सोमवार, 13 अगस्त 2012

एमपी कांग्रेस में हालात बेकाबू


एमपी कांग्रेस में हालात बेकाबू

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सूबाई इकाई में इन दिनों घमासान चरम पर है। कांग्रेस के छुटभैया नेता भी आला नेताओं पर छींटाकशी करते नजर आ रहे हैं, पर इस मामले में सूबे के निजाम कांतिलाल भूरिया इनके सामने बौने ही साबित हो रहे हैं। भूरिया के राज में अनुशासनहीनता इस समय चरम पर है।
हालात देखकर लग रहा है मानो कांग्रेस में नेतृत्व को खुली चुनौती देने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है, लेकिन किसी पर भी अनुशासन का डंडा चलता नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया समन्वय समिति में चर्चा के नाम पर इन मुद्दों को टाल रहे हैं, लेकिन बड़े नेताओं के बीच आपसी टकराव के कारण समिति की बैठक ही नहीं हो पा रही है।
पीसीसी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समन्वय समिति की बैठक में अड़ंगा लगा दिया है। दोनों का तर्क है कि पीसीसी में उनके समर्थकों की उपेक्षा हुई है। इसका विस्तार कर पहले असंतुलन दूर किया जाए तभी समन्वय संभव है। बताया जाता है कि विस्तार की सूची तैयार है लेकिन कुछ बड़े नेता इसे जारी होने से रोक रहे हैं।
वैसे देखा जाए तो चतुर्वेदी-परूलेकर विवाद विधानसभा में हंगामे के बाद बर्खास्त और फिर बहाल हुए राकेश चतुर्वेदी और कल्पना परुलेकर पर आरोप है कि उन्होंने नेतृत्व की जानकारी के बिना खेद जताने वाला पत्र विधानसभा अध्यक्ष को लिखा और नेतृत्व पर आरोप लगाए। गुफरान आजम के आरोप गुफरान आजम सार्वजनिक मंचों पर भूरिया की निंदा कर चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित करने का एक प्रस्ताव हाईकमान को भेजा था।
उधर, कमल नाथ केम्प के माने जाने वाले सांसद सज्जन सिंह वर्मा के आरोप है कि उन्हें कमजोर करने में राजा दिग्विजय सिंह की महती भूमिका रही है। सुमित्रा महाजन-दिग्विजय के बीच की चर्चा सार्वजनिक होने के बाद वर्मा ने दिग्विजय पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिग्विजय ने उन्हें कमजोर करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय का साथ दिया। इस पर दिग्विजय खेमे ने बयानबाजी की। तिवारी और रघुवंशी की नसीहतें विधानसभा और आदिवासी निकायों के चुनावों में हार के बाद श्रीनिवास तिवारी और हजारीलाल रघुवंशी ने नेतृत्व की क्षमताओं पर सवाल उठाए थे।
इसी तरह, कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल अंचल में लखनादौन नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी के नाटकीय तरीके से हथियार डालने के बाद कांग्रेस ने यह सीट निर्दलीय प्रत्याशी की झोली में डालने के आरोप भी सार्वजनिक हो रहे हैं।

सिमी कार्यकर्ता नए क्लेवर में बना रहे संगठन

सिमी कार्यकर्ता नए क्लेवर में बना रहे संगठन

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और उससे जुड़े अन्य जिहादी संगठन नाम बदलकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। खासतौर पर दक्षिण भारत के राज्यों में नए नामों से बने संगठन यही काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बीती 31 जुलाई को यह कहा था कि सिमी पर बैन लगने के बाद उससे जुड़े लोग अलग-अलग संगठनों में शामिल हो गए हैं। कुछ नए संगठन भी बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार की नजर ऐसे संगठनों पर है। अगर जरूरत पड़ी तो इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
इस बीच एनआईए सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिमी से जुड़े लोगों ने प्रतिबंध के बाद नए जिहादी संगठन खड़े कर लिए हैं। खासतौर पर केरल में इस तरह के कई संगठन काम कर रहे हैं। करीब एक दर्जन ऐसे संगठनों के बारे में पुख्ता सूचनाएं हैं। कुछ संगठनों ने तो राजनीतिक जामा पहन लिया है। इसी आड़ में वह राजधानी दिल्ली सहित देश के उच्च प्रांतों में अपने कार्यालय खोल रहे हैं। कुछ राज्यों में सक्रिय क्षेत्रीय राजनीतिक दल भी उसकी मदद कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केरल में सिमी का व्यापक असर रहा है। प्रतिबंध के बाद जब सिमी के राष्ट्रीय पदाधिकारी इंदौर में पकड़े गए थे तो उनमें केरल के युवक भी शामिल थे। इस समय मध्य प्रदेश की जेल में बंद इन युवकों ने केरल में सिमी के कई ट्रेनिंग कैंप भी लगाए थे। ये सब भटकल बंधुओं से भी जुड़े हुए थे। सिमी कार्यकर्ता देश के हर राज्य में नए नामों से संगठन खड़े करने में लगे हुए हैं।

माननीयों को मिला ठंडा भोजन!


माननीयों को मिला ठंडा भोजन!

