रविवार, 16 दिसंबर 2012

कठपुतली नचाने वाले अहमद सबके सामने कैसे!


कठपुतली नचाने वाले अहमद सबके सामने कैसे!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। लोग हैरान हैं कि आखिर कांग्रेस के संकटमोचक, पर्दे के पीछे से कठपुतली नचाने के माहिर खिलाड़ी, सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल पहली बार पर्दे से बाहर आकर काम कैस कर रहे हैं? आखिर क्या वजह है कि अपने गृह राज्य गुजरात में एकाएक अहमद पटेल ने अति सक्रियता दिखाई है?
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ, (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी कोठी) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अहमद पटेल की वैसे तो कांग्रेस में तूती बोलती है पर अहमद पटेल पर यह आरोप लग रहे हैं कि वे अपने गृह राज्य गुजरात में कांग्रेस को अगर जिला (जिंदा करना) पाए तो पूरे देश की दिशा और दशा के लिए सोनिया गांधी को भला कैसे सलाह दे पाएंगे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी इन आरोपों की आंच आती जा रही है कि बिना रीढ़ के अहमद पटेल की सलाह पर ही चलकर उत्तर प्रदेश जहां से सोनिया और राहुल चुनकर आते हैं में कांग्रेस औंधे मुंह गिरी है। यही कारण है कि अहमद पटेल से सोनिया गांधी ने कहा है कि चाहे परिणाम प्रतिकूल क्यों ना आएं, वे राजनैतिक फ्रंट पर आकर अवश्य खड़े हों ताकि लोगों के मुंह बंद हो जाएं।
पर्दे के पीछे से कठपुतली नचाने के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले अहमद पटेल इन दिनों रेलियों में ना केवल शिरकत कर रहे हैं वरन् रेलियों को संबोधित भी कर रहे हैं। उधर, अहमद पटेल के करीबी सूत्रों का कहना है कि अहमद पटेल के द्वारा समाचार चेनल्स पर भी प्रायोजितसाक्षात्कार भी किए जा रहे हैं। इन बातों में कितनी सच्चाई है इस बारे में तो अहमद पटेल जाने या समाचार चेनल वाले पर पहली बार अहमद पटेल के द्वारा सामने आने पर हर किसी को आश्चर्य होना स्वाभाविक ही है।
अहमद पटेल के द्वारा गुजरात में जो कुछ किया जा रहा है वह निश्चित तौर पर उनकी सोची समझी रणनीति का ही हिस्सा होगा, क्योंकि अहमद पटेल गुजरात में मुख्यमंत्री तो कतई नहीं बनना चाहेंगे, क्योंकि उनकी सलाह पर कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी जो चल रहे हैं।

ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!


ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में ठंड और कोहरे ने कोहराम मचाया हुआ है। दिल्ली आने जाने वाली रेल गाडियां इससे प्रभावित हुए बिना नहीं हैं। वहीं एयरपोर्ट पर कोहरे से निपटने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजामात किए जा रहे हैं। हिमाचल, उत्तराखण्ड सहित पूर्वोत्तर भारत में कोहरे और बर्फ की सफेद चादर पसरी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।
लोगों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने पूछताछ संख्या-139 के अलावा 011-23747110 जारी किया है, जिसपर फोन कर यात्री ट्रेनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा 9717631813 पर भी ट्रेन का पांच अंकों वाला नंबर एसएमएस कर दिल्ली क्षेत्र में आने-जाने वाली ट्रेनों के परिचालन की जानकारी ले सकते हैं। सारी सेवाएं तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। रेल प्रशासन का कहना है कि हमारे लिए ट्रेनों का समय पर परिचालन से ज्यादा महत्वपूर्ण उसमें बैठे सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाना है। इसलिए हम कोई भी जोखिम नहीं ले सकते हैं।
वही दूसरी ओर आइजीआइ एयरपोर्ट पर कोहरे की वजह से विमान यात्रियों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। वहां एयरपोर्ट आपरेशन कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) स्थापित किया गया ह। इसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सहित तमाम विमानन कंपनियों के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहेंगे। सभी विभागों को बीच बेहतर समन्वय तय किया जाएगा, ताकि फ्लाइट रद व देर होने की सही सूचना समय पर यात्रियों को दी जा सके। यात्रियों को इसकी जानकारी एयरपोर्ट पर लगी फ्लाइट इंफोर्मेशन डिसप्ले सिस्टम (एओसीसी) की स्क्रीन पर मिलेगी। इसके अलावा कोहरे के कारण रद हुए विमान के यात्रियों के बैठने के लिए भी अलग से प्रबंध किए गए हैं।
सहीं एयरपोर्ट के मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह संभावना जताई कि इस वर्ष 20 दिसंबर से दिल्ली में घने कोहरे सीजन की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर मौसम की सटीक जानकारी के लिए 10 नए उपकरण सहित मुख्य रनवे पर दृष्टि नामक यंत्र स्थापित किया गया है। इनकी मदद से पिछले चार वर्ष में एयरपोर्ट पर विमान की देरी व रद होने के 30 फीसद मामले कम हुए हैं।
उत्तराखण्ड से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से अर्जुन कुमार ने बताया कि राज्य में कोहरा और बर्फबारी जमकर हो रही है। चकराता से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से अर्जुन कुमार ने बताया कि जौनसारी दीपावली के हिस्सा भिरुड़ी पर्व पर लोगों ने विभिन्न मंदिरों में देव दर्शन कर परिवार की सुख स्मृद्धि की मन्नतें मांगी। भिरुड़ी पर हर गांव में परिवार के मुखिया का मंदिर में दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है, दर्शन न करने पर देवता का दोष लगने की बात कही जाती है। शुक्रवार को बारिश के बावजूद सिमोग के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं ने शिलगुर, विजट व चूडु देवताओं के दर्शन कर मन्नतें मांगी।
