यातायात का अवैध जुर्माना रख रहे
फल-फू्रट व्यवसाई
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)। क्या नगर यातायात
सुव्यवस्थित है? यह प्रश्र आज हर व्यक्ति के जेहान पर उभर रहा है, लेकिन यह कटुसत्य है कि नगर का यातायात
बद से बदतर होते जा रहा है। ट्राफिक सिग्रल लगाकर जहां यातायात व्यवस्था सुधारने
की मंशा रखी गई थी, लेकिन यह मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। अपितु यह ट्राफिक सिग्रल अब
उन छुटभैय्या नेताओं की जागीर बन चुकी है, जो आये दिन यातायात कर्मियों के सामने
सिग्रल तोड़कर यातायात को उसकी असली बिसात दिखाया है। तो वहीं इन यातायात कर्मियों
के लिए यह सिग्रल भी पैसा कमाने का जरिया बन चुका है। बताया जाता है कि नगर पालिका
के सामने ट्राफिक सिग्रल के समीप कुछ फल-फूट व्यवसाईयों ने अतिक्रमण कर वैसे भी
नियम की धज्जियां उड़ा रखे हैं, लेकिन इन व्यवसाईयों के पास ही
यातायातकर्मी तीन सवारी चलने वाले दो पहिया वाहनों एवं ट्राफिक सिग्रल तोडऩे वाले
पर कार्यवाही का रूआब दिखाकर लंबे चौड़े चालान की धमकी देकर पहले इन्हें भयभीत किया
जाता है और फिर धीरे से सेटिंग करके रकम 100-200 में रोक दी जाती है, लेकिन यहां रिश्वत लेने का अनोखा फंडा
है। बताया जाता है कि यह भ्रष्ट यातायात कर्मी फल-फू्रट दुकान के व्यवसाईयों को
रकम देने की बात करते हैं और बाद में इन्हीं व्यवसाईयों से दिन भर कमाई का हिसाब
किताब लेकर अपनी जेब गर्म की जाती है। क्या इस बात की भनक यातायात प्रभारी को भी है? अगर नहीं है तो अच्छी बात है, लेकिन सारे वाक्या से नवीन जैन वाकिफ है
और उसके पश्चात कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो यह बोलना लाजिमी है कि कहीं न
कहीं उच्चाधिकारी का कमीशन भी फिक्स है।
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