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। मानसून सत्र के पहले दिन देश की सबसे बड़ी पंचायत के पंचों को सस्ता भोजन तो मिला पर वह ठंडा ही परोसा गया। अग्नि शमन विभाग के एतराज के बाद संसद की मुख्य कैंटीन पर ताला जड़ दिया गया है। इसके बाद संसद की शेष तीन केंटीन में ही भोजन की व्यवस्था सुचारू तौर पर जारी है। संसद की चालू कैंटीन में लोगों की भीड़ को संभालने में कैंटीन प्रबंधन नाकाम होता ही दिखा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संसद में पहले ही दिन अफरातफरी का माहौल उस वक्त देखने को मिला जब वहां भोजनावकाश हुआ। इस दौरान संसद सदस्यों को बाजारू कीमत से लगभग दस गुना कम कीमत पर मुहैया होने वाले स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ ठंडा ही भोजन खाकर उठाना पड़ा। इससे सांसदों और उनके साथ आने वालों में नाराजगी देखी गई।
बताया जाता है कि सांसदों को परोसी गई दाल और सब्जी हल्की गर्म थी तो रोटियां बिल्कुल ही ठंडी और कड़ी पड़ चुकी थीं। यहां उल्लेखनीय होगा कि अग्निशमन विभाग के सख्त एतराज के उपरांत संसद भवन की मुख्य कैंटीन को बंद कर दिया गया है। संसद की अन्य कैंटीन जो एनेक्सी, पुस्तकालय भवन और स्वागतकक्ष में संचालित हो रही हैं फिलहाल चालू हैं।
कैंटीन के एक कर्मचारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उनकी समस्या यह है कि उन्हें संसदीय सत्र के दौरान आधी रात को ही जागकर तैयारी में जुट जाना होता है। पहले मुख्य कैंटीन में ही भोजन तैयार होता था अब वह भोजन पुस्तकालय भवन में तैयार हो रहा है, जिससे वहां से खाना लाने ले जाने में उसका ठंडा होना स्वाभाविक ही है।
इधर, संसद मे काम करने वाले कर्मचारियों में भी मेन कैंटीन बंद होने से नारजगी साफ दिखाई पड़ रही है। एक वरिष्ठ कर्मचारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि संसदीय सत्र के दौरान उन्हें इतना समय नहीं मिल पाता है कि वे मुख्य कैंटीन के अलावा अन्य किसी कैंटीन में जाकर खाना खा सकें। अगर थोड़ा समय होता भी है तो वहां खदबदाती भीड़ के चलते उन्हें भोजन भी नसीब नहीं हो पाता है।
उक्त कर्मचारी ने कहा कि मुख्य कैंटीन मे पहले लगभग दो हजार लोगों का खाना रोजाना ही तैयार किया जाता था। इस कैंटीन के बंद होने से इन दो हजार लोगों की भीड़ का अन्य कैंटीन में बंटना स्वाभाविक ही है। वैकल्पिक व्यवस्था के बिना मेन कैंटीन का बंद किया जाना ओचित्यहीन ही मान रहे हैं अधिकांश कर्मचारी।

राज्यों के पुलिस प्रमुखों की बैठक अगले माह


राज्यों के पुलिस प्रमुखों की बैठक अगले माह

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। देश भर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की बैठक यहां छह सितंबर से शुरू हो रही है, जिसमें आतंकवादी समूहों की बढ़ती गतिविधियों, नक्सली हिंसा और भारत-पाकिस्तान सीमा से घुसपैठ के बढ़ते प्रयास मुख्य एजेंडे में शामिल होंगे। इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे डीजीपी और आइजीपी से आतंकवाद एवं अन्य खतरों से निबटने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही आतंकवाद निरोधक क्षमता मजबूत करने और एनसीटीसी के गठन की संभावना पर भी चर्चा होगी। सीमा और तटवर्ती सुरक्षा उन्नत करने को लेकर भी पुलिस अधिकारियों की राय जानी जायेगी।
पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया, को बताया कि बैठक में सूचना जुटाने की मानवीय एवं तकनीक दक्षता दोनों प्रणाली की समीक्षा होगी। सूचना साझा करने, आवश्यक कार्रवाई, आर्थिक अपराध से निपटने के तरीके खासकर जाली भारतीय नोटों से निपटने के तरीके, पुलिस बल के आधुनिकीकरण, हथियारों की खरीद और पुलिस में खाली पदों पर भर्ती की समीक्षा की जायेगी।
हाल में पुणें में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट पर भी गहन विचार-विमर्श होगा और शीर्ष पुलिस अधिकारी कुछ आतंकवादी समूहों की बढ़ती गतिविधियों पर भी गौर करेंगे। गृह मंत्रलय का प्रभार संभालने के बाद शिंदे पहली बार बडी बैठक में हिस्सा लेंगे। गृह मंत्री के तौर पर वह अपनी योजनाओं का खुलासा भी कर सकते हैं।

फिर आग लग सकती है पेट्रोल के दामों में!


फिर आग लग सकती है पेट्रोल के दामों में!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। इंडियन ऑयल ने कहा है कि उसे पेट्रोल बेचने में 137 रुपये प्रति लीटर की दर से घाटा हो रहा है, इसलिए वह पेट्रोल की कीमत में वृद्धि कर सकती है। इंडियन ऑयल के अधिकारी के इस बयान के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि पेट्रोल डेढ रुपये तक महंगा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि हर बार की तरह तेल कंपनियों ने एक बार फिर अंतराष्घ्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने का रोना रोया है। तेल कंपनियां हर महीने की पहली और 16 तारीख को पखवाड़े के औसत आयात मूल्य के हिसाब से तेल मूल्यों की समीक्षा करती हैं। फिलहाल डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल पर सरकार का नियंत्रण है।
पेट्रोलियम पदार्थों की खुदरा बिक्री करने वाली देश की सबसे बडी कंपनी इंडियन ऑयल कार्पाेरेशन को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2012) के दौरान 22,451 करोड रुपए का शुद्ध घाटा हुआ। कंपनी को पिछले साल इसी दौरान 3719 करोड रुपए का घाटा हुआ था।
इंडियन ऑयल के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने कंपनी निदेशक मंडल की बैठक में मंजूर तिमाही वित्तीय रपट की जानकारी दी। कंपनी ने इस दौरान पहली तिमाही में 1,01,936 करोड रुपए की आमदनी दर्ज की है जो एक साल पहले इसी अवधि की आय से 124 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में कंपनी ने 90,713 करोड रुपए की आय दर्ज की थी।
कंपनी को किसी एक तिमाही में होने वाला यह सबसे बडा घाटा है। इससे पहले कंपनी को सितंबर 2011 की दूसरी तिमाही में 7,485 करोड का घाटा हुआ था। बुटोला ने बताया कि डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर कंपनी को 17,485 करोड की कम वसूली हुई है। इसकी भरपाई सरकार की तरफ से होनी है। फिलहाल अभी यह राशि प्राप्त नहीं हुई है। इससे भी कंपनी का घाटा बढा है।
रुपये की विनिमय दर में गिरावट से कंपनी को 3,187 करोड रुपये और महंगे में खरीदे गये माल का दाम बाद में घटने से भी कंपनी को 4,062 करोड रुपये का नुकसान हुआ। इससे उसका रिफाइनिंग मार्जिन नकारात्मक हो गया। कंपनी पर कर्ज का बोझ भी बढता जा रहा है। जिसपर 1,849 करोड रुपये का ब्याज उसे चुकाना पडा है।

ऑन लाईन होगी महिला सेल


ऑन लाईन होगी महिला सेल

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। राजधानी में महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा के लिए बनाई गई महिला सेल (डॉयल 1091) अब ऑनलाइन हो जाएगी। फोन के अलावा युवतियां फेसबुक और अन्य वेबसाइट के जरिए भी इसमें शिकायत कर सकेंगी। पुलिस ने महिला सेल के नाम से फेसबुक आईडी बनाने की तैयारी कर ली है। इसे विभाग का स्टाफ संचालित करेगा।
शहर में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील फोन कॉल्स की वजह से महिला सेल का गठन किया गया था। पिछले दो सालों से चल रहे इस सेल में अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें 80 फीसदी मामले सुलझाए भी गए जिनमें 400 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई।
महिला सेल गठित होने के बाद से सुर्खियों में रहा है। हाउस वाइफ, कॉलेज-स्कूल गर्ल्स से लेकर नवविवाहित युवतियों को फोन पर कॉल और एसएमएस करने वालों को पकड़ने के लिए यह सेल काम कर रहा है। पुलिस विभाग में इस सेल के गठन के बाद से ही थानों का बोझ काम हुआ है। थाना स्तर पर पहले ऐसे मामलों का निपटारा नहीं हो पाता था। ज्यादातर रिपोर्ट नहीं लिखवाना चाहते थे और इस चक्कर में उनकी परेशानी कम नहीं हो पाती थी।
महिला सेल की एक नई आईडी महिला सेल रायपुर के नाम से फेसबुक पर बनाई जा रही है। पुलिस का मानना है कि 70 फीसदी से ज्यादा पढ़ी-लिखी युवतियां और महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं। इस आईडी में पुलिस एक मैसेज बॉक्स (कंपलेन बॉक्स) बनाएगी। इसमें क्लिक कर लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस शिकायत की सेल में प्रिंट आउट कॉपी निकाली जाएगी जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। शिकायत के बाद फेसबुक पर फीडबैक भी लिया जाएगा। शिकायतकर्ता का इसमें नाम या पता देना जरूरी नहीं है लेकिन पुलिस इसकी तस्दीक करेगी। शिकायत झूठी हुई, तो उल्टी कार्रवाई हो सकती है।
वैसे आम शिकायत है कि महिला सेल में शिकायत के लिए जारी किया गया डायल 1091 का नंबर अक्सर ठप पड़ा रहता है। कई महीनों से इसमें फोन नहीं लग रहा। शिकायत करने वालों को पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा महिला सेल का लैंडलाइन नंबर 0771-4247137 या प्रभारी का मोबाइल नंबर दिया जाता है। तब जाकर इस सेल में शिकायत हो पाती है। अब ऑन लाइन होने से ऐसी समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाएंगी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कुछ दिनों बाद डायलिंग प्राब्लम भी दूर हो जाएगी। महिला सेल में स्टाफ भी बढ़ाया जा रहा है।

एनआरएचएम का पैसा बह रहा पानी की तरह


एनआरएचएम का पैसा बह रहा पानी की तरह

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। राज्य सरकार द्वारा फिजूल खर्ची पर रोक लगाने के बावजूद राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अधिकारी सरकारी पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं। अफसरों ने एनआरएच कार्यालय के लिए पंडरी में सवा दो लाख में किराये पर भवन लिया। अब उसमें 40 लाख रुपए सजावट पर खर्च किए जा रहे हैं।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य शासन के सभी संचालनालय और राज्य स्तरीय कार्यालय नई राजधानी के नए भवन में शिफ्ट होने वाले हैं। 1 नवंबर को मंत्रालय शिफ्ट होगा। उसके बाद धीरे-धीरे सारे विभागीय कार्यालय वहां जाएंगे। इस बात को ध्यान में रखकर शासन ने पुराने कार्यालयों में खर्च करने पर पाबंदी लगाई है।
सरकार ने सभी विभाग के प्रमुखों को इस निर्देश पर सख्ती से अमल करने को कहा गया है। इसके बावजूद एनआरएचएम के अधिकारियों ने पंडरी में भारतीय जीवन बीमा निगम की बिल्डिंग के चौथे और पांचवीं मंजिल के दो फ्लोर किराये पर लिए। एक अगस्त को आनन-फानन में एनआएचएम का पूरा दफ्तर वहां शिफ्ट भी हो गया है।
अब इस किराये के भवन पर 40 लाख रुपए फर्नीचर और सजावट पर खर्च किया जा रहा है। इसके लिए बजट स्वीकृत कर आर्डर भी जारी कर दिया गया है। इस माह के अंत में नए भवन में काम शुरु हो जाएगा। दावा किया जा रहा है कि 40 लाख में फर्नीचर और सजावट का काम नहीं होने पर इतनी ही राशि और स्वीकृत करने की योजना है। इतनी बड़ी रकम खर्च करते समय इस बात का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है कि नई राजधानी में जब दफ्तर शिफ्ट होने वाला है तब सजावट का क्या होगा?
उल्लेखनीय है कि एनआरएचएम का कार्यालय अभी तक मंत्रालय के पीछे स्थित स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग के एक हिस्से में चल रहा था। स्वास्थ्य अधिकारियों ने राज्य टीकाकरण कार्यालय भवन के ऊपरी हिस्से को एनआरएचएम कार्यालय के लिए दिया था। अभी तक यह कार्यालय वहीं संचालित होता रहा है।
एनआरएचएम के अधिकारियों ने नए भवन की सजावट और फर्नीचर बनाने का ठेका हाउसिंग बोर्ड को दिया है। हाउसिंग बोर्ड भले ही शासकीय एजेंसी है, लेकिन इसका काम मकान बनाना है। ऐसी स्थिति में हाउसिंग बोर्ड खुद फर्नीचर नहीं बनाएगा, वह यह काम ठेका देकर करवाएगा। ऐसी स्थिति में हाउसिंग बोर्ड को ठेका देना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
देखा जाए तो एनआरएचएम का काम ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाना है। यह स्वास्थ्य विभाग के अधीन रहकर काम भले ही करती है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार से बजट आता है। एनआरएचएम के सभी जिलों में कार्यालय हैं। विकासखंड स्तर पर भी अफसरों की नियुक्ति की गई है। मैदानी अमले से स्वास्थ्य की जरूरतों का पता लगाकर उसकी पूर्ति की जाती है।