कालसी ब्लाक के प्राचीन मंदिर सिमोग में देव पर्व भिरुड़ी पर बारिश के बाद भी देवदर्शन को श्रद्धालुओं का आना शुक्रवार सुबह से ही जारी रहा। मन्नतें मांगने के साथ ही श्रद्धालुओं ने माली बाकियो से प्रश्न लगाकर अपनी समस्याओं के हल के उपाय जाने। डिमऊ गांव में परशुराम देवता के प्राचीन मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए। देवलग्नानुसार देव डोरिया, पालकी मंदिर परिसर में दर्शन को रखी गई थी। बारिश के कारण बढ़ी ठंड में श्रद्धालु ठिठुरते हुए देव दर्शन को उमड़े। मंदिर समिति अध्यक्ष केदार सिंह के अनुसार मौसम खराब होने के बावजूद श्रद्धालुओं का दर्शन करने का क्रम घंटों तक चलता रहा।
वहीं उत्तराखण्ड में पिछले तीन दिनों से बर्फबारी हो रही है। सभी इलाकों में बर्फ गिरने और निचले इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऊंचाई पर स्थित कई मोटर मार्गाे पर बर्फ के कारण आवाजाही बन्द रही। चमोली जिले में चमोली-केदारनाथ मार्ग पर धोतीधार से चोप्ता के बीच मोटरमार्ग पर बर्फ की परत जम जाने से यातायात बाधित रहा।
औली की स्कीईंग ढलाने भी बर्फ से ढक गई हैं। औली स्थित पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक औली में अच्छा हिमपात हो रहा है। बृहस्पतिवार रात से शुरू हुआ हिमपात अभी भी जारी है । हिमपात के कारण औली की स्कीईंग ढलान बर्फ के खेल के लिए तैयार हो गई है। दूसरी और बर्फ गिरने के कारण औली को जोड़ने वाली जोशीमठ-औली मोटर मार्ग भी बर्फ से ढक गया है जिस पर यायायात बाधित हो गया है। यहां सरकारी सूत्रों से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीबदरीनाथ धाम में भी बृहस्पतिवार से लगातार बर्फ गिर रही है। एक फुट से अधिक बर्फ जम गई है। बदरीनाथ के अलावा नन्दादेवी और फूलों की घाटी नैशनल पार्क के बड़ा हिस्सा बर्फ से ढक गया है।
हिमाचल प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के विभिन्न भागों में दिनभर आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड और अधिक बढ़ गई है। इसका असर बिलासपुर शहर के बाजार, बस अड्डे एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया। सार्वजनिक स्थानों पर जहां लोगों की कम आवाजाही देखी गई वहीं अधिकतर बसें भी खाली थीं। अधिकतर स्थानों पर लोग व स्कूली बच्चे ठिठुरते ठंड से बचने के लिए अलाव सेकते नजर आए। उधर, घुमारवीं, कुठेडा, बरठीं, शाहतलाई, स्वारघाट, घागस, बरमाणा, झंडूत्ता, जुखाला, नम्होल, कंदरौर, भगेड़ सहित अन्य क्षेत्रों में भी ठंड का असर देखा गया।
वहीं भारमौर के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र में बर्फबारी का रिकार्ड कायम हो गया है। दिसंबर में शुरू हुई बर्फबारी के तीसरे दौर में अब तक करीब दो फुट बर्फ समूचे क्षेत्र में रिकार्ड की जा चुकी है। अगले चौबीस घंटे में बर्फबारी जारी रही तो भरमौर में तीन से चार फुट तक बर्फ रिकार्ड दर्ज हो सकती है।
मुख्यालय से आसपास के ग्रामीण इलाकों का संपर्क कट गया है। जबकि चंबा-भरमौर मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हो रहा है। लगातार जारी हिमपात की वजह से लोग अपने घरों में दुबक गए हैं। भरमौर में तापमान शून्य डिग्री पर पहुंच गया है। यातायात ठप होने की वजह से लोगों को खासी परेशानियां पेश आ रही हैं। भरमौर में बिजली भी पिछले काफी समय से गुल है। जिसके चलते सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को ठंड में दिनचर्या गुजारनी पड़ रही है। विभाग कर्मचारियों के लिए कोयले का प्रबंध नहीं कर पाया है। जनजातीय क्षेत्र के किसी भी सरकारी कार्यालय में अभी तक कोयला नहीं पहुंचा है। बिजली गुल होने की वजह से अब स्थानीय लोग हीटर में आग सेंकने से भी वंचित हो गए हैं। स्कूल रोजाना खुल रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। लोगों ने प्रशासन से समय पर सर्दियों से निपटने के प्रबंध पुख्ता करने का आह्वान किया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
सूबे में चांबा के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि बारिश व बर्फबारी से चंबा में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। 24 घंटे से लगातार जारी बारिश ने निचले इलाकों में अपना खूब प्रभाव दिखाया है। बारिश के साथ ही चंबा में बिजली का भी संकट बना हुआ है। ऐसे में लोगों को सर्दियों की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश की वजह से कई ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है। चंबा-जोत मार्ग पर बर्फबारी की वजह से यातायात ठप हो गया है। जोत में घूमने निकले पर्यटकों समेत ढाबे व रेस्तरां चलाने वाले लोग बर्फबारी की वजह से फंस गए हैं। मौसम लगातार खराब रहने की वजह से जोत से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। उधर, चंबा-भरमौर मार्ग पर भी बारिश की वजह से आवाजाही प्रभावित हुई है। त्रिलोचन महादेव मंदिर के समीप बारिश की वजह से रूक-रूक कर पत्थर गिरते रहे। प्रशासन ने चंबा-भरमौर मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को सावधान रहने की सलाह दी है। चंबा में मौसम लगातार खराब बना हुआ है व अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भीषण बर्फबारी की वजह से निचले इलाकों में जबरदस्त शीतलहर महसूस की जा रही है।
चंबा शहर में पारा दस डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है। जबकि रात के समय पारा शून्य डिग्री से नीचे पहुंच रहा है। लगातार बढ़ रही ठंड का असर सरकारी विभागों पर भी नजर आने लगा है। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में कोयला जलाने की इजाजत नहीं है और सभी कर्मचारियों को हीटर उपलब्ध करवाए गए हैं। लेकिन बिजली की चौपट व्यवस्था से उन्हें ठंड में अपना काम निपटाना पड़ रहा है। बारिश की वजह से चंबा का बाजार सूना हो गया है। शुक्रवार को लोग जगह-जगह आग सेंकते हुए नजर आए।
