बुधवार, 4 जनवरी 2012

पर्यावरण प्रदूषण की जानबूझकर की जा रही है अनदेखी!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 44

पर्यावरण प्रदूषण की जानबूझकर की जा रही है अनदेखी!

पर्यावरण प्रदूषण के बारे में स्थिति है पूरी तरह अस्पष्ट

झाबुआ पावर के संयंत्र से होगा पर्यावरण का जमकर नुकसान



(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में शामिल मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका राजनैतिक क्षेत्र में भी इकबाल बुलंद है, के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा दो चरणों में लगाए जा रहे कोल आधारित पावर प्लांट से क्षेत्र में कहर बरपने के साथ ही साथ पर्यावरण का जमकर नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि 600 मेगावाट के पहले चरण की लोकसुनवाई के पूर्व मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को जमा कराए गए कार्यकारी सारांश के सातवें सफे पर लिखी इबारत से साफ हो जाता है कि मेसर्स झाबुआ पावर प्लांट के द्वारा स्थापित किए जाने वाले इस संयंत्र का पर्यावरण प्रदूषण प्रभाव मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के जिम्मेदार विभागों द्वारा जनबूझकर अनदेखा किया गया है। दोनों ही चरणों की लोकसुनवाई में पर्यावरण प्रदूषण के मामले में जब भी कोई प्रश्न दागा गया संयंत्र प्रबंधन और मध्य प्रदेश प्रदूषण मण्डल के सैटकारिंदों ने बात को घुमा फिरा कर प्रस्तुत कर दिया।
कार्यकारी सारांश में साफ कहा गया है कि पर्यावरण प्रदूषण प्रभाव का अनुमान संयंत्र में होने वाली कार्यवाही का प्रकार तथा मात्रा और प्रदूषण रोकथाम के लिए किए गए उपायों पर निर्भर करता है। आसपास के क्षेत्र में पर्यावरण पर प्रभाव दो स्थितियों में होगा।  प्रदूषण स्तर की निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत रखने के लिए व्यवस्थापन द्वारा जो उपाय किए जाएंगे उनमें निर्माण और कार्यकारी अवस्था के अलग अलग प्रभाव दर्शाए गए हैं।
निर्माण अवस्था में एसपीएम, आरपीएम, सल्फर डॉय आक्साईड, एनओएक्स, एचसी, और कार्बन की अधिकता निर्माण कार्य गतिविधियों तथा वाहनों के आवागमन से होगी। संयंत्र प्रबंधन का दावा है कि यह प्रभाव अस्थाई तथा निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत ही होगा। यक्ष प्रश्न यह हैै कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा निर्धारित सीमाएं कहां तक रखी गई हैं इस बारे में संयंत्र प्रबंधन पूरी तरह मौन ही है।
मजे की बात तो यह है कि इस प्रदूषण को मापने के लिए क्षेत्र में न तो मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और ना ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कोई दल अब तक भेजा गया है जो यहां आकर प्रदूषण का पैमाना मापे। बताया जाता है कि कागजो।पर अवश्य ही खानापूरी की जा रही है कि क्षेत्र में पर्यावरण और प्रदूषण एकदम चाक चौबंद ही है। राजनैतिक रसूखदार संयंत्र प्रबंधन के मालिकान द्वारा अपने प्रभावों का उपयोग कर पर्यावरण के नियमों की सरेआम मुनादी पीटी जा रही है और यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

राहुल की अपरिपक्वता बचा रही मनमोहन को


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 66

राहुल की अपरिपक्वता बचा रही मनमोहन को

किस्मत के धनी हैं मनमोहन



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के अब तक के सबसे लाचार और बेबस वजीरे आजम तथा भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक होने का अघोषित खिताब पा चुके डॉ.मनमोहन सिंह का भाग्य बेहद प्रबल है, यही कारण है कि इतने विरोध के बाद भी अब तक इस कुर्सी पर विराजमान हैं। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी की अपरिपक्वता मनमोहन सिंह के लिए वरदार ही साबित हो रही है।
देश में पिछले दो सालों से अराजकता की स्थिति बनी हुई है। निरंकुश मंत्री और नौकरशाहों को रियाया की मानो फिकर ही नहीं रह गई है। जिसे मौका मिल रहा है देश को लूटने मे ही लगा हुआ है। इक्कीसवीं सदी के पहले ही दशक में जितने घपले घोटाले भ्रष्टाचार के मामले जनता के सामने प्रमाणिक तरीके से आए उसके बाद तो देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस को जनता से नजरें मिलाने का दुस्साहस कतई नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस अब पूरी तरह राहुल की बैसाखी पर ही चल रही है। राहुल भी राजनैतिक तौर पर अभी परिपक्व नहीं कहे जा सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2011 के दरम्यान कांग्रेस की राजमाता और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की चेयरपर्सन श्रीमति सोनिया गांधी को रहस्यमय बीमारी (जो अब तक सार्वजनिक नहीं की गई, अफवाहों में जिसे कैंसर माना गया था) ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इस बीमारी के कारण सोनिया गांधी को लंबे समय तक देश के बाहर ही रहना पड़ा था। देश में आरक्षण की हिमायती सोनिया गांधी को अपने देश के चिकित्सकों पर विश्वास नहीं था। यही कारण था कि उन्होंने दुनिया के चौधरी अमेरिका की शरण में जाकर करोड़ों अरबों रूपए फूंककर अपना इलाज करवाया। इस पूरे इलाज का भोगमान किसने भोगा है यह बात भी अभी तक भविष्य के गर्भ में ही है।
सोनिया की अनुपस्थिति का लाभ लेने में नाकाम रहे विपक्ष की जुगलबंदी भी कांग्रेस के साथ अच्छी ही दिखाई पड़ी। एक तरफ कांग्रेस के नेता अपनी राजमाता की अनुपस्थिति में असहाय महसूस करते रहे वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रबंधकों ने विपक्ष को अच्छी तरह साधे रखा ताकि कोई बखेड़ा खड़ा न हो पाए।
इस मौके का फायदा उठाने से राहुल गांधी चूक ही गए। अगर सोनिया की अनुपस्थिति में राहुल गांधी कांग्रेस का नेतृत्व कर अपने आप को साबित कर पाते तो उनके नेतृत्व में देश के कांग्रेसी चलने को राजी हो जाते। कहा जा रहा है कि यह तो चतुर सुजान मनमोहन सिंह का कुशल प्रबंधन था कि राहुल गांधी को सियासी गलियारों से दूर गांव की मिट्टी की सौंधी गंध लेने दौड़ाए रखा गया।

