हाफ नहीं फुल टिकिट लगेगा बच्चों का!
(प्रदीप चौहान)
नई दिल्ली (साई)। पवन बंसल ने भले ही
सत्रह साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री होकर बजट पेश करने का तगमा हासिल कर लिया हो, पर उन्होंने पिछले दरवाजे से आम जनता की
जेब काट दी है। अब रेल में यात्रा करने के समय हाफ टिकिट का फंडा भी बदल दिया गया
है।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अगर आपने बच्चों का आपने ट्रेन में हाफ टिकट कटवाया
है? तो ध्यान दें रास्ते में टीटीई आपसे फुल टिकट का चार्ज ले सकता है।
ट्रेन में अब पांच से ग्यारह साल के बच्चों को भी यात्रा करने पर छूट नहीं मिलेगी।
रेलवे उनके अभिभावकों से पूरा किराया वसूलेगा। ट्रेन में सफर के दौरान जिन
यात्रियों ने पहले टिकट कराया था उनसे टीटीई ने अतिरिक्त किराया वसूलना शुरू भी कर
दिया है।
रेल मंत्री द्वारा 22 जनवरी को पेश बजट में किराए में वृद्धि
के लिए कई नए स्लैब बनाए गए थे। यानी स्लीपर श्रेणी में 200 किमी। तक, थर्ड व सेकेंड एसी में 300, फर्स्ट एसी में 100 और चेयर कार में 150 किमी का किराया यात्री को देना पड़ेगा।
भले यात्री इससे कम दूरी सफर तय करे। इस नये स्लैब के तहत बच्चों को भी इतनी दूरी
का सफर तय करने पर कोई छूट नहीं मिलेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 5 से 11 साल के बच्चों को सफर के दौरान छूट
मिलती थी। यह छूट अब भी बरकरार है।
लेकिन यह छूट तभी मिलेगी जब बच्चे
स्लीपर श्रेणी में 200 किमी से अधिक, थर्ड व सेकेंड एसी में 300 किमी से अधिक, फर्स्ट एसी में 100 किमी से अधिक और चेयर कार कोच में 150 किमी से अधिक सफर करने पर ही मिलेगी।
अगर इससे कम सफर करते हैं तो यह छूट खत्म हो जाएगी। और वयस्क यात्री के बराबर
बच्चों का किराया भी लगेगा।
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