चंबा में बारिश व बर्फबारी का प्रभाव जनजीवन पर देखने को मिल रहा है। हालांकि मौसम के इस मिजाज से किसान व बागवान काफी खुश नजर आ रहे हैं। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
राज्य के ऊना से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्राप्त समाचार के अनुसार जिलेभर में वीरवार को भी शीत लहर का प्रकोप जारी रहा। जिले में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। अधिकतम तापमान भी 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिनभर विभिन्न बाजारों से रौनक गायब रही और कई लोग समूहों में आग सेंकते देखे गए। आसमान पर बादल होने और देर शाम को बूंदाबांदी होने से ठंड का प्रकोप और बढ़ गया।
वहीं मनाली से साई ब्यूरो ने बताया कि कुल्लू, मनाली व लाहुल के ऊंची पहाड़ियां बर्फ से लद गई हैं। रोहतांग व बारालाचा दर्रे ने तीन फुट बर्फबारी हुई है। भारी हिमपात से दर्रे में वाहनों की रफ्तार थम गई है और मनाली-केलंग मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। रोहतांग में अब तक तीन फुट हिमापात हो चुका है। स्पीति को लाहुल व मनाली से जोड़ने वाले कुंजुम दर्रे सहित बारालाचा दर्रे में भी भारी हिमपात हुआ है। दर्रे सहित राहनीनाला व मढ़ी में ढाई फुट, ब्यासनाला में दो फुट, राहलाफाल में दो फुट, गुलाबा में पौने दो फुट, सोलंग व कोठी में नौ इंच, पलचान, मछाच व कुलंग में डेढ़ फुट, बाहंग, वशिष्ठ, मनाली गांव व डुंगरी में एक फुट जबकि पर्यटन नगरी मनाली में दस इंच हिमपात हुआ है। मनाली-कुल्लू मार्ग पर पतलीकुहल तक बर्फ के फाहे गिरे हैं। वामतट मार्ग के अलेऊ, जगतसुख, हरिपुर, नगर व घुड़दौड़ बर्फ के फाहों से सराबोर हुए हैं। कुल्लू के फोजल घाटी, नग्गर की पहाडियों, बिजली महादेव, मनीकर्ण की पहाड़ियों, सैंज व बंजार के जोत व जलोड़ी जोत में भी बर्फबारी का क्रम शुरु हो गया है। मनाली व कुल्लू शहर सहित समस्त क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गए हैं।
दूसरी ओर लाहुल घाटी समस्त घाटी में बर्फबारी हुई है। कोकसर में एक फुट, सिसू में आधा फुट, दारचा में नौ इंच, जिस्पा में आठ इंच, सतींगरी में पांच इंच तथा केलंग में छह इंच हिमापात हुआ है। गोंधला, तांदी, गोशाल, ठोलंग, लोट, शांशा, जाहलमा, थिरोट, त्रिलोकनाथ, उदयपुर भी बर्फ के फाहों से सराबोर हो गई हैं। नैनगार व मयाड घाटी सहित पांगी, शौर, पूर्थी व किलाड़ घाटी में एक फुट से अधिक हिमपात हुआ है। बर्फबारी होने के चलते मनाली-केलंग मार्ग पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह से थम गई है। मढ़ी बचाव दल के प्रभारी अनिरुद्ध का कहना है कि मढ़ी में भारी हिमपात हो रहा है, जिस कारण वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। कोकसर बचाव चौकी के प्रभारी लुदर चंद ने बताया कि बचाव दल मौसम की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। मनाली के एसडीएम बलबीर ठाकुर ने कहा कि रोहतांग दर्रा हिमपात से बंद हो गया है। इसलिए कोई भी वाहन चालक जान-जोखिम में न डाले।
जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राजौरी-पुंछ दोनों जिलों के अधिकतर पहाड़ बर्फ की सफेद चादर से पूरी तरह से ढंक चुके हैं। इसके साथ कुछ निचले क्षेत्रों में भी बर्फ गिरने का सिलसिला जारी है। इससे ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आमतौर पर दिसंबर में इतनी बर्फ नहीं गिरती है। लेकिन इस बार प्रकृति ने कुछ जल्दी दिखाई है।
बीती रात से छत्ता पानी, पोशाना, डुगरा, बफैलयाज, डेरा गली, दरहालटॉप, बीजी, जड़ा वाली गली, शाहदरा शरीफ, थन्ना मंडी बुद्धल, समोट आदि में भारी बर्फबारी हो रही है। इन क्षेत्रों के पहाड़ पूरी तरह से बर्फ से लद चुके हैं। वहीं, हिमपात की सूचना मिलते ही लोग डेरा गली व थन्ना क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। लोग वहां जारी हिमपात का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। इस बर्फबारी से राजौरी डेरागली मार्ग बंद हो गया है और मुगल रोड पर भी काफी बर्फबारी हो रही है। अगले कई दिनों तक मुगल रोड पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप रहेगी।
वहीं, पहाड़ों पर लगातार जारी हिमपात से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। इस कारण से लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रजौरी में गुरूवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश थमने का नाम हीं नहीं ले रही है। इस कारण क्षेत्र में ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। अधिकतर लोग दिनभर घर में ही रहे। केवल वहीं लोग सड़कों पर नजर आए जिन्हें कार्यालय या किसी जरूरी काम के लिए जाना था।
पिछले तीन दिनों से निचले क्षेत्रों में जारी बारिश व पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ के गिरने से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आम लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बिजली की अघोषित कटौती भी काफी बढ़ चुकी है। क्षेत्र में मात्र चंद घंटे ही बिजली की सप्लाई दी जा रही है। अधिकतर समय बिजली की कटौती ही की जा रही है।
वहीं, ठंड से बचने के लिए शुक्रवार को हर क्षेत्र में लोग आग ही तापते हुए नजर आए। बाजारों में दुकानदार भी ग्राहकों का इंतजार ही करते रहे और ठंड से बचने के लिए आग का ही सहारा लेते नजर आए। बारिश से क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है।

ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!


ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में ठंड और कोहरे ने कोहराम मचाया हुआ है। दिल्ली आने जाने वाली रेल गाडियां इससे प्रभावित हुए बिना नहीं हैं। वहीं एयरपोर्ट पर कोहरे से निपटने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजामात किए जा रहे हैं। हिमाचल, उत्तराखण्ड सहित पूर्वोत्तर भारत में कोहरे और बर्फ की सफेद चादर पसरी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।
लोगों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने पूछताछ संख्या-139 के अलावा 011-23747110 जारी किया है, जिसपर फोन कर यात्री ट्रेनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा 9717631813 पर भी ट्रेन का पांच अंकों वाला नंबर एसएमएस कर दिल्ली क्षेत्र में आने-जाने वाली ट्रेनों के परिचालन की जानकारी ले सकते हैं। सारी सेवाएं तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। रेल प्रशासन का कहना है कि हमारे लिए ट्रेनों का समय पर परिचालन से ज्यादा महत्वपूर्ण उसमें बैठे सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाना है। इसलिए हम कोई भी जोखिम नहीं ले सकते हैं।
वही दूसरी ओर आइजीआइ एयरपोर्ट पर कोहरे की वजह से विमान यात्रियों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। वहां एयरपोर्ट आपरेशन कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) स्थापित किया गया ह। इसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सहित तमाम विमानन कंपनियों के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहेंगे। सभी विभागों को बीच बेहतर समन्वय तय किया जाएगा, ताकि फ्लाइट रद व देर होने की सही सूचना समय पर यात्रियों को दी जा सके। यात्रियों को इसकी जानकारी एयरपोर्ट पर लगी फ्लाइट इंफोर्मेशन डिसप्ले सिस्टम (एओसीसी) की स्क्रीन पर मिलेगी। इसके अलावा कोहरे के कारण रद हुए विमान के यात्रियों के बैठने के लिए भी अलग से प्रबंध किए गए हैं।
सहीं एयरपोर्ट के मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह संभावना जताई कि इस वर्ष 20 दिसंबर से दिल्ली में घने कोहरे सीजन की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर मौसम की सटीक जानकारी के लिए 10 नए उपकरण सहित मुख्य रनवे पर दृष्टि नामक यंत्र स्थापित किया गया है। इनकी मदद से पिछले चार वर्ष में एयरपोर्ट पर विमान की देरी व रद होने के 30 फीसद मामले कम हुए हैं।
उत्तराखण्ड से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से अर्जुन कुमार ने बताया कि राज्य में कोहरा और बर्फबारी जमकर हो रही है। चकराता से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से अर्जुन कुमार ने बताया कि जौनसारी दीपावली के हिस्सा भिरुड़ी पर्व पर लोगों ने विभिन्न मंदिरों में देव दर्शन कर परिवार की सुख स्मृद्धि की मन्नतें मांगी। भिरुड़ी पर हर गांव में परिवार के मुखिया का मंदिर में दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है, दर्शन न करने पर देवता का दोष लगने की बात कही जाती है। शुक्रवार को बारिश के बावजूद सिमोग के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं ने शिलगुर, विजट व चूडु देवताओं के दर्शन कर मन्नतें मांगी।
कालसी ब्लाक के प्राचीन मंदिर सिमोग में देव पर्व भिरुड़ी पर बारिश के बाद भी देवदर्शन को श्रद्धालुओं का आना शुक्रवार सुबह से ही जारी रहा। मन्नतें मांगने के साथ ही श्रद्धालुओं ने माली बाकियो से प्रश्न लगाकर अपनी समस्याओं के हल के उपाय जाने। डिमऊ गांव में परशुराम देवता के प्राचीन मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए। देवलग्नानुसार देव डोरिया, पालकी मंदिर परिसर में दर्शन को रखी गई थी। बारिश के कारण बढ़ी ठंड में श्रद्धालु ठिठुरते हुए देव दर्शन को उमड़े। मंदिर समिति अध्यक्ष केदार सिंह के अनुसार मौसम खराब होने के बावजूद श्रद्धालुओं का दर्शन करने का क्रम घंटों तक चलता रहा।
वहीं उत्तराखण्ड में पिछले तीन दिनों से बर्फबारी हो रही है। सभी इलाकों में बर्फ गिरने और निचले इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऊंचाई पर स्थित कई मोटर मार्गाे पर बर्फ के कारण आवाजाही बन्द रही। चमोली जिले में चमोली-केदारनाथ मार्ग पर धोतीधार से चोप्ता के बीच मोटरमार्ग पर बर्फ की परत जम जाने से यातायात बाधित रहा।
औली की स्कीईंग ढलाने भी बर्फ से ढक गई हैं। औली स्थित पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक औली में अच्छा हिमपात हो रहा है। बृहस्पतिवार रात से शुरू हुआ हिमपात अभी भी जारी है । हिमपात के कारण औली की स्कीईंग ढलान बर्फ के खेल के लिए तैयार हो गई है। दूसरी और बर्फ गिरने के कारण औली को जोड़ने वाली जोशीमठ-औली मोटर मार्ग भी बर्फ से ढक गया है जिस पर यायायात बाधित हो गया है। यहां सरकारी सूत्रों से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीबदरीनाथ धाम में भी बृहस्पतिवार से लगातार बर्फ गिर रही है। एक फुट से अधिक बर्फ जम गई है। बदरीनाथ के अलावा नन्दादेवी और फूलों की घाटी नैशनल पार्क के बड़ा हिस्सा बर्फ से ढक गया है।
हिमाचल प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के विभिन्न भागों में दिनभर आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड और अधिक बढ़ गई है। इसका असर बिलासपुर शहर के बाजार, बस अड्डे एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया। सार्वजनिक स्थानों पर जहां लोगों की कम आवाजाही देखी गई वहीं अधिकतर बसें भी खाली थीं। अधिकतर स्थानों पर लोग व स्कूली बच्चे ठिठुरते ठंड से बचने के लिए अलाव सेकते नजर आए। उधर, घुमारवीं, कुठेडा, बरठीं, शाहतलाई, स्वारघाट, घागस, बरमाणा, झंडूत्ता, जुखाला, नम्होल, कंदरौर, भगेड़ सहित अन्य क्षेत्रों में भी ठंड का असर देखा गया।