(क्रमशः जारी)

गौर की बात फिर मानी कमल नाथ ने


गौर की बात फिर मानी कमल नाथ ने

बड़ी झील के लिए मिले दस करोड़

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय शहरी विकासमंत्री कमलनाथ ने भोपाल की बड़ी झील की साफ-सफाई और विकास के लिए एक डेªजर मशीन खरीदने और दस करोड़ रूपए का अनुदान उपलब्ध कराने के लिए अपनी सहमति दी है। उन्होंने मंगलवार को नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकासमंत्री बाबूलाल गौर से भेंट के दौरान यह सहमति दी।
श्री गौर ने कमलनाथ का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया कि केंद्र सरकार उड़ीसा के चिल्का झील के रख-रखाव और साफ-सफाई के लिए चिल्का डेवलपमेंट अथॅारिटी को हर वर्ष दस करोड़ रूपए का अनुदान देती है और उसे बारह करोड़ रूपए लागत की एक डेªजर मशीन भी प्रदान की गई है। श्री गौर ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि चिल्का झील का पानी खारा होने के चलते उसका पेयजल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता, जबकि भोपाल के बड़े तालाब का पानी पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

शीतलहर कोहरे ने तोड़ी लोगों की कमर


शीतलहर कोहरे ने तोड़ी लोगों की कमर

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के उत्तरी भागों में न्यूनतम तापमान और गिरने से शीतलहर तेज हो गई है और पूरे क्षेत्र में कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तापमान कुछ और नीचे आ गया और तड़के कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगले २४ घंटों के दौरान कश्मीर घाटी में हिमपात की संभावना है।
जम्मू काश्मीर स्थित साई ब्यूरो से नवनीता वर्मा ने खबर दी है कि नव वर्ष के आगमन के साथ ही कश्मीर घाटी आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। हालांकि घाटी अभी इस मौसम की पहले व्यापक हिमपात की प्रतीक्षा कर रही है। मौसम विभाग ने वर्षा और हिमपात की संभावना जतायी है। फिलहाल लद्दाक की पूरी घाटी खुष्क शीतलहर की चपेट में हैं। घाटी आने वाले पर्यटकों को हिमपात की स्थानीय लोगों से भी ज्यादा चाहत है। राज्य सरकार ने पर्यटकों के लिए तमाम प्रबंध कर रखे हैं। इस वर्ष पहली बार गुलमर्ग के अलावा पहलगांव और सोनमर्ग में भी फ्लीस्किंग का आयोजन किया जा रहा है।
शिमला स्थित साई ब्यूरो का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में भी पर्वतीय क्षेत्रों में तापतान शून्य से नीचे रिकॉर्ड किया गया। हिमाचल प्रदेश की जनजातीय इलाकों में सुबह और शाम कड़ाके की ठंड के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों से बर्फबारी अभी फिलहाल नदारत है, लेकिन तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शिमला का न्यूनतम तापमान कल रात दो दशमलव छह डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम तापमान १२ दशमलव नौ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पहाड़ में रह रहे लोग बर्फबारी का बेसब्री से इंताजर कर रहे हैं ताकि ठंड कुछ कम हो सके।
नवनीता वर्मा ने आगे बताया कि पूरे प्रदेश में बीते कई दिनों से अच्छी वर्षा न होने से बागवानों को अपनी फसलों तथा फलदार पौधों के बारे चिंता बढ़ने लगी है। आज भी अच्छी वर्षा के प्रतिकूल प्रदेशभर में मौसम खुश्क रहा। प्रदेश में किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा गंदम की फसल पीली पड़नी शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने हालांकि अगले एक दो दिनों में प्रदेश में वर्षा होने की उम्मीद जताई है लेकिन फिलहॉल किसान बादलों की आंख मिचौली के बीच मायूस हो रहे हैं। पिछले 24 घण्टों के दौरान प्रदश में सबसे न्यूनतम तापमान केलंग में शून्य से 6 दशमलव एक डिग्री सैल्सियस नीचे रिकार्ड किया गया। 
उधर मैदानी इलाकों में रायुपर से साई ब्यूरो अभय नायक का कहना है कि आने वाले चौबीस घण्टों में बादल छंटने के बाद एक बार फिर से राज्य में ठण्ड बढ़ने के आसार है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में आया चक्रवात का असर अब छत्तीसगढ़ पर कम हो गया है। इसी वजह से बारिश थम चुकी है, लेकिन नमी के कारण बादल छाए हुए हैं। इसके चलते ठण्ड में कमी महसूस की जा रही है। आगामी चौबीस घण्टों में मौसम शुष्क रहेगा।  मौसम विभाग के अनुसार बीते चौबीस घण्टों के दौरान बिलासपुर और बस्तर संभाग के कुछ स्थानों में हल्की बारिश दर्ज की गई। सभी संभागों के न्यूनतम तापमान में मामूली बदलाव हुआ। इस दौरान सबसे कम तापमान चौदह डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर और पेण्ड्रारोड में दर्ज किया गया।
राजस्थान से साई ब्यूरो शैलेन्द्र का कहना है कि समूचा राजस्थान शीतलहर से कांप रहा है। हाड़ गला देने वाली ठण्ड ने लोगों की सांसें थाम रखी हैं। प्रदेश में तेज सर्दी का दौर बना हआ है। मांउट आबू में जहॉं न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू पर बना हुआ है। वहीं चूरू में न्यूनतम तापमान दो दशमलव सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसक अलावा बीकानेर में न्यूनतम पांच दशमलव तीन जोधपुर में 6 दशमलव चार और डबोक मे 6 दशमलव सात डिग्री सेल्सियस रहा। बीकानेर में जिला प्रशासन ने तेज सर्दी के कारण आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया है और बारहवीं कक्षा तक के स्कूलों का समय बदल दिया है। 
उधर चंडीगढ़ से साई ब्यूरो ने समाचार दिया है कि जिला फतेहबाद क्षेत्र मे पड़ रही ठण्ड एंव धंुध को देखले हुए जिले भर के सभी स्कूलों का समय 10 बज कर दिया गया है। प्रषासन ने ये आदेष भी दिए है कि बच्चों लाने वाले वाहनों की स्थिति अच्छी हो, उन पर फोग लाईट लगी तथा प्रत्येक वाहन के साथ स्क्ूल का एक जिम्मेवार प्रतिनिधि हो।

