बुधवार, 20 मार्च 2013

क्या संदेश दिया बापू आपने!


क्या संदेश दिया बापू आपने!

(लिमटी खरे)

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून!
पानी बिना ना उबरे, मोती मानस चून!!
बचपन में कोर्स की किताबों में अब्दुल रहीम खानोखाना के ये दोहे दिल दिमाग पर अमिट छाप छोड़ चुके हैं। यहीं से पानी का महत्व समझ में आया, और पानी को सहेजने के प्रति संजीदा हुए हैं लोग। आने वाले दिनों में पानी के लिए मारामारी हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पानी के अभाव में ही महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या पर आमदा हैं, उसी सूबे में कथित आध्यात्मिक संत आसाराम बापू पानी खरीदकर भक्तों के साथ होली खेल रहे हैं। इसे पैसे और पानी की बरबादी नहीं तो और क्या कहा जाएगा? बेहतर होता पानी खरीदकर होली खेलने के बजाए आसाराम बापू तिलक होली खेलते और जो धन उन्होंने पानी खरीदने में व्यर्थ गंवाया उससे दरिद्र नारायण के लिए भोजन की व्यवस्था करते।

बीसवीं सदी के अंतिम दशक और इक्कीसवीं सदी में भारत गणराज्य में धर्म का धंधा जमकर फल फूल रहा है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में समाचार चेनल्स ने देशवासियों की आस्था को जमकर दुहा है। अपने मंहगे टाईम स्लाट अघोषित तौर पर बेचकर धार्मिक भावनाएं उकेरकर कथित संतों ने जमकर लूटा है देशवासियों को। कभी योग तो कभी आध्यात्म तो कभी रसगुल्ले समोसे और काल्पनिक तौर पर दिखने वाली चीजों के जरिए संतो ने जमकर कृपा बरसाई है।
बीसवीं सदी के अंतिम दशक में एकाएक धूमकेतु की तरह आध्यात्म के आकाश में छाने वाले आसाराम बापू की कीर्ति जमकर फैली। इसी दौरान एक मर्तबा लोकसभा चुनाव के दरम्यान उनका सानिध्य पाने का अवसर मिला। कांग्रेस के नेताजी ने उन्हें चुनाव के चलते ही प्रवचनों के लिए बुला भेजा। वे आए तो भाजपा के नेताजी ने उन्हें झेल लिया। बस फिर क्या था, बापू पशोपेश में कि किसका साथ दें और भक्तों को किसके पक्ष में मतदान के लिए संदेश दें। अंततः उन्होंने कांग्रेस भाजपा दोनों ही के नेताजी को एक साथ मंच पर बुलाकर आर्शीवाद दे डाला।
आसाराम बापू की कीर्ति फैली तो उनसे रश्क करने वालों की तादाद भी दिनोंदिन बढ़ी। आसाराम बापू धीरे धीरे विवादों में घिरते चले गए। बापू के आश्रम में बच्चों की मौत को मीडिया ने जमकर उछाला। बापू का जवाब देना मुश्किल हो गया। कहते हैं बापू बहुत ही शार्ट टेम्पर्ड हैं, अर्थात उन्हें गुस्सा जल्दी आता है। कई बार मीडिया से उनकी तू तू मैं मैं हो चुकी है।
पिछले दिनों महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर में आसाराम बापू ने जो किया वह निश्चित तौर पर किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है। बापू ने हजारों लिटर पानी खरीदकर उसमें रंग घोला और फिर अपने भक्तों को प्रेशर पंप के माध्यम से सराबोर कर दिया। बापू के भक्त अपने आप को धन्य समझ रहे होंगे कि उन्हें उनके आध्यात्म गुरू के हाथों से रंग की फुहार मिल रही है।
आसाराम बापू को यह अवश्य ही मालुम होगा के महाराष्ट्र इस समय सूखे की चपेट में बुरी तरह उलझा कराह रहा है। इस सूबे में विशेषकर विदर्भ में किसान अत्महत्या कर रहे हैं। मीडिया में इस बात को जमकर उछाला जा रहा है कि राज्य में पिछले चार दशकों यानी चालीस साल का यह सबसे बड़ा सूखा है। किसानों में हाहाकार मचा है, सूखें की मार मराठवाड़ा और विदर्भ को अपने आगोश में लिए हुए है।