9 साल में पास करो एमबीबीएस वर्ना


9 साल में पास करो एमबीबीएस वर्ना

(आशीष माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की ओर से एमबीबीएस कोर्स पास करने की समयावधि नौ साल तय कर दी गई है। इससे ज्यादा समय लिए जाने पर एमसीआई स्टूडेंट्स को ग्रेजुएट का हकदार नहीं मानेगी। कुछ समय पहले ही एमसीआई ने यह अध्यादेश जारी किया है, ताकि एक तय समयावधि में यह डिग्री लिए जाने से बेहतरीन क्वालिटी के डॉक्टर बन पाएं। स्टूडेंट्स में रेगुलर पढ़ाई करने की आदत बन सके। इससे प्रोफेशन और कोर्स का स्टैंडर्ड बरकरार रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से एमबीबीएस कोर्स को पास करने की समयावधि तय नहीं थी। फर्स्ट ईयर को छोड़कर बाकी ईयर स्टूडेंट कितने भी साल में पास कर सकता था। सिर्फ फर्स्ट ईयर उसे चार अटैंप्ट या मर्सी अटैंप्ट में पास करना होता था। फर्स्ट ईयर क्लियर होने पर ही उसे सेकंड ईयर में एडमिशन मिलता था, लेकिन सेकंड से लेकर फाइनल ईयर तक पास करने के लिए निश्चित अटैंप्ट नहीं थे।
स्टूडेंट्स अपनी सुविधा के मुताबिक यह कोर्स पूरा करने के लिए मनचाहा वक्त ले सकता था। साढ़े पांच साल के कोर्स को पास करने के लिए तय समयावधि नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स काफी वक्त लेते थे। रेगुलर स्टडी नहीं किए जाने से क्रॉनिक फैलियर के केस सामने आ रहे थे।
रेगुलेशन फॉर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन 2012 के तहत बनाए गए इस नियम के अनुसार, अटैंप्ट फिक्स कर दिए गए हैं। स्टूडेंट्स को फर्स्ट यूनिवर्सिटी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन सिर्फ चार अटैंप्ट में पास करना जरूरी होगा। छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स के क्रॉनिक फैलियर का मुद्दा उठाया। इस यूनिवर्सिटी ने एमसीआई को नियम में बदलाव लाने के लिए लिखा था। यूनिवर्सिटी के मुद्दे को आधार मानते हुए क्रॉनिक फैलियर का इस नियम के आधार पर निकाला है।

शिवराज चला रहे अवैध वायरलेस सैट!


शिवराज चला रहे अवैध वायरलेस सैट!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। मण्डला सिवनी संसदीय क्षेत्र के लोकसभा सांसद बसोरी सिंह मसराम ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा को एक पत्र लिखकर कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार का वन महकमा अवैध रूप से वायरलेस सैट का संचालन कर रहा है। सांसद की शिकायत पर एमपी के फारेस्ट डिपार्टमेंट के डेढ़ करोड़ रूपए डूबने की आशंका जताई जा रही है।
उधर, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एमपी के फारेस्ट डिपार्टमेंट की लापरवाही के चलते नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा दांव पर लग गई है। इसका कारण यह है कि ढाई हजार से ज्यादा वायरलेस सेट बेकार हो गए हैं।
संचार मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि नए वायरलेस सेट खरीदने के लिए मप्र के वन विभाग ने संचार मंत्रालय का प्रमाण-पत्र मांगा तो उसने दो टूक जवाब दे दिया कि पहले 43 करोड़ रुपए का बकाया चुकाओ। तब अनुमति दी जाएगी। वायरलेस सेट ठप होने के कारण जंगल में पेट्रोलिंग के समय सक्रिय रहने वाला सूचना तंत्र पूरी तरह फेल हो गया है। अब चूंकि बाघों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीधे हस्तक्षेप किया है तो वन विभाग इस कोशिश में है कि केंद्र सरकार इस बकाया राशि को ही माफ कर दे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नए वायरलेस सेट खरीदने के लिए वन विभाग ने केंद्रीय खरीद एजेंसी डीजीएस एंड डी (डायरेक्टर जनरल ऑफ सप्लाई एंड डिस्पोजल) को अधिकृत कर डेढ़ करोड़ रुपए दे दिए। डीजीएस एंड डी ने बैंगलोर की एक कंपनी से वायरलेस सेट खरीदने के लिए कंपनी को राशि भी दे दी।
इसी दौरान सिवनी के बारापत्थर निवासी उत्कर्ष सहारे की शिकायत पर मंडला से सांसद बसोरी सिंह मसराम ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा को चिट्ठी लिखकर बताया कि मप्र का वन विभाग संचार अधिनियम के विरुद्ध अवैध रूप से वायरलेस सेट चला रहा है। इस चिट्ठी के बाद कंपनी ने वायरलेस सेट चलाने के लिए वन विभाग से लाइसेंस मांगा। वन विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लाइसेंस के लिए चिट्ठी लिखी तो उसने 2004 से लेकर अभी तक बकाया निकालकर 43 करोड़ रुपए की डिमांड निकाल दी।

नकली नोट की पहचान बताई बैंक ने


नकली नोट की पहचान बताई बैंक ने

(प्रियंका अरोरा)

