जफर अली पर पत्नी और पांच बेटियों की हत्या का दोष है। कर्नाटक का प्रवीण कुमार एक परिवार के चार सदस्यों की हत्या का दोषी है। उत्तर प्रदेश का ही गुरमीत सिंह एक परिवार के 13 सदस्यों की हत्या का दोषी है। दया याचिका वाला हिस्सा हटा रू राष्ट्रपति कार्यालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से दया याचिका वाले सेक्शन को हटा दिया है। उसका कहना है कि अब गृह मंत्रालय इस मुद्दे से जुड़ी बातों की जानकारी जनता को देगा। 

कमल नाथ को सलाम करते हैं कमल वाले भी


कमल नाथ को सलाम करते हैं कमल वाले भी

(रहीम खान)

बालाघाट (साई)। मध्य प्रदेश के भीतर 29 लोकसभा सीट में अपनी अलग पहचान और महत्व रखने वाली महाकौशल क्षेत्र का महत्वपूर्ण अंग कहे जाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को सियासी गलियारें में कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। क्योकि अब तक संपन्न चुनाव में यहां पर एक बार ही कांग्रेस को उपचुनाव 1997 में पराजय का सामना करना पड़ा है। अन्यथा शेष समय यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। जिले के सांसद एवं केन्द्रीय संसदीय एवं अन्य विभागों के मंत्री कमलनाथ की पहचान कांग्रेस के गलियारें में एक रिकार्ड मेकर एवं किंग मेकर सांसद के रुप में होती है। क्योकिं कमलनाथ वर्ष 1980 से महाकौशल क्षेत्र के अंतर्गत एक मात्र अकेले ऐसे नेता है जो लगातार चुनाव लड़ते आ रहे है और जीत भी बराबर दर्ज करा रहे है। इस प्रकार का राजनितिक विजय श्री कीर्तिमान इस क्षेत्र में कोई अन्य सांसद नही बना पाया। म.प्र. में अतित में 1993 से 2003 तक कांग्रेस शासन काल में मुख्यमंत्री चयन में पार्टी के भीतर कमलनाथ ने जो भूमिका निभाई उस आधार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हे किंग मेकर की संज्ञा देने में भी कोई कमी नही छोड़ी। केन्द्र मे वह वन एवं पर्यावरण उद्योग सड़क परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रुप में अपनी सेवायें दे चुके है।
कमलनाथ एक स्थापित उद्योगपति परिवार से होने के साथ - साथ जब उन्हे 1980 में तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने छिंदवाड़ा में अपनी तीसरे पुत्र के रुप में प्रोजेक्ट करके चुनावी मैदान में उतारा तो उन्हे अपनी जीत हासिल करने में कोई मुश्किल नही गई और उसके बाद गांधी परिवार से करीबी रिश्ते और छिंदवाड़े की बंजर राजनितिक भूमि पर अपने प्रभाव की फसल उगाकर इस जिले को अपनी राजनितिक कर्मभूमि बनाने में उन्होने जिस योजना बद्ध तरह से कार्य किया उसका असर है कि आज छिंदवाड़ा और कमलनाथ दोनों एक - दूसरे  के पूर्वक बन गये। कमलनाथ की ताम झाम और ग्लेमर से भरी राजनितिक कार्य शैली के कारण छिंदवाड़ा आज देश के राजनितिक नक्षे पर अपना अलग महत्व रखता है। उनके नेतृत्व में आदिवासी बाहुल जिला प्रगति एवं विकास के क्षेत्र में भी अपना अलग महत्व रखने लगा।
महाकौशल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रमुख जिले बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला, जबलपुर, बैतुल, दमोह, कटनी,, शहडोल, होंशगाबाद आदि के लोकसभा चुनाव इतिहास पर नजर दौड़ायी जाये तो हम पाते है कि कमलनाथ ही अकेले ऐसे सांसद है जो लगातार 30 वर्ष से अधिक समय से चुनाव लड़कर अत्यधिक बार जीत हासिल करने का श्रेय प्राप्त कर चुके है। वर्ष 1980 में कमलनाथ (1,47,779) ने अपने प्रतिद्वंदी श्री प्रतुलचंद द्विवेदी (77,648 मत) को 70,131 मतों से पराजित किया। वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी के हत्या से उपजी सहानुभूति लहर का लाभ कमलनाथ (2,34,846 मत) को भी मिला और इन्होन भाजपा के श्री रामकिषन बत्रा (81,021मत) को 1,53,400 मतों से पराजित किया। वर्ष 1989 में देष में चली सत्ता परिवर्तन की लहर के बाद कमलनाथ (2,11,695 मत) को कड़े संघर्श में 40,104 मत में पराजित कर जीत की हैट्रिक बनाया। वर्ष 1991 में इन्होने (2,14,456 मत) ने भजपा के चौधरी चन्द्रभान सिंह (1,34,824 मत) को 79,632 मत से पराजित किया। वर्ष 1996 में हवालाकाण्ड में नाम आने के कारण कमलनाथ को टिकट से वंचित होना पड़ा। उनकी जगह उनकी धर्मपत्नि श्रीमति अलका नाथ (2,81,414 मत) को प्रत्याषी बनाया गया, जहां उन्होने भाजपा के श्री चौधरी चन्द्रभान सिंह (2,60,032 मत) को कड़े संघर्श के बाद 21,382 मत से पराजित किया।
वर्ष 1997 में श्रीमति नाथ के स्तीफा देने के कारण हुए उप चुनाव में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुन्रलाल पटवा (3,34,302 मत) ने यहां कांग्रेस के अपराजित रहने के रिकार्ड को तोड़ने हुए कांग्रेस के कमलनाथ (3,06,662 मत) को 37,680 मतों से पराजित कर कांग्रेस के गढ़ में भाजपा का परचम लहराया। वर्ष 1998 में कमलनाथ (4,04,249 मत) ने भाजपा के सुन्दरलाल पटवा (2,52,848 मत) को 1,53,398 मतों से पराजित कर अपने वापसी का जष्न मनाया। जबकि सन् 1999 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के खिलाफ भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार संतोश जैन को उतारा जो बूरी तरह परजित हुए। इस चुनाव में कमलनाथ 3,99,904 मत ने भाजपा के संशोश जैन 2,10,976 मतों को 1,88,928 मतों से पराजित किया। वहीं 2004 के चुनाव में कमलनाथ को भाजपा के महाकौषल क्षेत्र के प्रभावषाली नेता एवं केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कड़ी चुनौती दिया। परंतु यहां भी जीत नाथ के खाते में गई। इस चुनाव में 3,08,443 मतों ने प्रहलाद सिंह पटेल 2,44,694 मत को 63,749 मतों से पराजित किया। यह चुनाव गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मनमोहन षाह भट्टी 85,328 मत के कारण रोचक बन गया। वर्ष 2003 के लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में सभी आठ विधानसभा सीटों में भाजपा ने जीत प्राप्त किया था। परंतु लोकसभा में कांग्रेस की जीत हुई। और वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस जिले की चार पर भाजपा एवं तीन सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 7 सीटों पर कांग्रेस को कुल 3,08,659 मत एवं भाजपा को 3,12,283 मत प्राप्त हुए। इस तरह से दोनो के बीच 3,624 मतों का अंतर है। किन्तु वर्तमान लोकसभा चुनाव 2009 में इस सीट पर कमलनाथ के खिलाफ भाजपा के पाण्डुरना क्षेत्र के विधायक मारुति राव खवसे को चुनावी मैदान में उतारा हैं जो अपेक्षाकृत कमजोर उम्मीदवार माने जाते है। इसलिए राजनिति के गलियारे में अनुमान लगाया जा रहा है कमलनाथ अपनी 9वीं जीत नौवां सीट पर सहजता के साथ प्राप्त करके एक अदभुत चुनाव रिकार्ड बनाया। इस चुनाव में कमलनाथ ने 4 लाख 9 हजार 736 मत प्रापत किये जबकि भाजपा के मारोत राव खवसे 2,88,516 मत ही प्राप्त कर पाये। इस प्रकार से कमलनाथ नें इस चुनाव में एक बार फिर अपनी काबलियत का लोहा मनवाते हुये 9 वीं बार संसद में पहुंचने का गौरव प्राप्त किया। साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल पहले भू-तल सड़क परिवहन मंत्री फिर षहरी विकास मंत्री और अब केन्द्रीय संसदीय मंत्री रुप में अपनी भूमिका का निर्वाहन कर रहे है। थ्क्प् मुद्दे पर संसद के भीतर सपा और बसपा का समर्थन प्राप्त कर इस बिल को पास कराने के पीछे कमलनाथ और उनके सहयोगियों के कुषल राजनितिक प्रबंधक को इसका श्रेय दिया जा रहा है। हमेषा विवादों से बचकर चलते हुये एक निर्धारित सीमा के अंतर्गत कार्य करने वाले कमलनाथ का नाम अनेक बार म.प्र. के मुख्यमंत्री के रुप में कांग्रेस के तरफ से सामने आता है। परंतु केन्द्रीय राजनिति में सक्रिय रहने वाले कमलनाथ प्रदेष की राजनिति में रखते है जितनी एक बड़े नेता को होनी चाहिए। परंतु वह अपने समर्थकों को कही न कही अवष्य ही स्थान दिलाते है पिछले 10 सालों से म.प्र. की सत्ता से कांग्रेस बहार है और इस साल प्रदेष में विधानसभा चुनाव होना है तब उनकी जिम्मेदारी भी इस बात को लेकर बढ़ गई है कि किस प्रकार से वापस लाया जाये। इसी तरह के अनेक सवालों के जवाब इस वक्त भविश्य के गर्भ में छुपे है। जिनके उत्तर के लिये प्रतिक्षा करना होगा। परंतु कमलनाथ इस बात को बेहतर समझते है जब तक कांग्रेस के बड़े नेताओं में एकता का सामजस्य सिापित नही होता प्रदेष में तब तक कांग्रेस की वापसी एक दिवा स्पन है।

