शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

शिवराज का होगा पुनर्वास!


शिवराज का होगा पुनर्वास!

खाटी मराठा क्षत्रप की खोज में हैं सोनिया

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के मराठा क्षत्रप विलास राव देशमुख के अवसान के साथ ही राकांपा सुप्रीमो शरद पंवार द्वारा तल्ख तेवरों के संकेत ने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की नींद उड़ा दी है। यद्यपि सोनिया ने मराठा क्षत्रप सुशील कुमार शिंदे को देश के गृह मंत्री की कमान सौंपकर ताकतवर बना दिया है, पर सोनिया को शिंदे से ज्यादा उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सोनिया चाह रही हैं कि शिवराज पाटिल एक बार फिर मुख्यधारा में लौटें।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शिवराज पाटिल के गृह मंत्री के पद से हटने और फिर राज्यपाल बनने से कांग्रेस में मराठा क्षत्रप की कमी शिद्दत से महसूस की जा रही थी। विलास राव देशमुख ने इस वेक्यूम को काफी हद तक भर दिया था। उनके अवसान के उपरांत अब एक बार फिर कांग्रेस का कलश शक्तिशाली मराठा क्षत्रप से रीत गया है।
देखा जाए तो सुशील कुमार शिंदे अवश्य ही मराठा क्षत्रप की श्रेणी में हैं, पर उनका प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं कहा जा सकता है। साथ ही साथ बिजली मंत्री रहते हुए शिंदे पर यह आरोप थे कि वे उद्योगपतियों के हाथों में खेल रहे थे। विलासराव के बीमार पड़ने पर मजबूरी में सोनिया गांधी ने उन्हें देश का गृह मंत्री बनाया था।
देशमुख के निधन के बाद अब एक बार फिर मराठा क्षत्रप शरद पंवार ने अपनी तलवार पत्थर पर पजाना आरंभ कर दिया है। इसे देखकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की पेशानी पर पसीने की बूंदे साफ दिखाई पड़ने लगी हैं। वैसे भी सुशील कुमार शिंदे कई मर्तबा शरद पंवार को अपना राजनैतिक गुरू भी निरूपित कर चुके हैं। इसलिए शिंदे से यह उम्मीद करना कि वे पंवार को संभालेंगे, बेमानी ही होगा।
सोनिया के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सोनिया के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल के साथ रायशुमारी के बाद यह निश्कर्ष निकाला गया है कि शिवराज पाटिल का वनवास समाप्त कर उन्हें सक्रिय राजनीति में वापस लाया जाए और महाराष्ट्र के गढ़ को सुरक्षित किया जाए। पाटिल वैसे तो विलासराव देशमुख के गृह जिले लातूर से हैं और वे लिंगायत समुदाय के हैं।
पाटिल को मुख्यधारा में लाने से कांग्रेस को कर्नाटक में भी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि पाटिल को अगर वापस मुख्य धारा में लाया जाता है तो मराठा क्षत्रप शरद पंवार को साईज में रखने में कांग्रेस को बेहद आसानी होगी। सोनिया गांधी को इन खबरों ने निराश अवश्य ही किया है कि शिवराज पाटिल ने विलासराव की अंत्येष्ठी में शामिल होना भी मुनासिब नहीं समझा।
सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि शरद पंवार की मश्कें कसने के लिए मराठा क्षत्रपों के नामों पर विचार मनन आरंभ ही है। मराठा क्षत्रप विलास मुत्तेमवार, हर्षवर्धन पाटिल, बालासाहेब धोराट आदि के नामों पर भी विचार चल रहा है। सूत्रों की मानें तो मुत्तेमवार की लाटरी लगने की संभावनाएं बेहद ज्यादा इसलिए भी हैं क्योंकि अगले आम चुनाव में वे भाजपा के निजाम नितिन गड़करी के सामने हो सकते हैं। मुत्तेमवार को विलासराव के स्थान पर केंद्र में जगह मिल सकती है।