जैसलमेर (साई)। रिजर्व बैंक की ओर से सीमावर्ती जिलों के बैंक कर्मियों एवं आमजन को नकली नोटों के प्रति जागरुक करने तथा नोटों की पहचान बताने के लिए विशेष वित्तीय साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। आरबीआई के महाप्रबंधक बीएस खत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि आरबीआई द्वारा इस संबंध में जागरुकता जगाने के लिए आए दिन प्रशिक्षण आयोजित किए जाते है। लेकिन सीमावर्ती जिलों के बैंकों में स्टाफ की कमी के कारण समस्त कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाना संभव नहीं हो पाता है।
इसलिए आरबीआई द्वारा इन जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अभी तक गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर व जैसलमेर की ब्रांच में जानकारी दी गई है। आगामी दिनों में पोकरण, बाड़मेर व जोधपुर की ब्रांच में कार्यक्रम आयोजित कर नकली नोटों की जांच करने के बारे में बताया जाएगा। इस अवसर पर आरबीआई प्रबंधक हेमेन्द्र कोठारी व लीड बैंक अधिकारी ब्रजवल्लभ पुरोहित भी उपस्थित थे।
खत्री ने बताया कि 100, 5001 हजार के नोटों में मशीन से देखने पर विभिन्न कोणों से हरे व नीले रंग का दिखाई देता है। अल्ट्रावायलेट रोशनी में देखने पर इसका अग्र भाग चमकीला दिखाई देता है। उसी प्रकार 10, 2050 के नोटों में सामने से देखने पर सुरक्षा धागा खंडित रेखा के रुप में दिखाई देता। अल्ट्रा वायलेट रोशनी में दोनों ओर पीले रंग का चमकीला दिखाई देता है। असली व नकली नोट की सबसे बड़ी पहचान यही है कि असली नोट में उभारदार मुद्रण होता है।
नोट पर महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की मुहर और गारंटी, वचन खण्ड, अशोक स्तंभ का चिन्ह, गर्वनर के हस्ताक्षर सभी उभरे हुए होते है। इन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के नोटों पर मूल्यवर्गीय अंक का आधा हिस्सा आगे की ओर तथा आधा हिस्सा पीछे की ओर मुद्रित है। दोनों हिस्से इतने सटीक छपे होते है कि रोशनी के सामने देखने पर दोनों एक ही दिखाई देते है। साथ ही नोटों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए वाटर मार्क, रंग परिवर्तक स्याही सहित अन्य विशेषताएं होती है। आरबीआई प्रबंधक हेमंत कोठारी ने कटे फटे नोटों को बदलने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी।

टेक्सी में जन्मा बालक


टेक्सी में जन्मा बालक

(विनोद नेगी)

श्रीनगर (साई)। कश्मीर में गंदेरबाल जिले के सरकारी अस्पताल से वापस भेजे जाने के बाद आज एक महिला ने बच्चे को टैक्सी में जन्म दिया। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि पहली बार मां बनने वाली आमरीन ने एक लडके को जन्म दिया। वह गंदेरबाल जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर स्थित गुतलीबाग वापस आ रही थी, तभी उसने टैक्सी में बच्चे को जन्म दे दिया। उन्होंने बताया कि आमरीन आज सुबह जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल में प्रसूति विशेषज्ञ के पास गयी थी। लेकिन चिकित्सक ने उसे यह कहकर वापस कर दिया कि उसके प्रसव में अभी कुछ समय शेष है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि टैक्सी में बच्चे के जन्म के बाद उसे फिर से गंदेरबल अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल जच्चा और बच्चा की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी मेहमूदा कर ने उक्त प्रसूति चिकित्सक की लापरवाहीपर जांच के आदेश दिये हैं। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी दिलदार मीर ने कहा कि वह घटना की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि घटना के समय वह राज्यपाल के साथ किसी दूर स्थान में बैठक कर रहे थे।

शालेय स्तर पर मिले खेलों को बढ़ावा: नारंग


शालेय स्तर पर मिले खेलों को बढ़ावा: नारंग

(अनेशा वर्मा)

फरीदाबाद (साई)। ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग ने कहा कि खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने अन्य राज्यों से भी महाराष्ट्र और हरियाणा की राह पर चलकर खेलों को बढावा देने की अपील की। नारंग ने लंदन से लौटने के बाद आयोजित एक सम्मान समारोह में कहा, ‘‘खेल बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं और इसलिए इन्हें उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। ’’
खेलों को बढावा देने के लिये दो राज्यों की जमकर तारीफ करते नारंग ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र दूसरे राज्यों के लिये उदाहरण हैं। उन्हें भी इन राज्यों का अनुसरण करके अपने आधारभूत ढांचे का विकास करना चाहिए। राष्ट्रीय कोच तथा राइफल कोच स्टेनिसलास लेपीड्स की प्रशंसा करते हुए नारंग ने कहा कि इन लोगों के सहयोग के बिना उनके लिये पदक जीतना संभव नहीं होता। इस अवसर पर नारंग के माता पिता को भी सम्मानित किया गया।

स्वतंत्रता दिवस के बाद होगी कालेशीशे पर कार्यवाही


स्वतंत्रता दिवस के बाद होगी कालेशीशे पर कार्यवाही

(दीपमाला दत्ता)

जम्मू (साई)। जम्मू कश्मीर यातायात पुलिस ने राज्य में 20 अगस्त के बाद काले शीशे वाले वाहनों को जब्त कर लिया जायेगा। पुलिस महानिरीक्षक (यातायात) मुनीर खान ने बताया कि शीर्ष अदालत के काले शीशों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के आदेश को लागू करने के लिये यह कदम उठाया जा रहा है।
पुलिस ने हिदायत दी है कि सरकारी सहित सभी वाहनों, संबद्ध अधिकारियों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वाहनों से काले शीशे 20 अगस्त तक हटा लिये जायें। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त के बाद आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहन जब्त कर लिये जायेंगे।

बिहारः मास्टरनी साहिबा ने इतना डांटा कि प्रियंका मर गई


बिहारः मास्टरनी साहिबा ने इतना डांटा कि प्रियंका मर गई

(ब्यूरो कार्यालय)