वहीं भारमौर के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र में बर्फबारी का रिकार्ड कायम हो गया है। दिसंबर में शुरू हुई बर्फबारी के तीसरे दौर में अब तक करीब दो फुट बर्फ समूचे क्षेत्र में रिकार्ड की जा चुकी है। अगले चौबीस घंटे में बर्फबारी जारी रही तो भरमौर में तीन से चार फुट तक बर्फ रिकार्ड दर्ज हो सकती है।
मुख्यालय से आसपास के ग्रामीण इलाकों का संपर्क कट गया है। जबकि चंबा-भरमौर मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हो रहा है। लगातार जारी हिमपात की वजह से लोग अपने घरों में दुबक गए हैं। भरमौर में तापमान शून्य डिग्री पर पहुंच गया है। यातायात ठप होने की वजह से लोगों को खासी परेशानियां पेश आ रही हैं। भरमौर में बिजली भी पिछले काफी समय से गुल है। जिसके चलते सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को ठंड में दिनचर्या गुजारनी पड़ रही है। विभाग कर्मचारियों के लिए कोयले का प्रबंध नहीं कर पाया है। जनजातीय क्षेत्र के किसी भी सरकारी कार्यालय में अभी तक कोयला नहीं पहुंचा है। बिजली गुल होने की वजह से अब स्थानीय लोग हीटर में आग सेंकने से भी वंचित हो गए हैं। स्कूल रोजाना खुल रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। लोगों ने प्रशासन से समय पर सर्दियों से निपटने के प्रबंध पुख्ता करने का आह्वान किया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
सूबे में चांबा के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि बारिश व बर्फबारी से चंबा में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। 24 घंटे से लगातार जारी बारिश ने निचले इलाकों में अपना खूब प्रभाव दिखाया है। बारिश के साथ ही चंबा में बिजली का भी संकट बना हुआ है। ऐसे में लोगों को सर्दियों की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश की वजह से कई ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है। चंबा-जोत मार्ग पर बर्फबारी की वजह से यातायात ठप हो गया है। जोत में घूमने निकले पर्यटकों समेत ढाबे व रेस्तरां चलाने वाले लोग बर्फबारी की वजह से फंस गए हैं। मौसम लगातार खराब रहने की वजह से जोत से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। उधर, चंबा-भरमौर मार्ग पर भी बारिश की वजह से आवाजाही प्रभावित हुई है। त्रिलोचन महादेव मंदिर के समीप बारिश की वजह से रूक-रूक कर पत्थर गिरते रहे। प्रशासन ने चंबा-भरमौर मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को सावधान रहने की सलाह दी है। चंबा में मौसम लगातार खराब बना हुआ है व अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भीषण बर्फबारी की वजह से निचले इलाकों में जबरदस्त शीतलहर महसूस की जा रही है।
चंबा शहर में पारा दस डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है। जबकि रात के समय पारा शून्य डिग्री से नीचे पहुंच रहा है। लगातार बढ़ रही ठंड का असर सरकारी विभागों पर भी नजर आने लगा है। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में कोयला जलाने की इजाजत नहीं है और सभी कर्मचारियों को हीटर उपलब्ध करवाए गए हैं। लेकिन बिजली की चौपट व्यवस्था से उन्हें ठंड में अपना काम निपटाना पड़ रहा है। बारिश की वजह से चंबा का बाजार सूना हो गया है। शुक्रवार को लोग जगह-जगह आग सेंकते हुए नजर आए।
चंबा में बारिश व बर्फबारी का प्रभाव जनजीवन पर देखने को मिल रहा है। हालांकि मौसम के इस मिजाज से किसान व बागवान काफी खुश नजर आ रहे हैं। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
राज्य के ऊना से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्राप्त समाचार के अनुसार जिलेभर में वीरवार को भी शीत लहर का प्रकोप जारी रहा। जिले में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। अधिकतम तापमान भी 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिनभर विभिन्न बाजारों से रौनक गायब रही और कई लोग समूहों में आग सेंकते देखे गए। आसमान पर बादल होने और देर शाम को बूंदाबांदी होने से ठंड का प्रकोप और बढ़ गया।
वहीं मनाली से साई ब्यूरो ने बताया कि कुल्लू, मनाली व लाहुल के ऊंची पहाड़ियां बर्फ से लद गई हैं। रोहतांग व बारालाचा दर्रे ने तीन फुट बर्फबारी हुई है। भारी हिमपात से दर्रे में वाहनों की रफ्तार थम गई है और मनाली-केलंग मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। रोहतांग में अब तक तीन फुट हिमापात हो चुका है। स्पीति को लाहुल व मनाली से जोड़ने वाले कुंजुम दर्रे सहित बारालाचा दर्रे में भी भारी हिमपात हुआ है। दर्रे सहित राहनीनाला व मढ़ी में ढाई फुट, ब्यासनाला में दो फुट, राहलाफाल में दो फुट, गुलाबा में पौने दो फुट, सोलंग व कोठी में नौ इंच, पलचान, मछाच व कुलंग में डेढ़ फुट, बाहंग, वशिष्ठ, मनाली गांव व डुंगरी में एक फुट जबकि पर्यटन नगरी मनाली में दस इंच हिमपात हुआ है। मनाली-कुल्लू मार्ग पर पतलीकुहल तक बर्फ के फाहे गिरे हैं। वामतट मार्ग के अलेऊ, जगतसुख, हरिपुर, नगर व घुड़दौड़ बर्फ के फाहों से सराबोर हुए हैं। कुल्लू के फोजल घाटी, नग्गर की पहाडियों, बिजली महादेव, मनीकर्ण की पहाड़ियों, सैंज व बंजार के जोत व जलोड़ी जोत में भी बर्फबारी का क्रम शुरु हो गया है। मनाली व कुल्लू शहर सहित समस्त क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गए हैं।
दूसरी ओर लाहुल घाटी समस्त घाटी में बर्फबारी हुई है। कोकसर में एक फुट, सिसू में आधा फुट, दारचा में नौ इंच, जिस्पा में आठ इंच, सतींगरी में पांच इंच तथा केलंग में छह इंच हिमापात हुआ है। गोंधला, तांदी, गोशाल, ठोलंग, लोट, शांशा, जाहलमा, थिरोट, त्रिलोकनाथ, उदयपुर भी बर्फ के फाहों से सराबोर हो गई हैं। नैनगार व मयाड घाटी सहित पांगी, शौर, पूर्थी व किलाड़ घाटी में एक फुट से अधिक हिमपात हुआ है। बर्फबारी होने के चलते मनाली-केलंग मार्ग पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह से थम गई है। मढ़ी बचाव दल के प्रभारी अनिरुद्ध का कहना है कि मढ़ी में भारी हिमपात हो रहा है, जिस कारण वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। कोकसर बचाव चौकी के प्रभारी लुदर चंद ने बताया कि बचाव दल मौसम की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। मनाली के एसडीएम बलबीर ठाकुर ने कहा कि रोहतांग दर्रा हिमपात से बंद हो गया है। इसलिए कोई भी वाहन चालक जान-जोखिम में न डाले।
जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राजौरी-पुंछ दोनों जिलों के अधिकतर पहाड़ बर्फ की सफेद चादर से पूरी तरह से ढंक चुके हैं। इसके साथ कुछ निचले क्षेत्रों में भी बर्फ गिरने का सिलसिला जारी है। इससे ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आमतौर पर दिसंबर में इतनी बर्फ नहीं गिरती है। लेकिन इस बार प्रकृति ने कुछ जल्दी दिखाई है।
बीती रात से छत्ता पानी, पोशाना, डुगरा, बफैलयाज, डेरा गली, दरहालटॉप, बीजी, जड़ा वाली गली, शाहदरा शरीफ, थन्ना मंडी बुद्धल, समोट आदि में भारी बर्फबारी हो रही है। इन क्षेत्रों के पहाड़ पूरी तरह से बर्फ से लद चुके हैं। वहीं, हिमपात की सूचना मिलते ही लोग डेरा गली व थन्ना क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। लोग वहां जारी हिमपात का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। इस बर्फबारी से राजौरी डेरागली मार्ग बंद हो गया है और मुगल रोड पर भी काफी बर्फबारी हो रही है। अगले कई दिनों तक मुगल रोड पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप रहेगी।
वहीं, पहाड़ों पर लगातार जारी हिमपात से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। इस कारण से लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रजौरी में गुरूवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश थमने का नाम हीं नहीं ले रही है। इस कारण क्षेत्र में ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। अधिकतर लोग दिनभर घर में ही रहे। केवल वहीं लोग सड़कों पर नजर आए जिन्हें कार्यालय या किसी जरूरी काम के लिए जाना था।
पिछले तीन दिनों से निचले क्षेत्रों में जारी बारिश व पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ के गिरने से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आम लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बिजली की अघोषित कटौती भी काफी बढ़ चुकी है। क्षेत्र में मात्र चंद घंटे ही बिजली की सप्लाई दी जा रही है। अधिकतर समय बिजली की कटौती ही की जा रही है।
वहीं, ठंड से बचने के लिए शुक्रवार को हर क्षेत्र में लोग आग ही तापते हुए नजर आए। बाजारों में दुकानदार भी ग्राहकों का इंतजार ही करते रहे और ठंड से बचने के लिए आग का ही सहारा लेते नजर आए। बारिश से क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है।

ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!


ठंड और कोहरे ने रोका जनजीवन!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में ठंड और कोहरे ने कोहराम मचाया हुआ है। दिल्ली आने जाने वाली रेल गाडियां इससे प्रभावित हुए बिना नहीं हैं। वहीं एयरपोर्ट पर कोहरे से निपटने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजामात किए जा रहे हैं। हिमाचल, उत्तराखण्ड सहित पूर्वोत्तर भारत में कोहरे और बर्फ की सफेद चादर पसरी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।
लोगों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने पूछताछ संख्या-139 के अलावा 011-23747110 जारी किया है, जिसपर फोन कर यात्री ट्रेनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा 9717631813 पर भी ट्रेन का पांच अंकों वाला नंबर एसएमएस कर दिल्ली क्षेत्र में आने-जाने वाली ट्रेनों के परिचालन की जानकारी ले सकते हैं। सारी सेवाएं तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। रेल प्रशासन का कहना है कि हमारे लिए ट्रेनों का समय पर परिचालन से ज्यादा महत्वपूर्ण उसमें बैठे सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाना है। इसलिए हम कोई भी जोखिम नहीं ले सकते हैं।
वही दूसरी ओर आइजीआइ एयरपोर्ट पर कोहरे की वजह से विमान यात्रियों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। वहां एयरपोर्ट आपरेशन कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) स्थापित किया गया ह। इसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सहित तमाम विमानन कंपनियों के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहेंगे। सभी विभागों को बीच बेहतर समन्वय तय किया जाएगा, ताकि फ्लाइट रद व देर होने की सही सूचना समय पर यात्रियों को दी जा सके। यात्रियों को इसकी जानकारी एयरपोर्ट पर लगी फ्लाइट इंफोर्मेशन डिसप्ले सिस्टम (एओसीसी) की स्क्रीन पर मिलेगी। इसके अलावा कोहरे के कारण रद हुए विमान के यात्रियों के बैठने के लिए भी अलग से प्रबंध किए गए हैं।
सहीं एयरपोर्ट के मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह संभावना जताई कि इस वर्ष 20 दिसंबर से दिल्ली में घने कोहरे सीजन की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर मौसम की सटीक जानकारी के लिए 10 नए उपकरण सहित मुख्य रनवे पर दृष्टि नामक यंत्र स्थापित किया गया है। इनकी मदद से पिछले चार वर्ष में एयरपोर्ट पर विमान की देरी व रद होने के 30 फीसद मामले कम हुए हैं।
उत्तराखण्ड से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से अर्जुन कुमार ने बताया कि राज्य में कोहरा और बर्फबारी जमकर हो रही है। चकराता से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से अर्जुन कुमार ने बताया कि जौनसारी दीपावली के हिस्सा भिरुड़ी पर्व पर लोगों ने विभिन्न मंदिरों में देव दर्शन कर परिवार की सुख स्मृद्धि की मन्नतें मांगी। भिरुड़ी पर हर गांव में परिवार के मुखिया का मंदिर में दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है, दर्शन न करने पर देवता का दोष लगने की बात कही जाती है। शुक्रवार को बारिश के बावजूद सिमोग के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं ने शिलगुर, विजट व चूडु देवताओं के दर्शन कर मन्नतें मांगी।
