शुक्रवार, 7 मार्च 2014

लूघरवाड़ा में पेड़ से बरसी चिंगारी




(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल के कारिंदों की कारगुजारियां और लापरवाही का जीता जागता नमूना गत दिवस लूघरवाड़ा में आईपीएस स्कूल के पास देखने को मिला। यहां बिजली का एक तार सड़क किनारे लगे एक पेड़ से तीन दिनों से रगड़ खा रहा था। अंत में इससे निकलने वाली चिंगारियों से लोग भयभीत हो गए। कुछ ही देर में बिजली का वह तार सुर्ख लाल हुआ और टूटकर गिर गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर के उपनगरीय क्षेत्र लूघरवाड़ा मार्ग पर सड़क किनारे एक पेड़ की मोटी डगाल के पास से गुजरने वाला बिजली का एक तार पेड़ की डगाल से टकरा रहा था। जैसे ही यह पेड़ से टकराता वैसे ही वहां चिंगारियां निकलने लगतीं।
लोगों ने बताया कि चिंगारी देखकर लग रहा था कि इस तार में करंट प्रवाहित हो रहा था। बुधवार की दोपहर इस तार और पेड़ के संसर्ग से वहां धंुआ उठने लगा। देखते ही देखते चिंगारी शोला बन गई और पेड़ की डाल पर आग दिखाई देने लगी। चंद मिनिट में ही वह तार सुर्ख लाल हुआ और टूटकर जमीन पर गिर गया।
लोगों के अनुसार इस तार में करंट का प्रवाह जारी था। इसकी सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई। बावजूद इसके काफी देर तक न तो पुलिस का ही कोई कारिंदा मौके पर पहुंचा और न ही विद्युत विभाग ने ही अपने कर्मचारी मौके पर भेजने की जहमत उठाई।

लखनादौन की धान सही, सिवनी की सड़ी!




(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। बहुतायत में लोगों ने बचपन में अपने कोर्स की किताब में उसी से ठंडा, उसी से गरमशीर्षक का पाठ पढ़ा होगा। इसी तर्ज पर सिवनी में धान संग्रहण होता दिख रहा है। एक ही सरकारी एजेंसी द्वारा सिवनी के पास और लखनादौन सहित अनेक स्थानों में ई-उपार्जन के माध्यम से खरीदी गई धान का संग्रहण करवाया गया है। इसमें से लखनादौन की धान अपेक्षाकृत कम मात्रा में ही सड़ पाई है, जबकि सिवनी की धान का बड़ा हिस्सा सड़ चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनादौन के कैप में रखी धान कम मात्रा में ही खराब हो पाई है। प्रशासनिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लखनादौन में रखी धान का रखरखाव उचित तरीके से किया गया। इस धान को बारिश के पहले ही कैप में कैप लगाकर रख दिया गया था। यही कारण है कि वहां रखी धान उठाव के समय भी सुरक्षित ही प्रतीत हुई।
वहीं दूसरी ओर सिवनी के नरेला और अन्य कैप में रखी धान का रखरखाव उचित तरीके से नहीं करवाया गया। दिसंबर माह मे ही धान को कैप में, खुले में रखा गया था। इस संबंध में जब उस वक्त जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो जिम्मेदार अधिकारियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया था कि धान को सुखाने के लिए खोलकर रखा गया है। खुली धान असमय होने वाली बारिश में भीग गई थी, जिसमें से धान की बोरियों में फफूंद भी लग गया था। इसी तरह धारना क्षेत्र में भी ई-उपार्जन के माध्यम से खरीदी गई धान के बोरे खुले रखे हुए हैं।

पक्षी खा रहे धान
अनेक स्थानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खुले में रखे धान के बोरों पर तोते, कौए एवं अन्य पक्षियों के झुंड हमला कर रहे हैं। इन पक्षियों के द्वारा धान के बोरों से धान निकालकर खाई जा रही है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर भी अनेक छायाचित्र इस आशय वाले वायरल हो रहे हैं, पर प्रशासन का ध्यान इस ओर न जाना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।