भागलपुर (साई)। बिहार के भागलपुर के जिले के नाथनगर प्रखंड के कुमरथ राजकीय मध्य विद्यालय की आठवीं कक्षा की छात्रा प्रियंका कुमारी की मौत कथित तौर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और उनके पति द्वारा डांटे जाने के कारण सदमे से हो गई। पुलिस के अनुसार, विद्यालय में मध्याह्न् भोजन की जांच के लिए एक दल विद्यालय आया था। आठवीं कक्षा की छात्रा प्रियंका ने जांच दल से मध्याह्न् भोजन में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
कजरैली थाना के प्रभारी बालेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि दल के जाने के बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनिता कुमारी और उसके पति (जो विद्यालय में कुछ नहीं हैं) ने प्रियंका को जमकर डांटा। इसके बाद छात्रा सदमे में आकर बेहोश हो गई, छात्रा को किसी तरह घर भेजा गया जहां से अस्पताल जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई।
यादव के मुताबिक इस घटना की प्राथमिकी मृतका के पिता अनूप लाल के बयान पर दर्ज की गई है, जिसमें प्रधानाध्यापिका और उनके पति को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं जबकि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

अवैध प्रवासियों का कोई आंकड़ा नहीं: मंत्री


अवैध प्रवासियों का कोई आंकड़ा नहीं: मंत्री

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एम रामाचंद्रन ने कहा कि देश में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों का आंकड़ा रखना संभव नहीं है, क्योंकि उनकी घुसपैठ का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता। रामाचंद्रन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, चूंकि देश में अवैध प्रवासी गुप्त रूप से और वैध दस्तावेजों के बगैर प्रवेश करते हैं, इसलिए उनका आंकड़ा रखना संभव नहीं है, खासकर अफगानिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों का।
उन्होंने हालांकि कहा कि 2011 में कुल 21,274 बांग्लादेशियों और अफगानिस्तान के 12,744 लोगों ने भारत में घुसपैठ की थी। उन्होंने वैध दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश किया था और वैधता अवधि खत्म होने के बावजूद यहां ठहरे हुए हैं। मंत्री ने कहा कि भारतीय कानून के उल्लंघन के कई उदाहरण सामने आए हैं। खबर मिली है कि ये विदेशी नागरिक यहां अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं।
उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों के फर्जी तरीके से राशन कार्ड, मतदाता पहचानपत्र तथा ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के कई मामले सामने आए हैं लेकिन इस मुद्दे से जुड़ा कोई आधिकारिक आकड़ा नहीं रखा गया है।

पानी पीने से सिरदर्द दूर करने में मिलती है मदद


पानी पीने से सिरदर्द दूर करने में मिलती है मदद

(के.अमित)

लंदन (साई)। एक नये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि पानी पीते रहने से सिरदर्द और माइग्रेन की तेजी को कम करने में मदद मिलती है. नीदरलैंड की मास्टरिचट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रति दिन करीब सात गिलास पानी पीने से दर्द में राहत मिलती है सिरदर्द से परेशान रहने वाले रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है.
स्थानीय डेली मेल में छपी खबर के अनुसार प्रमुख शोधकर्ता डा. मार्क स्पिग्ट और उनके दल ने ऐसे 100 लोगों को चुना जिन्हें तेज या हल्के सिरदर्द की नियमित तौर पर परेशानी रहती है. इस दल ने रोगियों से कहा कि वह अपना तनाव कम करे, बेहतर नींद लें और कैफीन से बचे. इसके अलावा उन्हें तीन माह तक अपनी नियमित तरल खुराक के अलावा दिन में डेढ लीटर पानी पीने अलग से पीने के लिए कहा गया. ‘‘फैमिली प्रेक्टिस’’ पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार अध्ययन के अंत में रोगियों से प्रश्नों का जवाब लिखकर देने को कहा गया. जवाब में पाया गया कि अतिरिक्त पानी पीने वालों को सिरदर्द से खासी राहत मिली. माइग्रेन ट्रस्ट के डा. फैयाज अहमद ने कहा कि नियमित पानी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है और लोग बेहतर महसूस करते हैं.

मधुबनी में पूरे गांव पर जुर्माना


मधुबनी में पूरे गांव पर जुर्माना

(नीलिमा सिंह)

पटना (साई)। मधुबनी के बिस्फी थाना के भैरवा विवाद पैदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। हंगामे के लिए सामूहिक जिम्मेवारी निर्धारित करते हुए जिला प्रशासन ने बलहा गांव पर सामूहिक जुर्माना लगाया है। डीएम आदेश तितरमारे ने बताया कि शांति समिति की बैठक में निर्णय हुआ था कि अशांति फैलाने वालों को संरक्षण देने एवं विवाद में सामूहिक संलिप्तता होने पर सामूहिक अर्थदंड लगाया जायेगा। इसके आलोक में यह कार्रवाई हुई है।
इसके अलावा इस विवाद में शामिल 70 लोगों को नामजद किया गया है। नामजद सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी अभियान चलाया गया। संदिग्ध घरों की तलाशी ली गयी। एसपी सौरभ कुमार ने बताया कि मामले में नामजद किये गये लोगों के शीघ्र आत्मसमर्पण नहीं करने की स्थिति में कुर्की-जब्ती की कार्रवाई होगी। कानून अपना काम कर रहा है।
पहली बार जिले की क्राइम मीटिंग कोकला चौर स्थित पुलिस कैंप में करते हुए एसपी सौरभ कुमार ने यह बात कही। इन्होंने कांड के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश बैठक में पुलिस पदाधिकारी को दी। जिले में लंबित कांडों की समीक्षा करते हुए इन्होंने स्पीडी ट्रायल के तहत कार्रवाई करने का लक्ष्य थानास्तर पर निर्धारित किया।
इसके मुताबिक अरेर थाना को 72, मधवापुर को 12, जयनगर को 122, बाबूबरही को 153 एवं अंधराठाढी को 12 स्पीडी ट्रायल को निष्पादित किया जायेगा। प्राशासनिक सख्ती का लोगों ने स्वागत किया है। विभिन्न संगठनों ने जनजीवन को सामान्य बनाने में इसे बेहतर कदम बताया है। विवाद की वजह से गांव में अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की गयी है। इसमें आस पास के जिलों से भी मदद ली गयी है।

राजस्थान में आकाल के हालात!


