शनिवार, 4 अगस्त 2012

शिंदे पर दलित पीएम का दांव खेल सकती है कांग्रेस


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शिंदे पर दलित पीएम का दांव खेल सकती है कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। आधे भारत को अंधेरे में रखने वाले पूर्व उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे की गृह दशा काफी अनुकूल चल रही है। शिंदे पर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी इस कदर मेहरबान हैं कि शिंदे को इस बात का ईनाम गृह मंत्रालय की ताकतवर कुर्सी के रूप में मिला। अब माना जा रहा है कि अगर शिंदे का कार्यकाल बेहतरीन रहा तो कांग्रेस उन्हें दलित पीएम के बतौर प्रोजेक्ट कर सकती है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष की आला नेताओं के साथ हुई रायशुमारी में एक बात उभरकर सामने आई है कि कांग्रेस का दलित वोट बैंक उसके हाथों से खिसल चुका है। उत्तर प्रदेश में मायावती ने तो एमपी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कांग्रेस की नाक में दम किया है।
इन परिस्थितियों में दलित वोट बैंक को पुनः स्थापित करना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। कांग्रेस में दलित और सोनिया राहुल के भरोसेमंद तथा वफादार के बतौर सुशील कुमार शिंदे का नाम मुफीद बैठ रहा है। आदर्श हाउसिंग घोटाला को छोड़ दिया जाए तो शिंदे के उपर कोई संगीन आरोप भी नहीं हैं। शिंदे की बतौर बिजली मंत्री पहली और बड़ी सफलता यह मानी जा रही है कि बिजली संकट के चलते देश भर के लोगों और मीडिया का ध्यान अण्णा हजारे के आंदोलन से हटकर बिजली संकट की ओर चला गया था।
उधर, गैर नेहरू गांधी परिवार के वज़ीरे आज़म मनमोहन सिंह के मौखटे से जनता के साथ ही साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी ऊब ही चुके हैं। मनमोहन सिंह एक कमजोर प्रधानमंत्री ही साबित हुए हैं। उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार, घपले घोटालों की गूंज ने राहुल गांधी का भविष्य लगभग तबाह ही किया है।
10, जनपथ के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि अब कांग्रेस को मनमोहनी छवि से बाहर निकाला जाए, इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि मनमोहन का कोई तगड़ा विकल्प तैयार किया जाए। इसके लिए सुशील कुमार शिंदे का नाम दलित होने के चलते सबसे उत्तम विकल्प के बतौर सामने आया है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए हैं कि अगर शिंदे बतौर गृह मंत्री अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो कांग्रेस द्वारा मनमोहन सिंह के स्थान पर उन्हें प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने के फायदे और नुकसान पर विचार कर रही है। शिंदे के माध्यम से कांग्रेस अब दलित कार्ड चलने का मन भी बना रही है।
शिंदे की पहली परीक्षा गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ही हो जानी है, जहां दलित कार्ड जमकर चलेगा। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने शिंदे को भारत गणराज्य का गृह मंत्री उस वक्त बनाया है जब पूर्व गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ने दक्षिण पंथी ताकतों के खिलाफ अभियान चलाकर उनसे बुराई मोल ले ली थी।
दरअसल, पार्टी के दक्षिणपंथी विचारधारा के मानने वालों की यह सोच था कि सिर्फ मुस्लिमों को साधने से ही कुछ नहीं होने वाला है। उत्तर प्रदेश चुनावों में औंधे मुंह गिरी कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर इस विचारधारा को प्रश्रय मिलना आरंभ हो गया था।
शिंदे की राह में सबसे बड़े शूल बनकर उभर रहे प्रणव मुखर्जी को रायसीना हिल्स पर काबिज करवाने के बाद सुशील कुमार शिंदे के भाग्य खुल गए हैं। वैसे शिंदे को कांग्रेस के अंदर नरम उदारवादी नेता के बतौर देखा जाता है। दलित के बतौर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार अभी भी प्रधानमंत्री की दौड़ में बरकरार ही बताई जा रही हैं।