गायब हैं धान की बोरियां!
वहीं, प्रशासनिक सूत्रों ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि धान सड़ाने के पीछे जिम्मेदार अधिकारियों की मंशा स्पष्ट है। अधिकारियों, कर्मचारियों ने जानबूझकर धान को सड़वाया है। कहा जा रहा है कि धान के स्टेग से सरकारी स्तर पर निकासी के दौरान धान के अनेक वाहन बिना किसी इंद्राज के ही निकाल दिए गए और खुले बाजारों में बेच दिए गए हैं। अब स्टाक को बराबर करने की गरज से धान को सड़वा दिया गया है, ताकि धान का स्टाक मिलाया जा सके।

अवैध यात्री बस, पिसते यात्री




(शरद खरे)

प्रदेश भर में अवैध रूप से संचालित होने वाली यात्री बस एक तरफ तो यात्रियों की जेबें ढीली कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर शासन के राजस्व में भी सेंध लगा रही हैं। अवैध रूप से संचालित होने वाली यात्री बसों के संचालकों के लिए सिवनी बेहद मुफीद ही साबित हो रहा है। सिवनी में अवैध यात्री बसों का धंधा जमकर चल रहा है। अवैध यात्री बसों के परमिट, फिटनेस, आदि की जांच करना न तो परिवहन विभाग के ही बस की बात रह गई है और न ही यातायात पुलिस की नजरें ही इन पर इनायत हो रही हैं। सिवनी में अवैध यात्री बसों का गोरखधंधा सालों साल से बदस्तूर चल रहा है।
सिवनी जिले में अवैध यात्री बसों पर पूर्व जिला कलेक्टर मनोहर दुबे एवं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रमन सिंह सिकरवार ने बंदिश लगवा दी थी। उस समय सिवनी जिले में अवैध यात्री बस न तो शहर में ही प्रवेश कर पाती थीं और न ही सवारियां ही भर पाती थीं। इन दोनों ही अधिकारियों के स्थानांतरण के उपरांत अवैध यात्री बसों का सिवनी में प्रवेश एक बार फिर आरंभ हुआ जो अब तक नहीं रूक सका है।
वर्तमान में यह सब तब हो रहा है जबकि बस स्टैंड परिसर में ही यातायात पुलिस की एक चौकी भी स्थापित हो चुकी है। अब तो यातायात पुलिस के पास यह कहने का बहाना भी नहीं रह जाता है कि उसके पास अमले की कमी है। अगर बस स्टैंड में पुलिस चौकी स्थापित है तो निश्चित तौर पर कम से कम एक कर्मचारी तो वहां तैनात रहता ही होगा। क्या उस कर्मचारी का यह कर्तव्य नहीं है कि बस स्टैंड परिसर के इर्द गिर्द या अंदर से सरे आम सवारी भरने वाली यात्री बस को पकड़कर थाने के प्रांगण में खड़ा करवाए?
ऐसा नहीं है कि पुलिस या प्रशासन के आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि यह सब अवैध काम तेजी से संचालित हो रहे हैं। दरअसल, इनमें से अधिकांश बस या तो प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हैं या फिर लक्ष्मी मैया की कृपा से इन बसों को दो नंबर में संचालित किया जा रहा है। परिवहन विभाग के आला अधिकारी तो न जाने कब से सड़कों पर दिखे तक नहीं हैं।
एक समय था जबकि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा जिला न्यायालय के किसी न किसी माननीय न्यायधीश के साथ वाहनों की चेकिंग का कार्य किया जाता था। इसे मजिस्ट्रेट चेकिंग का नाम दिया जाता था। इस चेकिंग में बचने की गुंजाईश कम ही हुआ करती थी। माननीय न्यायधीश के सामने पुलिस और परिवहन महकमे के कर्मचारी अधिकारी वाहन के संचालकों, वाहन चालकों के साथ सेटिंग नहीं कर पाते थे।
सिवनी शहर में वाहनों की रेलमपेल किसी से छिपी नहंीं है। अवैध बस संचालक एक तो गलत कार्य को अंजाम देते हैं, साथ ही साथ उनके द्वारा शहर भर में जगह-जगह बस रोककर न केवल सवारी बैठाई जाती है वरन् सामान भी भरा जाता है, जिससे आने जाने वाले राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। राहगीरों की परेशानी से भला किसी को क्या लेना देना। दो पहिया वाहन चालक परेशान होते हैं तो होते रहें। यात्री परेशान हों, नागरिक परेशान हों होते रहें, पर इन अवैध बसों पर कार्यवाही न करने का अघोषित प्रण शायद यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने ले रखा है, जिसे वे बदस्तूर जारी रखे हुए हैं। अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या कारण है कि अवैध बसें आज भी सड़कों का सीना बेरहमी से रौंद रहीं हैं।

पुलिस हूटर से शहर में हड़कंप!