रोजगार की दर बढ़ी


रोजगार की दर बढ़ी

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। देश में, सितम्बर में समाप्त तिमाही के दौरान रोजगार में तीन प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। श्रम तथा रोजगार मंत्रालय के १२वे त्वरित रोजगार सर्वेक्षण के अनुसार चमड़ा और परिवहन क्षेत्रों को छोड़ कर बाकी सभी क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चमड़ा और परिवहन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में मामूली गिरावट आई है। क्षेत्रवार स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी और बी पी ओ क्षेत्र में रोजगार के दो लाख से अधिक अवसरों की अधिकतम वृद्धि हुई। इसके बाद वस्त्र, धातु, मोटर गाड़ियां, हथकरघा और विद्युत करघा तथा जवाहरात और जेवरात क्षेत्रों में रोजगार में इजाफा हुआ है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा सितम्बर २००८ से विश्व वित्तीय संकट और देश में आर्थिक मंदी के प्रभावों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

मीडिया पर जमकर भड़की नीता


मीडिया पर जमकर भड़की नीता

कहा निजी कार्यक्रम के हास परिहास के क्षण मीडिया ने कर दिये षड़यंत्र कर कर दिये सार्वजनिक



(वेद बघेल)

सिवनी (साई)। पी.जी. कॉंलेज के वार्षिक स्नेह सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारी श्रीमती नीता पटैरिया को जब मंच पर उद्बोधन हेतु आमंत्रित किया गया तो उन्होंने माइक संभालते ही भारत माता की जय के नारे लगाये और अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा आज के कार्यक्रम में मंच पर विराजमान ...इतना कहते ही उनकी नजर सामने खड़े मीडिया कर्मियों पर ़पड़ी तो वे अपने आप को रोक नहीं पायी और मुख्य अतिथि श्री बिसेन का नाम लेना छोड़ उन्होंने हाथ जोड़कर कहा भैया सब फोटोग्राफर से निवेदन है कि अच्छी अच्छी फोटो लेना.
श्रीमती नीता पटैरिया ने कहा जय प्रकाश (गजल गायक जो मुंबई से है) जी आये हैं हम बताना चाहेंगे कि आप तो बंबई में म्यूजिक डायरेक्ट करते हैं हमारे यहॉं भी होता है पता चला हम भाषण दें आपके सम्मान में और बाद में भाषण काट उसमें कुछ और जो़ड़ दिया जाये और उसे प्रसारित कर दिया जाये राष्ट्रीय स्तर पर. तो इसीलिये भैया (मीडिया वालों को संबोधन) अच्छी अच्छी खीचना.
श्रीमती नीता पटैरिया ने कहा भैया हम जो कहें, हम जैसा हिले (एक्टिंग करते हुए) वैसा ही खीचना नहीं तो बड़ा बुरा लगता है. मैसेज भी राष्ट्रीय स्तर पर गलत जाता है. इसीलिये जो हम हैं वैसे ही फोटो खीचना. ऐसा मत करना की हम भाषण कुछ दे और उसकी जगह गाना आ जाये और राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रसारित हो जाये कि अब नीता पटैरिया गाना भी गाने लगी. इतना कह नीता पटैरिया ने उपस्थित छात्र छात्राओं की ओर मुखातिब होकर कहा ऐसा भी होता है बच्चों ये हमने तुम्हे बताया है.
इसके बाद कुछ देर के औपचारिक भाषण के बाद पुनः श्रीमती नीता पटैरिया पत्रकारों पर भड़कने लगी. उन्होंने कहा कि ये मेरी विधानसभा है मेरे लोग यहॉं बैठे हैं मैं अपनी बात खत्म करके रहूंगी. उन्होंने कहा मेरे प्यारे बच्चों 25 तारीख को (अटल जी के जन्म दिन के दिन) मैने अपना एक व्यक्तिगत कार्यक्रम आयोजित किया पहले इसे मैं घर पे आयोजित करने जा रही थी कैंपस छोटा था तो सोचा कि बाहर आयोजन कर लिया जाये. वो पब्लिक मीटिंग नहीं थी सरकारी कार्यक्रम नहीं था. वो मेरा कार्यक्रम था. मेरी थाली थी मेरा दीपक था. एक हास परिहास का मंत्री के साथ क्षण था कि उनने एक रूपया रखे और मैने उठाये और कहा कि ये मेरी दक्षिणा है. नीता पटैरिया ने कहा कि मैं ब्राम्हण हूँ वहॉं मैने किसी पुजारी को नहीं बुलाया था वो तो मैने केवल अपने कार्यकर्ताओं को भोजन पर बुलाया था. मेरे मंत्री ने कहा कि तुम मेरी ताई हों, तुम मेरी बहन हो तो मैने कहा कि ये सौ का नोट मेरा तो वे हॅंसे और मेरे पॉंव पढ़े. नीता पटैरिया ने कहा कि वो एक हास परिसाह का क्षण था जिसे कैसा दिखाया. श्रीमती नीता पटैरिया ने कहा कि मैं जानती हूँ कि मेरे सिवनी का मीडिया बहुत अच्छा है. और सिवनी के मीडिया की ही दम है कि नीता पटैरिया गृहणी से जनपद सदस्य और जनपद सदस्य से सांसद और अब विधायक है प्रदेश अध्यक्ष है. सिवनी के मीडिया ही ने मुझे इतनी बुलंदियों पर पहुँचाया कि आडवाणी जी नीता कहकर पुकारते हैं.
श्रीमती नीता पटैरिया ने चिल्लाते हुए हाथ ऊपर उठा कर दिखाते हुए कहा लेकिन एक ऐसा व्यक्ति विक्षिप्त जिसके  मन में ....थी ने मेरी आवाज को काट दिया उसकी जगह म्युजिक डाल दिया बकायदा प्लानिंग से षड़यंत्र करके उसे चलवाया और जब वो चला तो मेरे प्यारे भाई सभी भ्रमित हो गये. लेकिन इसका परिणाम नीता पटैरिया क्या भुगतेगी ? आज विधायक हैं कल पार्टी टिकिट देगी तो रहेंगे नहीं तो नहीं रहेंगे. .. इसके बाद श्रीमती नीता पटैरिया ने अपनी उपलब्धियों का बखान करना शुरू कर दिया जो कि उनकी उपलब्धि है ही नहीं.

