राष्ट्रीय बिजली समिति का गठन
(शरद)
नई दिल्ली (साई)। सरकार ने देश में
बिजली ग्रिडो के इस्तेमाल में अंतर्राज्यीय विवादों को हल करने और कड़ा अनुशासन
सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बिजली समिति बनाई है। बिजली मंत्रालय के आदेश के
अनुसार ये समिति क्षेत्र विशेष में ग्रिडो के कामकाज में सुधार के लिए काम कर रही
क्षेत्रीय बिजली समितियों के बीच के मुद्दों को सुलझाएगी।
देश में बिजली ग्रिड प्रणाली प्रबंधन
में आ रही जटिलता के मद्देनजर उसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता से संबंधित मुद्दों पर
एक साझा दृष्टिकोण अपनाने में राष्ट्रीय बिजली समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
बिजली क्षेत्र की शीर्ष नियोजन संस्था केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण के अध्यक्ष के
नेतृत्व में बनने वाली समिति में १८ सदस्य होंगे। समिति की हर छह महीने में कम से
कम एक बैठक होगी। इसके अलावा समिति के सदस्य किसी भी मुद्दे पर विचार करने के लिए
कभी भी बैठक कर सकेंगे।
इसके साथ ही साथ मंत्रिमण्डल की निवेश
संबंधी समिति द्वारा अगले तीन हफ्घ्तों के अन्दर कई परियोजनाओं को मंजूरी दिये
जाने की उम्मीद है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने कल रात
चेन्नई में एक विचार गोष्ठी के दौरान ये बात कही। प्रमुख बुनियादी ढांचा
परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए जनवरी में इस समिति का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि समिति की बैठक दो तीन बार हो चुकी है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को बताया कि ऊर्जा की कीमतों के बारे में डॉ० आहलुवालिया ने ऊर्जा की घरेलू
कीमतों को वैश्विक कीमतों के साथ जोड़ने का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने १८
महीने की अवधि में डीजल की कीमतों को सही करने के उद्देश्य से हर महीने इसकी कीमत
करीब पचास पैसे बढ़ाने का फैसला करके एक बड़ा कदम उठाया है।
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