पावर प्लांट के रहते अंधेरे में
घंसौरवासी
(प्रेम कुमार जैन)
घंसौर (साई)। सिवनी जिले के आदिवासी
बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए देश के मशहूर
उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स
झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा डाले जा रहे पावर प्लांट के रहते हुए भी तहसील मुख्यालय
घंसौर में कल चार बजे से इन पंक्तियों के लिखे जाने तक बिजली गोल ही है।
गौरतलब है कि वर्तमान में दुर्गा पूजा
उत्सव चल रहा है। दुर्गा उत्सव के चलते घंसौर में आसपास के जिलों से भी घंसौर में
दुर्गा उत्सव देखने सैकड़ों लोग उमड़ रहे हैं। गत शाम से अंधेरे में ही ग्रामों के
लोगों द्वारा दुर्गा प्रतिमाओं का भ्रमण किया गया। दुर्गा पूजा में उमड़ रही भारी
भीड़ के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा घंसौर में बिजली आ जाए, इस संबंध में शायद ही कोई प्रयास किए गए
हों।
उल्लेखनीय होगा कि घंसौर के बरेला में
आदिवासियों की जमीनें हथियाकर मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा बिजली उत्पादन के
लिए संयंत्र की स्थापना का काम वर्ष 2009 में आरंभ किया गया था। बताया जाता है कि
इस साल फरवरी में ही इस संयंत्र से बिजली का उत्पादन आरंभ हो जाना चाहिए था।
आरोपित है कि बरेला का पावर प्लांट
रक्षित वन में ही संस्थापित हो रहा है। इस पावर प्लांट के लिए किसानों के उपयोग के
लिए एकत्र किए गए बरगी बांध के पानी का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए गड़ाघाट से
पाईप लाईन बिछाई जा रही है। बरेला पावर प्लांट के अंदर न जाने कितने गरीब गुरबे अब
तक दम तोड़ चुके हैं। इसके अंदर एक हिरण का शावक भी मृत अवस्था में मिला था।
हाल ही में परिवर्तन यात्रा में आए
केंद्रीय उर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भी पावर प्लांट द्वारा
आदिवासियों के शोषण की बात कही गई थी। यह निश्चित तौर पर जिला कांग्रेस कमेटी के
लिए शर्मनाक स्थिति ही कही जा सकती है कि जिला स्तर पर इसका विरोध न कर कांग्रेस
द्वारा परोक्ष तौर पर आदिवासियों के हितों पर हो रहे कुठाराघात में संयंत्र का
कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया जा रहा है।
बताया जाता है कि जब इस संयंत्र की
स्थापना के लिए आदिवासियों सहित स्थानीय स्तर पर लोगों की जमीनें अधिग्रहित की जा
रही थीं, उस वक्त लोगों को यह प्रलोभन दिया गया था कि इस पावर प्लांट के डलने के
साथ ही साथ घंसौर क्षेत्र में बिजली की कमी पूरी तरह दूर हो जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि घंसौर के इस पावर
प्लांट का काम इस साल फरवरी में पूरा किया जाकर उत्पादन आरंभ किया जाना चाहिए था, किन्तु अब तक यह काम आरंभ नहीं हो सका
है। इसके साथ ही साथ इसमें उत्पादित होने वाली बिजली का एक भी अंश घंसौर या सिवनी
जिले की झोली में नहीं जाने वाला है।
सूत्रों ने आगे बताया कि घंसौर के
मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के इस पावर प्लांट द्वारा उत्पादित की जाने वाली बिजली
को प्रदेश या केंद्र सरकार को गौतम थापर द्वारा बेचा जाएगा। अगर कुछ हिस्सा प्रदेश
को दिया भी जाएगा तो वह सिवनी जिले को कतई नहीं मिलने वाला है।
बहरहाल लगभग तीस घंटे से घंसौर क्षेत्र
में बिजली नहीं है, और दूसरी ओर प्रदेश की भाजपा सरकार के निजाम शिवराज सिंह चौहान द्वारा
प्रदेश में अटल बिजली योजना का श्रेय बटोरा जा रहा है। इस मामले का दुखद पहलू यह
सामने आ रहा है कि घंसौर में बिजली नहीं है, और विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी इसके
लिए न तो कोई कार्यवाही ही कर रही है और न ही ज्ञापन, धरना या प्रदर्शन जैसा कोई काम कर रही
है।
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