डीएमके ने तरेरी आंखें
(महेश)
नई दिल्ली (साई)। डीएमके ने श्रीलंकाई
तमिलों के मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। टी आर बालू के
नेतृत्व में पार्टी के पांच सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने कल देर रात नई दिल्ली में
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि का
पत्र सौंपा, जिसमें यूपीए सरकार से पार्टी के १८ लोकसभा सदस्यों का समर्थन वापस लेने
की बात कही गई है।
श्री बालू ने बताया कि डीएमके के मंत्री
आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और उन्हें अपने त्याग पत्र सौंपेंगे। बालू
ने कहा कि यह पार्टी का फैसला है। उन्होंने कहा कि जो कदम उठाए गए हैं वो पार्टी
मुख्यालय के द्वारा निर्णय लिया गया है। राष्ट्रपति को पत्र सौंपने के बाद अब क्या
विकल्प रह जाता है। उन्होंने आगे कहा कि डीएमके मांग करती रही है कि भारत को
श्रीलंका में हुए तमिलों के नर संहार की स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच के लिए
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमरीका के प्रस्ताव में संशोधन पर जोर देना
चाहिए।
वहीं, दूसरी ओर सरकार श्रीलंका के तमिलों के
मुद्दे पर संसद में प्रस्ताव लाने पर राजी हो गई है। कल शाम कांग्रेस कोर ग्रुप की
बैठक में यह फैसला किया गया। यह बैठक डीएमके पार्टी के प्रमुख एम. करूणानिधि की
यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद बुलाई गई थी। इससे पहले, वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने जोर देकर
कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और श्रीलंका में मानवाधिकारों के उल्लंघन के
बारे में प्रस्ताव संसद में पारित करने की डीएमके की मांग पर राजनीतिक दलों से
सलाह-मशविरा किया जा रहा है।
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