शनिवार, 18 मई 2013

साईं मंदिर ट्रस्ट पंजीयन की कार्यवाही जारी


साईं मंदिर ट्रस्ट पंजीयन की कार्यवाही जारी

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जबलपुर रोड़ पर नगझर स्थित शिरडी साई मंदिर के ट्रस्ट बनाने की कार्यवाही जारी है। इसके लिए मध्य प्रदेश राजपत्र में विज्ञापन का प्रकाशन भी एक मार्च को कराया जा चुका है।
एक मात्र के राजपत्र में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार प्रारूप तृतीय (नियम 5 (1) देखिये) (मध्यप्रदेश सार्वजनिक लोक न्यास अधिनियम, 1951 की धारा-4 के अन्तर्गत) में प्रकाशित किया गया है कि एतदद्वारा सर्व-साधारण को सूचित किया जाता है कि आवेदकगण उधवदास आसवानी पिता श्री हरगुनदास आसवानी निवासी सिंधी कॉलोनी सिवनी व अन्य 10 द्वारा धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति, शिर्डी सॉंई बाबा के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार कर समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं साम्प्रदायिकता का नाश कर, सर्वधर्म समभाव की भावना का विकास करना है एवं गौ-रक्षा आदि के सहायतार्थ सार्वजनिक पुण्यार्थ चेरिटेबल ट्रस्ट के पंजीयन लिए आवेदन-पत्र मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियम, 1951 की धारा-4 के अन्तर्गत ‘‘ऊॅं श्री शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट‘‘ साईं पुरम जबलपुर रोड, सिवनी तहसील व जिला सिवनी का लोक न्यास अधिनियम, 1951 (1951 का 30) की धारा-4 के अधीन अनुसूची में विनिर्दिष्ट सम्पत्ति के लिए लोक न्यास के रूप में पंजीकृत किये जाने के लिये आवेदन किया है, एतदद्वारा सूचना-पत्र दिया जाता है कि कथित आवेदन दिनांक 19 फरवरी 2013 को मेरे न्यायालय में विचार में लिया जायेगा।
किसी आपत्ति या सुझााव को करने का आशय रखते हुए कथित न्यास या संपत्ति में हितबद्ध कोई व्यक्ति को इस सूचना के प्रकाशन की तारीख से एक माह के भीतर दो प्रतियों में लिखित कथन प्रस्तुत करना चाहिए और मेरे समक्ष उपरोक्त तारीख पर या तो व्यक्तिशः अथवा पलीडर या अभिकर्ता के माध्यम से उपस्थित होना चाहिए, उपरोक्त अवधि के अवसान के उपरान्त प्राप्त आपत्तियों को विचार में नहीं लिया जायेगा।
अनुसूची
1. लोक न्यास का नाम: ‘‘ऊॅं श्री साईं मंदिर ट्रस्ट सिवनी‘‘
2. चल संपत्ति: 1, 54, 220.00 (रूपये एक लाख चौवन हजार दो सौ बीस रूपये)
3. अचल संपत्ति: ग्राम सिमरिया, , , नं. 99, रा. नि. मं. सिवनी-2, तहसील व जिला सिवनी स्थित भूमि खसरा नम्बर 113/3, रकबा 0.40 हे.।
सी.एस.शुक्ला,
अनुविभागीय अधिकारी एवं पंजीयक.

वे इंतजार करते रहे और सीधे उड़ गए सीएम!


वे इंतजार करते रहे और सीधे उड़ गए सीएम!