अफवाहों से बिगड़ रही कर्नाटक सहित देश की हालत


अफवाहों से बिगड़ रही कर्नाटक सहित देश की हालत

देश में स्थिति अब सामान्य

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। असम में हुए दंगों के बाद मुंबई के हालात बिगड़े और अब एसएमएस के कारण कर्नाटक सहित देश भर की स्थिति नाजुक हो गई है। कर्नाटक सहित देश के अन्य हिस्सों से पूर्वोत्तर वासी अपने घरों को वापस भाग रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार इन परिस्थितियों को रोकने में नाकाम ही साबित हो रहीं हैं। आज देश में स्थिति पहले की अपेक्षा काफी हद तक सामान्य ही नजर आ रही है।
उधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि देश के विभिन्न भागों में रहने वाले पूर्वाेत्तर के लोगों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करें। कल शाम नई दिल्ली में आयोजित इफ्तार पार्टी में संवाददाताओं से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा कि किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर से बात की है और राज्य सरकार अफवाहों पर काबू पाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
बंग्लुरू स्थित समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रचना तिवारी ने बताया कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में रहने वाले पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोगों में सुरक्षा की भावना बहाल करने के लिए अनेक उपाय किये हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर, उप मुख्यमंत्री आर. अशोक और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने पूर्वाेत्तर के लोगों से अपील की कि वे बंगलौर छोड़कर न जाएं। राज्य के पुलिस महानिदेशक लालरोखुमा पचाऊ ने बंगलौर में पूर्वाेत्तर के लोगों से मुलाकात की और उन्होंने पुलिस सुरक्षा का आश्वासन दिया। इस संबंध में शिकायत दर्ज करने के लिए दो हेल्पलाइन नम्बर शुरू किये गए हैं। जिनके नंबर 080 - 22260999 एवं 22942222 हैं।
बंगलौर के पुलिस आयुक्त ज्योति प्रकाश मिरजी ने कहा कि पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोगों के आवासीय क्षेत्रों में गश्त के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में मोहल्ला समितियां बनाई गई हैं। अल्पसंख्यक समुदाय और पूर्वाेत्तर क्षेत्र के नेताओं की संयुक्त समिति भी बनाई गई है। मक्का मस्जिद समिति के सदस्यों ने पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोगों से कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि कर्नाटक में पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोग सुरक्षित हैं। संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में श्री शिंदे ने चेतावनी दी कि अफवाह फैलाने वालों को कड़ा दंड दिया जाएगा। श्री शिंदे ने कहा कि कर्नाटक में शांति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
पूर्वाेत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री पवन सिंह घाटोवार ने कहा है कि कुछ लोग कर्नाटक में रहने वाले पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए अफवाह फैला रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी केन्द्र सरकार से पूर्वाेत्तर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पूर्वाेत्तर के लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए अफवाह फैलाई जा रही हैं।
पूर्वाेत्तर क्षेत्र से कांग्रेस सांसदों ने कल नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रहने वाले असम के लोगों से अपील की कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में रहने वाले पूर्वाेत्तर क्षेत्र के विद्यार्थियों और पेशेवर लोगों के बीच घबराहट फैलाने के लिए मोबाइल मेसेज और अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। श्री गोगोई ने कहा कि वे दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्पर्क में हैं।
बंग्लुरू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से श्वेता यादव ने बताया कि कर्नाटक सरकार की ओर से सुरक्षा के तमाम आश्वासनों के बावजूद गुरुवार को दूसरे दिन भी पूर्वाेत्तर राज्यों के हजारों लोगों का बैंगलोर से पलायन जारी रहा। गौरतलब है कि असम में हुई हिंसा के बाद अन्य राज्यों में रह रहे पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों पर हमलों की अफवाहों के कारण बुधवार को इन राज्यों के लगभग छह हजार 800 लोग बैंगलोर से पलायन कर गए।
राज्य के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने अपने आवास पर पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों के प्रतिनिधियों से कहा, ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी सरकार आपके साथ है। हम पूर्वाेत्तर के लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।शेट्टार ने एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि इस क्षेत्र के लोगों के साथ कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कोई शिकायत दर्ज नहीं कराए जाने के कारण कार्रवाई नहीं कर सकी।
इन छिटपुट घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री आर अशोक ने कहा कि यह एक संवेदशील मुद्दाहै और मुंबई, पुणे, चेन्नई एवं हैदराबाद के साथ साथ पूरे देश से जुड़ा है इसलिए इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इससे पहले मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंगलोर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। हालात इस कदर बिगड़े कि प्रधानमंत्री ने भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात करके हालात की जानकारी ली।
एसएमएस के जरिए फैली अफवाह के मुताबिक नॉर्थ-ईस्ट के लोगों पर बैंगलोर में हमला होने का खतरा मंडरा रहा है। रात भर में अफवाह इस कदर फैल गई कि नॉर्थ-ईस्ट के लोग बैंगलोर शहर छोड़ने पर मजबूर हो गए। आलम ये हुआ कि कर्नाटक सरकार को इनके जाने की खास व्यवस्था करनी पड़ी। बैंगलोर से गुवाहाटी तक 2 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। कुल मिलाकर करीब छह हजार से ज्यादा लोगों ने एक रात में ही बैंगलोर छोड़ दिया।
नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के मुताबिक पूरे शहर में अफवाह फैली कि असम हिंसा का असर बैंगलोर में पड़ेगा। जिसके चलते नॉर्थ-ईस्ट के लोगों ने शहर छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी। हालांकि ये माहौल देखकर सूबे के गृहमंत्री खुद रेलवे स्टेशन पहुंचे और लोगों से नॉर्थ-ईस्ट ना जाने की अपील की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर से इस मुद्दे पर बात की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी मामले पर गंभीर हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी लगातार कर्नाटक के हालात की जानकारी ले रहे हैं। शिंदे ने कहा, कि बैंगलोर में नॉर्थ-ईस्ट के लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाही हो।श्पुलिस ने भी नॉर्थ-ईस्ट के सभी लोगों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया है। साथ ही पुलिस का दावा है कि कुछ शरारती तत्व ये अफवाह फैला रहे हैं।
बावजूद इसके बैंगलोर से पलायन करने वालों की तादाद थमी नहीं है। वहीं बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने इस मामले पर ट्वीट किया है कि बीजेपी इस पूरे मामले में नॉर्थ-ईस्ट छात्रों के साथ है और वो खुद इस मामले को संसद में उठाएंगी।
वैसे बैंगलोर में असम की हिंसा को लेकर बुधवरा रात जो अफरातफरी का माहौल था वो तो अब नहीं है, लेकिन सरकार और लोग परेशान जरूर हैं। बताया जा रहा है कि फेसबुक-टिवटर के जरिए असम की हिंसा को लेकर ऐसी बातें फैलाईं जो डराने वाली थीं।
असम हिंसा से पैदा हुआ आतंक दक्षिण भारतीय शहरों से होता हुआ मुंबई तक पहुंच गया है। पूर्वाेत्तर के लोगों को धमकी भरे एसएमएस मिल रहे हैं। पूर्वाेत्तर के लोगों को धमकी भरे एसएमएस मिल रहे हैं। इससे लोगों का पलायन हो रहा है। मुंबई से करीब डेढ़ हजार लोग गुवाहाटी एक्सप्रेस से असम की ओर रवाना हो गए। जबकि, अकेले बेंगलुरू से ही बुधवार रात पूवरेत्तर के 6800 लोग तीन विशेष ट्रेनों से अपने घर को रवाना हुए। पलायन का दौर शुक्रवार को भी जारी है।
गौरतलब है कि असम में हुई हिंसा के बाद अन्य राज्यों में रह रहे पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों पर हमलों की अफवाहों के कारण बुधवार को इन राज्यों के लगभग छह हजार 800 लोग बैंगलोर से पलायन कर गए।

