गोद लेकर गोद पुत्र का गला घोंटना कमल
नाथ की फितरत: प्रेम तिवारी
जनता को प्रभावित करने में नाकाम रहे
कांग्रेसी नेता
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। गोद लेकर गोद पुत्र का गला
घांेटना कमल नाथ की फितरत है। जिस बंठाढार पुरूष के शासन में लोग बिजली के तारों
में कपडे़ सुखाते थे, वे आज प्रदेश को रोशन करने की बात कर रहे हैं। विधानसभा में चुप रहने
वाले अजय सिंह हांे या लोकसभा में मौन धारण करने वाले भूरिया हों, सदन से मुहं चुराना और सदन के बाहर झूठ
बोलना इनकी आदत है। झाबुआ पावर प्लाटं के मालिक के आगे दुम हिलाने वाले सिंधिया को
आज आदिवासियों के हितों की चिन्ता हो गई है। सिवनी वासियों को गुमराह करने आया
अवसरवादी कांग्रेसियों का यह दल लोगों को गुमराह करके और झूठे आश्वासन परोसकर अगले
5 सालों के लिये फिर विलुप्त हो गया है। इस आशय की बात भाजपा नगर अध्यक्ष श्री
प्रेम तिवारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कही गई है।
सिवनी र्की इंटों से ही छिन्दवाड़ा में
बना विकास का महल
पार्टी मीडिया प्रभारी श्रीकांत अग्रवाल
के हवाले से जारी विज्ञप्ति में प्रेम तिवारी ने आरोप लगाया कि कमलनाथ वही शख्स है, जो पिछले 15 वर्षों से अनेक बार सिवनी
को गोद लेने की घोषणा कर चुके हैं, और अब वे सिवनी को छिन्दवाड़ा बनाने का
सपना दिखा रहे हैं। यदि कमलनाथ सिवनी से उसका हक ही न छीनते, तो भी उनका जिलेवासियों पर उपकार होता।
कमलनाथ ने तो सिवनी र्की इंटों से ही छिन्दवाड़ा में विकास का महल खडा किया है।
इस जिले से फोरलाईन को छीनने वाले
कमलनाथ ऐसे बेशर्म नेता हैं, जो इस मुद्दे पर अपनी प्रतीकात्मक अर्थी
निकलने के बावजूद सिवनी वासियों से नजरे मिला रहे हैं। जिन हाथों ने इनकी अर्थी
उठाई थी, उन्ही हाथों से ये फूलमाला पहन रहे हैं। गोद लेकर गोद पुत्र का गला कैसे
घोंटा जाता है, इसकी मिसाल कमलनाथ ही हैं, जिन्हांेनेे न सिर्फ फोरलाईन बल्कि इस
जिले के किसानों की जीवन दायिनी पेंच परियोजना को भी अपने प्रभाव से रोकने का
कार्य किया है। इन्ही की करतूतों का परिणाम है, कि ब्राडगेज की घोषणा होने के बाद भी, रेल की पटरी की एक पांत भी नहीं लग सकी
है।
उद्योग मंत्री रहते सिवनी रहा उद्योग
विहीन
श्री तिवारी ने कहा की यह हास्यप्रद है
कि कमलनाथ उद्योग और रोजगार की बात कर रहे हैं, जबकि इनके केन्द्र में उद्योग मंत्री
रहते न तो सिवनी में उद्योग की एक इकाई लगी, और न ही जिले के किसी बेरोजगार को इनके
अपने क्षेत्र में लगाये गये उद्योगों में रोजगार मिला। बेशर्मी की पराकाष्ठा है कि
कमलनाथ अपने भाषण में जिले के युवाओं के विवेक पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुये यह कह
रहे हैं, कि यहां के लोग जल्दी गुमराह हो जाते हैं, शायद इसी का फायदा उठाते हुये कमलनाथ
सिवनी वासियों को पूर्व की भांति चुनावी झुनझुना पकड़ाते हुये गुमराह कर रहे हैं।
जहां रहेगा दिग्गी वहां जलेगी चिमनी
श्री तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश ही
नहीं, बल्कि देश भर में बंठाढार पुरूष के नाम से कुख्यात दिग्गीराजा आज प्रदेश
के विकास की बात कर रहे हैं। उनके शासन में सड़कें गायब थीं और लोग बिजली के तारों
पर कपड़े सुखाते थे। आज वे अपने साम्प्रदायिक और खूनी एजेन्डे से सŸाा का रास्ता बनाने की कोशिश कर हैं, जबकि प्रदेश में अमन चेन और भाईचारे की
बयार बह रही है।
झाबुआ प्लांट को सिंधिया से ही मिली है
अनापत्ति
श्री तिवारी ने कहा कि गांधी खानदान के
आगे पीछे दुम हिलाने वाले सामंतशाही ज्योतिरादित्य सिंधिया को एकाएक झाबुआ पावर
प्लांट को लेकर जिले के आदिवासियों की चिन्ता हो गई है, जबकि ये देश के ऊर्जा मंत्री हैं, और इन्हीं की अनापŸिा के बाद यह प्लांट चालू हुआ है। यदि
आदिवासियों के साथ छल हुआ है, तो इन्हें अनापŸिा के पूर्व प्लांट मालिक से आदिवासियों
का हक उन्हेें दिलाना था। हकीकत तो यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस प्लांट
के मालिक गौतम थापर को प्रधानमंत्री से मिलवाया था और तब इनके साथ कमलनाथ और
दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे। इन्टरनेट में यह तस्वीर श्री सिंंिधया की हकीकत को
बयां करने के लिए काफी है।
सदन में मौन रहने वाले अजय सिंह और
भूरिया जनता को कर रहे गुमराह
श्री तिवारी ने कहा कि अपनी बदजुबानी, झुठ बोलने और गुमराह करने की आदत से
मजबूर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के खिलाफ न्यायालय ने मानहानि का मुकदमा
प्रारंभ कर दिया है। अजयसिंह विधानसभा में चुप रहते हैं और विधानसभा से निकलते ही
झूठ बोलना प्रारंभ कर देते हैं, क्यांेकि ये जानते हैं कि सदन में इनके
बेबुनियाद आरोपों की धज्जियां उड़ जायेंगी। यही हाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
कान्तिलाल भूरिया का है, जो लोकसभा में प्रदेश के मुद्धों पर मौन धारण किये रहते हैं, और सदन के बाहर मध्यप्रदेश में
आदिवासियों के हितों की बात करते हैं, जबकि कांग्रेस ने ही आदिवासियों का शोषण
किया है।
काली कमाई को बहाया पानी की तरह
श्री तिवारी ने कहा कि केन्द्र में
भ्रष्टाचार के माध्यम से कमाये गये रूपयों को कैसे पानी के तरह बहाया जाता है, इसका नमूना बीते दिवस जिले वासियों को
तब देखने को मिला, जब जिलेवासियों के परहेज के चलते सैकड़ों वाहनों में बालाघाट और
छिन्दवाड़ा से लोगों को ढोकर लाया गया था। कांग्रेस की इस रैली में जमा नेता
अवसरवादी और मौकापरस्त लोगों का जमघट मात्र था, जो अपने चेहरे तो लोगों को दिखा सकता था
लेकिन जनता को प्रभावित करने की क्षमता उनमें नहीं थी।