14 हजार करोड़ रूपए निर्धारित हुआ स्पेक्ट्रम का न्यूनतम मूल्य


14 हजार करोड़ रूपए निर्धारित हुआ स्पेक्ट्रम का न्यूनतम मूल्य

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर दूरसंचार स्पैक्ट्रम की नीलामी के लिए चौदह हजार करोड़ रुपए का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल ने स्पैक्ट्रम उपयोग शुल्क की वर्तमान स्लैब दर प्रणाली के विकल्प को वरीयता देने की मंत्रिसमूह की सिफारिश भी स्वीकार कर ली। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने पूरे भारत के लिए १८ सौ मेगाहर्ट्ज बैंड में ५ मेगाहर्ट्ज के वास्ते १४ हजार करोघ् रुपए के आरक्षित मूल्य को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने ८०० मेगाहर्ट्ज का आरक्षित मूल्य १८ सौ मेगाहर्ट्ज बैंड की १ दशमलव तीन गुना राशि पर तय करने की अधिकार प्राप्त मंत्री समूूह की सिफारिशों को भी स्वीकृति दे दी।
श्री सिब्बल ने बताया कि मंत्रिसमूह की सिफारिश के अनुसार मंत्रिमंडल ने स्पैक्ट्रम के मूल्य निर्धारण संबंधी मुद्दों पर फैसला तब तक के लिए टाल दिया है, जब तक इस बारे में राय मांगने के राष्ट्रपति के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय की राय नहीं मिल जाती।
दूरसंचार विभाग की टू जी स्पैक्ट्रम नीलामी बोली प्रक्रिया के लिए आरक्षित मूल्य और स्पैक्ट्रम के इस्तेमाल का शुल्क तय करना अनिवार्य है। उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष फरवरी में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में वर्ष २००८ में दिए गए १२२ लाइसेंस रद्द कर दिये थे और सरकार से ३१ अगस्त तक नई नीलामी करने को कहा था।