अफवाह बम से फैली दहशत

कर्नाटक में अफवाह बम ने जमकर दहशत फैलाई। किसी ने कहा है कि अफवाहों से बचिए! इनके पर नहीं होते!! ये वो शैतान उड़ाते हैं! जिनके घर नहीं होते!! जैसे ही अफवाह फैली तत्काल एसएमएस बाक्स फुल होने लगे। लोगों ने अपना अपना बोरिया बिस्तर समेटा और भागने की तैयारी कर ली।

अन्य शहरों में भी पलायन

अफवाह फैलने के बाद बैंगलोर से पूर्वाेत्तर के लोगों के पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं, अब कुछ अन्घ्य शहरों से भी लोग पलायन कर रहे हैं। बैंगलोर में फैली अफवाह ने कई अन्घ्य शहरों में भी पांव पसारने शुरू कर दिए हैं।
बैंगलोर से शुरू हुई अफवाह चेन्नई, हैदराबाद के साथ-साथ पुणे और पटना में भी फैल गई है। पूर्वाेत्तर के लोग इन शहरों से अब अपने-अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं। अब तक पूर्वाेत्तर के करीब 10 हजार से ज्घ्यादा लोग शहर छोड़ चुके हैं। लोगों के समझाने-बुझाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि बैंगलोर में ट्रेन के करीब 9 हजार 7 सौ टिकट गुवाहाटी के लिए बिके। आलम यह है कि 4 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। एक ट्रेन रात के ठीक एक बजे गुवाहाटी के लिए रवाना की गई, लेकिन बात न बनता देख रेलवे को आखिरकार गुवाहाटी के लिए टिकट बेचना ही बंद करना पड़ा। करीब 10 हजार लोग गुरुवार को बैंगलोर से गुवाहाटी के लिए पलायन कर गए। बहरहाल, इस संवेदनशील मामले पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।