राजस्थान में आकाल के हालात!

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। अकाल और सूखे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को 7424 करोड़ रुपए की सहायता देने के लिए ज्ञापन प्रेषित किया है। राज्य सरकार के प्रतिनिधि सोमवार को केंद्रीय कृषि सचिव को यह ज्ञापन पेश करेंगे। यह अंतरिम ज्ञापन के रूप में भेजा जा रहा है।
इसमें विभिन्न मदों के साथ खासतौर से रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा को 100 दिनों को 200 करने के लिए नकद राशि के साथ काम के बदले अनाज योजना की तर्ज पर 75ः अनाज की भी मांग की गई है। जोधपुर, बीकानेर, नागौर, बाड़मेर और जैसलमेर को अभावग्रस्त घोषित किया जा चुका है, जबकि 21 जिलों में अभी भी अकाल के हालात हैं।
इनमें सरकार गिरदावरी के बाद अकाल घोषित कर सकती है। इससे पहले 2009 में सूखे और अकाल की स्थिति के दौरान सरकार ने 12,690.99 करोड़ की सहायता का ज्ञापन केंद्र को दिया था। उस समय अकाल की स्थिति ज्यादा थी। इस बार राज्य सरकार के पास सीआरएफ की 1163 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उपलब्ध है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार बरसात के लिहाज से प्रदेश के 21 जिलों में अभी भी अकाल और सूखे की छाया है। इन जिलों में बरसात अभी भी सामान्य से 60 प्रतिशत तक कम है। ये जिले बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, जालौर, पाली, सिरोही, अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर, अलवर, झुंझुनूं, सीकर, कोटा, बूंदी, उदयपुर और प्रतापगढ़ हैं। अब तक केवल एक जिले धौलपुर में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा 9 जिलो में सामान्य और 2 जिलो बाड़मेर व जैसलमेर में अल्प बारिश रिकॉर्ड की गई है।

अध्यापक नियुक्ति नियमों में संशोधन


अध्यापक नियुक्ति नियमों में संशोधन

(राहुल अग्रवाल)

जयपुर (साई)। राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा में विज्ञान विषय के वरिष्ठ अध्यापक और व्याख्याताओं के नियुक्ति नियमों में संशोधन किए हैं। कार्मिक विभाग ने राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1971 में संशोधन कर माइक्रो बायोलॉजी, बायो टैक्नोलॉजी, बायो केमेस्ट्री, भौतिक, रसायन, जंतु और वनस्पति विज्ञान में से दो वैकल्पिक विषय में स्नातक और बीएड व्यक्तियों को विज्ञान विषय अध्यापक के लिए पात्र माना है।
इसी प्रकार राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-1970 में संशोधन कर व्याख्याता स्कूली शिक्षा पदों पर नियुक्ति के लिए संबंधित विषय से पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड व्यक्ति को पात्र माना गया है। अब विभिन्न विषयों में तृतीय श्रेणी वाला अभ्यर्थी भी व्याख्याता बनने के लिए परीक्षा दे सकेगा।
पहले द्वितीय श्रेणी में पास होने पर ही कोई अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पात्र था। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में 16 अप्रैल 2010 को जंतु, वनस्पति, और रसायन विज्ञान तीन विषय से स्नातक व बीएड को ही वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान के लिए पात्र माना गया था। इन्हीं योग्यता वालों का वर्ष 20082011 में राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के तहत वरिष्ठ अध्यापक के पदों पर चयन किया गया था। दूसरी तरफ राज्य में 9वीं से 12वीं कक्षा में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम संचालित है।
केंद्रीय स्कूलों में एनसीईआरटी विज्ञान पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए रसायन, जंतु और वनस्पति विज्ञान से स्नातक को ही पात्र माना जाता है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे का कहना है कि राज्य में 9वीं व 12वीं कक्षा में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम संचालित है। अब शिक्षक नियुक्तियों के लिए योग्यता व पात्रता केंद्रीय स्कूलों के समान रखी जानी चाहिए।
सरकार के नियुक्ति नियमों में संशोधन से गणित संकाय वालों के लिए रास्ते खुल गए हैं। स्नातक स्तर पर गणित विषय के साथ भौतिक और रसायन विज्ञान लेना होता है। इस आदेश से गणित के स्नातक, वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान के लिए पात्र हो गए हैं। जबकि वे स्वयं स्नातक स्तर पर जंतु व वनस्पति विज्ञान नहीं पढ़े।
नए नियम संशोधनों से भौतिक, रसायन विज्ञान और गणित से स्नातक को विज्ञान और गणित दोनों पर चयन के अवसर मिलेंगे। लेकिन गृह विज्ञान, कृषि जैसे समकक्ष विषयों के स्नातकों को वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान बनने का अवसर नहीं मिलेगा। इसके अलावा अधिस्नातक डिग्री में तृतीय श्रेणी आने वालों को भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर व्याख्याता बनने के अवसर मिलेंगे।

