नीता पर पुनः लगा
कमीशन खोरी का आरोप
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। सिवनी
संसदीय क्षेत्र की अंतिम सांसद एवं वर्तमान की सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया
पर अब चौतरफा वार तेज हो गए हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में ‘मैडम परसेंटेज़‘ के नाम से मशहूर
रहीं श्रीमती नीता पटेरिया पर अब एक बार फिर संकट के बादल मण्डराने लगे हैं। सांसद
अथवा विधायक रहते हुए श्रीमती नीता पटेरिया ने सिवनी के हित संवर्धन के लिए शायद
ही कोई प्रयास किए हों।
मेडम परसेंटेज़ हुईं
मशहूर
बतौर लोकसभा सांसद
श्रीमती नीता पटेरिया द्वारा सिवनी के हित में कोई आवाज संसद में शायद ही उठाई गई
हो। सांसद रहते हुए श्रीमती नीता पटेरिया पर लगातार सांसद निधि के साथ ही साथ अन्य
कामों में कमीशन लेने के आरोप लगते रहे हैं। कमीशन लेने के आरोपों को भाजपा के ही
नेताओं द्वारा जमकर हवा दी गई। नतीजतन नीता पटेरिया को ‘मेडम परसेंटेज़‘ के नाम से पहचाना
जाने लगा।
अंतिम सांसद बनीं
नीता
सांसद रहते हुए
श्रीमती नीता पटेरिया पर यह आरोप भी लगते रहे कि वे तत्कालीन कांग्रेसी क्षत्रप
हरवंश सिंह ठाकुर के आभा मण्डल से बेहद प्रभावित रही हैं। कहा जाता है कि हरवंश सिंह
के सियासी समीकरणों में उनकी शतरंज की चालों में नीता पटेरिया भी एक प्यादे की
भूमिका में रही हैं। जाने अनजाने नीता पटेरिया ने हरवंश सिंह की चालों में आकर
अपने आपको कार्यकर्ताओं के सामने एक्सपोज कर लिया। आमानाला कांड में नीता पटेरिया
पर जानलेवा हमला करवाने का आरोप खुद नीता पटेरिया ने हरवंश सिंह पर लगाया था। पता
नहीं किन परिस्थितियों में उसके बाद इस मामले में श्रीमती पटेरिया द्वारा दिलचस्पी
नहीं ली गई। कहा जाता है कि अंत में कांग्रेस की राजनीति के चतुर सुजान हरवंश सिंह
ठाकुर द्वारा खुद ही अपने प्रकरण में संज्ञान लिया गया तब जाकर इस प्रकरण में
खात्मा लगाया गया।
लाल बत्ती मिलते
मिलते रह गई
भाजपा के उच्च
पदस्थ सूत्रों का कहना है कि नोट फार वोट मामले में रिश्वत न लेने की दुहाई
श्रीमती पटेरिया द्वारा बार बार आला नेताओं को दी जाकर अपने संसदीय क्षेत्र के
विलोपन की बात कही जाकर सिवनी से विधान सभा की टिकिट मांगी गई थी। श्रीमती नीता
पटेरिया की बात सुनकर उस वक्त तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर से नाराज नेताओं ने भी
श्रीमती पटेरिया का साथ दिया और नरेश दिवाकर की टिकिट काटकर उनके स्थान पर श्रीमती
नीता पटेरिया को टिकिट दे दी गई। श्रीमती पटेरिया का चुनाव जीतना आसान नहीं था, क्योंकि नरेश
दिवाकर के चाहने वालों द्वारा श्रीमती नीता पटेरिया के स्थान पर निर्दलीय दिनेश
राय के पक्ष में काम किया गया था। कहा जाता है कि कांग्रेस के तत्कालीन क्षत्रप
हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा भी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू के
बजाए दिनेश राय का काम करने के निर्देश कार्यकर्ताओं को दिए गए थे।
बहरहाल, किस्मत की धनी
