पुरुष गर्भनिरोधक
गोली बनने की उम्मीद बढ़ी
(अंकिता रायजादा)
न्यूयार्क (साई)।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वे पुरुष गर्भनिरोध दवा बनाने की मुश्किल प्रक्रिया के
और करीब पहुँच गए हैं। वैज्ञानिकों ने चूहों पर सफल परीक्षण किया है। महिलाओं के
लिए गर्भनिरोधक दवा तो दश्कों से मौजूद है पर पुरुषों के लिए ऐसी गोली अब तक नहीं
बन पाई है।
सेल नाम की पत्रिका
में छपा ये अमरीकी अध्ययन बताता है कि इस दवा से चूहों की यौन क्रियाओं पर असर
नहीं पड़ा लेकिन प्रजनन क्षमता अस्थाई तौर पर खत्म हो गई। पुरुषों के लिए
गर्भनिरोधक गोली न होने की वजह से बड़ी संख्या में अनियोजित गर्भ धारण करने के
मामले सामने आते रहे हैं।
चुनौती ये है कि
ऐसी दवा बनाई जाए जो खून से अंडकोष (टेस्टिकल्स) में जा सके। डाना-फार्बर कैंसर
इंस्टीट्यूट एंड बेलर कॉलज ऑफ मेडिसन में अमरीकी शोधकर्ता जेक्यू1 नाम की दवा का
परीक्षण कर रहे थे। ये दवा प्रोटीन की एक ऐसी किस्म पर निशाना साधती है जो सिर्फ
अंडकोष में ही पाया जाता है और शुक्राणु उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।
जिन चूहों को दवा
दी गई उनके अंडकोष सिकुड़ने लगे, शुक्राणु कम बनने लगे और कुछ की प्रजनन
क्षमता चली गई। लेकिन जब ये जानवर दवा नहीं ले रहे थे तो उनकी प्रजनन क्षमता
सामान्य थी और बच्चे हो रहे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे संकेत मिलते हैं कि
पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक दवा बनाना संभव है।
लेकिन अभी और
परीक्षण करने की जररूत है ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये दवाएँ मनुष्यों के लिए
सुरक्षित और कारगर हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के डॉक्टर ऐलन पेसी ने बीबीसी को
बताया, “अब तक
जितने परीक्षण हुए हैं उनमें इंजेक्शन या इम्पलांट के जरिए टेस्टोस्टिरोन हॉरमोन
से छेड़छाड़ की जाती थी ताकि शुक्राणु न बन सकें। लेकिन ये तकनीक रूटीन इस्तेमाल में
नहीं आ सकी। इसलिए ऐसी दवा की जरूरत है जो हॉरमोन पर निर्भर न हो।”
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