जिन्ना की तारीफ में कशीदे गढ़े सुदर्शन ने

जिन्ना की तारीफ में कशीदे गढ़े सुदर्शन ने

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने रविवार को कहा कि हमें मोहम्मद अली जिन्ना को धन्यवाद देना चाहिए। उनकी वजह से हमारे देश की सेना भंग होने से बच गई। कश्मीर पर कब्जे के लिए जिन्ना के हमले की वजह से ही भारतीय सेना को बनाए रखने का फैसला हुआ। वरना पं. जवाहरलाल नेहरू ने तो यह कह दिया था कि हमें सेना की जरूरत ही नहीं है। देश के अंदर का काम पुलिस संभाल लेगी।
उन्होंने बताया कि आजादी के बाद सेना के आला अफसर अगले दस साल में सेना के विकास और बजट का प्रस्ताव लेकर नेहरू के पास गए थे। लेकिन उन्होंने सेना की जरूरत को ही खारिज कर दिया। सेना के अफसर अवाक रह गए। कश्मीर पर पाकिस्तान का हमला नहीं होता तो हालात ही अलग होते।
तिब्बत भी नेहरू की वजह से ही भारत के हाथ से निकला। हालांकि सुदर्शन ने बांग्लादेश को लेकर हुए युद्ध में पं. नेहरू की बेटी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की तारीफ की। साथ ही कहा युद्ध में जीती जमीन को वापस देने के उनके फैसले को गलत भी बताया। उनका कहना है कि देश में व्याप्त समस्याओं की जड़ नेहरू हैं। उससे भी बड़ी गड़बड़ी महात्मा गांधी ने की जो सरदार पटेल के स्थान पर नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया।

अस्पताल से बाहर आए शॉट गन

अस्पताल से बाहर आए शॉट गन

(तृप्ती जैन)

मुंबई (साई)। कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में एक महीने भर्ती रहने के बाद अभिनेता और भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा को आज यहां अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उनकी पत्नी पूनम उन्हें घर ले गई। 66 वर्षीय अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को दो जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें घर पर पेंटिंग के दौरान सांस लेने में दिक्कत हुई थी। सिन्हा की 16 जुलाई को बाई पास सर्जरी की गई थी और उन्हें एक या दो दिन आईसीयू में रखा गया था।
कोकिलाबेन अस्पताल के सीओओ डाक्टर राम नारायण ने कहा, ‘‘वह पूरी तरह से ठीक हैं। उन्हें आज शाम साढ़े सात बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्हें सर्जरी के 10 से 12 दिन बाद ही छुट्टी दिया जाना था लेकिन सिन्हा ने अस्पताल में रहने का विकल्प चुना था।’’

सैमसंग ‘गैलेक्सी एस-3’ का मोबाइल रिव्यू


सैमसंग गैलेक्सी एस-3’ का मोबाइल रिव्यू

(दीपक अग्रवाल)

मुंबई (साई)। सैमसंग के गैलेक्सी सीरीज का नया स्मार्टफोन गैलेक्सी एस-3’ बाजार में दस्तक दे चुकी है। चेहरे, आवाज और गति को पहचानने के मामले में यह बेहद स्मार्ट है। अपने अत्याधुनिक स्मार्ट फीचर्स के साथ गैलेक्सी एस-3 यह भी पहचान लेता है कि किस तरह से यूजर फ्रंट कैमरे का उपयोग कर रहा है। इससे यह फोन तब तक सजग रहता है, जब तक कि यूजर उसे देख रहा होता है। यह एक एसी सुविधा है जो अन्य फोन में नहीं है और वह कुछ समय बाद यूजर द्वारा तय समय के बाद यह खुद बंद हो जाता है।
आपके फेस और आवाज को पहचानने के अलावा, गैलेक्सी एस-3 आपकी गति को भी पहचानता है ताकि यह आपके लिए अधिक से अधिक उपयोगी हो सके। सैमसंग ने इसे आईफोन के मुकाबले ही इसे लॉन्च किया है। इसमें कंपनी ने ऐसे कई नए सॉफ्टवेयर जोड़े है जो आपको किसी भी स्मार्टफोन में नहीं मिलेंगे।
इस फोन में सबसे आकर्षक है इसकी डायरेक्ट कॉलसुविधा यानी यदि जब आप मैसेज टाइप कर रहे हों और अचानक कॉल करने का जी करे तो आप डायरेक्ट कॉल कर सकते हैं। जब आप इस पर नजर रखते हैं तो इसका डिस्प्ले ब्राइट हो जाता है।
इस फोन में अनेक अनोखे फीचर्स भी हैं। इस फोन में सबसे आकर्षक है इसकी डायरेक्ट कॉलसुविधा यानी यदि जब आप मैसेज टाइप कर रहे हों और अचानक कॉल करने का जी करे तो आप डायरेक्ट कॉल कर सकते हैं। जब आप इस पर नजर रखते हैं तो इसका डिस्प्ले ब्राइट हो जाता है।
एस वॉइस’- आपकी बात को पूरे ध्यान से सुनने के बाद उसका जवाब भी देगा। इसके जरिए आप अपने फोन को गाने चलाने, आवाज कम-ज्यादा करने, टेक्स्ट संदेश या ई-मेल भेजने और फोटो खींचने के लिए भी कह सकते हैं। एस बीम’- आपके जज्बातों को आपके दोस्तों से शेयर करता है। दो सैमसंग गैलेक्स एस 3 यदि पास में रखे हों तो आप पिक्चर्स, म्यूजिक, वीडियोज आदि एक-दूसरे पर ट्रांसफर कर सकते हैं।
इस फोन के नेटवर्क के बारे में कहा गया है कि यह फोन 2जी, 3जी और 4जी पर काम करेगा। इसका डिसप्ले 4.8 इंच का एसडी सुपर एमोल्ड डिस्प्ले है वो भी 1280 - 720 हाई रिजॉल्यूशन पिक्सल के साथ ही साथ स्क्रैच से बचाने के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 2 लगा हुआ। यह 1 जीबी रैम, 16, 3264 जीबी- तीन साइज में उपलब्ध।
कनेक्टिविटीः के मामले में यह जीपीआरएस, एज, ब्लूटूथ, यूएसबी, वाईफाई, एनएफसी, वाईफाई डायरेक्ट, वाईफाई हॉटस्पॉट से कनेक्ट हो सकता है। इसमें 8 मेगापिक्सल का हाई-डेफिनेशन कैमरा, और 1.9 मेगापिक्सल फ्रंट फेसिंग कैमरा वीडियो कॉलिंग के लिए। इसका टॉक टाइमः 21 घंटे 40 मिनट 2जी पर तथा 11 घंटे 40 मिनट 3जी पर एवं वजनः 133 ग्राम तथा कीमत कीमतः 37,990 रुपए रखी गई है।