 चुनाव की घोषणा के साथ ही सक्रिय हुआ पुलिस महकमा, परीक्षाओं की नहीं की परवाह

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। लोकसभा की मुनादी के साथ ही प्रशासन ने निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए कमर कस ली है। आज जिला कलेक्टरेट के सभा कक्ष में बैठकों के दौर चले तो शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर पुलिस के लगभग डेढ़ दर्जन वाहन पूरी ताकत से हूटर बजाते, बत्ती चमकाते घूमते दिखे जिससे हड़कंप मच गया।
आज शाम ढलते ही सर्किट हाउस चौराहे से बाहुबली चौक, मिशन स्कूल होते हुए पुलिस वाहनों का काफिला निकला। जैसे ही लोगों के कानों में पुलिस के कर्कश हूटर्स की आवाज गूंजी, वैसे ही लोग सकते में आ गए। अतिसंवेदनशील की श्रेणी में शामिल सिवनी जिले में दिन या शाम ढलते ही हूटर बजने से लोगों के मानस पटल पर अनिष्ट की आशंकाएं ही छाने लगती हैं।
शाम को जैसे ही हूटर्स की कर्कश आवाज आई, वैसे ही समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के कार्यालय में फोन घनघनाने लगे। लोग यह जानने का प्रयास कर रहे थे, कि कहीं कोई अनहोनी तो नहीं घट गई है! लोगों का कहना था कि रात की गश्त में भी इस कदर हूटर्स की आवाज सुनने को नहीं मिलती, जितनी कि शाम ढलते ही आज सुनने को मिली।
इस संबंध में जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक बी.पी.चंद्रवंशी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह पुलिस का फ्लेग मार्च है, जो चुनावों की तैयारियों का ही अंग है। जब उनके संज्ञान में दसवीं, बारहवीं और अन्य स्तर की परीक्षाओं की बात को लाया गया तो उन्होंने कहा कि वे इस बावत निर्देश देंगे कि किसी को असुविधा न हो।
वहीं दूसरी ओर जब इस संबंध में वाहनों के कान्वाय में शामिल अनुविभागीय अधिकारी पुलिस डॉ.संजीव उईके से संपर्क किया गया तो उन्होंने बच्चों की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस वाहनों को हूटर बजाने से रोकते हुए सिर्फ नगर निरीक्षक के वाहन पर लगे हूटर बजाने की बात कही।
गौरतलब है कि परीक्षाओं के मद्देनजर प्रशासन द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया है। आज संपन्न पत्रकार वार्ता में जिला कलेक्टर भरत यादव ने कहा था कि चुनाव के मद्देनजर भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। बावजूद इसके परीक्षाओं के चलते चुनावों की तैयारियों में पुलिस वाहनों के कर्कश हूटर्स के बजने से बारापत्थर क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई थी।
भैरोगंज गया रायट कंट्रोल वाहन!

एक शख्स ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया आकर बताया कि पुलिस के कुछ वाहन जिसमें एंटी रायट कंट्रोल वाला वाहन भी था, तेजी से भैरोगंज की ओर जाता दिखा है। पता करवाईए कि वहां कुछ हुआ तो नहीं! इस तरह की भ्रां

