एचवनबी वीसा अब होगा मुश्किल
(एकता)
न्यूयार्क (साई)। भारतीय अमेरिकियों के
लिए एच-1बी वीजा हासिल करना अब मुश्किल होने वाला है। अमेरिका के एक सेनेटर ने
एक ऐसा ही कानून पेश किया। सेनेटर का दावा है इस कानून से एच-1बी वीजा प्रोग्राम में जालसाजी और इसके
गलत इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी। हालांकि इस कानून में जो प्रावधान हैं, उससे भारतीय-अमेरिकियों को यह पॉप्युलर
वर्क वीजा हासिल करने में काफी मुश्किल होगी।
एच-1बी और एल-1 वीजा रिफॉर्म एक्ट-2013 में प्रावधान है कि ऐसे एंप्लॉयर जिनके
पास 50 फीसदी या उससे ज्यादा वर्कर अमेरिकी हैं, वह जब तक इस बात को प्रमाणित नहीं कर
देंगे कि उनके पास 50 फीसदी से कम वर्कर एच-1बी और एल-1 वीजा होल्डर हैं।
यह कानून सेनेटर चक ग्रैसले ने पेश
किया। ग्रैसले ने कहा कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम का मकसद क्वालिफाइड
अमेरिकियों की नौकरी लेना बिलकुल नहीं था, बल्कि यह इसलिए लाया गया था कि यहां बड़े
स्पेशलाइज्ड एंप्लॉयमेंट एरिया के खालीपन को भरा जा सके। उन्होंने कहा कि इस कानून
से अमेरिकियों को फायदा होगा।
यह नॉन-इमीग्रेंट वीजा है। इसके तहत
अमेरिकी एंप्लॉयर्स को इस बात की इजाजत होती है कि वे विशेषज्ञता वाले पेशे में
विदेशी वर्करों को अस्थायी तौर पर काम पर रख सकते हैं। इस वीजा के तहत वर्कर को
तीन साल तक रुकने की इजाजत होती है। वीजा की अवधि 6 साल तक बढ़ाई जा सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें