अध्यापक नियुक्ति
नियमों में संशोधन
(राहुल अग्रवाल)
जयपुर (साई)। राज्य
सरकार ने स्कूली शिक्षा में विज्ञान विषय के वरिष्ठ अध्यापक और व्याख्याताओं के
नियुक्ति नियमों में संशोधन किए हैं। कार्मिक विभाग ने राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ
सेवा नियम-1971 में
संशोधन कर माइक्रो बायोलॉजी, बायो टैक्नोलॉजी, बायो केमेस्ट्री, भौतिक, रसायन, जंतु और वनस्पति
विज्ञान में से दो वैकल्पिक विषय में स्नातक और बीएड व्यक्तियों को विज्ञान विषय
अध्यापक के लिए पात्र माना है।
इसी प्रकार
राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-1970 में संशोधन कर व्याख्याता स्कूली शिक्षा
पदों पर नियुक्ति के लिए संबंधित विषय से पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड व्यक्ति को पात्र
माना गया है। अब विभिन्न विषयों में तृतीय श्रेणी वाला अभ्यर्थी भी व्याख्याता
बनने के लिए परीक्षा दे सकेगा।
पहले द्वितीय
श्रेणी में पास होने पर ही कोई अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पात्र था। गौरतलब है कि
शिक्षा विभाग में 16 अप्रैल 2010 को जंतु, वनस्पति, और रसायन विज्ञान
तीन विषय से स्नातक व बीएड को ही वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान के लिए पात्र माना गया
था। इन्हीं योग्यता वालों का वर्ष 2008 व 2011 में राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के तहत
वरिष्ठ अध्यापक के पदों पर चयन किया गया था। दूसरी तरफ राज्य में 9वीं से 12वीं कक्षा में
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम संचालित है।
केंद्रीय स्कूलों
में एनसीईआरटी विज्ञान पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए रसायन, जंतु और वनस्पति
विज्ञान से स्नातक को ही पात्र माना जाता है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक
शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे का कहना है कि राज्य में 9वीं व 12वीं कक्षा में
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम संचालित है। अब शिक्षक नियुक्तियों के लिए योग्यता व पात्रता
केंद्रीय स्कूलों के समान रखी जानी चाहिए।
सरकार के नियुक्ति
नियमों में संशोधन से गणित संकाय वालों के लिए रास्ते खुल गए हैं। स्नातक स्तर पर
गणित विषय के साथ भौतिक और रसायन विज्ञान लेना होता है। इस आदेश से गणित के स्नातक, वरिष्ठ अध्यापक
विज्ञान के लिए पात्र हो गए हैं। जबकि वे स्वयं स्नातक स्तर पर जंतु व वनस्पति
विज्ञान नहीं पढ़े।
नए नियम संशोधनों
से भौतिक, रसायन
विज्ञान और गणित से स्नातक को विज्ञान और गणित दोनों पर चयन के अवसर मिलेंगे।
लेकिन गृह विज्ञान,
कृषि जैसे समकक्ष विषयों के स्नातकों को वरिष्ठ अध्यापक
विज्ञान बनने का अवसर नहीं मिलेगा। इसके अलावा अधिस्नातक डिग्री में तृतीय श्रेणी
आने वालों को भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर व्याख्याता बनने के अवसर
मिलेंगे।
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