सूखे की मार ने किसानों को इस कदर झुलसा दिया है कि किसान अपना परिवार पालने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो रहा है। कहते हैं यहां की बालाओं को 12 से 15 हजार में बेचा जा रहा है। ये अबला बच्चियां कहां जा रही हैं, इनके साथ क्या सलूक किया जा रहा है यह बात किसी को नहीं पता है। मजे की बात तो यह है कि देश के कृषि मंत्री की आसनी इसी सूबे से आने वाले मराठा क्षत्रप शरद पवार को सौंपी गई है।
1972 के उपरांत का यह सबसे बड़ा सूखा है। 1972 के उपरांत शरद पवार भी इस सूबे के निजाम रह चुके हैं। विडम्बना देखिए कि पंवार के साथ ही साथ अन्य निजामों ने भी राज्य में जल संरक्षण की दिशा में कोई पहल नहीं की है, जिसका नतीजा आज राज्य में अधिकांश कुंए बावली, नदी नालों का सूख जाना है। सूबे के डेढ़ दर्जन जिले सूखे की चपेट में हैं। अनेक जगहों पर जमीन बंजर हो चुकी है, महाराष्ट्र का नजारा रेगिस्तान सा प्रतीत हो रहा है।
राज्यों के निजाम अपनी रियाया के प्रति कितने चिंतित हैं इसका उदहारण कांग्रेस शासित महाराष्ट्र से ही मिल जाता है। राज्य में सूखे ने कोहराम मचा रखा है पर राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण नीरो के मानिंद बंसी बजा रहे थे। जब मीडिया ने इस बात को उछाला तब उनकी तंद्रा टूटी। किन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राज्य में 35 पैसे लीटर पानी (बिना फिल्टर किए हुए) बिक रहा है। पानी की कालाबाजारी जोरों पर है। गरीब किसान पानी कैसे खरीदेगा?
अब तो भारत देश का आम आदमी भी कहने लगा है कि तानसेन की तान मेघ मल्हार से मेघ बरस जाते थे, तब इस भारत देश में आध्यात्मिक गुरू ने पानी खरीदकर होली खेलने के बजाए पानी के लिए यज्ञ किया होता तो कहीं अधिक पुण्य मिला होता। पानी खरीदकर भक्तों को रंगों से सराबोर कर आसाराम बापू पता नहीं क्या संदेश देना चाह रहे थे, किन्तु उनके इस पानी की बरबादी के कदम का शायद ही कोई स्वागत करे।
राज्य सरकार ने आसाराम बापू को पानी देने से इंकार कर दिया था, बावजूद इसके नगर पालिका निगम के एक उपयंत्री ने बापू को टेंकर भिजवा दिए। प्रशासन ने उस डिप्टी इंजीनियर को निलंबित कर दिया है। सरकार के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए कि स्थानीय शासन निकाय विभाग ने बापू पर पानी की बरबादी के लिए 9 हजार 367 रूपए का जुर्माना ठोंका है। सवाल नौ हजार का नहीं, जुर्माना एक रूपए का भी हुआ है तो यही माना जाएगा कि आपका कदम अनुचित ही था।
धर्म और आस्था को दुकान की शक्ल देने वाले इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू आध्यात्म, धर्म, योग गुरूओं को इससे सबक लेना चाहिए कि वे अपने अनगिनत अनुयाईयों द्वारा की जाने वाली जयजयकार से मदमस्त हाथी ना बनें। उनका आचार विचार आचरण लोगों के लिए मायने रखता है। लोग अपने गुरूओं को अपना अगुआ मानते हैं, उनका अनुसरण करते हैं, इसलिए अगर आप अपने आप को संत की श्रेणी में रखते हैं तो आपको बेहद संयमित रहकर जीना अनिवार्य है। (साई फीचर्स)

सिवनी : संयंत्र प्रबंधन की ना पर पीसीबी की हां!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 19

संयंत्र प्रबंधन की ना पर पीसीबी की हां!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जा रहे 1200 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में कंपनी की पगार कौन ले रहा है इस बात को लेकर संशय बना ही हुआ है। संयंत्र प्रबंधन द्वारा प्रदूषण रोकने और पर्यावरण को बनाए रखने के मसले पर कहा जाता है कि उनके द्वारा वृक्षारोपण अब तक नहीं किया गया, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश प्रदूषण मण्डल का कहना है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पिछले तीन सालों में साईट पर कोई वृक्षारोपण नहीं किया गया है।
ज्ञातव्य है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा घंसौर के बरेला ग्राम में 600 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट के लिए लोकसुनवाई के दौरान ही पर्यावरण से बचाव के लिए वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया गया था। इसके उपरांत 22 नवंबर 2011 को हुई इसके दूसरे चरण (600 या 660 मेगावाट कुल मिलाकर 1200 या 1260 मेगावाट स्पष्ट नहीं) की लोकसुनवाई में संयंत्र के महाप्रबंधक मिश्रा ने साफ तौर पर स्वीकार किया था कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा 22 नवंबर 2011 तक कोई वृक्षारोपण नहीं करवाया गया था।
इसके उपरांत जब इस संबंध में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी बुन्देला से चर्चा की गई तो उन्होंने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र प्रबंधन ने वृक्षारोपण करवाया था। बकौल बुन्देला, वे इस बात की तसदीक करके बताएंगे कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा कराए गए वृक्षारोपण में से कितने वृक्ष अब तक बचे हुए हैं। वस्तुतः जब संयंत्र प्रबंधन स्वयं ही स्वीकार कर रहा है कि उसके द्वारा वृक्षारोपण नहीं कराया गया से साफ हो जाता है कि मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी बुन्देला किसी कारण विशेष के चलते ही संयंत्र प्रबंधन का पक्ष ले रहे हैं।
श्री बुंदेला ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पिछली बरसात में वृक्षारोपण करवाया था। जब उनके संज्ञान में संयंत्र प्रबंधन मिश्रा की नकारोक्ति लाई गई तो उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या बात है पर हम दावे के साथ कह सकते हैं कि वृक्षारोपण पिछली बरसात में कराया गया था। अब शोध इस बात पर किया जाना चाहिए कि आखिर मध्य प्रदेश सरकार से कौन पगार ले रहा है और गौतम थापर की जेब से किसकी पगार निकाली जा रही है।
एक तरफ तो संयंत्र के महाप्रबंधक मिश्रा द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड से पगार लेकर वास्तविकता सामने लाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी बुंदेला द्वारा मध्य प्रदेश सरकार से तनख्वाह लेकर बिना मौका मुआयना किए हुए ही पता नहीं किस दबावमें संयंत्र का पक्ष आंख बंद कर लिया जा रहा है।
2009 से संयंत्र की स्थापना आरंभ हो चुकी है। इसके उपरांत दिसंबर 2011 तक की अवधि में वाहनों की आवाजाही आदि से पर्यावरण का जो नुकसान हुआ है उसका भोगमान कौन भोगेगा इस बारे में भी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल खामोशी ही अख्तिायार किए हुए है। अब वृक्षारोपण होने पर संयंत्र के आरंभ होने तक पौधे पेड़ का रूप धारण नहीं कर पाएंगे जिससे पर्यावरण का असंतुलन बरकरार रहने की ही उम्मीद है।

(क्रमशः जारी)

सत्ता और मीडिया में दूरी बना रहे हैं आला अफसरान


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 74

सत्ता और मीडिया में दूरी बना रहे हैं आला अफसरान

(रवि गुप्ता)

छतरपुर (साई)। मध्यप्रदेश में भाजपा शासनकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनहितैषी योजनाओं के लिये घोषणाओं के अंबार लगाकर वल्लभ भवन में बैठे आईएएस को उन पर अमल करवाने के लिये रखा परन्तु आईएएस शिवराज सरकार के समान्तर अपनी सरकार चलाकर शिवराज की घोषणाओं को घता बताने में कतई नहीं चूकते है और उन्हे मुख्यमंत्री का जरा भी डर भय भी नहीं रहा है। बुन्देलखण्ड के छतरपुर जिला मुख्यालय पर प्रेस क्लब को भूमि आवंटन की राशि जमा करने का समय बढाये जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर मुख्यालय पर आकर दो दो बार घोषणायें की, राजनगर अंत्योदय मेले के बाद खजुराहो एयरपोर्ट पर साथ आये अपने निज सचिव से मामला केबिनेट में रखे जाने को कहा, यहां तक कि नौगांव अंत्योदय मेले में आवंटन की राशि जमा कराये जाने के लिये आदेश एक हफते के भीतर भिजवाये जाने का आश्वासन पत्रकारों को दिया। परन्तु वल्लभ भवन में बैठे आईएएस की हर कार्यों में नाका लगाने की मानसिकता के कारण ना ही भूमि आवंटन का समय बढाये जाने का मामला मंत्री परिषद की केबिनेट में रखा गया और ना ही किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई प्रस्तावित की गई।
सीएम घोषणा की प्रमुख घोषणा में दर्ज राजनीति के चौथे स्तम्भ मीडिया छतरपुर प्रेस क्लब भूमि आवंटन की राशि जमा कराये जाने का समय देने की सूची में दर्ज है। प्रेस क्लब सहित अन्य विकासशील पथ संचलन की सीएम घोषणा पर आईएएस ने नाका लगाकर विकास की गति रोकने का काम किया है। छतरपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधि ने वल्लभ भवन में जाकर राजस्व विभाग में पदस्थ रहने वाले आईएएस और सेक्सन डीलिंग क्लर्क से कई बार संपर्क कर मामले को समझा तो विभाग के लोगों ने अपनी दबी जुवान से बताया कि छतरपुर प्रेस क्लब की भूमि आबंटन में राशि जमा कराये जाने के मामले में समय बढाये जाने की फाईल को हम तभी लिख सकते है जब हमारे आईएएस जोकि सीमए के निज सचिव भी है उनकी हरी झंडी मिल जाये, तभी मामला केबिनेट की बैठक में रख सकता है और प्रेस क्लब को भूमि आबंटन की रािश जमा करने का समय दिये जाने का आदेश निकाला जा सकता है। जब तक हमें हरी झंडी नहीं मिलेगी ऐसी सीएम की घोषणओं पर अमल करवाना संभव नहीं है।

