ठेकेदारी प्रथा: पारदर्शिता आवश्यक
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी
आयोग के सदस्य हरिराम सूद ने कहा ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले सफाई
कर्मचारियों के वेतन का भूगतान बैंक के माध्यम से किया जाए तथा वेतन भूगतान में
पूरी पारदर्शिता भरती जानी चाहिए। इन कर्मचारियों को श्रम अधिनियम के तहत न्यूनतम मजदूरी
की शर्तों का पालन किया जाए तथा साल में दो बार इन कर्मचारियों का मैडिकल भी
प्रशासन के स्तर पर किया जाए। हरिराम सूद आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला
प्रशासन के अधिकारियों तथा सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित
कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा के तहत सफाई कर्मचारियों के वेतन का
पूरा भूगतान नही किया जाता तथा कई बार 100 कर्मचारियों के स्थान पर कम
कर्मचारियों से सफाई का काम लिया जाता है, जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि
ठेेकेदारों के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा
की जाए तथा उनके वेतन का भूगतान चौक के माध्यम से किया जाए, ताकि इन कर्मचारियों को किए गए कार्य के
बदले पूरा वेतन मिल सके। इन सफाई कर्मचारियों से सफाई के अतिरिक्त व्यक्तिगत काम
भी न लिया जाए। कई बार ऐसी शिकायतें भी मिली है कि व्यक्तिगत काम न करने पर इन
कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया जाता है। ऐसी शिकायतों को सफाई कर्मचारी आयोग
गंभीरता से लेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11000 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए गए है। ये
सभी कर्मचारी ग्राम पंचायत और सरपंचों की निगरानी में काम कर रहे हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित
करें कि इन सफाई कर्मचारियों को वेतन का भूगतान पूरा व नियमित रूप से हो तथा
इन्हें नियमों के अनुसार सफाई भत्ते का भूगतान भी ठीक समय पर हो। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले सफाई
कर्मचारियों को नियमित करने की कार्यवाही भी की जाए तथा सफाई निरीक्षकों को
पदोन्नित के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाए। उन्होंने कहा कि इन सफाई कर्मचारियों को
साप्ताहिक अवकाश भी अवश्य मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने कहा कि
हरियाणा सरकार द्वारा महात्मा गांधी बस्ती सुधार योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट दिए जा रहे हैं। जिला के
पात्र गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट आबंटन में और तेजी लाए जाए, ताकि उन गरीब परिवारों को प्लाट दिए जा
सके। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस 26 जनवरी व स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्वों पर समानित
करके उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि दलित बस्तियों की गलियों व
सड़कों के सुधार पर विशेष जोर दिया जाए। हरिराम सूद ने जिला प्रशासन के रात्रि
ठहराव कार्यक्रम के तहत गरीब व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए
विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने रात्रि ठहराव
कार्यक्रम के वृत चित्र को भी काफी रूचि लेकर देखा व प्रशासन की इस कार्य के लिए
मुक्त कंठ से सराहना की। उपायुक्त चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के
सदस्य हरिराम सूद का स्वागत करते हुए कहा कि
जिला में सफाई कर्मचारियों के वेतन का भूगतान बैंक के माध्यम से किया
जाएगा। जिला कैथल प्रदेश का ऐसा पहला जिला होगा, जहां सफाई कर्मचारियों को अपना वेतन
बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सफाई कर्मचारी का शोषण नही
होने दिया जाएगा तथा सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी
सफाई कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश अवश्य मिले। उपायुक्त ने बताया कि महात्मा
गांधी बस्ती सुधार योजना के तहत जिला में गरीब परिवारों को 18725 प्लाट अलाट किए जा चुके हैं, जिसमें से 17000 परिवारों को मालिकाना हक भी दिए जा
चुके हैं। उपायुक्त ने बताया कि सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य
की जांच के लिए दिन निर्धारित किए जाएंगे। अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश सिंह यादव ने
कहा कि गरीब व दलित परिवारों की बस्तियों में गलियों को पक्का करने के लिए सरकार
की तरफ से अलग से अनुदान दिया जा रहा है तथा इन बस्तियों की सफाई व्यवस्था पर
विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के बारे में सफाई
कर्मचारी आयोग की हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। इस बैठक में पुलिस
अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव, एसडीएम हवा सिंह पचार, नगराधीश पूजा चावरिया, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दीपक
खुराना व प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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