सीआपीएफ जवान लड़े तीन की मौत


सीआपीएफ जवान लड़े तीन की मौत

(सोनाली मजूमदार)

कोलकता (साई)। पश्चिम बंगाल में पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के लालगढ़ में शिलापारा कैम्प में कल रात सीआरपीएफ के दो गुटों के बीच झड़प में तीन जवान मारे गए। पश्चिमी रैंज के सूत्रों ने बताया कि इस झड़प में एक गुट के जवान ने दूसरे गुट के दो जवानों को गोली मार दी।
बताया जाता है कि उक्त जवान ने अपने साथियों को गोली मारने के बाद में उसने अपनी सर्विस रिवालवर से खुद को भी मार डाला। झड़प के कारणों का फिलहाल पता नहीं चला है। बताया जाता है कि इलाके में तनाव का माहौल है। वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।


मार्च तक बढ़ी सीलिंग पर रोक


मार्च तक बढ़ी सीलिंग पर रोक

(प्रतिभा सिंह)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में आवासीय क्षेत्रों में चलाई जा रही अनधिकृत व्यावसायिक इकाइयों को सील करने पर रोक लगाने संबंधी अपना आदेश मार्च तक बढ़ा दिया है। न्यायमूर्ति जी०एस० सिंघवी और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के पांच दिसम्बर, २०११ से ऐसी इमारतों को सील करने के निर्णय को चुनौती देने वाली व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया।
 उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के संबद्ध अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि इन क्षेत्रों में सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर अब कोई और अतिक्रमण न होने दिया जाए। गौरतलब है कि सीलिंग के चलते राजनैतिक हस्ताक्षेप के कारण यह कार्यवाही काफी हद तक प्रभावित हो रही थी।

पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों को प्राथमिता: बिन्दल


पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों को प्राथमिता: बिन्दल

(राजीव सक्सेना)

बिलासपुर (साई)। हिमाचल प्रदेश के राजस्व मन्त्री गुलाब सिंह ने बिलासपुर जिले की ग्राम पंचायत सिकरोआ के गांव चिल्ला में राजघाट साई मैगजीन सड़क का उद्घाटन किया। लगभग साढ़े सात किलोमीटर लम्बी इस सड़क पर लगभग दो करोड़ रूपये की लागत आई है। गुलाब सिंह ने इसी सड़क पर निर्मित त्रिवेणी घाट और जौहड़ खड्ड पुल का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर गांव चिल्ला में एक जनसभा को भी सम्बोधित करते हुए कहा कि चिल्ला गांव से जोड़ी, पलागरी , कचौली-बड्डू सम्पर्क सड़कों का निर्माण भी किया जाएगा। जनसभा को विधायक रणधीर शर्मा ने भी सम्बोधित किया। स्वास्थ्य मन्त्री राजीव बिन्दल ने भी सोलन जिले में बशील-जखडीयू तथा ममलीग-तेली सड़क का उदघाटन किया।
इन सड़कों पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपये की लागत आई है। बाद में बिन्दल ने 16 लाख रूपये की लागत से बने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ममलीग की परीक्षा हॉल का भी लोकापर्ण किया। इस अवसर पर जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मन्त्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछड़े क्षेत्रों में सड़क सुविधाएं उपलब्ध करवाने में प्राथमिकता दी है। उन्होंने जखडीयू में सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए 15 लाख रूपये की लागत से एक उठाउ सिंचाई योजना का निर्माण करने की भी जानकारी दी।  