(शरद खरे)

सिवनी (साई)। आज सीएम ने एक बार फिर सिवनी को गच्चा दे दिया। शाम को उनका सुखतरा की अभी तक लोकार्पित नहीं हुई हवाई पट्टी पर जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधि उनका इंतजार करते रहे और वे बालाघाट से सीधे हेलीकाप्टर से ही भोपाल के लिए उड़ गए।
कुरई पुलिस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री आज बालाघाट प्रवास पर थे। उन्हें आज सिवनी भी आना था किन्तु उनका कार्यक्रम विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर के निधन के चलते निरस्त कर दिया गया है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि आज सूचना मिली कि संभवतः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालाघाट के अपने निर्धारित कार्यक्रम में लेट हो जाएं तो वे हेलीकाप्टर से सिवनी आएंगे फिर राज्य शासन के विमान से वे भोपाल के लिए उड़ जाएंगे। इस सूचना पर जिला कलेक्टर भरत यादव, जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष और महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, सिवनी विधायक श्रीमति नीता पटेरिया भी वहां उपस्थित थीं।
वहीं दूसरी ओर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी ने विमानन विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया िकि चूंकि सीएम का कार्यक्रम जल्दी हो गया था, अतः उन्होंने चौपर से ही सीधे भोपाल जाने का निर्णय लिया। यही कारण था कि प्रदेश शासन का विमान सुखतरा नहीं पहुंचा। इन परिस्थिियों में जिला प्रशासन के आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि उनका वहां इंतजार करते ही रह गए।

हिन्द गजट में दिनेश राय के विरूद्ध टिप्पणी की गई है: चौधरी


हिन्द गजट में दिनेश राय के विरूद्ध टिप्पणी की गई है: चौधरी

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। ‘‘विकास पुरूश की छत्रछाया में राशन कार्ड को भटकते गरीब‘‘ शीर्षक समाचार आपके समाचार पत्र में प्रकाशि हुआ है जिसमें दिनेश राय जी के खिलाफ टिप्पणी की गई है। उक्ताशय का एक ईमेल सीएमओ लखनादौन की मेल आईडी से गत दिवस भेजा गया है।
ज्ञातव्य है कि 15 मई को अपरान्ह बारह बजे लखनादौन नगर पंचायत के पार्षद प्रमोद झारिया ने हिन्द गजट के कार्यालय मोबाईल से फोन करके दिनेश राय उर्फ मुनमुन के खिलाफ समाचार छापे जाने पर अपनी तल्ख आपत्ति दर्ज करते हुए सीधे सीधे दबंगई दिखाते हुए धमकाया था।
इस पूरे घटनाक्रम को आज के अंक में ‘‘दिनेश के खिलाफ समाचार छापने की जुर्रत कैसे की: झारिया‘‘ शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रमोद झारिया ने कहा था कि दरबारके पास आओ एवं अन्य पत्रकारों की तरह विज्ञापन लो और शांत हो जाओ।
इसके उपरांत एक ईमेल सीएमओ लखनादौन की मेल आई डी सीएमओ डॉट एलएकेएच एट द रेट जीमेल डॉट काम से अपरान्ह 3 बजकर 47 मिनिट पर आया। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि मेरे द्वारा वार्ड की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री ऑनलाईन एवं कलेक्टर को षिकायत की गई थी, जिसमें पटवारी एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा वार्ड में गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने में पटवारियों द्वारा की जा रही लापरवाही किये जाने की षिकायत की गई थी, आपके अखबार में इस संबंध में एक समाचार विकास पुरूष की छत्रछाया में राषन कार्ड को भटकते गरीब शीर्षक से समाचार प्रकाषित किया गया है। जिसमें दिनेष राय जी के विरूद्ध टिप्पणी की गई है। मेरे द्वारा नगर परिषद के अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध कोई षिकायत नही की गई है। गरीबी रेखा के कार्ड ना बनने से वार्डवासियों में रोष है। पटवारियों द्वारा गरीबी रेखा का सर्वे कार्य ठीक से नही किया जा रहा है । कृपया तत्संबंध में मेरे पक्ष को अपने समाचार पत्र में स्थान देने की कृपा करें।
इस ईमेल में किसी का नाम या हस्ताक्षर नहीं हैं। इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि इस ईमेल को लखनादौन नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राधेश्याम चौधरी द्वारा ही भेजा गया है। आश्चर्य तो इस बात का है कि राधेश्याम चौधरी जैसे मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चौधरी आखिर इस नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय की तरफदारी क्यों करने लगे।
सीएमओ श्री चौधरी के इस कृत्य से उन आशंकाओं को बल मिलता है जिसमें यह कहा जा रहा है कि नगर पंचायत लखनादौन की चाभी आज भी पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन के ही हाथों में है। कहा जा रहा है कि संभवतः यही कारण है कि नगर पंचायत लखनादौन के अंदर होने वाली हर गतिविधि में वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमति सुधा राय के स्थान पर पूर्व अध्यक्ष और सिवनी विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी रहे दिनेश राय की तस्वीर चस्पा होती है।
(क्रमशः जारी)     