अफवाह के कारण हजारों छात्रों ने छोड़ा बैंगलोर

बैंगलोर में नॉर्थ ईस्ट के छात्रों को धमकी दिए जाने की अफवाह के बाद छह हजार से ज्यादा छात्र बैंगलोर से रवाना हो गए हैं। इन लोगों को ले जाने के लिए बैंगलोर से गुवाहाटी तक दो स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इससे पहले कर्नाटक के डिप्टी सीएम औऱ गृह मंत्री ने स्टेशन जाकर नार्थईस्ट के छात्रों औऱ लोगों से शहर ना छोड़ने की अपील की।

इस तरह हो रहा फ्रीडम फाईटर्स का सम्‍मान


इस तरह हो रहा फ्रीडम फाईटर्स का सम्‍मान
 
एमपी जनसंपर्क का नया धमाल

स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों का नाम लेने से गुरेज है शिवराज को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा नित नए कारनामे किए जा रहे हैं। कभी वह मध्य प्रदेश सरकार को मिले पुरूस्कार के बारे में बाद में मन मसोसकर खबर जारी करता है तो कभी कुछ। गुरूवार को जारी समाचारों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान की हास्यास्पद खबर जारी कर जनसंपर्क विभाग ने तो मानो सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में कहा गया है कि स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में राज्यपाल श्री राम नरेश यादव एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शाल, श्रीफल भेंटकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया। राज्यपाल श्री यादव ने सभी अतिथियों को स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामना दी।
स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री बाबूलाल गौर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया, निगम-मंडलों के पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री आर। परशुराम, पुलिस महानिदेशक श्री नन्दन दुबे, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस।के। सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पीयूष त्रिवेदी, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की कुलपति श्रीमती निशा दुबे भी समारोह में उपस्थित थीं। सेना, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न धर्मों के धर्म गुरू, गणमान्य नागरिक तथा पत्रकार भी स्वागत समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री विनोद सेमवाल और विधि अधिकारी श्री सी।सी। द्विवेदी तथा राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
इस संपूर्ण समाचार में नेता और अधिकारियों के बारे में तो सविस्तार बखान किया गया है कि वहां कौन कौन मौजूद थे, किन्तु जनसंपर्क विभाग ने यह बताने की जहमत कतई नहीं उठाई कि किन किन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वहां सम्मान किया गया है। गौरतलब है कि 1947 के पूर्व के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की तादाद अब चंद ही बची है। 65 साल पहले हुए संग्राम में शामिल सैनानियों की आयु आज अस्सी को पार कर चुकी होगी।
यह शर्म की ही बात है कि जनसेवकों और नौकरशाहों को महिमा मण्डित करने की चाटुकारिता वाली परंपरा का संवंर्धन करते हुए मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में एक भी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी का नाम अथवा कितने सैनानियों का सम्मान किया गया है इस बारे में एक भी लाईन लिखना मुनासिब नहीं समझा है। समूची खबर जनसेवक और नौकरशाहों की भाटगिरी को ही समर्पित दिख रही है।

धूम्रपान पर अखिलेश ने दिखाई सख्ती


धूम्रपान पर अखिलेश ने दिखाई सख्ती

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। धूम्रपान के प्रति यूपी के निजाम अखिलेश यादव संजीदा होते दिख रहे हैं। राज्य के सचिवालय में अब धूम्रपान करने वालों के साथ सख्ती से निपटने की तैयारी कर ली गई है। सचिवालय में जो भी आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अफसर या कर्मचारी पान, गुटखे, तंबाकू का सेवन करते हुए या बीड़ी और सिगरेट पीते हुए पाया गया तो उसका सचिवालय प्रवेशपत्र कैंसल कर दिया जाएगा।
सचिवालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस तरह का काम करते हुए पाए जाने पर 100 रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा। सचिवालय-एनेक्सी के क्लोज सर्किट टीवी नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर नजर रखेंगे। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में आदेश जारी कर दिए गए हैं्र और सचिवालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी इसके लिए अधिकृत किए गए हैं। मादक पदार्थ पर प्रतिबंध को लागू करने में एसपी सरकार ने अच्छी पहल की है। हालांकि मायावती ने भी इस दिशा में प्रयास किया था, लेकिन उसमें सचिवालय प्रवेश पत्र निरस्त करने का प्रावधान नहीं था।

