निगम ने शैक्षणिक संस्थाओं से स्कूली सामग्री का विक्रय प्रतिबंधित
किया
किताब-कॉपियां, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म दुकान विशेष से क्रय नहीं होंगी
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम प्रबंध संचालक सतीश मिश्र
द्वारा एक परिपत्र जारी कर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल सीबीएसई से संबंधित
विद्यालयों एवं मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश
द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संबंध में जिले के समस्त विद्यालय परिसरों
में किताब, कॉपियां, स्टेशनरी, गणवेश एवं अन्य सामग्री का विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। इसके
अलावा विद्यालय छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को उक्त सामग्री हेतु किसी
विशिष्ट दुकान या संस्थान से क्रय विक्रय हेतु बात भी नहीं कर सकेंगे।
उल्लेखनीय होगा कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी की जानकारी में यह
बात आई थी कि कतिपय विद्यालय अपने संस्थान से पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम की
पुस्तकें, कॉपी एवं निर्धारित किये गये गणवेश आदि विद्यालय से खरीदने हेतु
छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बाध्य करते हैं। विद्यालयों की इस प्रवृत्ति
पर पूर्ण विराम लगाने हेतु निगम द्वारा परिपत्र जारी किया गया हैं। इस परिपत्र के
जारी हो जाने पर संस्थानों के इस कृत्य से अभिभावकों पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
कम से कम आठ दुकानों पर उपलब्ध होंगी पुस्तकें व सामग्री
विद्यालयों में पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम से संबंधित समस्त पुस्तकें
कम से कम आठ दुकानों पर उपलब्ध होंगी एवं ऐसी पुस्तकें एवं विक्रेताओं की सूची अपर
कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पूर्व उपलब्ध
कराई जायेंगी।
गणवेश का नमूना नोटिस बोर्ड पर चस्पा होगा
सभी विद्यालय अपने संस्थान में उपयोग में लाये जाने वाले गणवेश का
नमूना तथा पाठ्यक्रम की सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे। जिससे अभिभावक उसके
अनुसार गणवेश एवं पाठ्यक्रम अपनी सुविधा अनुसार किसी भी विक्रेता से क्रय कर
सकेंगे।
डिवीज़नल मजिस्ट्रेट करेंगे आकस्मिक निरीक्षण
प्रबंध संचालक द्वारा आदेशित किया गया है कि समस्त सब डिवीज़नल
मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्रांतर्गत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विद्यालयों में
आकस्मिक निरीक्षण कर देखेंगे कि इस आदेश का पालन शैक्षणिक सत्र 2013-14 में किया गया है अथवा नहीं तथा
आगामी शैक्षणिक सत्र 2014-15 में इसका प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करायेंगे।