शनिवार, 30 मार्च 2013

राष्ट्रीय बिजली समिति का गठन


राष्ट्रीय बिजली समिति का गठन

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने देश में बिजली ग्रिडो के इस्तेमाल में अंतर्राज्यीय विवादों को हल करने और कड़ा अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बिजली समिति बनाई है। बिजली मंत्रालय के आदेश के अनुसार ये समिति क्षेत्र विशेष में ग्रिडो के कामकाज में सुधार के लिए काम कर रही क्षेत्रीय बिजली समितियों के बीच के मुद्दों को सुलझाएगी।
देश में बिजली ग्रिड प्रणाली प्रबंधन में आ रही जटिलता के मद्देनजर उसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता से संबंधित मुद्दों पर एक साझा दृष्टिकोण अपनाने में राष्ट्रीय बिजली समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बिजली क्षेत्र की शीर्ष नियोजन संस्था केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण के अध्यक्ष के नेतृत्व में बनने वाली समिति में १८ सदस्य होंगे। समिति की हर छह महीने में कम से कम एक बैठक होगी। इसके अलावा समिति के सदस्य किसी भी मुद्दे पर विचार करने के लिए कभी भी बैठक कर सकेंगे।
इसके साथ ही साथ मंत्रिमण्डल की निवेश संबंधी समिति द्वारा अगले तीन हफ्घ्तों के अन्दर कई परियोजनाओं को मंजूरी दिये जाने की उम्मीद है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने कल रात चेन्नई में एक विचार गोष्ठी के दौरान ये बात कही। प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए जनवरी में इस समिति का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक दो तीन बार हो चुकी है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ऊर्जा की कीमतों के बारे में डॉ० आहलुवालिया ने ऊर्जा की घरेलू कीमतों को वैश्विक कीमतों के साथ जोड़ने का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने १८ महीने की अवधि में डीजल की कीमतों को सही करने के उद्देश्य से हर महीने इसकी कीमत करीब पचास पैसे बढ़ाने का फैसला करके एक बड़ा कदम उठाया है। 

बेनी मुलायम आमने सामने


बेनी मुलायम आमने सामने

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा ने आरोप लगाया है कि उत्तरप्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों और दलितों के विकास के लिए आवंटित राशि से लैपटॉप वितरित करके राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है। बलरामपुर में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में लोकसभा की सभी ८० सीटों पर चुनाव लड़ेगी और ४० सीटें जीतेगी।
उन्होंने कहा कि मुलायमसिंह की समाजवादी पार्टी उत्तरप्रदेश में केवल चार सीटें ही जीत पाएगी। श्री बेनीप्रसाद वर्मा अगले लोकसभा चुनाव में राज्य में विभिन्न पार्टियों की संभावनाओं के बारे में प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। समाजवादी पार्टी ने केन्द्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस को इस तरह की बेबुनियाद बातों से नुकसान पहुंचेगा। इस बीच, समाजवादी पार्टी ने केन्द्र में यूपीए सरकार को समर्थन जारी रखने के अपने फैसले को दोहराया है।
आज इलाहाबाद में एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनकी पार्टी केन्द्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना समर्थन जारी रखेगी। लोकसभा चुनाव जल्दी होने की संभावनाओं के बारे में पार्टी अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव के वक्तव्य के बारे में पूछे जाने पर श्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति इसकी ओर संकेत करती है।
श्री यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को वैसी ही सफलता मिलेगी, जैसी उसे राज्य में पिछले विधानसभा चुनावों में मिली थी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर एनडीए को समर्थन नहीं देगी, क्योंकि उसने कभी भी कथित साम्प्रदायिक ताकतों का समर्थन नहीं किया है।

तमिल मुद्दे पर भड़काने का आरोप


तमिल मुद्दे पर भड़काने का आरोप

(प्रीति सक्सेना)