जुलाई में पारा तेजी से लुढका दिल्ली का

जुलाई में पारा तेजी से लुढका दिल्ली का

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली के मौसम के बारे में अनिश्चितता बनना आरंभ हो गया है। दिल्ली की सर्दी, गर्मी और बरसात का जमकर आनंद उठाते हैं दिल्ली वाले। इस बार तो मौसम के मिजाज ने पुराने सारे आंकड़ों को ही ध्वस्त कर दिया है। एक पखवाड़े पहले उमस से तरबतर दिल्ली वासी पानी की फुहारों के बाद अब राहत ही महसूस कर रहे हैं।
मौसम का हाल गजब है। 15 दिन पहले तक गर्मी के नए रिकार्ड बन रहे थे। अब ठंडक के नए रिकार्ड बनने लगे हैं। सौ साल के इतिहास में जुलाई के महीने में दिल्ली का तापमान इतना कम कभी नहीं हुआ। तापमान 26.4 डिग्री दर्ज किया गया। वैसे दिल्ली के लिहाज से हल्की बारिश हो तो बेहतर है। बारिश तेज हुई कि पूरा शहर जाम में फंस जाएगा। मौसम विभाग की माने तो इस सप्ताह लगातार बारिश होती रहेगी।
मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दिल्ली के इतिहास में जुलाई का अधिकतम तापमान इतना नीचे कभी दर्ज नहीं किया गया। सफदरजंग केंद्र पर सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे 27.9 डिग्री और आया नगर में 26.4 डिग्री दर्ज किया गया। जुलाई में अब तक अधिकतम तापमान सबसे नीचे दिल्ली में 9 जनवरी, 1972 को 26.6 डिग्री दर्ज किया गया था।मंगलवार को शाम 5.30 बजे तक 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मौसम विभाग करीब सौ साल पहले शुरू हुआ था। तब से अब तक इतना कम तापमान जुलाई के महीने के महीने में कभी नहीं आया। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि क्या यह सब ग्लोबल वार्मिल के कारण हो रहा है। वैसे एनसीआर में आज धूप खिली है। पर माना जा रहा है कि शाम तक हल्की फुहारें पड़ सकती है।
हालांकि सावन में यूपी के किसान बारिश के लिए तरसते रहे। सूबे के छह जिलों के अलावा बाकी सभी जिलों में मानसून की नाराजगी बनी रही। इनमें सामान्य से कम बारिश रिकार्ड की गई। इससे सीधा नुकसान खरीफ की बुआई पर पड़ा है। मौसम विभाग के आंकड़े के अनुसार सूबे के उन 26 जिलों में सामान्य से आधी बारिश हुई जिनको धान की बेहतर उपज देने वाला जिला माना जाता है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संवाददाताओं से प्राप्त समाचारों के अनुसार मेरठ, बागपत, महाराजगंज, कुशीनगर, गौतमबुद्धनगर, रामपुर, गाजियाबाद, हाथरस व हापुड़ में सबसे कम बारिश हुई। केवल छह जिलों ललितपुर, कांशीराम नगर, चित्रकूट, बलरामपुर, अंबेडकर नगर व कानपुर देहात पर ही इंद्रदेव मेहरबान रहे।
इन जिलों में सामान्य से थोड़ा अधिक पानी बरसा। सावन के बादलों की रुसवाई ने धान उत्पादक किसानों की हिम्मत तोड़ दी है। जिसके चलते धान की रोपाई लक्ष्य से करीब 25 फीसद कम रही। दलहनी फसलों, मक्का, ज्वार व बाजरा की बुआई की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है।
बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के जिलों में हालात अधिक नाजुक है। पश्चिमी जिलों में खरीफ फसलों के आच्छादन क्षेत्र में तीस प्रतिशत से अधिक कमी आई है। बुंदेलखंड में 55,840 हेक्टयर धान रोपाई के विपरीत साढ़े 12 हजार हेक्टेयर में आच्छादन हो सका है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह का कहना कि खरीफ फसलों की बुआई का आदर्श समय 15 जुलाई तक माना जाता है।
इसके बाद बुआई में देरी से प्रति सप्ताह उत्पादन दस से 15 फीसद घटता है। जुलाई में अपेक्षित वर्षा न होने से उत्पादन का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो गया है। इस बार प्रदेश में अब तक सामान्य से 23 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। यदि अगस्त में भी इंद्रदेव की विशेष कृपा नहीं होती है तो वर्ष 20072002 के सूखे जैसी परिस्थितियां पैदा हो सकती है।
उधर, योजना आयोग ने कहा है कि कमजोर मॉनसून के कारण चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कम हो कर छह प्रतिशत रहने की संभावना है। पिछले वर्ष यह दर साढ़े छह प्रतिशत थी। नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोन्टेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना-२०१२-१७ के दौरान वार्षिक औसत आर्थिक वृद्धि दर आठ दशमलव दो प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है, जबकि नीतिगत दस्तावेज के दृष्टिकोण पत्र में इसके नौ प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
ये पूछे जाने पर कि क्या सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिये विशेष योजनाओं की आवश्यकता है, श्री अहलूवालिया ने कहा कि राज्य सरकारें इन मुद्दों से निपटेंगी।
उधर, तमिलनाडू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्रीति सक्सेना ने बताया कि वर्षा की कमी के कारण तमिलनाडु की पनबिजली इकाइयों को कठिनाई का सामना करना पड रहा है। इनकी उत्पादन क्षमता में ३३ प्रतिशत की कमी आई है। राज्य पहले से ही बिजली की भारी किल्लत का सामना कर रहा है।
सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य के जलाशयों का जलस्तर कम है। पश्चिमी घाट के इलाकों में लगभग एक दर्जन प्रमुख जलाशयों से चालू वित्त वर्ष के दौरान ५५ करोड पचास लाख यूनिट बिजली के उत्पादन की संभावना है, जो कि इनकी क्षमता से दो प्रतिशत कम है।
इधर, केंद्र ने इस वर्ष राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्यों को १८ अरब रूपये दिए हैं। कृषि मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक दो अरब ७७ करोड रूपये दिए गए। मध्य प्रदेश को दो अरब २७ करोड और महाराष्ट्र को एक अरब ९६ करोड रूपये मिले। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बेहतर परिणामों के लिए किसानों को प्रोत्साहन के अलावा मिट्टी और जलवायु की स्थितियों के अनुरूप तकनीकी पैकेज भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

संरा ने सीरिया में हिंसा समाप्त करने की अपील


संरा ने सीरिया में हिंसा समाप्त करने की अपील

(अंकिता रायजादा)