कालसी ब्लाक के प्राचीन मंदिर सिमोग में देव पर्व भिरुड़ी पर बारिश के बाद भी देवदर्शन को श्रद्धालुओं का आना शुक्रवार सुबह से ही जारी रहा। मन्नतें मांगने के साथ ही श्रद्धालुओं ने माली बाकियो से प्रश्न लगाकर अपनी समस्याओं के हल के उपाय जाने। डिमऊ गांव में परशुराम देवता के प्राचीन मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए। देवलग्नानुसार देव डोरिया, पालकी मंदिर परिसर में दर्शन को रखी गई थी। बारिश के कारण बढ़ी ठंड में श्रद्धालु ठिठुरते हुए देव दर्शन को उमड़े। मंदिर समिति अध्यक्ष केदार सिंह के अनुसार मौसम खराब होने के बावजूद श्रद्धालुओं का दर्शन करने का क्रम घंटों तक चलता रहा।
वहीं उत्तराखण्ड में पिछले तीन दिनों से बर्फबारी हो रही है। सभी इलाकों में बर्फ गिरने और निचले इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऊंचाई पर स्थित कई मोटर मार्गाे पर बर्फ के कारण आवाजाही बन्द रही। चमोली जिले में चमोली-केदारनाथ मार्ग पर धोतीधार से चोप्ता के बीच मोटरमार्ग पर बर्फ की परत जम जाने से यातायात बाधित रहा।
औली की स्कीईंग ढलाने भी बर्फ से ढक गई हैं। औली स्थित पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक औली में अच्छा हिमपात हो रहा है। बृहस्पतिवार रात से शुरू हुआ हिमपात अभी भी जारी है । हिमपात के कारण औली की स्कीईंग ढलान बर्फ के खेल के लिए तैयार हो गई है। दूसरी और बर्फ गिरने के कारण औली को जोड़ने वाली जोशीमठ-औली मोटर मार्ग भी बर्फ से ढक गया है जिस पर यायायात बाधित हो गया है। यहां सरकारी सूत्रों से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीबदरीनाथ धाम में भी बृहस्पतिवार से लगातार बर्फ गिर रही है। एक फुट से अधिक बर्फ जम गई है। बदरीनाथ के अलावा नन्दादेवी और फूलों की घाटी नैशनल पार्क के बड़ा हिस्सा बर्फ से ढक गया है।
हिमाचल प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के विभिन्न भागों में दिनभर आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड और अधिक बढ़ गई है। इसका असर बिलासपुर शहर के बाजार, बस अड्डे एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया। सार्वजनिक स्थानों पर जहां लोगों की कम आवाजाही देखी गई वहीं अधिकतर बसें भी खाली थीं। अधिकतर स्थानों पर लोग व स्कूली बच्चे ठिठुरते ठंड से बचने के लिए अलाव सेकते नजर आए। उधर, घुमारवीं, कुठेडा, बरठीं, शाहतलाई, स्वारघाट, घागस, बरमाणा, झंडूत्ता, जुखाला, नम्होल, कंदरौर, भगेड़ सहित अन्य क्षेत्रों में भी ठंड का असर देखा गया।
वहीं भारमौर के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र में बर्फबारी का रिकार्ड कायम हो गया है। दिसंबर में शुरू हुई बर्फबारी के तीसरे दौर में अब तक करीब दो फुट बर्फ समूचे क्षेत्र में रिकार्ड की जा चुकी है। अगले चौबीस घंटे में बर्फबारी जारी रही तो भरमौर में तीन से चार फुट तक बर्फ रिकार्ड दर्ज हो सकती है।
मुख्यालय से आसपास के ग्रामीण इलाकों का संपर्क कट गया है। जबकि चंबा-भरमौर मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हो रहा है। लगातार जारी हिमपात की वजह से लोग अपने घरों में दुबक गए हैं। भरमौर में तापमान शून्य डिग्री पर पहुंच गया है। यातायात ठप होने की वजह से लोगों को खासी परेशानियां पेश आ रही हैं। भरमौर में बिजली भी पिछले काफी समय से गुल है। जिसके चलते सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को ठंड में दिनचर्या गुजारनी पड़ रही है। विभाग कर्मचारियों के लिए कोयले का प्रबंध नहीं कर पाया है। जनजातीय क्षेत्र के किसी भी सरकारी कार्यालय में अभी तक कोयला नहीं पहुंचा है। बिजली गुल होने की वजह से अब स्थानीय लोग हीटर में आग सेंकने से भी वंचित हो गए हैं। स्कूल रोजाना खुल रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। लोगों ने प्रशासन से समय पर सर्दियों से निपटने के प्रबंध पुख्ता करने का आह्वान किया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।
सूबे में चांबा के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के हवाले से उन्होंने बताया कि बारिश व बर्फबारी से चंबा में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। 24 घंटे से लगातार जारी बारिश ने निचले इलाकों में अपना खूब प्रभाव दिखाया है। बारिश के साथ ही चंबा में बिजली का भी संकट बना हुआ है। ऐसे में लोगों को सर्दियों की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश की वजह से कई ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है। चंबा-जोत मार्ग पर बर्फबारी की वजह से यातायात ठप हो गया है। जोत में घूमने निकले पर्यटकों समेत ढाबे व रेस्तरां चलाने वाले लोग बर्फबारी की वजह से फंस गए हैं। मौसम लगातार खराब रहने की वजह से जोत से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। उधर, चंबा-भरमौर मार्ग पर भी बारिश की वजह से आवाजाही प्रभावित हुई है। त्रिलोचन महादेव मंदिर के समीप बारिश की वजह से रूक-रूक कर पत्थर गिरते रहे। प्रशासन ने चंबा-भरमौर मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को सावधान रहने की सलाह दी है। चंबा में मौसम लगातार खराब बना हुआ है व अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भीषण बर्फबारी की वजह से निचले इलाकों में जबरदस्त शीतलहर महसूस की जा रही है।