चेन्नई (साई)। केन्द्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने आरोप लगाया है कि श्रीलंका के तमिलों के मुद्दे पर तमिलनाडु के छात्रों के विरोध प्रदर्शन को कुछ लोगों ने भड़काया है। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन कांग्रेस और यूपीए सरकार के खिलाफ जान-बूझकर भड़काया गया है।
श्री नारायणसामी ने आज चेन्नई में कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने प्रस्ताव पारित किया और जहां तक भारत का सवाल है, वह उन २५ देशों में शामिल है, जिसने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी तरफ से किसी प्रस्ताव के लिए नहीं कह सकता, क्योंकि इसके लिए अन्य सदस्यों के समर्थन की जज्ञरत होगी।
इस वर्ष नवम्बर में कोलम्बो में राष्ट्रमण्डल शासनाध्यक्षों की बैठक में भारत के हिस्सा लेने पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और डीएमके अध्यक्ष करूणानिधि की आपत्ति के बारे में श्री नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहसिंह विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद के साथ इस बारे में विचार विमर्श करेंगे और फिर कोई फैसला लेंगे।

असम में पर्यटकों के लिए विशेष योजना


असम में पर्यटकों के लिए विशेष योजना

(पुरबाली हजारिका)

गुवहाटी (साई)। असम सरकार ने राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए असम ग्रामीण आवास पर्यटन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत वन्यजीव पार्क और अन्य पर्यटक स्थलों के आसपास के भवन मालिकों को आवास सुविधा को उन्नत बनाने के लिए सब्सिडी दी जायेगी।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य में पिछले वर्ष रिकार्ड संख्या में ४६ हजार से ज्यादा पर्यटक आये। ग्रामीण आवास पर्यटन सुविधा के अन्तर्गत माजुली द्वीप, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय पार्क, सुअलकूची और शिबसागर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को चुना गया है। हमारे संवाददता ने बताया है कि असम सरकार पहले चरण में इस योजना की सब्सिडी पर दो करोड़ रूपये खर्च करेगी।
सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि प्रदेश में इस योजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आम लोगों को भी जोड़ने की कोशिश की जाएंगी। कोई भी व्यक्ति इसके तहत प्रदेश के प्रसिद्ध स्थलों के आसपास पर्यटकों को घरेलू माहौल देने के लिए घरों में ही ठहराव स्थल बना सकते है और इसके लिए सरकारी मदद का फायदा उठा सकते है। पर्यटकों को रूकने के लिए विकसित होने वाली इन घरों में प्रदेश की कला और संस्कृति की झलक दिखेगी और यहां असम की प्रसिद्ध थाली भी परोसी जाएंगी।

गंगा में डूबा गाईड


गंगा में डूबा गाईड

(दिशा कुमारी)

नई दिल्ली (साई)। पर्यटन स्थलों के निवासी अपनी जान पर खेलकर भी आगंतुकों को बचाते आए हैं। इसके अनेक उदहारण दुखने सुनने को मिलते आए हैं। हाल ही में हिन्दु धर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थ जिसे भगवान का द्वारा यानी हरि का द्वार अर्थात हरिद्वार भी कहा जाता है, में एक गाईड ने पर्यटकों को बचाते अपनी जान गंवा दी।
ऋषिकेश के पास गंगा नदी की धारा में आज एक नौका पलट गई और उस पर सवार छह पर्यटकों को बचाने के बाद नौका विहार कराने वाला गाइड डूब गया। पुलिस ने बताया कि ये सभी पर्यटक दिल्ली के रहने वाले हैं। थाना प्रभारी राजीव दंडरियाल ने बताया कि यह दुर्घटना ऋषिकेश से 18 किलोमीटर दूर टिहरी जिले के मुनी की रेती पुलिस थाना क्षेत्र के तहत शिवपुरी में दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई।
राम कुमार पाठक (40) नाम के गाइड ने नौका पर सवार सभी छह लोगों को बचा लिया, लेकिन वह खुद की जान नहीं बचा पाया क्योंकि उसके शरीर में ज्यादा पानी भर गया, जिससे उसका दम घुट गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाठक किसी तरह नदी तट तक पहुंचने में कामयाब रहा, जिसके बाद उसे ऋषिकेश के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पाठक ने मरीन ड्राइव से राफ्टर्स के इस दल के साथ आज सुबह अपने अभियान की शुरुआत की थी। गौरतलब है कि नौका विहार कराने वाला वह इलाके का मशहूर गाइड था और इस पेशे में पिछले 20 साल से था। करीब पखवाड़े भर पहले व्यासी के पास गंगा में इसी तरह के एक अन्य हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी।

हाफ नहीं फुल टिकिट लगेगा बच्चों का!