16 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट


16 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। विश्व प्रसिद्ध हिमालयी तीर्थ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए इस वर्ष 16 मई को सुबह चार बजे खोल दिये जायेंगे। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शीतकालीन अवकाश के बाद मंदिर के कपाट 16 मई की सुबह चार बजे खोले जाने का मुहूर्त राजपुरोहित ने टिहरी राजवंश के नरेंद्रनगर स्थित महल में महाराजा मनुजेंद्र शाह के प्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आज सुबह निकाला।
गौरतलब है कि भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में छह माह तक बंद रहने के बाद हर वर्ष अप्रैल-मई में दोबारा श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोल दिये जाते हैं। गढवाल हिमालय में दस हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम सर्दियों में भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है। कपाट बंद होने के दौरान भगवान विष्णु की पूजा निकटवर्ती जोशीमठ में स्थित नरसिंह मंदिर में की जाती है।

खान भोपाल तो शुक्ला का तबादला निरस्त


खान भोपाल तो शुक्ला का तबादला निरस्त

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किये हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में सुश्री रूही खान, संयुक्त कलेक्टर, साप्रवि (पूल) को उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, भोपाल बनाया गया है। श्री चन्द्रशेखर शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर, सिवनी का उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, भोपाल के पद पर किया गया स्थानांतरण आदेश निरस्त किया गया है।

अब दौड़ेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन


अब दौड़ेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। लगता है कांग्रेस भी अब नरेंद्र मोदी की प्रशंसक हो गई है। कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने अंततः नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने का मन बना लिया है। देश में बुलेट ट्रेन का सपना सच होने वाला है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन सेवा शुरु होने वाली है। रेल मंत्रालय फ्रांस की मदद से यह बुलेट ट्रेन सेवा शुरू हो रही है।
इस तरह कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलेट ट्रेन शुरू करने के सपने को पूरा करने का फैसला लिया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 63 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो रेल मंत्रालय के सालाना कुल योजनागत बजट से भी अधिक है।
देश में बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा तो दशकों से चल रही है, लेकिन कुछ ठोस फैसला अभी तक नहीं हो सका था। कुछ माह पहले पीएमओ से भी बुलेट ट्रेन योजना को हरी झंडी दे दी गई थी। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही अगले रेल बजट में बुलेट ट्रेन को लेकर केंद्र सरकार से कुछ ठोस घोषणा किए जाने की मांग की थी।
भारतीय रेल्वे बोर्ड के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से मणिका सोनल ने कहा कि रेलवे ने देश में बुलेट ट्रेन के लिए कुल 12 कॉरीडोर की पहचान की है, जिनमें से सात कारीडोर को पीएमओ तथा योजना आयोग से हरी झंडी भी दी जा चुकी है। रेल मंत्रालय ने अमल के समय सबसे पहले मोदी के गृह राज्य गुजरात को ही प्राथमिकता प्रदान की।
फ्रांसीसी कंपनी एसएनसीएफ से हुए करार के मुताबिक परियोजना को पांच साल में पूरा किया जाएगा तथा परियोजना का खर्च एसएनसीएफ ही उठाएगी। दोनों पक्षों की सहमति से जरूरत पड़ने पर एक साल के लिए यह समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। बुलेट ट्रेन के इस प्रोजेक्ट में फ्रेंच नेशनल रेलवे तकनीकी मदद प्रदान करेगी। दिल्ली में 14 फरवरी को हुए इस समझौते के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। समझौते के बाद शुक्रवार को मुंबई में फ्रांस से आए एक दल ने सेंट्रल एवं वेस्टर्न रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