न्यूयार्क (साई)। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सीरिया में लोकतांत्रिक राजनीतिक बदलाव और हिंसा समाप्त करने का आह्वान किया है। महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर सीरिया में जारी हिंसा की निंदा की और खून-खराबा रोकने के लिए कोई कार्रवाई न करने पर सुरक्षा परिषद की आलोचना की।
१९३ सदस्यों की महासभा में प्रस्ताव के पक्ष में १३३ वोट पघ्े जबकि इसके विरोध में १२ वोट पडे। भारत सहित ३१ देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। रूस, चीन और ईरान सहित १२ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट डाले। प्रस्ताव में सीरिया द्वारा नागरिकों के खिलाफ भारी हथियारों, टैंको और हेलीकाप्टर के इस्तेमाल की कडी निंदा की गई है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें सीरिया सरकार से कहा गया है कि वह पहला कदम उठाते हुए इसे फौरन रोके और सेना बैरको में वापस लौट जाएं। साथ ही सीरिया सरकार को रासायनिक और जैव हथियारों के इस्तेमाल या हस्तांतरण न करने और उन्हें सुरक्षित रखने की हिदायत दी गई है। प्रस्ताव को पारित करने की पहल के तहत सीरिया में असद सरकार के सत्ता छोघ्ने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को हटा लिया गया था। महासभा में सीरिया पर यह दूसरा प्रस्ताव है।

चांदी लाए विजय कुमार


चांदी लाए विजय कुमार

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। लंदन ओलंपिक में कल भारत के निशानेबाज विजय कुमार ने २५ मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए, रजत पदक जीतकर भारत को इन खेलों में दूसरा पदक दिलाया। विजय ने क्वालीफिकेशन में ओलिंपिक रिकॉर्ड बेहतर करते हुए, पांच सौ ८५ अंक लेकर फाइनल में प्रवेश किया था।
फाइनल में उन्होंने सटीक निशाने साधते हुए ३० अंक हासिल किए। जीत के बाद विजय कुमार शूटिंग में ही पचास मीटर राइफल प्रोन में भारत के जयदीप कर्माकर मामूली अंतर से पदक से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। स्वर्ण पदक बेलारूस के सरगेई मार्टिनो ने सात सौ पांच दशमलव एक अंक का विश्व रिकार्ड बनाकर जीता। इसी स्पर्धा में गगन नारंग १८वें स्थान पर रहे।
हॉकी में भारत ने हार की हैट्रिक लगाते हुए अपने आगे के रास्ते बंद कर लिए हैं। कल भारत को जर्मनी से दो के मुकाबले पांच गोल से हार का सामना करना पडा। डिस्कस थ्रो में कृष्णा पूनिया ने ६३ दशमलव पांच चार मीटर तक चक्का फेंक कर फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया।
डिस्कस थ्रो में सीमा अंतिल, गोला फेंक में ओम प्रकाश और ट्रिपल जंप में मयूखा जॉनी फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। इस बीच, बॉक्सिंग में भारत के विकास कृष्ण को ६९ किलोग्राम वर्ग में पराजित घोषित किया गया है। अमरीकी टीम के विरोध के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने यह फैसला किया। इससे पहले, प्री-क्वार्टर फाइनल में अमरीकी खिलाघ्ी एरोल स्पेंस के साथ मुकाबले में विकास कृष्ण को विजयी घोषित किया गया था।
बैडमिंटन में साइना नेहवाल को चीन की वांग यिहान ने लगातार गेम्स में २१-१३, २१-१३ से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। कांस्य पदक के लिए आज साइना नेहवाल चीन की जिन वांग से खेलेंगी। टेनिस में लिएंडर पेस और सानिया मिर्जा तथा मैक्स मिरनई और विक्टोरिया अजारेंका के बीच मिक्स्ड डबल्स क्वार्टर फाइनल खराब रोशनी के कारण पूरा नहीं हो सका। खेल रोके जाने के समय तक मिरनई और अजारेंका ने ७-५, ३-२ से बघ्त बना ली थी। यह मैच आज आगे खेला जाएगा।
लंदन में आज एथलेटिक्स में सुधा सिंह, बलजिन्दर सिंह, इरफान थोडी कोलोथम और गुरमीत सिंह ट्रैक पर उतरेंगे। बॉक्सिंग में एल. देवेन्द्रो सिंह फ्लाईवेट वर्ग तथा मनोज कुमार लाइट वेल्टरवेट वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में अपनी चुनौती पेश करेंगे। निशानेबाजी में महिलाओं की ट्रैप स्पर्धा में शगुन चौधरी अपना अभियान शुरू करेंगी। पदक तालिका में अमरीका २१ स्वर्ण सहित, ४३ पदक लेकर पहले स्थान पर है। चीन २० स्वर्ण सहित ४२ पदक लेकर दूसरे और कोरिया नौ स्वर्ण सहित १६ पदक लेकर तीसरे स्थान पर है।

सियासी घोषणा के साथ ही अण्णा का विरोध शुरू


सियासी घोषणा के साथ ही अण्णा का विरोध शुरू

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। गांधीवादी समाजसेवी अण्णा हजारे ने अगस्त 11 में जो समर्थन हासिल किया था, उसकी अपेक्षा इस बार उन्हें कम ही समर्थन मिला। राजनीति में कूदने की अण्णा की हुंकार के बाद अब उनका विरोध आरंभ हो गया है। सियासी पार्टियां चाहती थीं कि अण्णा को सियासी कीड़ा काटे और अंततः हुआ भी वही। गुजरात के नवसारी में अन्ना और उनकी टीम के साथ अनशन कर रहे उनके समर्थकों ने अन्ना के राजनीति में आने के फैसले का जबर्दस्त विरोध करते हुए अन्ना का पुतला फूंका है।
जंतर मंतर पर अनशन खत्म कर राजनीति में कूदने के फैसले को लेकर अन्ना हजारे अब निशाने पर आ गए हैं। भले ही तमाम सर्वे में लोगों ने टीम अन्ना के राजनीति में आने का स्वागत किया हो, लेकिन अब अन्ना और उनकी टीम पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं। अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में लोग राजनीति में उनके आने का विरोध किया है। अन्ना के करीबी सुरेश पठारे ने कहा है कि अन्ना को राजनीति से दूर रहना चाहिए।
कहा जा रहा है कि अन्ना हज़ारे और उनके साथ जुड़े नागरिक समाज के लोगों ने अपने आंदोलन की शुरुआत देश और समाज में पहले से स्थापित राजनीतिक व्यवस्था के विरोध से शुरु की थी, लेकिन अब ये लोग उसी राजनीतिक ढांचे का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इससे ये साबित होता है राजनीतिक व्यवस्था का विरोध करके, उसपर दबाव बनाकर, बदलाव या सुधार लाने की अन्ना टीम की जो रणनीति रही है वो कारगर साबित नहीं हुई।
अन्ना टीम का अगला कदम खुद राजनीति में उतरने का फैसला है। उनके मुताबिक वे खुद राजनीति करेंगे और परिवर्तन लाएंगे। लेकिन इससे जो दबाव बनाने की राजनीति करने की कोशिश हो रही थी उसका विकल्प पूरी तरह से खत्म हो गया। राजनीति अपने आप एक अलग लड़ाई का मैदान है। जहां अलग किस्म की मजबूरियां, सीमाएं और संभावनाएं होती हैं। अगर सिविल सोसायटी के सदस्य राजनीति के अखाड़े में उतरते हैं तो उनके फैसलों पर भी इन बातों का असर होगा।
जब टीम अन्ना के सदस्य सक्रिय राजनीति में नहीं हैं तब उन्हें हवाई किराए से लेकर इनकम टैक्स भरने तक के मुद्दे पर घेरा जाता है, इसलिए जब ये पूरी तरह से राजनीति में आ जाएंगे तब इन्हें क्या-क्या झेलना पड़ेगा इसका इन्हें अंदाज़ा नहीं है। अन्ना हज़ारे अगर किसी राजनीतिक का दल का भी गठन करते हैं तो भी वो पूरी तरह से शहरों पर क्रेंद्रित पार्टी होगी।

मुसलमानों को रोजे नहीं रखने की हिदायत


मुसलमानों को रोजे नहीं रखने की हिदायत

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

बीजिंग (साई)। चीन में मुस्लिमों की धार्मिक आज़ादी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिमों को रोज़ा रखने को लेकर परोक्ष रूप से मना किया गया है। चीन की सरकार का कहना है कि ऐसा स्वास्थ्य कारणों के चलते किया जा रहा है। लेकिन इस कदम के आलोचकों को कहना है कि मुस्लिमों को श्धर्म निरपेक्षश् बनाने की यह कोशिश महंगी पड़ सकती है।
चीन के पश्चिमी प्रांत जिनजियांग में कई शहरों, जिले और गांव की वेबसाइटों पर नोटिस जारी किया गया। इन नोटिसों में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों, सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और टीचरों से रोजा न रखने को कहा गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा है, श्सरकार लोगों प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे पढ़ाई और काम के लिए अच्छा भोजन करें। लेकिन रमजान के दौरान किसी को खाना खाने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।श् गौरतलब है दुनिया भर में मुसलमान 30 दिनों के रमजान के महीने में सूर्याेदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। 