हाफ नहीं फुल टिकिट लगेगा बच्चों का!

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। पवन बंसल ने भले ही सत्रह साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री होकर बजट पेश करने का तगमा हासिल कर लिया हो, पर उन्होंने पिछले दरवाजे से आम जनता की जेब काट दी है। अब रेल में यात्रा करने के समय हाफ टिकिट का फंडा भी बदल दिया गया है।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अगर आपने बच्चों का आपने ट्रेन में हाफ टिकट कटवाया है? तो ध्यान दें रास्ते में टीटीई आपसे फुल टिकट का चार्ज ले सकता है। ट्रेन में अब पांच से ग्यारह साल के बच्चों को भी यात्रा करने पर छूट नहीं मिलेगी। रेलवे उनके अभिभावकों से पूरा किराया वसूलेगा। ट्रेन में सफर के दौरान जिन यात्रियों ने पहले टिकट कराया था उनसे टीटीई ने अतिरिक्त किराया वसूलना शुरू भी कर दिया है।
रेल मंत्री द्वारा 22 जनवरी को पेश बजट में किराए में वृद्धि के लिए कई नए स्लैब बनाए गए थे। यानी स्लीपर श्रेणी में 200 किमी। तक, थर्ड व सेकेंड एसी में 300, फर्स्ट एसी में 100 और चेयर कार में 150 किमी का किराया यात्री को देना पड़ेगा। भले यात्री इससे कम दूरी सफर तय करे। इस नये स्लैब के तहत बच्चों को भी इतनी दूरी का सफर तय करने पर कोई छूट नहीं मिलेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 5 से 11 साल के बच्चों को सफर के दौरान छूट मिलती थी। यह छूट अब भी बरकरार है।
लेकिन यह छूट तभी मिलेगी जब बच्चे स्लीपर श्रेणी में 200 किमी से अधिक, थर्ड व सेकेंड एसी में 300 किमी से अधिक, फर्स्ट एसी में 100 किमी से अधिक और चेयर कार कोच में 150 किमी से अधिक सफर करने पर ही मिलेगी। अगर इससे कम सफर करते हैं तो यह छूट खत्म हो जाएगी। और वयस्क यात्री के बराबर बच्चों का किराया भी लगेगा।

मुजफ्फरनगर : एक अपै्रल से नहीं बिकेगा मुजफ्फरनगर जिले में तम्बाकू व गुटखा


एक अपै्रल से नहीं बिकेगा मुजफ्फरनगर जिले में तम्बाकू
व गुटखा

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। सुप्रीम कोर्ट केे आदेश के बाद प्रदेश सरकार के निर्देशन में जनपद में एक अपै्रल से तम्बाकू व गुटखे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगने जा रहा है। एक अपै्रल के बाद जनपद में तम्बाकू व गुटखे के बिक्री करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवही की जायेगी। तम्बाकू व गुटखे बेचते पकडे जाने वाले लोगों को कठोर कारावास व अर्थदण्ड की सजा हो सकती है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आगामी एक अपै्रल से मुजफ्फरनगर जिले में तम्बाकू, निकोटिन से युक्त पान मसाला और गुटखा की बिक्री निर्माण और भण्डारन पर रोक लग गयी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने यह रोक लगायी है। गुटखे की बिक्री और निर्माण एवं भण्डारन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए जिले में पांच टीमों का गठन किया गया है। नगर क्षेत्र में सिटी मजिस्टेªट के नेतृत्व में और तहसीलों में एसडीएम के नेतृत्वों में टीमे गठित की गयी है। जिले में दो दिन तक प्रचार प्रसार भी किया जायेगा जिससे लोग गुटखे और तम्बाकू को लेकर जागरूक हो जाये। इसके बाद छापामार अभियार चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि देश में प्रतिवर्ष 8 हजार व्यक्ति गुटखे के कारण मुंह के कैंसर का शिकार हो रहे है। इनमें 15 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं की संख्या 25 फीसदी और महिलाओं की संख्या 18 फीसदी है।

सहारनपुर : पूर्व विधायक के बेटे ने की खुदकुशी!