श्रीमती पटेरिया के विजयश्री के वरण के उपरांत खून का घंूट पीने वाले भाजपाईयों का
यह पहला प्रयास रहा कि वे लाल बत्ती लेकर मंत्री न बन पाएं। बर्रा हवेली के
सूत्रों का कहना है कि इसके लिए भाजपाईयों द्वारा हरवंश सिंह की देहरी पर भी माथा
रगड़ा गया। भाजपा के सूत्रों की मानें तो जैसे ही श्रीमती नीता पटेरिया को प्रदेश
में मंत्री बनाना लगभग तय हो गया था, उसी वक्त हरवंश सिंह के मशविरे पर ही तत्कालीन
भाजपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा उन्हें प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया गया, जिससे श्रीमती
पटेरिया के हाथ में लाल बत्ती आते आते रह गई।
पुरोहित की थाली से
उठाए दो सौ रूपए
विधानसभा चुनावों
के बाद कांग्रेस की तोपें एकाएक शांत हो गईं, तो लोगों के दिलो दिमाग से श्रीमती नीता
पटेरिया की ‘मेडम
परसेंटेज़‘ वाली छवि
गायब होने लगी। इसी बीच मिशन स्कूल में आयोजित विधायक निधि से टेंकर वितरण समारोह
में श्रीमती पटेरिया पर पुरोहित की थाली से दो सौ रूपए सरेआम उठाने की बात सामने
आई। यह मामला देश प्रदेश में जमकर उछला। इस मामले में नगर कांग्रेस काफी हद तक
सक्रिय रही पर जिला कांग्रेस ने श्रीमती नीता पटेरिया के विरोध से अपने आप को दूर
ही रखा।
मारबोड़ी सरपंच ने
लगाए कमीशन के लिखित आरोप!
हाल ही में सिवनी
विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत मारबोड़ी पंचायत की सचिव श्रीमती प्रतीक्षा ब्रजेश
राजपूत ने लिखित तौर पर सनसनीखेज आरोप लगाकर भाजपा को हिला दिया है। श्रीमती
राजपूत द्वारा प्रेस को जारी एक लिखित पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि
लगभग दो साल पूर्व श्रीमती पटेरिया द्वारा विधायक निधि से सीसी रोड़ के लिए दो लाख
रूपए की राशि प्रदान की गई थी। इस राशि में से दस परसेंट कमीशन के बतौर बीस हजार
रूपए की राशि श्रीमती नीता पटेरिया द्वारा दो लोगों के माध्यम से वापस ले ली गई
है।
संकट में पड़ सकती
है नीता की टिकिट
चुनाव की आचार
संहिता लागू हो चुकी है। साथ ही साथ पितरों का मास भी समाप्त हो गया है। नवरात्र
के आगाज़ के साथ ही साथ अब टिकिट वितरण का काम भी तेज हो जाएगा। प्रत्याशियों के
नामों पर अब तेजी से विचार आरंभ होने वाला है। इन परिस्थितियों में मारबोड़ी सरपंच
का लिखित पत्र वाकई एक धमाका ही साबित हो सकता है। इस पत्र के अचानक ही अस्तित्व
में आने से श्रीमती नीता पटेरिया की टिकिट पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराते दिख
रहे हैं।
कांग्रेस में पसरा
है सन्नाटा
भाजपा विधायक
श्रीमती नीता पटेरिया के खिलाफ एक बार फिर बहुत ही शानदार मुद्दा वह भी चुनावी
बेला में कांग्रेस के हाथ लगा है। बावजूद इसके कांग्रेस के प्रवक्ताओें की कलम की
रोशनाई एक बार फिर सूखती ही दिख रही है। एक समाचार पत्र द्वारा जारी विधायक निधि
की राशि में कांग्रेस के प्रवक्ताओं के परिजनों के नामों का होना भी अपने आप में
इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है कि उनके खिलाफ कांग्रेस के
प्रवक्ता शायद ही अपना मुंह खोल पाएं।