सिवनी को डाल दिया है नेताओं ने हाशिए में


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 18

सिवनी को डाल दिया है नेताओं ने हाशिए में

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। कांग्रेस में सुश्री विमला वर्मा और भाजपा में पंडित महेश प्रसाद शुक्ल के सक्रिय राजनीति से हटते ही सिवनी जिले में राजनैतिक शून्यता आ गई, जिसे भरने का प्रयास किसी भी दल के किसी भी नेता ने नहीं किया है। इक्कीसवीं सदी के आते आते प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं द्वारा एक दूसरे के छद्म विरोध से जनता को भरमाया जाने लगा। यही कारण है कि सिवनी जिला अब हाशिए में डाल दिया गया है।
सालों से सिवनीवासी नेरोगेज के अमान परिवर्तन के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं। बार बार इसकी मांग की जाती रही है कि छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर जाने वाले खण्ड का अमान परिवर्तन कर उसे ब्राडगेज में तब्दील किया जाए ताकि सिवनी के निवासी बड़ी रेल लाईन का लुत्फ उठा सकें।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा 16 अगस्त 2012 को लोकसभा के पटल पर रखी जानकारी के अनुसार दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे ने इस बात को रेखांकित किया था कि इस रेल्वे में दो नई रेल लाईन दिल्ली राजहरा जगदलपुर 235 किमी और वडसा गदिरोली 49.5 किमी का काम चल रहा है।
इसके अलावा अमान परिवर्तन के काम में छिंदवाड़ा मण्डला फोर्ट 182.25 किमी, छिंदवाड़ा नागपुर 152.49 किमी, जबलपुर गोंदिया जिसमें बालाघाट कटंगी शामिल है 285 किलोमीटर का काम आरंभ है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी इसके अंतिम कालम में वर्तमान स्थिति के तहत दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान स्थिति में अमान परिवर्तन वाले हिस्से में छिंदवाड़ा नैनपुर फोर्ट के संबंध में कहा गया है कि द वर्क फार नैनपुर मण्डला फोर्ट एण्ड मण्डला फोर्ट नैनपुर सेक्शन हेज आलरेडी बीन टेकन अप। इससे साफ जाहिर है कि इस रेल खण्ड में काम को मण्डला वाले सिरे से आरंभ करवाया जा रहा है।
इन परिस्थितियों में कांग्रेस के नेताओं की अमान परिवर्तन में सिवनी जिले को केंद्रीय मंत्री से मिलने वाली मदद की विज्ञप्ति आधारहीन और भरमाने वाली ही प्रतीत होती है।
(क्रमशः जारी)

डीएमके ने तरेरी आंखें


डीएमके ने तरेरी आंखें

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। डीएमके ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। टी आर बालू के नेतृत्व में पार्टी के पांच सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने कल देर रात नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि का पत्र सौंपा, जिसमें यूपीए सरकार से पार्टी के १८ लोकसभा सदस्यों का समर्थन वापस लेने की बात कही गई है।
श्री बालू ने बताया कि डीएमके के मंत्री आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और उन्हें अपने त्याग पत्र सौंपेंगे। बालू ने कहा कि यह पार्टी का फैसला है। उन्होंने कहा कि जो कदम उठाए गए हैं वो पार्टी मुख्यालय के द्वारा निर्णय लिया गया है। राष्ट्रपति को पत्र सौंपने के बाद अब क्या विकल्प रह जाता है। उन्होंने आगे कहा कि डीएमके मांग करती रही है कि भारत को श्रीलंका में हुए तमिलों के नर संहार की स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमरीका के प्रस्ताव में संशोधन पर जोर देना चाहिए।
वहीं, दूसरी ओर सरकार श्रीलंका के तमिलों के मुद्दे पर संसद में प्रस्ताव लाने पर राजी हो गई है। कल शाम कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में यह फैसला किया गया। यह बैठक डीएमके पार्टी के प्रमुख एम. करूणानिधि की यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद बुलाई गई थी। इससे पहले, वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने जोर देकर कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और श्रीलंका में मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में प्रस्ताव संसद में पारित करने की डीएमके की मांग पर राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा किया जा रहा है।