पूर्व विधायक के बेटे ने की खुदकुशी!

(सत्येंद्र ठाकुर)

सहारनपुर (साई)। कांग्रेस के पूर्व विधायक चमनलाल के बेटे ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। आत्महत्या का कारण मानसिक तनाव बताया जा रहा है। पुलिस जांच कर रही है। 1984 में कांग्रेस के टिकट पर नागल से एमएलए रहे चमनलाल चमन के परिवार की आर्थिक स्थिति इन दिनों ठीक नहीं है। हाल ही में चमन ने देहरादून रोड स्थित रोडवेज वाली गली में अपना छोटा सा मकान बनाया था, जिसमें वे अपने 6 बेटों व 2 बेटियों के साथ रहते थे।
बताया जाता है कि चमनलाल का बेटा प्रदीप कुमार छोटा मोटा प्रिंटिंग का काम करता था। पिछले काफी समय से वह मानसिक तनाव से ग्रस्त था। इस कारण प्रदीप ने शराब पीनी शुरू कर दी थी। गुरुवार को प्रदीप शराब के नशे में अपने घर पहुंचा तो दूसरे कमरे में उसके भाई-बहन टीवी देख रहे थे। चमन रामपुर मनिहारान गए हुए थे। इसी बीच दूसरे कमरे से गोली चलने की आवाज सुनते ही प्रदीप के अन्य भाई-बहन कमरे की ओर दौड़े। वहां प्रदीप की लाश पड़ी थी। बताया गया है कि प्रदीप ने तमंचे से अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सिवनी : बेटा नेता, बाप अधिकारी, शासकीय योजना में हो रही भ्रष्टाचारी


बेटा नेता, बाप अधिकारी, शासकीय योजना में हो रही भ्रष्टाचारी

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। किरण एग्रो के खिलाफ आये लोगों ने अब ये पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि उक्त फर्म के द्वारा शासकीय योजनाओं का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ज्ञात होवे कि यह फर्म नितिनसिंह पिता ज्ञानेंद्रसिंह के नाम पर है, जिसका पंजीयन कृषि उपकरण के कार्याे हेतु करवाया गया था। इनका दफ्तर गुरूनानक काम्पलेक्स छिंदवाड़ा रोड पर दर्शाया जाता है जबकि उक्त स्थान पर न तो फर्म का कोई बोर्ड है और न ही कोई भवन साथ ही इनके बाऊचरों पर उल्लेखित नंबर 9685089996 और 7509183111 भी इन्हीं की तरह फर्जी है। सबसे बड़ा घालमेल तो टिन नंबर के साथ किया गया है। बिल-बाऊचर में अंकित टिन नंबर 23469019300 है, जबकि यह अप्रैल 2011 में जय महाकाल कन्स्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर दर्ज है, जिसका कार्य ठेकेदारी करना है। हम आपको बता दें कि नितिन सिंह नामक यह युवक तथाकथित भाजपा का नेता बताया जाता है और वहीं दूसरी ओर इनके पिताजी ज्ञानेंद्रसिंह उद्यान विभाग के प्रभारी एवं शासकीय प्रोजनी आचर्ड के अधीक्षक है। ज्ञानेंद्र सिंह विगत 25 वर्षों से सिवनी में ही डटे हुए हैं और यह उनके राजनैतिक रसूख का एक नमूना मात्र है। इनके पुत्र के द्वारा वर्ष 2011-12 में ड्रिप स्प्रंकलर एवं पॉलि हाऊस में किसानों को लाभ दिये जाने हेतु आई योजना के साथ भारी घोटाला किया गया है। यह सभी यंत्र किरण एग्रो हाईटेक के द्वारा सप्लाई किये गये हैं, जो कि अतिगुणवत्ताविहीन है। जहां किरण एग्रो कंपनी को गोविंद ग्रीन हाऊस कन्स्ट्रक्शन के द्वारा बिना टिन नंबर और बिना पंजीयन के अपना डीलर नियुक्त कर दिया गया था, वहीं माइक्रो इरीगेशन योजना के अंतर्गत टैक्समो कंपनी के द्वारा भी इन्हें नियुक्त किया गया था, जिसमें कंपनी के द्वारा उमेश चौधरी एवं राजेंद्र चौधरी को बिलों के सत्यापन के लिये नियुक्त किया गया, किंतु किरण एग्रो के द्वारा हॉलमार्क कंपनी के उपकरण लगाये गये, जो कि समस्त नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं।
ज्ञात होवे कि हमारे द्वारा वर्ष 2012 के दिसंबर माह में ही इस पूरे गड़बड़ झाले को आपके समक्ष ला दिया गया था, किंतु अब पुनरू सबूतों के साथ पोल खोलने की जिम्मेदारी गोविंद बोरकर एड।, अखिलेश यादव एड। और रविकुमार सनोडिया के द्वारा ली गई है। इस योजना पर बैंको का अनुदान भी होता है और ऋण भी दिया जाता है, किंतु इसका कहीं भी उल्लेख नहीं है। इन सभी उपकरणों का भुगतान बगैर नियमों की पूर्ति के जल्दबाजी में किया गया और इन सब में विभाग के ही परते का लेनदेन होना बताया जाता है। इन सभी भ्रष्टाचारों की जानकारी वाणिज्य कर विभाग में पदस्थ अधिकारी को भी दी गई थी, किंतु उनके द्वारा भी यह कहा गया कि हम कार्यवाही करने में असक्षम है। अब शासन की हितकारी योजनाओं पर अगर इस तरह का दीमक लग जाये तो फिर उसे कौन बचाये

सिवनी :


यातायात का अवैध जुर्माना रख रहे फल-फू्रट व्यवसाई

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। क्या नगर यातायात सुव्यवस्थित है? यह प्रश्र आज हर व्यक्ति के जेहान पर उभर रहा है, लेकिन यह कटुसत्य है कि नगर का यातायात बद से बदतर होते जा रहा है। ट्राफिक सिग्रल लगाकर जहां यातायात व्यवस्था सुधारने की मंशा रखी गई थी, लेकिन यह मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। अपितु यह ट्राफिक सिग्रल अब उन छुटभैय्या नेताओं की जागीर बन चुकी है, जो आये दिन यातायात कर्मियों के सामने सिग्रल तोड़कर यातायात को उसकी असली बिसात दिखाया है। तो वहीं इन यातायात कर्मियों के लिए यह सिग्रल भी पैसा कमाने का जरिया बन चुका है। बताया जाता है कि नगर पालिका के सामने ट्राफिक सिग्रल के समीप कुछ फल-फूट व्यवसाईयों ने अतिक्रमण कर वैसे भी नियम की धज्जियां उड़ा रखे हैं, लेकिन इन व्यवसाईयों के पास ही यातायातकर्मी तीन सवारी चलने वाले दो पहिया वाहनों एवं ट्राफिक सिग्रल तोडऩे वाले पर कार्यवाही का रूआब दिखाकर लंबे चौड़े चालान की धमकी देकर पहले इन्हें भयभीत किया जाता है और फिर धीरे से सेटिंग करके रकम 100-200 में रोक दी जाती है, लेकिन यहां रिश्वत लेने का अनोखा फंडा है। बताया जाता है कि यह भ्रष्ट यातायात कर्मी फल-फू्रट दुकान के व्यवसाईयों को रकम देने की बात करते हैं और बाद में इन्हीं व्यवसाईयों से दिन भर कमाई का हिसाब किताब लेकर अपनी जेब गर्म की जाती है। क्या इस बात की भनक यातायात प्रभारी  को भी है? अगर नहीं है तो अच्छी बात है, लेकिन सारे वाक्या से नवीन जैन वाकिफ है और उसके पश्चात कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो यह बोलना लाजिमी है कि कहीं न कहीं उच्चाधिकारी का कमीशन भी फिक्स है।