कालोनी नियमितिकरण में फंसा पेंच


कालोनी नियमितिकरण में फंसा पेंच

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के मामले में फिर एक पेंच फंस गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सूबे की सरकार को यह निर्देश दे रखा है कि वह शहर की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से पहले उसे यह जानकारी देगी कि वह किन-किन कॉलोनियों को किस आधार पर नियमित करने जा रही है। सरकार की नियमित होने वाली कॉलोनियों की सूची अदालत के समक्ष पेश करनी है।
ऐसे में दिल्ली सरकार अब केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों से रायशुमारी करने के बाद कोई फैसला करेगी। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि बाकी सारी तैयारियां हो चुकी हैं लेकिन इस मामले में अभी कुछ किंतु-परंतु जरूर हैं। लिहाजा, वे अपने आला अधिकारियों को केंद्र के अधिकारियों से विचार-विमर्श के लिए भेज रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले सप्ताह तक इस बारे में कोई अंतिम निर्णय हो जाएगा।
अनधिकृत कॉलोनियों के मामले में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री की अगुवाई में दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई। चर्चा के बाद यही तय किया गया कि पहले केंद्र सरकार की राय जानने के बाद ही अगला कदम उठाया जाए। वैसे, विश्वस्त आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को वर्ष 1993 में ही ये निर्देश दिए थे कि कॉलोनियों को नियमित करने से पहले उसे उनकी सूची दी जानी चाहिए। यह बताया जाना चाहिए कि कितनी कॉलोनियां नियमित हो सकती हैं और कितनी नहीं। मंत्रिमंडल की बैठक में एक राय यह भी थी कि अदालत के पास जाने की जरूरत नहीं है। दूसरी राय यह थी कि नियमितीकरण में किसी भी प्रकार की बाधा पैदा होने की स्थिति से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
यह मामला केंद्र सरकार के माध्यम से अदालत के पास भेजा जाए, अथवा दिल्ली सरकार अपने स्तर पर ही अदालत चली जाए, यह सबकुछ केंद्र सरकार की राय जानने के बाद ही तय किया जाएगा। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को बृहस्पतिवार की शाम ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ से मुलाकात करनी थी, लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक के बाद तय किया गया कि पहले अधिकारी स्तर पर बातचीत हो जाए।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि कॉलोनियों का नियमितीकरण पूरी तरह ठोक बजाकर किया जाए। दिल्ली के शहरी विकास विभाग के मंत्री के डॉ. अशोक कुमार वालिया ने बताया कि करीब 900 कॉलोनियों की सूची तैयार की जा चुकी है।

गोरखपुर में छात्रों का हंगामा, लाठीचार्ज


गोरखपुर में छात्रों का हंगामा, लाठीचार्ज

(सीमा श्रीवास्तव)

गोरखपुर (साई)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक पूर्व छात्र नेता की हत्या के खिलाफ गुरुवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर तोड़फोड़ की। इस दौरान उग्र छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।
घटना कैंट थाना क्षेत्र की है, जहां गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता सत्यपाल सिंह की बुधवार देर रात हुई हत्या के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर सड़क जाम की। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस से छात्र भिड़ गए और पथराव कर दिया। उग्र छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कुछ छात्र चोटिल हो गए।
पुलिस ने घटना में तोड़फोड़ और पथराव की घटना में शामिल होने के आरोप में छह छात्रों को हिरासत में लिया है। कैंट थाना प्रभारी आर।के।वर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। अतिरिक्त पुलिस बल पूरे इलाके में एहितयातन तैनात कर दिया गया है। छात्र नेता के हत्यारों की तलाश की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्र नेता की गोली मारकर की गई हत्या के पीछे रंजिश होने के संकेत मिल रहे हैं, जांच जारी है।

शोहदों को मारो चप्पल: रोहाणी


शोहदों को मारो चप्पल: रोहाणी

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहणी ने छेड़छाड़ करने वाले शोहदों (मनचलों) को सबक सिखाने के लिए पुलिस के पास जाने की बजाय लड़कियों को अपनी सैंडिल का सहारा लेने की सलाह दी है। रोहाणी ने गुरुवार को होम साइंस कालेज में ‘‘महिला अपराध व हमारी भूमिका‘‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि लड़कियों को झिझक छोड़नी होगी।
उन्होंने कहा कि अब तो करवट बदलो सारा जग जय-जय कार करेगा, जिस दिन बेटियां हाथ में सैंडिल ले लेंगी उस दिन लड़कों को समझ में आ जाएगा। लड़कियों से रोहाणी ने कहा कि जब कोई लड़का उनसे छेड़छाड़ करे तो वे पुलिस के पास जाने की बजाय खुद ही उसकी पिटाई कर दें, जब वे ऐसा करेंगी तो लड़के पुलिस के पास जाने लगेंगे कि लड़कियां उनसे ज्यादती कर रही हैं। ऐसा करने में समाचार (न्यूज) बनता है तो बनने दें इसकी परवाह न करें।
घर के भीतर अपनी स्थिति पर चुटकी लेते हुए रोहाणी ने कहा कि वे भले ही बाहर दहाड़ते फिरते हैं, मगर घर के भीतर म्याउ-म्याउ करते हैं। इसलिए लड़कियों को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और मनचलों को सबक सिखाएं। महिला अपराध पर आयोजित इस संगोष्ठी में विभिन्न वर्गाे से जुड़े जागरुक लोग मौजूद थे, जिन्होंने बढ़ते अपराधों पर चिंता तो जताई ही साथ में लड़कियों से सजग व सतर्क रहने की हिदायत दी। साथ ही लड़कियों ने अपनी समस्याएं बताई और सवाल भी पूछे।