राज्यों के साथ भेदभाव के आरोप निराधार: रमेश


राज्यों के साथ भेदभाव के आरोप निराधार: रमेश

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। केन्द्रीय पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत् धन मुहैया कराने में राज्यों के साथ भेदभाव के आरोपों को निराधार करार दिया है। श्री रमेश ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए यह बात कही।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। श्री रमेश ने यह दावा किया कि उनका मंत्रालय राज्यों के साथ राजनीतिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता। एक अन्य सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत् मिली अनियमितताओं की शिकायतों का परीक्षण किया जा रहा है।
जयराम रमेश ने कहा कि वे जल्द ही नक्सल प्रभावित सरगुजा और सुकमा जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान श्री जयराम रमेश ने रायपुर में एकता परिषद द्वारा आयोजित भूमि सुधार कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि भूमि सुधार के गठित परिषद द्वारा नीतिगत निर्णय लेने से पहले इस बारे में लोगों के विचार जानने की कोशिश की जा रही है। 

धान के मामले में छग दूसरी पायदान पर


धान के मामले में छग दूसरी पायदान पर

(आयशा खानम)

रायपुर (साई)। देश में खरीफ मौसम की धान खरीदी में कल तक की स्थिति के अनुसार  छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है।  अधिकारिक जानकारी के अनुसार खरीफ की फसल में वर्ष दो हजार ग्यारह-बारह के दौरान अब तक देश में एक सौ चौसठ लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है।
इसमें पंजाब ने सबसे अधिक छब्बीस लाख टन से अधिक धान की खरीदारी की। जबकि छत्तीसगढ़ इक्कीस लाख टन से ज्यादा धान की खरीद करके दूसरे नंबर पर है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा ने उन्नीस लाख टन से अधिक और उत्तर प्रदेश ने चौदह लाख टन से ज्यादा धान की खरीद की है। 
 वहीं, देश में इस वर्ष भी अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद जताई गई है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के अन्त तक खाद्यान्न उत्पादन का साढ़े चौबीस करोड़ टन का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा। कृषि मंत्रालय की वर्ष के अंत में जारी समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीफ के मौसम में नौ किस्म के तिलहन का भी रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। 

द्वीप पर्यटन उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में


द्वीप पर्यटन उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में

पोर्ट ब्लेयर (साई)। पोर्ट ब्लेयर में आयोजित होने जा रहे द्वीप पर्यटन उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई है। कल उद्घाटन समारोह का दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल डी.डी. भारती से सीधा प्रसारण किया जाएगा। यह कार्यक्रम शाम छह बजे से आरंभ होकर साढ़े सात बजे तक जारी रहेगा।
पोर्ट ब्लेयर दूरदर्शन केन्द्र के सूत्रों का कहना है कि द्वीप समूह के इतिहास में यह पहला अवसर है जब पर्यटन उत्सव को राष्ट्रीय प्रसारण में शामिल किया गया है। सभी द्वीपों के अलावा बत्तीस अन्य राष्ट्रों मंे यह सीधा प्रसारण देखा जा सकेगा। इसके अलावा दूरदर्शन के राष्ट्रीय प्रसारण चैनल डी.डी.वन पर द्वीप पर्यटन उत्सव पर बाइस मिनट की टी.वी.रिपोर्ट भी प्रसारित की जाएगी।
इस बीच सांसद बिष्णु पद रे के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे आवश्यक कार्य से वे दिल्ली जा रहे हैं, इसलिए द्वीप पर्यटन उत्सव के उद्घाटन समारोह में उपस्थित नहीं हो सकेंगे। उधर इस उत्सव के सिलसिले में कृषि विभाग की ओर से इस महीने की बारह तारीख को पुष्प प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यह प्रदर्शनी खैतान कल्याण मंडपम, जंगलीघाट में सुबह आठ बजे आरंभ होगी। इच्छुक प्रतिभागी कृषि विभाग के गोलघर स्थित कार्यालय से आवेदन फार्म प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन इस महीने की आठ तारीख तक स्वीकार जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में जारी है मतदाता जागरूकता