रक्षा पेंशन अदालत जबलपुर में



(सुरेंद्र जायस्वाल)
जबलपुर (साई)। माह अप्रैल के प्रथम सप्ताह में दो दिन के लिये प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पेंशन) इलाहाबाद के द्वारा जबलपुर में रक्षा पेंशन अदालत लगायी जायेगी। अदालत में मध्यप्रदेश के रक्षा पेंशनरों तथा रक्षा सिविल पेंशनरों की पेंशन संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। रक्षा पेंशन अदालत के लिये दिनांक तथा स्थान संबंधी सूचना अलग से दी जायेगी।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी डी.सी. गोयल ने कहा है कि रक्षा पेंशनरों की यदि कोई पेंशन से संबंधी समस्या है तो जिला सैनिक कल्याण कार्यालयबाणगंगा चौराहाभोपाल में उपस्थित होकर निर्धारित प्रपत्र में अपनी समस्या 25 मार्च 2014 तक भेजें। यहाँ से जानकारी प्रधान नियंत्रकरक्षा लेखा (पेंशन)द्रोपदी घाटइलाहाबादपेंशन अदालत के पूर्व भेजी जायेगी। भूतपूर्व सैनिक पेंशन अदालत में आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं।

गुलाब गैंग आज होगी रिलीज, कोर्ट ने हटाई रोक



(सोनाली खरे)
नई दिल्ली (साई)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने माधुरी दीक्षित और जूही चावला अभिनीत फिल्म गुलाब गैंग के प्रदर्शन पर लगी रोक हटा ली है। अब यह फिल्म कल रिलीज होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी.डी. अहमद और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर लगाई रोक को वापस ले लिया।
 ‘गुलाब गैंग‘ के निर्माता कल फिल्म प्रदर्शित करने के लिए तैयार हैं। फिल्म के निर्माताओं ने पीठ को भरोसा दिलाया कि वह फिल्म प्रदर्शन के दौरान फिल्म में यह पट्टी चलाएंगे कि फिल्म संपत पाल के जीवन और काम पर आधारित नहीं है।
उच्च न्यायालय ने बुधवार को  गुलाब गैंग ‘ पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि अगर प्रदर्शन की अनुमति दी गई तो इससे संपत पाल की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति होगी।
अदालत ने कहा था, ‘इज्जत एक बार गई तो हमेशा के लिए गई। वह वापस नहीं आ सकती और उसका मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।‘ नवोदित निर्देशक सौमिक सेन निर्देशित फिल्म का निर्माण अनुभव सिन्हा ने किया है।
इससे पहले संपत पाल  गुलाब गैंग‘ के प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर उच्च न्यायालय पहुंची थीं। उन्होंने अदालत से कहा था कि फिल्मनिर्माताओं ने उन्हें फिल्म में गलत ढंग से पेश किया है और फिल्म बनाने से पूर्व उनकी इजाजत तक नहीं ली।

राजीव हत्या मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने की तमिलनाडु की खिंचाई



(एडविन अमान)
नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वाेच्च न्यायालय से कहा कि तमिलनाडु सरकार का राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों की सजा में छूट देने का फैसला मनमाना और पीड़ितों के अधिकार पर आघात करने वाला है.
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवमन्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एन.वी. रमण की पीठ को बताया कि तमिलनाडु सरकार का सजा में छूट देने का फैसला न्यायसीमा की परिधि से बाहरमनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन भी है.
केंद्र ने कहा कि फैसले में इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि मानव बम के हमले में कम से कम 18 निर्दाेष लोगों की जान गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई भेदभावकारी और परिवार एवं पीड़ितों के अधिकार से संबंधित अनुच्छेद 21 का उल्लंघन भी है.
फैसले को हड़बड़ी में और बदनीयत से लिया गया करार देते हुए केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह राज्य सरकार के अनधिकृत कार्रवाई में हस्तक्षेप की मांग करता है. तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उसने केंद्र सरकार से राजीव गांधी हत्या मामले के सात दोषियों को रिहा करने के अपने फैसले पर नजरिए की मांग की है और उसके इस प्रस्ताव को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.

कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं अमर सिंह



(अमित कौशल)
नई दिल्ली (साई)। एक समय समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेहद निकट रहे अमर िंसह अब कांग्रेस में जाने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार कागं्रेस उन्हें गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। उनकी पूर्व सहयोगी पूर्व अभिनेत्री जयाप्रदा के भी मुरादाबाद से चुनाव लड़ने की चर्चा है।
उल्लेखनीय है कि २०१० में अमर सिंह और जया प्रदा को सपा से निकाल दिया गया था। इसके बाद २०११ में अमर िंसह ने राष्ट्रीय लोकमंच नाम से अपनी पार्टी बना ली। उन्होंने २०१२ में उत्तर प्रदेश की २६० विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में पार्टी का खाता नहीं खुलातो अपने दल से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद वह क्रमशः कांग्रेस के नजदीक आते गए।
इस साल फरवरी में अमर िंसह ने दो बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। ४ मार्च को जब कांग्रेस की वेंहृद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई तो उसमें गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से संभावित उम्मीदवारों में उनके नाम की चर्चा की गई। गौतम बुद्ध नगर में ठाकुर वोट खासी संख्या में है। पार्टी का मानना है कि ठाकुर और उत्तर प्रदेश का अहम चेहरा होने की वजह से वह पार्टी के लिए वोट बटोर सकते हैं।
अमर ंिसह के कांग्रेस में जाने की संभावना को इस लिए भी बल मिल रहा हैक्योंकि उनकी सहयोगी जयाप्रदा मुरादाबाद से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। दूसरी ओर सपा प्रमुख मुलायम सिंह के रवैये में भी अमर सिंह के प्रति बदलाव आया है। पिछले दिनों में एक सभा में मुलायम ने कहा था कि पार्टी में एक वही (अमर सिंह) थेजो जानते थे कि पार्टी में किस तरह काम किया जाता है।

गुजरात में मनीष सिसोदिया की कार पर हमला



(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। गुजरात के साबरकांठा के हिम्मतनगर में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की कार पर हमले की खबर है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर अपनी कार पर हमले की जानकारी दी है। मनीष सिसोदिया ने इस हमले के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।
मनीष ने ट्वीट किया है,  साबरकांठा के हिम्मतनगर में हमारी कार पर बीजेपी के गुंडों ने हमला किया है। मनीष ने एक और ट्वीट कर कहा कि बीजेपी नेता सोचते हैं कि वे गुजरात के भ्रष्टाचार को मेरी कार पर हमला करके छिपा लेंगे, लेकिन वे आम आदमी की ताकत को कम करके आंक रहे हैं।
मनीष सिसोदिया के इस ट्वीट के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी इस हमले की पुष्टि की। उन्होंने ट्वीट किया कि अभी-अभी मनीष की कार पर हमला किया गया है। उनकी कार की खिड़की का शीशा टूट गया है।

जनहित में दिल्ली विधानसभा भंग नहीं की: केन्द्र


(रश्मि कुलश्रेष्ठ)
नई दिल्ली (साई)। केन्द्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधानसभा भंग नहीं करने को न्यायोचित ठहराते हुये कहा कि ऐसा  जनहित ‘ में किया गया और सरकार बनाने के लिए भाजपा द्वारा दावा किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में सरकार ने दलील दी है कि इतनी कम अवधि में चुनाव कराना जनहित में नहीं था जैसी कि उपराज्यपाल ने सिफारिश की थी। केन्द्र ने विधान सभा भंग नहीं किए जाने को लेकर दायर याचिका पर न्यायालय के नोटिस के जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया है।
हलफनामे में कहा गया है,  ‘उपराज्यपाल ने दो कारण दिए थे कि दिसंबर के पहले सप्ताह में संपन्न चुनाव के बाद 28 दिसंबर2013 को ही सरकार का गठन हुआ था और इसलिए इन परिस्थितियों में इतनी कम अवधि में अगला चुनाव कराना न तो उचित था और न ही जनहित में था।‘ हलफनामे के अनुसार,  ‘उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि इन परिस्थितियों में निकट भविष्य में किसी अन्य राजनीतिक दल या गठबंधन द्वारा सरकार बनाने का दावा करने की संभावना बंद नहीं की जानी चाहिए। 
केन्द्र सरकार ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा दिए गए कारण सही और उपयुक्त थे और विशेषरूप से विधान सभा की अस्थिर स्थिति के संदर्भ में इसे स्वीकार करना ही उचित था।