सरेआम बिजली चोरी! विद्युत मण्डल ने रफा दफा किया मामला!


सरेआम बिजली चोरी! विद्युत मण्डल ने रफा दफा कि
या मामला!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। आज अपरान्ह लगभग दो बजे यातायात पुलिस द्वारा अत्याधुनिक स्पीड ब्रकर्स को सड़कों पर ठोकने की कवायद में सर्किट हाउस के मेन के गेट के सामने मुख्य मार्ग पर ही तार बिछाकर की जा रही बिजली चोरी की शिकायत मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल के विजलेंस और टाउन के कार्यपालन यंत्री को करने के बाद मौके पर पहुंचे सहायक यंत्री शहर श्री राउत ने मामले को रफा दफा कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आज सर्किट हाउस चौराहे से कलेक्टर निवास को जाने वाले मार्ग पर यातायात पुलिस द्वारा प्लास्टिक के स्पीड ब्रेकर ठोंकने का काम चल रहा था। इस काम में सड़क में गड्ढा करने की गरज से ड्रिल मशीन को सीधे सीधे चौराहे के खंबों से होकर गुजरने वाले बिजली  के तारों से जोड़कर बिजली चोरी की जा रही थी।
इस संबंध में जब दैनिक हिन्द गजट ने कार्यपालन यंत्री शहर श्री शिववंशी से संपर्क किया गया तो उन्होंने तत्काल सहायक यंत्री को मौके पर भेजने और सहायक यंत्री के मौके पर पहुंचने की बात कही। उन्होंने कहा कि सहायक यंत्री ने उन्हें बताया कि दस पांच मिनिट के लिए लाईन से तार जोड़ दिए गए हैं, कोई खास बात नहीं है।
जब उनसे यह प्रश्न किया गया कि क्या आम नागरिक भी दस पांच मिनिट को सीधे लाईन से तार जोड़ ले तो क्या एमपीईबी इसी तरह का रवैया अपनाएगी,? के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वे सहायक यंत्री से इस मामले का प्रकरण कायम करने का निर्देश दे रहे हैं।
इसके उपरांत जब इस संबंध में विजलेंस के कार्यपालन यंत्री श्री नागवंशी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वे अभी फील्ड में हैं और इस मामले में वे अपना स्टाफ तत्काल भेज रहे हैं। जब उनसे श्री शिववंशी के साथ हुए वार्तालाप के बारे में बताकर पूछा गया कि क्या यह नियमानुसार है? इसके जवाब में श्री नागवंशी ने कहा कि पता नहीं कैसे अधिकारी कोई खास बात नहीं है? बता रहे हैं? इन  पंक्तियों के लिखे जाने तक विजलेंस विभाग ने भी इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस संबंध में जब सहायक यंत्री श्री राउत से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वे जब मौके पर पहुंचे तब तक वहां काम करने वाले लोगों ने तार बिजली के खंबे से निकाल लिए थे। उस समय काम सर्किट हाउस से लाईन लेकर चल रहा था। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सर्किट हाउस से लाईन लेकर काम करना विधि संगत है? इसके जवाब में उनका कहना था कि जो बिजली की खपत होगी वह मीटर में आएगी? हम बिल वसूल लेंगे?
जब श्री राउत से यह पूछा गया कि अगर हम अपने घर या व्यवसायिक प्रतिष्ठान से किसी अन्य को व्यवसायिक या निजी प्रयोजन के लिए बिजली प्रदाय करेंगे तो यह वैध है या अवैध? इस पर उनका जवाब था यह अवैध होगा? जब श्री राउत से पूछा गया कि यह अवैध है तो सर्किट हाउस से बिजली लेने पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इस पर श्री राउत ने कहा कि सरकारी विभाग है सब चलता है?

साथ छोड़ती पुण्य सलिला


साथ छोड़ती पुण्य सलिला

(लिमटी खरे)

जिला मुख्यालय सिवनी से दक्षिण दिशा में गोपालगंज के समीप मुंडारा के एक कुण्ड से निकलकर पतली सी धारा के रूप में प्रवाहित होने वाली पुण्य सलिला बैनगंगा अपने हजारों किलोमीटर के सफर में ना जाने कितने कंठों और जमीन की प्यास बुझाती है। बैनगंगा के इस प्रवाह में अनेक छोटे बड़े बांध भी बने हुए हैं। सिवनी जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता सुश्री विमला वर्मा के सद्प्रयासों से बने एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध संजय सरोवर परियोजना जिसे भीमगढ़ बांध के नाम से जाना जाता है में इस छोटी सी धारा का प्रताप अलग ही प्रतीत होता है।
आज अगर भीमगढ़ बांध को जाकर देखा जाए तो इसका जलस्तर बहुत नीचे पहुंच चुका है। स्थिति अगर यही रही और मानसून थोड़ा सा भी विलंब से आया तो सिवनी जिले विशेषकर जिला मुख्यालय में पानी की त्राही त्राही मच जाएगी, उस वक्त प्रशासन को स्थिति संभालना बहुत ही दुष्कर हो सकता है।
सालों पहले जब भीमगढ़ बांध के निर्माण का काम चल रहा था, उस समय सिवनी से पश्चिम दिशा में छिंदवाड़ा रोड़ पर अवस्थित लखनवाड़ा के स्टाप डेम में इस पुण्य सलिला को बड़ा सा स्टाप डेम बनाकर रोका गया था। यह स्टाप डेम सिवनी के नागरिकों की काफी हद तक प्यास बुझाने में सक्षम था। आज लखनवाड़ा में बैनगंगा की स्थिति दयनीय है। किसी को भी इसकी दुर्दशा से कोई सरोकार नहीं है।
बारिश के दिनों में जब बैनगंगा नदी उफनाती थी तब इसके रोद्र रूप से लोग सिहर उठते थे। लखनवाड़ा, मुगवानी रोड़ आदि पर इसका आवेग देखने भीड़ लगी होती थी। लोग अपना काम धंधा छोड़कर पुल के उपर से बहते पानी को देखने जाते लगता मानो मेला लगा हो। कई रेहड़ी वाले ठेले वाले तो बाकायदा अपनी दुकाने वहां लगा लेते हैं बारिश के दिनों में।
बैनगंगा नदी के उद्गम स्थल की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। जब तक संत आबू वाले बाबा का डेरा बैनगंगा के उद्गम मंुडारा में रहा तब तक यहां रौनक हुआ करती थी। अब मुंडारा का नाम लोगों की जुबान से विस्मृत होता दिख रहा है। घर के जोगी जोगड़ा, आन गांव के सिद्ध‘‘ की तर्ज पर सिवनी में मुंडारा का महत्व काफी घटता जा रहा है वहीं अन्य जिलों में जहां से होकर पुण्य सलिला गुजरती है, वहां मुंडारा को बहुत ही सम्मान की नजर से देखा जाता है।
अगर मुंडारा को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जाए तो निश्चित रूप से यहां इसकी अनेकानेक संभावनाएं हैं। वैसे भी सिवनी जिले के पर्यटन स्थल बुरी तरह दुर्दशा के शिकार हो चुके हैं। फोरलेन मार्ग से महज चार पांच किलोमीटर की दूरी होने पर यह लोगो के आकर्षण का केंद्र बन सकता है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बैनगंगा नदी सिवनी जिले में लगभग साठ किलोमीटर का सफर तय करती है। एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध भीमगढ़ से जिला मुख्यालय सिवनी सहित अनेक गांवों को जलापूर्ति के साथ ही साथ दाई और बाईं तट नहर योजना के द्वारा किसानों को भी खेती के लिए विपुल मात्रा में पानी प्रदाय किया जाता है।