कांतिलाल भूरिया: दुश्मन शरणम गच्छामि


कांतिलाल भूरिया: दुश्मन शरणम गच्छामि

(रविन्द्र जैन)

भोपाल (साई)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने पिछले सवा साल में विपक्ष में कम और अपनी पार्टी में ही ज्यादा दुश्मन बना लिये थे। दिल्ली की फटकार के बाद भूरिया दुश्मन शरणम गच्छामी की मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं। वे कभी अपने सबसे बड़े विरोधी केके मिश्रा को सुस्वादिष्ट भोजन पर बुला रहे हैं तो कभी एक और बड़े विरोधी असलम शेर खान को रोजा अफ्तारी के नाम से बुलाकर गले लगा रहे हैं। भूरिया और कांग्रेस को पानी पी-पीकर कोस रहे गुफराने आजम की औकात भी पार्टी में अचानक बढ़ गई है। भूरिया सूर्ख गुलाब के फूल लेकर उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे और मतभेद भुलाने का आग्रह भी कर आए।
सबसे पहले बात करते हैं कांग्रेस के धारदार प्रवक्ता रहे केके मिश्रा की। मिश्रा ने जब भाजपा समर्थित  खनिज माफिया के खिलाफ मोर्चा खोला तो भूरिया की टीम ने उनका मुंह बंद करने की कोशिश की। मिश्रा नहीं माने तो उनका उन्हें भोपाल से हटाकर रीवा, सतना का चार्ज दे दिया गया। धुन के पक्के केके मिश्रा ने खनिज माफिया को छोड़ भूरिया टीम के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। भोपाल से दिल्ली तक शिकायतों के पुलंदे भेजकर आरोप लगाए कि भूरिया टीम भाजपा नेताओं की गोद में बैठी है। तमतमाए भूरिया ने केके मिश्रा को प्रवक्ता पद से हटाते हुए उनके खिलाफ चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री सत्यदेव कटारे के नेतृत्व में इंदौर पहुंची जांच कमेटी के सामने केके मिश्रा ने एक हजार से अधिक पृष्ठों का पुलंदा पटक दिया जिससे सिद्ध होता है कि भूरिया टीम और भाजपा की गहरी सांठगांठ है।
केके मिश्रा के खिलाफ जांच करने गई कांग्रेस की कमेटी पांच माह बाद भी यह तय नहीं कर पा रही कि असली दोषी केके मिश्रा हैं या भूरिया टीम? इस टीम ने आज तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। इसी बीच केके मिश्रा ने भूरिया विरोधी दस्तावेज दिल्ली के बड़े नेताओं को भेज दिए। पचौरी से लेकर कमलनाथ और सिंधिया से लेकर दिग्विजय सिंह तक ने भूरिया को समझाया कि केके मिश्रा से दुश्मनी महंगी पड़ेगी तब जाकर भूरिया ने पिछले सप्ताह केके मिश्रा को मनाने अपने इकलौते साले अनिल पवार की मदद ली। केके मिश्रा के गहरे मित्र अनिल पवार के आग्रह पर केके मिश्रा उनके घर भोजन करने गये तो भूरिया पहले से वहां मौजूद थे। सवा घंटे की सीधी बातचीत का लब्बोलुहाब यह है कि भूरिया ने केके मिश्रा से मतभेद भूलकर पार्टी हित में काम करने का प्रस्ताव रखा। बताते हैं कि केके मिश्रा ने सिर्फ इतना कहा कि पार्टी के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन स्वार्थी नेताओं के हितों के लिए काम नहीं करेंगे।
अब बात मुंहफट पूर्व सांसद गुफराने आजम की कर लेते हैं। कांग्रेस में आरिफ अकील लंबे समय से अजम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अकील ने कई बार विधानसभा में आजम से संबंधित सवाल पूछे जिससे आजम स्वयं को आहत महसूस कर रहे हैं। दूसरी ओर मुुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा की मदद से गुफराने आजम मप्र बक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए हैं। मुुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि अगले विधानसभा चुनाव में वे उत्तर भोपाल से आरिफ अकील को हराकर अपनी पार्टी का प्रत्याशी जितायेंगे। चौहान और झा को उम्मीद है कि आरिफ को हराने में गुफरान उनकी मदद कर सकते हैं। यही कारण है कि प्रभात झा चाहे जब गुफराने आजम के घर आ धमकते हैं और अखबारों में खबर छपती है कि गुफरान भाजपा में जा रहे हैं।
दूसरी ओर भूरिया द्वारा आरिफ अकील को महत्व दिये जाने से गुफरान नाराज हैं। प्रदेश में कांग्रेस की बदहाली के लिए गुफरान सार्वजनिक रूप से भूरिया को कोस रहे हैं। गुफरान के बयानों से अजीज आकर पिछले दिनों कांतिलाल भूरिया गुफरान को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव लेकर दिल्ली पहुंच गये। दिल्ली ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए भूरिया को तकीद दी कि चुनाव से एक साल पहले दिग्गज अल्पसंख्यक नेता के खिलाफ कार्रवाई से प्रदेश में गलत संदेश जाएगा। पार्टी हाईकमान ने भूरिया से साफ कहा कि रूठे हुए नेताओं को मनायें अन्यथा संगठन भूरिया के भविष्य के बारे में भी विचार कर सकता है। पूर्व सांसद और अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी असलम शेर खान भी भूरिया से खासे नाराज चल रहे हैं।
(लेखक सबकी खबर डॉट काम के संपादक और प्रदेश टुडे से जुड़े हुए हैं)