अधिक खर्च पर फंस सकते हैं अरविंद



(आशीष माहेश्वरी)
नई दिल्ली (साई)। अरविंद केजरीवाल समेत तीन आप नेताओं की सियासत पर चुनाव आयोग की तलवार लटकने लगी है। अधिक चुनाव खर्च की शिकायत के बाद दिल्ली चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, सोमनाथ भारती और सुरिंदर सिंह ने चुनाव खर्च की सीमा का उल्लंघन किया है।
रिपोर्ट में केजरीवाल के बारे में कहा गया है कि उन्होंने चुनाव में 14 लाख की सीमा से कहीं अधिक 21 लाख रुपए खर्च किए हैं। दिल्ली चुनाव आयोग ने यह रिपोर्ट बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को सौंप दी है। अब मुख्य चुनाव आयुक्त इस पर क्या फैसला लेते हैं इसका सबको इंतजार है। जानकारों का मानना है कि चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च के मामले में दोषी विधायकों या सांसदों की सदस्यता रद्द हो सकती है या फिर छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी नई दिल्ली सीट से विधायक हैं।

खत्म हुआ चौहान का धरना, 2 महीने में धरने पर बैठने वाले चौथे सीएम



(दीप्ति)

भोपाल (साई)। भोपाल अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमण्डल के साथ गुरुवार को भोपाल में सरकार की किसानों के प्रति प्राकृतिक आपदा में असंवेदनशील रवैये के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय राज्यव्यापी बंद के दौरान चार घंटे तक उपवास पर बैठने के बाद अपना धरना खत्म कर दिया। इसी के साथ वह (चौहान) देश के ऐसे चौथे मुख्यमंत्री हो गए, जो पिछले दो महीने के दौरान केंद्र सरकार से अपनी-अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल, किरण कुमार रेड्डी और नीतीश कुमार सीएम रहते हुए धरने पर बैठे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमण्डल के साथ गुरुवार को सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक धरने पर बैठकर उपवास किया।
धरना खत्म करने से ठीक पहले वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए चौहान ने एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील की कि वह (केंद्र) राज्य में हाल ही में हुए बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए भारी नुकसान से निपटने के लिए 5000 करोड़ रपये का विशेष पैकेज शीघ्र जारी करे, ताकि किसानों की इस संकट की घड़ी से उबारा जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही इस प्राकृतिक आपदा से हुए पूरे नुकसान का आकलन कर लिया जाएगा, उनकी पूरी कैबिनेट तुरंत केंद्र को वर्तमान स्थिति से अवगत कराने के लिए दिल्ली जाएगी। हालांकि, चौहान ने एक बार फिर कहा कि किसानों की इस संकट की घड़ी में राज्य के लोग उनके साथ हैं, और राज्य सरकार इस आपदा से निपटने के लिए उनकी (किसानों) हरसंभव मदद करेगी।

दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर



(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। लगातार दूसरे साल दिल्ली को देश का सबसे असुरक्षित शहर चुना गया है। एक नए सर्वेक्षण के मुताबिक अकेले सफर करने वाली महिलाओं ने छुट्टियों में घूमने फिरने या काम के लिए बाहर निकलने के लिहाज से दिल्ली को सबसे असुरक्षित शहर माना है।
ट्रैवल पोर्टल ट्रिपएडवाइजर द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक,  ‘देश के शीर्ष 10 असुरक्षित शहरों में दिल्ली ने अपनी कुख्यात प्रतिष्ठा को बरकरार रखा है। सर्वेक्षण में शामिल 95 प्रतिशत महिलाओं ने दिल्ली को सबसे असुरक्षित बताया जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 84 प्रतिशत था। ‘ सबसे असुरक्षित शहरों में कोलकाता और जयपुर क्रमशरू दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। वहीं 85 प्रतिशत महिलाओं ने अहमदाबाद को सबसे सुरक्षित शहर बताया। जबकि पिछले साल मुंबई शीर्ष पर काबिज हुआ था। इस साल वह पांचवें स्थान पर पहुंच गया। वहीं महाराष्ट्र (16 प्रतिशत) और गुजरात (14 प्रतिशत) को सबसे सुरक्षित राज्य बताया गया।
सर्वेक्षण में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि सिर्फ 16 प्रतिशत महिलाएं ही उपलब्ध सुरक्षा साधनों का उपयोग करती हैं। वार्षिक महिला यात्री सर्वेक्षण 2014 के मुताबिक महिला अकेले यात्रा कर रही हो या समूह में ज्यादातर महिलाओं ने उन शहरों की यात्रा पर जाना पसंद किया जहां उन्हें सुरक्षित होने का अहसास हो। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले जारी किया गया यह सर्वेक्षण 1068 महिलाओं से एकत्रित जानकारी पर आधारित है। इनमें प्रोफेशनल्सस्वरोजगार में लगी और घरेलू महिलाएं शामिल हैं। ट्रिप एडवाइजर के प्रबंधक निखिल गंजू ने बताया सर्वेक्षण में शामिल 43 प्रतिशत महिलाओं की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच थी। जबकि 27 प्रतिशत 35 से 45 आयुवर्ग की थी। उनके मुताबिक महिलाओं में अकेले या समूह में यात्रा करने की प्रवृत्तिबढ़ रही है। अकेले यात्रा करने वाली महिलाएं योग या अन्य आध्यात्मिक क्रियाओं को समूह में चलने वालों की तुलना में तीन गुना अधिक तवज्जो देती हैं। समूह में चलने वाली महिलाएं ज्यादातर शॉपिंग या दर्शनीय स्थलों को देखना ज्यादा पसंद करती हैं।

आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी: राहुल



(मोदस्सिर कादरी)
नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि भगवा संगठन के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी.
राहुल ने बीजेपी नेताओं के इन दावों का भी मजाक उड़ाया कि बीजेपी देश में कंप्यूटर लेकर आई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस के लोगों ने गांधीजी की हत्या की और आज उनके लोग (बीजेपी) उनकी चर्चा करते हैं. आरएसएस ने सरदार पटेल और गांधीजी का विरोध किया था.
राहुल ने कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वैज्ञानिक सैम पित्रोदा देश में कंप्यूटर लाए. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि संसद में उस वक्त के सबसे वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कंप्यूटर पर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि राजीव गांधी क्यों कंप्यूटर की बात करते हैं. राहुल ने कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत में कंप्यूटर की जरूरत नहीं है क्योंकि यह रोजगार छीनेगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल किया कि विपक्ष कहता है कि जो कांग्रेस ने 60 साल में किया वे तीन महीने में कर देंगे. यह कैसे संभव है? उन्होंने कहा कि यह गरीब की मेहनत है जो देश को आगे ले गई है और कोई एक व्यक्ति विकास का श्रेय नहीं ले जा सकता.
राहुल ने जनसभा से कहा कि गरीब लोग इस देश को आगे ले गए. अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है तो हमें उनकी बात सुननी होगी और उन्हें एक साथ लाना होगा. आदिवासी समेत सभी को विकास का फल मिलना चाहिए. हमने जो कुछ किया, वह आपके विचारों को जोड़ कर किया.


प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता का पालन शुरू




(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में अप्रैल में तीन चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचरण संहिता का पालन सख्ती से शुरू हो गया है।
चुनाव की घोषणा के बाद पहले दिन सभी जिलों में निर्वाचन अमले द्वारा शहरों और कस्बों से पोस्टर, बैनर, होर्डिंग, दीवार लेखन आदि को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। आदर्श आचरण संहिता के तहत संपत्ति विरूपण अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
जिलों में पहले दिन शासकीय और निजी संपत्ति पर लगे 18 हजार 557 दीवार लेखन, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग को हटाया गया। इनमें शासकीय संपत्ति पर लगे 17 हजार 471 पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन शामिल हैं। इसी प्रकार निजी संपत्ति से 1086 प्रचार सामग्री हटाई गई है।
शासकीय संपत्ति से अब तक 6 हजार 417 दीवार लेखन, 4 हजार 612 पोस्टर, 3 हजार 334 बैनर तथा 3 हजार 108 अन्य सामग्री हटाई गई है। इस कार्रवाई में एक प्रकरण दर्ज किया गया है। इसी तरह निजी संपत्ति से 335 दीवार लेखन, 284 पोस्टर, 295 बैनर और 152 अन्य सामग्री को हटाया गया है।
जिलों में वाहनों के दुरुपयोग को लेकर पहले दिन 2 प्रकरण सामने आए हैं। इसी प्रकार बिना शासकीय अनुमति के लाउड स्पीकर का उपयोग करने पर रायसेन जिले में 20 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। बिना शासकीय अनुमति के बैठकों/भाषण आदि के 2 प्रकरण दर्ज हुए है।