उत्तर प्रदेश में जारी है मतदाता जागरूकता

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के दो लाख 66 हजार स्वयं सेवकों को लगाया जायेगा। उच्च षिक्षा सचिव, अवनीष अवस्थी ने कहा कि आगामी छह जनवरी से निर्वाचन आयोग की ब्राण्ड अम्बेस्डर एवं लोक गायिका मालिनी अवस्थी स्वयं सेवकों के साथ जागरूकता अभियान चलायेंगी।
उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के दौरान हर जनपद में श्रेष्ठ गीतों पर राष्ट्रीय मतदान दिवस के अवसर पर पांच हजार रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवायोजना की दो हजार छह सौ इकाईयों को चयनित गांवों में कैम्प करने के निर्देष दिये गये हैं।
सुल्तानपुर जिले से साई ब्यूरो ने बताया कि वर्ष दो हजार आठ में हुए परिसीमन के बाद प्रदेष में कुल एक सौ छब्बीस नई विधानसभा सीटों का गठन हुआ तो नब्बे सीटों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया, वहीं सुल्तानपुर जिले में भी परिसीमन के बाद कई सीटों की भौगोलिक परिस्थितियां परिवर्तित हो गयी हैं।
ब्यूरो के अनुसार सोलहवें विधानसभा के चुनाव में सुल्तानपुर जिले में परिसीमन का सबसे ज्यादा प्रभाव इसौली विधानसभा क्षेत्र पर पड़ा है। इस विधानसभा क्षेत्र को तीन टुकड़ों में विभाजित कर यहां के एक सौ अट्ठारह व जयसिंह पुर के इकतीस मतदेय स्थलों सुल्तानपुर विधानसभा में तो सदर क्षेत्र के एक सौ निनयान्नवे मतदेय स्थलों को इसौली क्षेत्र में जोड़ दिया गया है।
विधानसभा क्षेत्रों के नामों को परिवर्तित कर अब जयसिंह पुर को सदर, चॉदा को लम्भुआ तो सदर क्षेत्र को अब सुल्तानपुर क्षेत्र के नाम से जाना जायेगा। अब देखना यह है कि परिसीमन के बाद बदले जातीय समीकरण व क्षेत्रीय मुद्दों का आगामी चुनावों पर कितना असर पड़ता है।
इसी तरह जालौन से साई ब्यूरो ने बताया कि जालौन जिले में नये परिसीमन के कारण चुनाव से जुड़े अधिकारियों को सूचनाएं एकत्र करने में काफी मषक्कत करनी पड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में विधानसभा सीटों की संख्या चार थी, लेकिन इस बार नया परिसीमन लागू होने के बाद कोंच विधानसभा सीट खत्म हो गयी, उसका कुछ हिस्सा उरई में है और आधे से ज्यादा हिस्सा माधौगढ़ क्षेत्र में समाहित किया गया है।
इस वजह से सुरक्षा तैयारियों को लेकर पुरानी बुकलेट से पुलिस अधिकारियों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। डी0जी0 कन्ट्रोल ने चौदह बिन्दुओं पर जानकारी मांगी जिसको संकलित करने के लिए चुनाव सेल के अधिकारी परेषान रहे। किस विधानसभा क्षेत्र में कितने थाने हैं, कितने बूथ हैं उनके अनुपात में कितने फोर्स की आवष्यकता होगी। संवेदनषील और अतिसंवेदनषील के दायरे में कौन-कौन से केन्द्र रहेंगे। जिला प्रषासन को शान्ति एवं निष्पक्ष चुनाव कराने कें लिए सूचनाओं के संग्रह में और मसक्कत करनी होगी।
आजमगढ़ से साई ब्यूरो ने बताया कि यहां जिन चुने हुए प्रतिनिधियों को सुरक्षा व्यवस्था दी गयी है उन्हें वाहन का खर्च भी स्वयं उठाना पड़ रहा है। निर्वाचन के सूत्रों ने कहा कि आजमगढ़ जनपद में होर्डिंग, बैनर और जितने भी पम्पलेट हैं वे सब हटाये जा रहे हैं। किसी भी सरकारी जगह पर किसी कंडीडेट को बिना अनुमति के कोई होर्डिंग, बैनर नहीं लगा है और सभी प्रत्याषियों के चुनाव के खर्चे पर नजर रखी जा रही है। किसी को भी निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी साधनों, सरकारी व्यवस्था के तहत आने की अनुमति नहीं है, इसको सुनिष्चित किया जा रहा है जिनको सिक्योरिटी दी गयी है उनके वाहनों का खर्च उन्हें स्वयं वहन करना है।
अम्बेडकरनगर से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि यहां के मालीपुर थाने में आजमगढ़ जिले के फूलपुर क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के विधायक अरूणकान्त यादव के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान विधायक ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करके भाग निकले।
सूत्रों ने कहा कि विधायक सहित दो दर्जन व्यक्तियों की पुलिस सरगर्मी से तलाष कर रही है। उधर उन्नाव में कम्बल वितरण मामले को लेकर आचार संहिता के उल्लंघन में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याषी को नोटिस जारी की गयी है। इस बीच ज्योतिबाफुलेनगर में नौ स्थायी चेकपोस्ट और तैतीस बैरियर लगाकर वाहन चेकिंग की जा रही है। पुलिस अधीक्षक उदय प्रताप ने बताया कि इन स्थानों पर वाहनों को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ेगा।

कानून व्यवस्था पर सीएम की कड़ी नजर


कानून व्यवस्था पर सीएम की कड़ी नजर

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नज़र रखने और विभिन्न प्रकार के संगठित अपराधों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। जयपुर में वीडियो कंाफ्रेसिंग के जरिये जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर भी नजर रखी जानी चाहिए ताकि इनके जरिये साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाडने वाली कोई गतिविधि न हो सके।
श्री गहलोत ने कहा कि साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं पर पूरी निगरानी रखी जानी चाहिए और अगर किसी जिले में ऐसी घटना हुई तो उसके लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा। मुख्यमंत्री ने आंदोलनों के दौरान सड़कों पर जाम लगाने की प्रवृति को भी गम्भीरता से लिया और कहा कि ऐसी परिस्थितियों को समय रहते रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए।
श्री गहलोत ने जिला और थाना स्तर पर नियमित रूप से सीएलजी की बैठकं करवाने के निर्देश दिए। श्री गहलोत ने आज ही वीडियो कंाफ्रेसिंग के जरिये जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी सम्पर्क किया। उन्होंने सड़क परियोजनाओं का काम समय पर पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि सड़क बनाने वाले ठेकेदार को पांच साल तक उसके रखरखाव की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए भी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह ने सड़कों के किनारे पौधे लगाने की जिम्मेदारी भी निर्माण करने वाले ठेकेदार को सौंपने के निर्देश दिए।

भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा


भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा

(संजय कुमार)

देहरादून (साई)। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा की सत्तर सीटों में से अड़तालीस सीटों के लिए देर शाम अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। देहरादून में यह जानकारी देते हुए पार्टी की चुनाव मीडिया समिति के सदस्य डा. देवेन्द्र भसीन ने बताया कि पहली सूची में तीन महिलाओं को भी उम्मीदवार बनाया गया है।
उन्होंने दावा किया कि उम्मीदवारों की घोषणा करते ही पार्टी ने चुनाव में अपनी बढ़त बना ली है। सूची के अनुसार मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी कोटद्वार से उम्मीदवार बनाए गए हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री रमेष पोखरियाल निष्ंाक डोईवाला और विधानसभा अध्यक्ष हरवंष कपूर देहरादून कैंट से उम्मीदवार होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी ने एक मंत्री और पांच विधायकों को फिलहाल उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस बीच, उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज प्रत्याषियों के समर्थकों ने आज पार्टी मुख्यालय पहंुचकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं के रोष प्रकट करने की भी खबर है।

पौने पांच लाख मतदाताओं की तादाद बढ़ी उत्तराखण्ड में


पौने पांच लाख मतदाताओं की तादाद बढ़ी उत्तराखण्ड में

(ऋषिना)

देहरादून (साई)। प्रदेष में पिछले दो वर्षों में मतदाताओं की संख्या में करीब चार लााख इकहत्तर हजार की बढ़ोतरी हो गई है। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी के अनुसार समूचे राज्य में तिरसठ लाख तिरसठ हजार नौ सौ चौदह मतदाता अब तक पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें एक लाख तीन सौ बीस सर्विस मतदाता हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में मतदाताओं की संख्या अठावन लाख सतासी हजार सात सौ चौबीस थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार प्रदेष में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाषन कर दिया गया है और जिला निर्वाचन अधिकारियों को जनता के सूचनार्थ चस्पा करने को कहा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां जारी मतदाता सूची के अनुसार राज्य में सामान्य मतदाताओं की संख्या बासठ लाख तिरसठ हजार पांच सौ चौरानवें है, जिनमें बत्तीस लाख सतहत्तर हजार आठ सौ उनतीस पुरुष और उनतीस लाख पचासी हजार सात सौ पैंसठ महिला मतदाता हैं। राज्य में सर्वाधिक दस लाख छियासी हजार चार सौ सत्तर मतदाता हरिद्वार में हैं, जबकि सबसे कम एक लाख इकसठ हजार चार सौ पचहत्तर रुद्रप्रयाग जिले में हैं। 
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, श्रीमती राधा रतूड़ी ने विधान सभा चुनाव को देखते हुए प्रिटिंग प्रेसों को आवश्यक दिषा-निर्देष दिये हैं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्वाचन आयोग से प्राप्त दिषा-निर्देषों से प्रिटिंग प्रेसों को अवगत कराने के निर्देश भी दिए। जिसके अंतर्गत चुनाव प्रचार से संबंधित सभी प्रकार की प्रचार सामग्रियों को मुद्रित करते समय उस पर प्रंट लाईन देना अवष्यक है।
साथ ही प्रत्याषी द्वारा प्रचार साहित्य के प्रकाषन से पूर्व एक घोषणा पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी अथवा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बताया कि चुनावी प्रचार में प्रयोग होने वाले पम्पलैट, हैण्डबिल, प्ले कार्ड और अन्य प्रचार सामग्री पर आने वाले खर्च को प्रत्याषी के प्रचार खर्चे में षामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन दिषा-निर्देषों का उल्लंघन करने पर प्रत्याषी को छह माह की कैद अथवा दो हजार रुपये जुर्माना या दोनो दण्ड दिये जा सकते है।
उधर, देहरादून के जिला निर्वाचन अधिकारी दिलीप जावलकर ने निर्वाचन के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं खासकर मतदान, मतगणना और अन्य अवसरों पर संचार व्यवस्थाके समुचित व प्रभावी अनुपालन के लिए बीएसएनएल के उप महाप्रबंधक (वाणिज्यिक) अनिल शर्मा को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है।
उन्होंने बताया कि प्रभारीअधिकारी निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों के प्रवास के दौरान उनके ठहरने के स्थानों पर दूरभाष और इंटरनेट ब्रॉडबैंड की सुचारू व्यवस्था सुनिष्चित करेंगे। इसके अलावा मतगणना केन्द्र पर दूरभाष व इंटरनेट ब्रॉडबैंड की सुचारू व्यवस्था के साथ ही सभी मतदेय स्थलों पर संचार व्यवस्था सुचारू बनाए रखने की व्यवस्था करेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी टीके पंत को सहायक प्रभारी अधिकारी, आदर्श आचार संहिता के स्थान पर मदिरा प्रबंधन प्रकोष्ठ का प्रभारी नियुक्त किया है। उन्होंने श्री पंत को निर्देश दिए हैं कि वे प्रतिदिन जिले में मदिरा प्रबंधन की रिपोर्ट आयोग निर्धारित प्रारूप में जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
ऊधमसिंह नगर से सांई ब्यूरो ने बताया कि यहां के जिला निर्वाचन अधिकारी पीएस जंगपांगी ने राजनीतिक दलों से निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र निर्वाचन सम्पन्न कराने में सहयोग की अपील है। रुद्रपुर में आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्रवार मतदाता सूची का प्रकाषन कर दिया गया है, जो बीएलओ के अलावा उप जिलाधिकारी, तहसीलदार के कार्यालय में अवलोकनार्थ उपलब्ध है।
इसके अलावा जिला निर्वाचन कार्यालय से भी इसकी प्रति प्राप्त की जा सकती है। श्री जंगपांगी ने बताया कि कल तक मतदाता सूची  में नाम शामिल करने अथवा हटाने के लिये आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर भी व्यय पर नजर रखने के लिये सहायक व्यय प्रेक्षक के अलावा, लेखा टीम, वीडियो टीम तथा स्टेटिक टीम तैनात की गयी है। उधर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि विज्ञापन तथा पेड न्यूज पर नजर रखने के लिये उनकी अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है।
साई ब्यूरो ने हय भी बताया कि पौड़ी जनपद की छह विधानसभाओं में मतदाताओं की संख्या पिछले चुनावों सें अठारह हजार चार सौ पचपन कम हो गई है। वर्ष दो हजार सात के विधानसभा चुनाव में पांच लाख एक हजार तीन सौ अठारह मतदाता थे, जो अब घटकर चार लाख बयासी हजार आठ सौ तिरेसठ रह गए हैं।
इस बार सबसे अधिक मतदाता श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में हैं, जिनकी संख्या 89290 है। सबसे कम मतदाता लैंसडौन विधानसभा सीट हैं, जहां कुल मतदाताओं की संख्या इकहत्तर हजार दो सौ पचासी है। जबकि यमकेष्वर में चौहत्तर हजार पांच सौ उनतीस, चौबट्टाखाल में अस्सी हजार सात सौ इक्कीस, पौड़ी में बयासी हजार चार सौ अठाईस तथा कोटद्वार में चौरासी हजार छह सौ दस मतदाता हैं।
चम्पावत से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि चम्पावत जिले में मतदान कार्मिकों की तैनाती की सूची राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से प्रति हस्ताक्षरित कर वरीयता के आधार पर जारी कर दी गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी आषीष जोषी के अनुसार जिले की दोनो विधानसभा क्षेत्रों में लगभग सोलह सौ कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में चार सौ सैंतालीस पीठासीन, इतने ही मतदान प्रथम व छह सौ चौसठ मतदान द्वितीय अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। श्री जोषी ने बताया कि नौ और दस जनवरी को इन मतदान कर्मियों को ईवीएम व चुनाव संबंधी प्रषिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों व स्थानीय लोगों को ईवीएमसंबंधी जानकारी जगह-जगह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पोलिंग पार्टियों के रूट चार्ट और वाहनों का अधिग्रहण कर लिया गया है।