‘प्रतिद्वंद्वी नहीं साझेदार’ है भारत: चीन


प्रतिद्वंद्वी नहीं साझेदारहै भारत: चीन

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

बीजिंग (साई)। दक्षिण एशिया में प्रभाव बढ़ाने के अपने प्रयासों को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच चीन ने भारत को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं साझेदारबताया है तथा क्षेत्रीय सम्पर्क सुधारने के वास्ते उसके सहित दक्षेस के अन्य देशों के साथ कार्य करने को लेकर सहमति जतायी है।
चीन की उप विदेश मंत्री फू इंग ने भूटान और नेपाल की अपनी यात्राओं से लौटने के बाद कहा, ‘मेरे विचार में चीन और भारत प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार हैं। हाल के वर्षों में चीन-भारत के संबंधों में मजबूत प्रगति हुई है जिसके लिए दोनों देशों के नेताओं की सहमति को धन्यवाद दिया जाना चाहिए।
फू इंग ने भूटान और नेपाल की अपनी यात्रा के दौरान इन दोनों देशों के नेताओं के साथ गहन वार्ता की। उन्होंने सरकारी समाचार पत्र के साथ साक्षात्कार में दक्षिण एशिया में चीन की नीतिगत पहलों को रेखांकित करते हुए कहा कि इस देश के दक्षेस देशों के साथ संबंधों में सुधार का अन्य देशों के हित प्रभावित नहीं होंगे।
भूटान और नेपाल के साथ भारत के नजदीकी संबंधों के संदर्भ में क्षेत्र में भारत और चीन के बीच रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बारे में पूछे जाने पर फू इंग ने कहा भूटान और नेपाल सहित दक्षिण एशियाई देशों के साथ संबंध सुधारने के चीन के प्रयास का निशाना कोई अन्य तीसरा देश नहीं है, ना ही इससे अन्य देशों के हित प्रभावित होंगे। इसकी बजाय इससे क्षेत्र की समृद्धि में ही बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा, ‘चीन क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने को तैयार है। मिसाल के तौर पर यदि चीन, भारत और दक्षिण एशियाई देश एकसाथ मिलकर कार्य करें और क्षेत्र में मजबूत विकास से स्वयं लाभ उठायें तो सम्पर्क की जरूरत बेहतर ढंग से पूरी हो सकती है।ऐसा संभवतर पहली बार है जब चीन ने स्वयं और दक्षेस देशों के साथ सम्पर्कके बारे में बात की है।

पगार ना मिलने पर महिला पत्रकार ने की आत्महत्या


पगार ना मिलने पर महिला पत्रकार ने की आत्महत्या

(सोहेल अहमद)

इस्लामाबाद (साई)। पाकिस्तान के लाहौर में एक महिला पत्रकार ने चार महीने से तनख्वाह नहीं मिलने पर कथित रुप से एक भवन की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। चौबीस वर्षीय सीमाब अफजल के परिवार के अनुसार वह एंटी क्राइमअखबार में बतौर रिपोर्टर काम कर रही थी। उसके एक सहयोगी ने कहा, ‘‘सीमाब को चार महीने से तनख्वाह नहीं दी गयी थी। कल जब उसके अखबार के मालिक ने उसे पैसा देने से इनकार कर दिया तब उसने यह अतिवादी कदम उठाने का निर्णय लिया।’’
सीमाब यहां चौबुरजी के समीप कामकाजी महिलाओं के लिए बने एक हॉस्टल में रहती थी। वह यहां से 40 किलोमीटर दूर शेखपुरा की निवासी थी। पुलिस के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सीमाब ने एक भवन की छत से छलांग लगा दी। वहां मौजूद लोगों ने उसे तुरंत मेयो अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सीमाब के रिश्तेदार नुजहत ने पुलिस को बताया कि वह तनख्वाह नहीं मिलने से बहुत परेशान थी। नुजहत भी एंटी क्राइममें ही रिपोर्टर है। अधिकारियों के अनुसार अखबार मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कैंसर की नई दवा से मिल सकता है पांच माह का जीवनदान


कैंसर की नई दवा से मिल सकता है पांच माह का जीवनदान

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। वैज्ञानिकों ने एक नई दवा खोजी है जिसके बारे में उनका दावा है कि इससे प्रॉस्टेट कैंसर के उन मरीजों को पांच माह का जीवनदान मिल सकता है जिनको यह बीमारी बहुत बढ चुकी हो और कीमोथेरेपी का असर न हो रहा हो।
परीक्षणों के दौरान ब्रिटिश अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एंजैलुटैमाइडदवा लेने वाले व्यक्ति 18 माह से अधिक जीते हैं जबकि कैंसर की दवा पर ही निर्भर रहने वाले मरीजों की 14 माह से कम समय में ही मौत हो जाती है।
डेली मेल की खबर में कहा गया है कि नई दवा का सेवन करने वाले लगभग आधे लोगों का जीवन बेहतर होता है। एंजैलुटैमाइडदवा लंदन के इन्स्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्चऔर रायल मार्सडेन हॉस्पिटलके ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने विकसित की है।

पुरुष गर्भनिरोधक गोली बनने की उम्मीद बढ़ी


पुरुष गर्भनिरोधक गोली बनने की उम्मीद बढ़ी

(अंकिता रायजादा)

न्यूयार्क (साई)। वैज्ञानिकों का कहना है कि वे पुरुष गर्भनिरोध दवा बनाने की मुश्किल प्रक्रिया के और करीब पहुँच गए हैं। वैज्ञानिकों ने चूहों पर सफल परीक्षण किया है। महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवा तो दश्कों से मौजूद है पर पुरुषों के लिए ऐसी गोली अब तक नहीं बन पाई है।
सेल नाम की पत्रिका में छपा ये अमरीकी अध्ययन बताता है कि इस दवा से चूहों की यौन क्रियाओं पर असर नहीं पड़ा लेकिन प्रजनन क्षमता अस्थाई तौर पर खत्म हो गई। पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोली न होने की वजह से बड़ी संख्या में अनियोजित गर्भ धारण करने के मामले सामने आते रहे हैं।
चुनौती ये है कि ऐसी दवा बनाई जाए जो खून से अंडकोष (टेस्टिकल्स) में जा सके। डाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड बेलर कॉलज ऑफ मेडिसन में अमरीकी शोधकर्ता जेक्यू1 नाम की दवा का परीक्षण कर रहे थे। ये दवा प्रोटीन की एक ऐसी किस्म पर निशाना साधती है जो सिर्फ अंडकोष में ही पाया जाता है और शुक्राणु उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।
जिन चूहों को दवा दी गई उनके अंडकोष सिकुड़ने लगे, शुक्राणु कम बनने लगे और कुछ की प्रजनन क्षमता चली गई। लेकिन जब ये जानवर दवा नहीं ले रहे थे तो उनकी प्रजनन क्षमता सामान्य थी और बच्चे हो रहे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे संकेत मिलते हैं कि पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक दवा बनाना संभव है।
लेकिन अभी और परीक्षण करने की जररूत है ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये दवाएँ मनुष्यों के लिए सुरक्षित और कारगर हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के डॉक्टर ऐलन पेसी ने बीबीसी को बताया, “अब तक जितने परीक्षण हुए हैं उनमें इंजेक्शन या इम्पलांट के जरिए टेस्टोस्टिरोन हॉरमोन से छेड़छाड़ की जाती थी ताकि शुक्राणु न बन सकें। लेकिन ये तकनीक रूटीन इस्तेमाल में नहीं आ सकी। इसलिए ऐसी दवा की जरूरत है जो हॉरमोन पर निर्भर न हो।