अनचाही काल एसएमएस अब होंगी बंद


अनचाही काल एसएमएस अब होंगी बंद

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। आने वाले समयमें मोबाइल कॉल दर 30 पैसे प्रतिमिनट तक बढ़ सकती हैं। दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया(सीओएआई) ने यह चेतावनी दी है। संगठन ने सरकार द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए 14 हजार करोड़ रुपए बेस प्राइस तय करने के बाद यह प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बेस प्राइस तय की गई। सरकार के फैसले के बाद 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी 14 हजार करोड़ रुपए की न्यूनतम कीमत से शुरू होगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को स्पेक्ट्रम के लिए 14,000 करोड़ रुपए की रिजर्व प्राइस या बेस प्राइस तय की है। इससे पहले उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने रिजर्व प्राइस 14,000-15,000 करोड़ रुपए के प्राइस बैंड में रखने की सिफारिश की थी।
वहीं, टेलीकॉम नियामक ट्राई ने रिजर्व प्राइस 18,000 करोड़ रुपए रखने की सिफारिश की थी। इस बीच, सूत्रों का कहना है कि विभिन्न स्लैब में सालाना स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज 3-8 फीसदी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में 122 लाइसेंस रद्द हुए थे। लिहाजा, इन लाइसेंसों के रद्द होने से खाली हुए स्पेक्ट्रम को बोली यानी नीलामी प्रक्रिया के जरिए बेचा जाना तय है।
यदि आप अनचाहे मैसेज और  नंबर पोर्टेबिलिटी से परेशान हैं तो अब आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। मोबाइल ऑपरेटर ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) से यदि अब इन्कार करता है तो उसे 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। जबकि, अवांछित एसएमएस भेजने वाले पर 500 रुपये का जुर्माने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण (ट्राई) ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
नए प्रस्घ्ताव के अनुसार, यदि कोई अवांछित एसएमएस भेजकर ग्राहकों को तंग करता है तो उसे अब जुर्माने के लिए तैयार रहना चाहिए। ट्राई के अनुसार, जुर्माना पहली बार ऐसा करने वाली गैर पंजीकृत टेलीमार्केटिंग फर्माे पर लगेगा। अगर बार-बार अनचाहे एसएमएस भेजे गए तो फर्म का कनेक्शन भी काटा जा सकता है।

भोपाल में अगले साल आरंभ हो जाएगा एम्स


भोपाल में अगले साल आरंभ हो जाएगा एम्स

(सोनल सूर्यवंशी)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश की राजधानी के निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सितंबर में कक्षाएं लगनी शुरू होंगी। संस्थान के अस्पताल में मरीजों को अगले साल से इलाज मिलना शुरू होगा। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने निर्माण एजेंसी सहित सभी को आवंटित काम तय समय में पूरा करने के निर्देश दे दिए हैं।
सितंबर में शुरू हो रहे एम्स के मेडिकल कॉलेज और हॉस्टल कॉम्प्लेक्स का 90 फीसदी काम पूरा हो गया है। जबकि बिजली फिटिंग और ड्रेनेज लाइन फिटिंग का काम लंबित हैं, जो नगर निगम और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनुमति नहीं मिलने के कारण धीमी गति से चल रहा है।
धीमी गति से चल रहे इन कार्याे की रफ्तार तेज कराने और विभिन्न कार्यालयों की औपचारिक अनुमति दिलाने की कार्रवाई करने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पीके प्रधान एम्स का निरीक्षण करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सितंबर में एम्स की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। कॉलेज हॉस्टल्स में अगस्त के आखिरी सप्ताह में स्टूडेंट्स रहना शुरू कर देंगे। इन विद्यार्थियों और उन्हें पढ़ाने के लिए नियुक्त किए गए टीचिंग स्टाफ को सुरक्षा मुहैया कराने के इंतजाम किए जाने हैं।
मौके पर जाकर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्टल कॉम्प्लेक्स का काम लगभग पचहत्तर फीसदी, अस्पताल भवन का पचास फीसदी, आवासीय परिसर लगभग तैयार एवं बिजली फिटिंग का काम महज पांच फीसदी ही पूरा हुआ है।
उधर, निर्माण एजेंसी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एम्स के अकादमिक ब्लॉक में फर्नीचर फिटिंग का काम अगले सप्ताह शुरू होगा। अधिकारियों के मुताबिक फर्नीचर फिटिंग की एजेंसी तय करने का काम अंतिम चरण में है।  इसके अलावा संस्थान की बिजली सप्लाई व्यवस्था बहाल करने के लिए अलग से पॉवर सब स्टेशन बनाया जाना है।

नामी कंपनियों की शिव को नहीं परवाह!