एक साल के लिए चिकित्सक जाएं गांव


एक साल के लिए चिकित्सक जाएं गांव

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। अंततः विदेशों की तर्ज पर अब सरकार ने भी गांव में चिकित्सकों को एक साल तक नौकरी करने की अनिवार्यता पर विचार करना आरंभ कर दिया है। संसद की एक स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि डॉक्टरों को एक साल के लिए ग्रामीण इलाकों में अनिवार्य तौर पर तैनात किया जाना चाहिए। उसने सरकार से यह भी कहा है कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए वह अधिक से अधिक संख्या में मेडिकल कॉलेज खोले।
संसद में मंगलवार को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पेशेवर लोगों की भारी कमी है। इस समस्या को देखते हुए नई रणनीति बनाने की जरूरत है। समिति ने कहा है कि सरकार को एमबीबीएस स्नातकों को ट्रेनिंग के बाद एक साल तक ग्रामीण इलाकों में अनिवार्य रूप से तैनात करने का नियम बनाना चाहिए। समिति ने देश में आयुष स्नातकों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया है।

यूरोपीय संघ भारत के खिलाफ


यूरोपीय संघ भारत के खिलाफ

(यशवंत)

न्यूयार्क (साई)। दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपों से घिरे इटली के दो नौसैनिकों के काऱण भारत और इटली के बीच जारी विवाद के लिए भारत द्वारा इटली के राजदूत को देश छोड़ने से रोकने को यूरोपीय संघ ने गैरकानूनी करार दिया है। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने तब इटली के राजदूत डेनियल मेनचिनी के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी थी जब इटली ने इन दोनों नौसैनिकों को कानूनी ट्रायल के लिए भारत भेजने से मना कर दिया था। इटली के इन दोनों नौसैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल फरवरी में केरल के समुद्रतट पर गश्त के दौरान दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी।
यूरोपीय संघ के विदेशी नीति प्रमुख कैथरीन एस्टन ने इटली के राजदूत के बारे में भारत के कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले पर चिंता जाहिर की। एस्टन ने 1961 की वियना संधि का हवाला देते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए इस संधि का पालन किया जाना चाहिए। एस्टन ने कहा, अगर भारत इटली के राजदूत की आवाजाही की स्वतंत्रता पर रोक लगता है, तो यह इस संधि के नियमों का उल्लंघन होगा।
यूरोपीय संघ के इस अधिकारी ने आगे कहा कि इस विवाद का हल दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत और सहमति से ही संभव है। यूरोपीय संघ के इस बयान में सोमवार को आए इटली के विदेश मंत्रालय के उस बयान के बातों की झलक मिलती है जिसमें इटली के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि भारतीय कोर्ट का फैसला द्विपक्षीय प्रतिरक्षा कानूनों का उल्लंघन है।इटली कहना है कि दोनों नौसैनिकों के मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून ही लागू होता है। इस मसले का हल अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप ही निकाला जाना चाहिए। इसी इरादे से इटली ने दूसरी न्याय प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इटली में हुए संसदी चुनावों में वोट डालने के लिए इन दोनों नौसैनिकों को 4 हफ्ते के लिए इटली जाने की इजाजत इस शर्त पर दी थी कि वे फिर से भारत वापसे लौट आएंगे लेकिन इन दोनों ने ऐसा नहीं किया। जबकि इटली के विदेश मंत्रालय का कहना था कि यह विवाद अंतराराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत आता है इसलिए इसका हल सुयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों के अनुसार होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस विवाद के तूल पकड़ने के बाद मनमोहन सिंह सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

एचवनबी वीसा अब होगा मुश्किल


एचवनबी वीसा अब होगा मुश्किल

(एकता)