धन कमाने नहीं विद्या दान का स्थल बनें विद्यालय: रामपाल माजरा


धन कमाने नहीं विद्या दान का स्थल बनें विद्यालय: रामपाल माजरा

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। ऑक्सफोर्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल में शुक्रवार को वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में कलायत से इनेलो विधायक रामपाल माजरा ने शिरकत की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में समाजसेवी पुनीत चौधरी एडवोकेट उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर जगजीत सिंह माजरा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ रामपाल माजरा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में बोलते हुए माजरा ने कहा कि शिक्षा का महत्व ही सबसे बड़ा दान है। शिक्षा के बिना उन्नति करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व ओर भी बढ़ गया है। ऐसे में विद्यालयों को चाहिए कि वे धन अर्जित न कर बच्चों में शिक्षा की लौ जलाएं। ऑक्सफोर्ड स्कूल में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की प्रशंसा करते हुए माजरा ने कहा कि यह स्कूल निरंतर अपनी मेहनत पर नई उपलब्धियां छू रहा है, जिसका श्रेय विद्यालय के प्रधानाचार्य जगजीत सिंह व उनके स्टाफ को जाता है। विधायक माजरा ने कहा कि बच्चे जीवन के हर पड़ाव पर अपनी पढ़ाई जारी रखें, क्योंकि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने अध्यापकों से भी भविष्य में अपनी पढ़ाई जारी रखने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि एडवोकेट पुनीत चौधरी ने समाज में फैल रही बुराईयों पर बोलते हुए कहा कि आज समाज मेें अनेक बुराईयां घर कर गई है। समाज में अलग अनुपात में काफी अंतर आ रहा है, वहीं देश में भू्रण हत्या, दहेज प्रथा व नशाखोरी जैसी कुरीतियां दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसे में लोगों को इन बढ़ती बुराइयों को रोकना होगा, जिसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं पहल करनी होगी। तभी हम आदर्श समाज स्थापित करने में सक्षम हो पाएंगे। इस दौरान बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। बारिश के चलते भी बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियां जारी रखी और समां बांधे रखा। नन्हे मुन्ने बच्चों ने जहां श्तितली सी उड़कर चली ले हवा के पर को, फूल भी है साथ मेेरे मैं चली घर को, श्नानी तेरी मोरनी को, मोर ले गया, बाकि जो बचा था काला चोर ले गया, श् ओ माई फ्रैंड गणेशा, तू रहना साथ हमेशा, श्गौरे पैरां दे विच पाके मैं चांदी दी झांजरा, मैं पिंड विच नचदी फिरां्य आदि गानों पर प्रस्तुति दी, वहीं राजस्थानी परफोरमेंस श्चूड़ी खनके रे, मंजीरा खनके रे्य द्वारा राज्यस्थानी वेशभूषा को दर्शाया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत हरियाणवीं सोंग श्चुंदड़ ओढूृंगी महल के बीच, तू ओला काढऩ आईये।।।आईये हो नन्नंद के बीर्य को भी दर्शकों ने खूब सराहा। इसके अलावा अन्य बच्चों ने भी कई विषयों पर अपनी स्पीच दी। आज कार्यक्रम में स्कोलरशिप प्राप्त करने व पहली से आठवीं कक्षा में अव्वल आने वाले 150 बच्चों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के समापन पर मुख्यातिथि रामपाल माजरा को प्राचार्य जगजीत सिंह द्वारा भगवान शिव भोले की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रिंसिपल जगजीत सिंह माजरा, सुमन संधू, गीतांजलि, सीमा बैनीवाल, वर्षा, सुनीता, सुदेश, नूतन बेदी, कुसुमलता, सुमन राविश, सोनिया, मोनिका, शीतला, सीमा रोहिला व रामकुमार बंसल सहित अन्य सैकड़ों अभिभावक भी मौजूद थे।

महिला सशक्तिकरण सह सुशासन सम्मेलन में सीएम


महिला सशक्तिकरण सह सुशासन सम्मेलन में सीएम

(एस.के.वर्मा)

डिंडोरी (साई)। मुख्यमंत्री ने शहपुरा पॅहुचने पर जिले के नवाचार मोरे डुबलिया के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण का दीप प्रज्जवलित कर 21 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम में सम्मिलित हुये तथा प्रोजेक्ट परिवर्तन के तहत वाहन चालन प्रशिक्षण प्राप्त 40 बालिकाओं एवं महिलाओं को वाहन चालक लायसेंस के साथ शासन की विभिन्न विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को अनुदान राशि के चौक एवं सामग्री का वितरण किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाकर राजनीति की दिशा बदलने की कोशिश है। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जनता के सेवक के रूप में कार्य करना चाहिए। विकास को आन्दोलन बनाना, जनता के कल्याण के लिए कार्य करना और सभी के सहयोग से गरीबी मिटाना सरकार का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अधिकांश वन में बसे लोगों को वनाधिकार पत्र दिये जा चुके हैं और अभी भी वन में काबिज व्यक्तियों को हथया नहीं जायेगा बल्कि उनके वनाधिकार पत्र बनाये जायेगे। लोक तंत्र में विकास पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति का विकास प्रदेश का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति के आवास की समस्या हल होगी और जो गरीब आवास भूमि में काबिज है उन्हें आवास से वंचित नहीं किया जायेगा बल्कि पट्टे जारी किये जायेंगे। उन्होंने निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण, गणवेश, निःशुल्क साइकिल वितरण जैसी योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि प्रत्येक अनुसूचित जन जाति विकासखंडों में एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल खोला जायेगा। इसी प्रकार प्रदेश में हिन्दी विश्वविद्यालय खोलकर इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराई जायेगी। विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने वाले बेटे-बेटी को 15 लाख देकर पढ़ाया जायेगा। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए बैक ऋण की गारंटी सरकार लेगी। विद्यार्थी की नौकरी लगने के 6 माह बाद उसे मूलधन भी किश्त में लौटाने की सुविधा दी जायेगी तथा ब्याज भी राज्य सरकार भरेगी। इसी प्रकार गरीबों को अपना काम-धंधा शुरू करने के लिए 50 हजार तक के बैंक ऋण की गारंटी मुख्यमंत्री ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत सरकार लेगी और 5 वर्ष तक ब्याज भी देगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि किसान पंचायत में तय किया गया है कि किसान का बिजली बिल हर महीने नहीं आयेगा। बल्कि किसान को एक हार्स पावर बिजली के 12 सौ रूपये वार्षिक जमा करने होंगे शेष राशि शासन देगा। किसान के पिछले बिल का बकाया सरचार्च भी माफ होगा और जो मूल बचेगा उसकी भी आधी  राशि सरकार देगी। शेष राशि किसान को आसान किश्तों में भुगतान करना होगी। किसान की उपज खरीदने के लिए गेहूँ का समर्थन मूल्य 15 सौ रूपये किया जायेगा। कार्यक्रम को  राज्य सभा सदस्य सांसद श्री फगगन सिंह कुलस्ते ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री श्री देवसिंह सैयाम सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वनवासी सेवा मंडल की स्मारिका का विमोचन भी किया ।
दिन भर चले इस आयोजन के प्रारंभ में महिलाओं के लिये विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे क्ल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री श्रोत्रीय एवम गिरीश बिल्लोरे बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा किया गया। 

घटिया निर्माण की जांच की मांग


घटिया निर्माण की जांच की मांग

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। क्षेत्र में मुरम्मत नवनिर्मित कई सड़कों पर रोडिय़ां बिखरने से लोगों ने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री प्रयुक्त किए जाने के आरोप लगाए हैं। नागरिक सज्जन ढुल, हसन, विक्रम, पवन आदि ने बताया कि बरसाना-पाई, सिसमौर-पिलनी, डीग-बाकल आदि कुछ ऐसी ही सड़कें हैं जिनकी बीते कुछ माह पूर्व ही नए सिरे से मुरम्मत की गई हैं। इनमें से कुछ सड़कों का नवनिर्माण भी हुआ है।  मगर घटिया किस्म का निर्माण कार्य होने के कारण इनमें कई जगहों पर राडिय़ां उखड़कर कर बिखर गई हैं जिन पर अब टांकियां लगाकर संबंधित विभागों द्वारा खामियां छिपाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मगर इसका कोई लाभ नहीं हो सका है। इस प्रकार के प्रयास असफल होते ही दिखाई दिए हैं। कुछ सड़कों पर तो बार बार  टांकियां लगाई गई हैं लेकिन ये ज्यादा दिन न अटककर पुनरू सड़कों पर रोडियां बिखरी हुई ही दिखाई देती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में गांव दर गांव जाने वाली सड़कों की मुरम्मत का बीड़ा सरकार व संबंधित विभागों द्वारा 15 से 20 वर्षों बाद ही उठाया गया है। इन पर किए गए घटिया स्तर के निर्माण से ग्रामीणों को पुनः जर्जर सड़कों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीणों ने मुरम्मत व नवनिर्मित सड़कों पर नए सिरे से उत्तम गुणवत्ता वाला बजरी लुक बिछाने की मांग की है ताकि सड़कें अल्पावधि में टूटने से बच सकें। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर ग्रामीण सड़कों पर बार-बार टांकियां लगाकर केवल खानापूर्ति के ही प्रयास किए गए तो वे इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। धुंध में उखड़ी सड़कें  सर्दी के मौसम में धुंध पडऩे के कारण सड़कें उखड़ गई हैं। उखड़े हुए स्थानों पर ही टांकियां लगाई जा रही हैं। निर्माण कार्य में कोई खामियां नहीं हुई है। विभाग का हमेशा प्रयास होता है कि सड़कों का निर्माण या मुरम्मत हमेशा उच्च स्तर का रहे। पी.सी.विर्दी, एक्क्सियन लोक निर्माण भवन एवं सड़क विभाग।

पुलिस में हुए तबादले


पुलिस में हुए तबादले

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश शासन ने रात 26 आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों के तबादले किए जिनमें पांच जिलों के पुलिस सुपरिंटेंडेंट भी शामिल हैं। गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि महोबा के पुलिस सुपरिंटेंडेंट अब्दुल हामिद को इसी पद पर शामली भेजा गया है और राजेन्द, प्रसाद पाण्डेय को यहां से हटाकर सुभाष सिंह बघेल के स्थान पर कासगंज का पुलिस सुपरिंटेंडेंट बनाया गया है।
जालौन के पुलिस सुपरिंटेंडेंट वी0के0 दीक्षित अब महोबा के नए पुलिस सुपरिंटेंडेंट होंगे वहीं हरदोई के राकेश सोनकर को पुलिस सुपरिंटेंडेंट जालोन का नया पुलिस सुपरिंटेंडेंट बनाया गया है। बघेल को कासगंज से हटाकर अमरोहा का नया पुलिस सुपरिंटेंडेंट बनाया गया है और यहां से अपर्णा एचएस को हटाकर 19वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद का कमान्डेन्ट बनाया गया है।

हुई साई की प्राण प्रतिष्ठा


हुई साई की प्राण प्रतिष्ठा

(सोनम)

लातेहार (साई)। सोमेश्वर साई मंदिर में गुरुवार को श्री साई नाथ जी का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरे धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। साई बाबा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा कार्यक्रम के लिए सुबह से ही तैयारी प्रारंभ कर दी गई थी। मुख्य यजमान ने पूजन कार्य पूरे विधि विधान के साथ पूरा किया। पूजन कार्यक्रम मुख्य पुजारी संतोष मिश्र ने करवाया।
इस मौके पर मुख्य रूप से पंडित मनीष कुमार, कामेश्वर प्रसाद,शंभु बिट्टु साह, पंकज कुमार, संतोष रंजन, यशवंत सिंह,दिलीप सिन्हा,विवेक श्रीवास्तव,पंकज सिंह,रविन्द्र प्रसाद,अजय सिंह, भानू प्रताप सिंह,पवन कुमार,उमाकांत ,नंदन प्रसाद,मनीष पाठक, शैलेश कुमार, अनुप प्रसाद, शिवानंद ,विजय कुमार,रिपूंजय कुमार, आलोक वर्मा,अरविंद कुमार ्र,मनोज कुमार, चंदन सिंह, मान बहादुर, निरंजन मिश्र, समेत कई भक्त उपस्थित थे। सोमेश्वर साई बाबा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों भक्तों ने मंदिर आकर प्रसाद ग्रहण किया।