कितने आश्चर्य की बात है कि सिवनी जिले में भीमगढ़ बांध को अगर छोड़ दिया जाए तो इन साठ किलोमीटर के मार्ग में पुण्य सलिला को रोकने स्टाप डेम जैसी व्यवस्था तक नहीं की गई है। अगर जगह जगह इसका पानी रोक दिया जाता तो रूके पानी से आसपास के जल स्त्रोत रिचार्ज हो सकते थे। वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं है।
इसका सीधा कारण सिवनी जिले के सांसद विधायकों और उनके लग्गू भग्गुओं की अदूरदर्शी सोच है। किसी ने भी किसानों के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई है। यही कारण है कि जिले के किसानों की रीढ़ टूटी हुई है। केवलारी पलारी क्षेत्र में सुश्री विमला वर्मा ने दूर की सोच को रखते हुए नहरों का जाल बिछाने का काम आरंभ किया था, क्योंकि वे केवलारी से विधायक थीं। उन्ही की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि आज केवलारी और पलारी के कुछ हिस्सों को उपज के मामले में पंजाब माना जाता है।
जिला प्रशासन के मुलाजिम भी जिला कलेक्टर के उस आदेश को जिसमें पानी का उपयोग घरेलू के अलावा अन्य किसी भी तरह का नहीं किया जाए, का खुला माखोल उड़ाते दिख रहे हैं। जिले भर में ना जाने कितने स्थानों पर पानी का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। ना जाने कितनी मोटर, लगाकर सार्वजनिक जल स्त्रोतों से पानी खींचा जा रहा है, पर सरकारी अमला शांत ही दिख रहा है।
आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि सिवनी शहर में ही बबरिया, दलसागर, बुधवारी, मठ के साथ ही साथ रेल्वे स्टेशन के पास दो तालाब होने के बाद भी रियाया पानी को सदा ही तरसती रहती है। बैनगंगा नदी से सभी को बहुत ज्यादा उम्मीदें होना स्वाभाविक ही है। इस नदी का इस तरह समय के पहले ही साथ छोड़ देना शुभ संकेत तो कतई  नहीं माना जा सकता है।
भीमगढ़ बांध में जो हिस्सा अभी सूखा हुआ है उस हिस्से में मशीनों के माध्यम से खुदाई करवाई जा सकती है। इससे निकलने वाली मिट्टी भी बहुत उपजाउ होगी और किसानों के लिए वह वरदान से कम नहीं होगी। इससे भीमगढ़ बांध में जल भराव क्षेत्र में बढोत्तरी हो सकती है।
सांसद विधायकों से उम्मीद करना तो बेमानी ही होगा। जिला प्रशासन से ही अपेक्षा की जा सकती है कि समय रहते बैनगंगा नदी के गहरीकरण का काम प्राथमिकता पर करवाया जाए, साथ ही जिले में बैनगंगा के मार्ग में छोटे छोटे स्टापडेम अवश्य बनवाए जाएं। लखनवाड़ा के स्टाप डेम को दूरूस्त करवाया जाए, ताकि भविष्य में गर्मियों के मौसम में पुण्य सलिला भरी पूरी रहे।