न्यूयार्क (साई)। भारतीय अमेरिकियों के लिए एच-1बी वीजा हासिल करना अब मुश्किल होने वाला है। अमेरिका के एक सेनेटर ने एक ऐसा ही कानून पेश किया। सेनेटर का दावा है इस कानून से एच-1बी वीजा प्रोग्राम में जालसाजी और इसके गलत इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी। हालांकि इस कानून में जो प्रावधान हैं, उससे भारतीय-अमेरिकियों को यह पॉप्युलर वर्क वीजा हासिल करने में काफी मुश्किल होगी।
एच-1बी और एल-1 वीजा रिफॉर्म एक्ट-2013 में प्रावधान है कि ऐसे एंप्लॉयर जिनके पास 50 फीसदी या उससे ज्यादा वर्कर अमेरिकी हैं, वह जब तक इस बात को प्रमाणित नहीं कर देंगे कि उनके पास 50 फीसदी से कम वर्कर एच-1बी और एल-1 वीजा होल्डर हैं।
यह कानून सेनेटर चक ग्रैसले ने पेश किया। ग्रैसले ने कहा कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम का मकसद क्वालिफाइड अमेरिकियों की नौकरी लेना बिलकुल नहीं था, बल्कि यह इसलिए लाया गया था कि यहां बड़े स्पेशलाइज्ड एंप्लॉयमेंट एरिया के खालीपन को भरा जा सके। उन्होंने कहा कि इस कानून से अमेरिकियों को फायदा होगा।
यह नॉन-इमीग्रेंट वीजा है। इसके तहत अमेरिकी एंप्लॉयर्स को इस बात की इजाजत होती है कि वे विशेषज्ञता वाले पेशे में विदेशी वर्करों को अस्थायी तौर पर काम पर रख सकते हैं। इस वीजा के तहत वर्कर को तीन साल तक रुकने की इजाजत होती है। वीजा की अवधि 6 साल तक बढ़ाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री को ग्रामीणों ने भेंट की भगवान गणेश की प्रतिमा


मुख्यमंत्री को ग्रामीणों ने भेंट की भगवान गणेश की प्रतिमा

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित समिमि कक्ष में बस्तर जिले की जनपद पंचायत जगदलपुर के प्रतिनिधि मण्डल सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मण्डल ने जनपद पंचायतों को विकास कार्याे के लिए एक करोड़ रूपए प्रदान करने के राज्य शासन के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया, उन्होंने बस्तर के काष्ठ शिल्पियों द्वारा तैयार भगवान गणेश की प्रतिमा मुख्यमंत्री को भेंट की। प्रतिनिधि मण्डल ने क्षेत्र के विकास के संबंध में मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बैदूराम कश्यप, विधायक डॉ. सुभाऊ कश्यप, संतोष बाफना और भीमा मण्डावी, जनपद पंचायत जगदलपुर के अध्यक्ष पदलाम नाग, उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास सहित अनेक ग्रामीण शामिल थे।

रायपुर : आई.पी.एल. से प्रदेश को मिलेगी नई पहचान - रमन सिंह


आई.पी.एल. से प्रदेश को मिलेगी नई पहचान - रमन सिंह

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आई.पी.एल मैच के आयोजन से नया रायपुर के ग्राम परसदा स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ को भी दुनिया भर में पहचाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज रात यहाँ अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम में आई.पी.एल-6 के लिए टिकट वितरण कार्य का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस मैच के लिए सबसे पहले ग्राम पिपरहटटा के तीन बच्चों -सुनील, दुर्गेश और टेकराम को निरूशुल्क टिकट प्रदान किया। इन बच्चों के गांव की मिट्टी से वीर नारायण सिंह स्टेडियम में आई.पी.एल मैच के लिए पीच तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय के दो सौ बच्चों को निरूशुल्क टिकट  प्रदान कर शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि ये बच्चे बस्तर और सरगुजा सहित राज्य के आदिवासी बहुल नक्सल पीड़ित क्षेत्रों के हैं जिन्हें मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत रायपुर के प्रयास विद्यालय में प्रवेश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 20-20 ओव्हर का आई.पी.एल मैच आगामी 28 अप्रैल और 01 मई को नया रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने आज रात अपने निवास पर मैच के टिकट वितरण के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा आई.पी.एल मैच के साथ छत्तीसगढ़ में भी बड़े क्रिकेट आयोजनों का सिलसिला शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मैच का प्रसारण लगभग डेढ़ सौ देशों में किया जाएगा। इससे देश-विदेश में नया रायपुर सहित छत्तीसगढ़ और इसकी विभिन्न खूबियों की जानकारी लोगों को मिल पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मैच आयोजित करना नहीं है, बल्कि आगे टेस्ट मैच और एक दिवसीय मैच भी आयोजित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में क्रिकेट मैच आयोजित करने के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स टीम की प्रायोजक कम्पनी जी.एम.आर. स्पोर्ट्स कम्पनी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा मैच की प्रतिष्ठा के अनुरूप स्टेडियम को तैयार करना हमारे लिए एक चुनौती थी। मुख्य सचिव सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इसे पूरा करने में युध्द स्तर पर लग गए हैं। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सुश्री लता उसेण्डी  और छत्तीसगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने भी समारोह को सम्बोधित किया।