चंबा शहर में पारा दस डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है। जबकि रात के समय पारा शून्य डिग्री से नीचे पहुंच रहा है। लगातार बढ़ रही ठंड का असर सरकारी विभागों पर भी नजर आने लगा है। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में कोयला जलाने की इजाजत नहीं है और सभी कर्मचारियों को हीटर उपलब्ध करवाए गए हैं। लेकिन बिजली की चौपट व्यवस्था से उन्हें ठंड में अपना काम निपटाना पड़ रहा है। बारिश की वजह से चंबा का बाजार सूना हो गया है। शुक्रवार को लोग जगह-जगह आग सेंकते हुए नजर आए।
चंबा में बारिश व बर्फबारी का प्रभाव जनजीवन पर देखने को मिल रहा है। हालांकि मौसम के इस मिजाज से किसान व बागवान काफी खुश नजर आ रहे हैं। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
राज्य के ऊना से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्राप्त समाचार के अनुसार जिलेभर में वीरवार को भी शीत लहर का प्रकोप जारी रहा। जिले में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। अधिकतम तापमान भी 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिनभर विभिन्न बाजारों से रौनक गायब रही और कई लोग समूहों में आग सेंकते देखे गए। आसमान पर बादल होने और देर शाम को बूंदाबांदी होने से ठंड का प्रकोप और बढ़ गया।
वहीं मनाली से साई ब्यूरो ने बताया कि कुल्लू, मनाली व लाहुल के ऊंची पहाड़ियां बर्फ से लद गई हैं। रोहतांग व बारालाचा दर्रे ने तीन फुट बर्फबारी हुई है। भारी हिमपात से दर्रे में वाहनों की रफ्तार थम गई है और मनाली-केलंग मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। रोहतांग में अब तक तीन फुट हिमापात हो चुका है। स्पीति को लाहुल व मनाली से जोड़ने वाले कुंजुम दर्रे सहित बारालाचा दर्रे में भी भारी हिमपात हुआ है। दर्रे सहित राहनीनाला व मढ़ी में ढाई फुट, ब्यासनाला में दो फुट, राहलाफाल में दो फुट, गुलाबा में पौने दो फुट, सोलंग व कोठी में नौ इंच, पलचान, मछाच व कुलंग में डेढ़ फुट, बाहंग, वशिष्ठ, मनाली गांव व डुंगरी में एक फुट जबकि पर्यटन नगरी मनाली में दस इंच हिमपात हुआ है। मनाली-कुल्लू मार्ग पर पतलीकुहल तक बर्फ के फाहे गिरे हैं। वामतट मार्ग के अलेऊ, जगतसुख, हरिपुर, नगर व घुड़दौड़ बर्फ के फाहों से सराबोर हुए हैं। कुल्लू के फोजल घाटी, नग्गर की पहाडियों, बिजली महादेव, मनीकर्ण की पहाड़ियों, सैंज व बंजार के जोत व जलोड़ी जोत में भी बर्फबारी का क्रम शुरु हो गया है। मनाली व कुल्लू शहर सहित समस्त क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गए हैं।
दूसरी ओर लाहुल घाटी समस्त घाटी में बर्फबारी हुई है। कोकसर में एक फुट, सिसू में आधा फुट, दारचा में नौ इंच, जिस्पा में आठ इंच, सतींगरी में पांच इंच तथा केलंग में छह इंच हिमापात हुआ है। गोंधला, तांदी, गोशाल, ठोलंग, लोट, शांशा, जाहलमा, थिरोट, त्रिलोकनाथ, उदयपुर भी बर्फ के फाहों से सराबोर हो गई हैं। नैनगार व मयाड घाटी सहित पांगी, शौर, पूर्थी व किलाड़ घाटी में एक फुट से अधिक हिमपात हुआ है। बर्फबारी होने के चलते मनाली-केलंग मार्ग पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह से थम गई है। मढ़ी बचाव दल के प्रभारी अनिरुद्ध का कहना है कि मढ़ी में भारी हिमपात हो रहा है, जिस कारण वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। कोकसर बचाव चौकी के प्रभारी लुदर चंद ने बताया कि बचाव दल मौसम की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। मनाली के एसडीएम बलबीर ठाकुर ने कहा कि रोहतांग दर्रा हिमपात से बंद हो गया है। इसलिए कोई भी वाहन चालक जान-जोखिम में न डाले।
जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राजौरी-पुंछ दोनों जिलों के अधिकतर पहाड़ बर्फ की सफेद चादर से पूरी तरह से ढंक चुके हैं। इसके साथ कुछ निचले क्षेत्रों में भी बर्फ गिरने का सिलसिला जारी है। इससे ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आमतौर पर दिसंबर में इतनी बर्फ नहीं गिरती है। लेकिन इस बार प्रकृति ने कुछ जल्दी दिखाई है।
बीती रात से छत्ता पानी, पोशाना, डुगरा, बफैलयाज, डेरा गली, दरहालटॉप, बीजी, जड़ा वाली गली, शाहदरा शरीफ, थन्ना मंडी बुद्धल, समोट आदि में भारी बर्फबारी हो रही है। इन क्षेत्रों के पहाड़ पूरी तरह से बर्फ से लद चुके हैं। वहीं, हिमपात की सूचना मिलते ही लोग डेरा गली व थन्ना क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। लोग वहां जारी हिमपात का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। इस बर्फबारी से राजौरी डेरागली मार्ग बंद हो गया है और मुगल रोड पर भी काफी बर्फबारी हो रही है। अगले कई दिनों तक मुगल रोड पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप रहेगी।
वहीं, पहाड़ों पर लगातार जारी हिमपात से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। इस कारण से लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रजौरी में गुरूवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश थमने का नाम हीं नहीं ले रही है। इस कारण क्षेत्र में ठंड का प्रकोप काफी तेज हो गया है। अधिकतर लोग दिनभर घर में ही रहे। केवल वहीं लोग सड़कों पर नजर आए जिन्हें कार्यालय या किसी जरूरी काम के लिए जाना था।
पिछले तीन दिनों से निचले क्षेत्रों में जारी बारिश व पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ के गिरने से ठंड का प्रकोप काफी तेज हो चुका है। आम लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बिजली की अघोषित कटौती भी काफी बढ़ चुकी है। क्षेत्र में मात्र चंद घंटे ही बिजली की सप्लाई दी जा रही है। अधिकतर समय बिजली की कटौती ही की जा रही है।
वहीं, ठंड से बचने के लिए शुक्रवार को हर क्षेत्र में लोग आग ही तापते हुए नजर आए। बाजारों में दुकानदार भी ग्राहकों का इंतजार ही करते रहे और ठंड से बचने के लिए आग का ही सहारा लेते नजर आए। बारिश से क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है।