हजका मामले में सरकार को नोटिस


हजका मामले में सरकार को नोटिस

(अनेशा वर्मा)

चण्डीगढ़ (साई)। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा जनहित कॉंग्रेस विधायकों के दल बदल मामले में राज्य सरकार में षामिल दो मंत्रियों और एक मुख्य संसदीय सचिव को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने जिन विधायकों को नोटिस जारी किया है।
जिन्हें यह नोटिस जारी हुआ है उनमें मंत्री सतपाल सांगवान, राव नरेन्द्र सिंह और मुुख्य संसदीय सचिव विनोद भ्याणा षामिल हैं। यह तीनों, उच्च न्यायालय के आदेष के बाद भी अपने पद पर बने हुए हैं।  उच्च न्यायालय अब मामले की सुनवाई 11 जनवरी को करेगा।
गौरतलब है कि हरियाणा जनहित कॉग्रेस के प्रमुख कुलदीप बिषनोई ने उच्च न्यायालय में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र ंिसह हुडडा, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप षर्मा  और पॉच विधायकों के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दाखिल की थी और अदालत ने 26 दिसम्बर को मामले की सुनवाई 2 जनवरी तक टाल दी थी।
उधर, हरियाणा जनहित कांग्रेस के पांच विधायकों के दलबदल मामले मे उन्हें अयोग्य करार वाले फैसले गत बीस दिसंबर  को पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले को चुनौती देेते हुए सर्वोच्च न्यायालय मे अपील दायर  की गई है। यह अपील विधानसभा अध्यक्ष और पांच विधायकों सतपाल सांगवान, विनोद भयाना, नरेन्द्र सिंह, जिले राम शर्मा और धर्मसिंह द्वारा दायर की गई।
इसमे हाईकोर्ट के आदेष को उन्नीस सौ बानवे के उस आदेष का उल्लघन बताया गया है जिसमे न्यायपालिका को अध्यक्ष के  सामने विचाराधीन याचिकाओं मे हस्ताक्षेप न करने को कहा गया था। कबिले गौर है हाई कोर्ट ने आदेष दिये थे कि वे पांचों विधायक न कांग्रेस और न ही हरियाणा जनहित कांग्रेस के सदस्य माने जांऐगे। बल्कि ये असंबद्व सदस्य होंगे, इस आदेष से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार अल्पमत मे आ गई है।

सिर्फ़ एक सब्जी नहीं है भिंडी


सिर्फ़ एक सब्जी नहीं है भिंडी



(डॉ दीपक आचार्य)

महिलाओं की उँगलियों की तरह दिखने वाली फ़ल्लियों की वजह से अँग्रेजी भाषा में इसे लेडीस फ़िंगर भी कहा जाता है हलाँकि इसका वानस्पतिक नाम एबेल्मोस्कस एस्कुलेंट्स है। भिंडी अत्यधिक प्रचलित सब्जियों मे से एक है जो घरों के बगीचों से लेकर खेतों में विस्तार से उगाई जाती है।
सामान्यतः लोग इसे सिर्फ़ एक सब्जी के तौर पे देखते है लेकिन आदिवासी हल्कों में इसे अनेक रोगों के उपचार हेतु प्रयोग में लाया जाता है। पातालकोट के भुमका नपुँसकता दूर करने के लिये कच्ची भिंडी को चबाना बेहतर समझते है वहीं डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार भिंडी का काढा तैयार कर सिफ़लिस के रोगी को देते है।
भिंडी के बीजों को एकत्र कर सुखाया जाता है और बच्चों को इसका चूर्ण खिलाया जाता है, माना जाता है कि ये बीज प्रोटीनयुक्त होते है और उत्तम स्वास्थ्य के लिये बेहतर हैं । मधुमेह के रोगियों को भिंडी चुर्ण (५ ग्राम), इलायची (५ ग्राम), दालचीनी की छाल का चुर्ण (३ ग्राम) और काली मिर्च (५ दाने) लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए और प्रतिदिन दिन में ३ बार गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
पीलिया, बुखार और सर्दी खाँसी में, बीच से कटी हुयी भिंडी की फ़ल्लियाँ (लगभग ५), निंबू रस (आधा चम्मच), अनार और भुई आँवला की पत्तियाँ (५- ५ ग्राम) आदि को १ गिलास पानी में डुबोकर रात भर के लिये रख देते है। अगली सुबह सारे मिश्रण को अच्छी तरह से पीसकर प्रतिदिन २ बार लगातार ७ दिनों तक दिया जाता है। आदिवासियों के अनुसार कच्ची भिंडी चबाने से वीर्य और शुक्राणुओं की मात्रा में भी खासी बढोतरी होती है और ये स्वभाव से टानिक भी होता है।
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