कैथल : ठेकेदारी प्रथा: पारदर्शिता आवश्यक


ठेकेदारी प्रथा: पारदर्शिता आवश्यक

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य हरिराम सूद ने कहा ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के वेतन का भूगतान बैंक के माध्यम से किया जाए तथा वेतन भूगतान में पूरी पारदर्शिता भरती जानी चाहिए। इन कर्मचारियों को श्रम अधिनियम के तहत न्यूनतम मजदूरी की शर्तों का पालन किया जाए तथा साल में दो बार इन कर्मचारियों का मैडिकल भी प्रशासन के स्तर पर किया जाए। हरिराम सूद आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला प्रशासन के अधिकारियों तथा सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा के तहत सफाई कर्मचारियों के वेतन का पूरा भूगतान नही किया जाता तथा कई बार 100 कर्मचारियों के स्थान पर कम कर्मचारियों से सफाई का काम लिया जाता है, जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि ठेेकेदारों के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाए तथा उनके वेतन का भूगतान चौक के माध्यम से किया जाए, ताकि इन कर्मचारियों को किए गए कार्य के बदले पूरा वेतन मिल सके। इन सफाई कर्मचारियों से सफाई के अतिरिक्त व्यक्तिगत काम भी न लिया जाए। कई बार ऐसी शिकायतें भी मिली है कि व्यक्तिगत काम न करने पर इन कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया जाता है। ऐसी शिकायतों को सफाई कर्मचारी आयोग गंभीरता से लेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11000 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए गए है। ये सभी कर्मचारी ग्राम पंचायत और सरपंचों की निगरानी में काम कर रहे हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि इन सफाई कर्मचारियों को वेतन का भूगतान पूरा व नियमित रूप से हो तथा इन्हें नियमों के अनुसार सफाई भत्ते का भूगतान भी ठीक समय पर हो। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की कार्यवाही भी की जाए तथा सफाई निरीक्षकों को पदोन्नित के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाए। उन्होंने कहा कि इन सफाई कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी अवश्य मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा महात्मा गांधी बस्ती सुधार योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट दिए जा रहे हैं। जिला के पात्र गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट आबंटन में और तेजी लाए जाए, ताकि उन गरीब परिवारों को प्लाट दिए जा सके। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस 26 जनवरी व स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्वों पर समानित करके उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि दलित बस्तियों की गलियों व सड़कों के सुधार पर विशेष जोर दिया जाए। हरिराम सूद ने जिला प्रशासन के रात्रि ठहराव कार्यक्रम के तहत गरीब व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने रात्रि ठहराव कार्यक्रम के वृत चित्र को भी काफी रूचि लेकर देखा व प्रशासन की इस कार्य के लिए मुक्त कंठ से सराहना की। उपायुक्त चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य हरिराम सूद का स्वागत करते हुए कहा कि  जिला में सफाई कर्मचारियों के वेतन का भूगतान बैंक के माध्यम से किया जाएगा। जिला कैथल प्रदेश का ऐसा पहला जिला होगा, जहां सफाई कर्मचारियों को अपना वेतन बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सफाई कर्मचारी का शोषण नही होने दिया जाएगा तथा सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी सफाई कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश अवश्य मिले। उपायुक्त ने बताया कि महात्मा गांधी बस्ती सुधार योजना के तहत जिला में गरीब परिवारों को 18725 प्लाट अलाट किए जा चुके हैं, जिसमें से 17000 परिवारों को मालिकाना हक भी दिए जा चुके हैं। उपायुक्त ने बताया कि सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए दिन निर्धारित किए जाएंगे। अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश सिंह यादव ने कहा कि गरीब व दलित परिवारों की बस्तियों में गलियों को पक्का करने के लिए सरकार की तरफ से अलग से अनुदान दिया जा रहा है तथा इन बस्तियों की सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के बारे में सफाई कर्मचारी आयोग की हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव, एसडीएम हवा सिंह पचार, नगराधीश पूजा चावरिया, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दीपक खुराना व प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कैथल : जिला बार एसोसिएशन चुनाव


जिला बार एसोसिएशन चुनाव

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)। जिला बार एसोसिएशन के चुनावों के लिए नामांकन के पहले दिन आज कुल सात उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए। प्रधान पद के लिए आज सुरेन्द्र रांझा ने नामांकन दाखिल किया। उप प्रधान पद के लिए सुरेश मान ने पर्चा भरा। सचिव पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में उतरे जिनमें प्रदीप हरित, मनोज आहूजा, रमेश राणा और नवनीत ढुल शामिल हैं।  कोषाध्यक्ष पद के लिए रमेश कसान ने नामांकन भरा है। उप सचिव पद के लिए अभी तक कोई भी उम्मीदवार सामने नहीं आया है। इस प्रकार आज नामांकन के पहले दिन सात वकील चुनावी दंगल में उतरे हैं। जिला बार एसोसिएशन के चुनाव पांच अप्रैल को होने हैं जिनमें 740 वकील मतदान करेंगे। बार एसोसिएशन के वर्तमान प्रधान सुभाष चुघ ने बताया कि शीशपाल मलिक, आरके बिंदलिश और रमेश चंद दूआ को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। आज नामांकन के पहले दिन बार काम्पलैक्स में खासी गहमा गहमी रही। हर ओर चुनावों की चर्चा थी।

अक्षय हो गए हैं सबसे उपर


अक्षय हो गए हैं सबसे उपर

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। देश के रूपहले पर्दे पर नंबर वन की होड़ में खान ब्रदर्स को पछाड़ा है दिल्ली के छोरे ने। सबसे ज्यादा एडवांस टैक्स (18 करोड़) अदा करनेवाले स्टार का खिताब अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने नाम कर लिया है। वहीं सलमान खान 11 करोड़ एडवांस टैक्स चुका दूसरे, शाहरुख 10.5 करोड़ के साथ तीसरे और आमिर 8 करोड़ रुपये अदा कर चौथे स्थान पर रहे। वहीं, कैटरीना कैफ ने बेबो को पछाड़ते हुए 4.5 करोड़ टैक्स अदा किया। करीना ने 4 करोड़, जबकि प्रियंका ने 2 करोड़ रुपये अदा किये।

फरीदाबाद : पाक इटली का पुतला फूंकेगी हिन्दू महासभा


पाक इटली का पुतला फूंकेगी हिन्दू महासभा

(अनेशा वर्मा)

फरीदाबाद (साई)। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा उत्‍तर भारत के प्रभारी रविन्‍द्र द्विवेदी के नेतृत्‍व में 22 मार्च को फरीदाबाद के डबुआ कालोनी में  प्‍याली चौक पर दोपहर 2 बजे पाकिस्‍तान और इटली का पुतला फूंका जायेगा। यह जानकारी हिन्‍दू युवक सभा उत्‍तर भारत के प्रभारी  एवं फरीदाबाद लोकसभा सीट से हिन्‍दू महासभा प्रत्‍याशी रविन्‍द्र भाटी ने दी।
रविन्‍द्र भाटी ने कहा कि अजमेर में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री द्वारा जियारत करने के बाद पाकिस्‍तान लौटने पर पाक प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर में सी0 आर0 पी0 एफ0 के पांच सैनिकों की हत्‍या की विरोध में पाकिस्‍तान का पुतला जलाने का निर्णय लिया गया।
दो भारतीय मछुआरों की हत्‍या के आरोपी नौ सैनिक को वापस  भारत भेजने के मामले में इटली सरकार का इन्‍कार सहन नही होगा और इटली का पुतला फूंककर विरोध जताया जायेगा।
जारी बयान के अनुसार 22 मार्च को कार्यकर्ता हिन्‍दू महासभा उत्‍तर भारत के प्रभारी एवं फैजाबाद लोकसभा के उम्‍मीदवार रविन्‍द्र द्विवेदी के नेतृत्‍व में एकत्र होंगे और पाकिस्‍तान तथा इटली के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला जलायेंगे।
पुतले को मुखाग्नि रविन्‍द्र द्विवेदी देंगे।  प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को हिन्‍दू महासभा दिल्‍ली प्रदेश के कार्यकारी अध्‍यक्ष अधिवक्‍ता सुशील मिश्र उत्‍तराखण्‍ड, हिन्‍दू महासभा के प्रभारी कृष्‍णानंद भट्ट, हरियाणा के प्रभारी ज्ञान स्‍वामी जी सहित अनेक वक्‍ता संबोधित करेंगे।
प्रदर्शनकारियों की ओर से केन्‍द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को ज्ञापन भेजा जायेगा। ज्ञापन में भारत सरकार से पाकिस्‍तान को आतंकवाद देश घोषित करने की मांग की जायेगी।