नामी कंपनियों की शिव को नहीं परवाह!

(नन्द किशोर)

नई दिल्ली (साई)। एक तरफ तो शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए इंवेस्टर्स मीट का आयोजन जब तब किया जाता है पर एमओयू पर हस्ताक्षरों के उपरांत शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस अध्याय को बंद कर नया अध्याय लिखना आरंभ कर दिया जाता है। पिछले अनेक एमओयू के बाद भी उद्योगपति आज भी उद्योग लगाने मारे मारे फिर रहे हैं।
इन्वेस्टर्स मीट के लिए एक ओर तो राज्य सरकार देश-विदेश से निवेशकों को बुला रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश का आईटी विभाग 5 माह पहले सेज की अनुमति ले चुकी दो आईटी कंपनियों से कागजी प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया है। इससे कंपनियां मौके पर काम शुरू नहीं कर पा रही हैं। हालांकि विभाग इसी माह प्रक्रिया पूरी करने का दावा कर रहा है।
आईटी डिपार्टमेंट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मार्च में टीसीएस (टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस) और इन्फोसिस को सेज (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) की अनुमति मिली थी। बाद में केंद्र सरकार द्वारा इनका नोटिफिकेशन जारी होना था। इसके लिए लीज डीड व एमओयू के साथ कंपनियों को जमीन अपने नाम दिखाने की प्राथमिकता पूरी करना जरूरी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्फोसिस का एमओयू हो चुका है, लेकिन टीसीएस का नहीं। उच्चाधिकारियों के मुताबिक लीज नियमों के कारण जमीन अब तक कंपनियों के नाम नहीं हो पाई है। पिछले सप्ताह कैबिनेट ने 99 साल की लीज कंपनियों को देने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है 10 मई 2012 को टाटा रियलिटीज के बिजनेस डेवलपमेंट एमजीएम संतोष महग्ट और प्रोजेक्ट हेड जयकिशन बालचंदानी शहर आए थे। तब शासकीय कार्यालयों से उन्हें पता चला कि सेज में निर्माण की अनुमति के लिए जो नियम बनाने हैं वे डेवलपमेंट कमिश्नर (सेज) ने राज्य शासन को भेजे हुए हैं। उस पर सरकार की अनुमति और नियम आना शेष है।

इस सत्र में लोकपाल नहीं आएगा: बंसल


इस सत्र में लोकपाल नहीं आएगा: बंसल

(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि संसदीय प्रवर समिति यदि अपनी सिफारिशें तय समय से पहले दे देती है, तभी संसद के मानसून सत्र में लोकपाल विधेयक लाया जा सकता है। इसलिए इसकी कोई निश्चितता नहीं है।
यह दोहराते हुए कि सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यसभा की प्रवर समिति को सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक अपनी सिफारिशें देने को कहा गया है। यदि समिति सत्र के मध्य तक अपनी रिपोर्ट दे दती है तो संसद में इस विधेयक को लाया जाना संभव है।
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र आठ अगस्त से शुरू होगा और सात सितम्बर तक चलेगा। बंसल ने कहा कि यदि रिपोर्ट तय तिथि को दी जाती है तो सरकार के लिए महज चार दिनों में उस पर विचार-विमर्श पूरी करना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि जो विधेयक तैयार हैं वे सत्र के दौरान संसद में लाए जाएंगे। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती है।
बंसल ने कहा कि संसद में पारित किए जाने वाले 31 विधेयक सूची में हैं जो ठेका आवंटन, बैंकिंग कानून, भूमि अधिग्रहण और महिला आरक्षण से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि सूची में शामिल अन्य विधेयकों में शैक्षिक न्यायाधिकरण विधेयक, ह्विसिल ब्लोअर सुरक्षा विधेयक, खनन विधेयक और विदेशी अधिकारियों की रिश्वतखोरी निरोधक विधेयक शामिल हैं।
एक प्रश्न के जवाब में बंसल ने कहा कि बीमा विधेयक और पेंशन राशि नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक एजेंडे में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल 118 विधेयक विभिन्न चरणों में विचाराधीन हैं। उल्लेखनीय है कि लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। यदि सरकार प्रवर समिति की सिफारिशों से सहमत हो जाती है तो विधेयक को पारित कराने के लिए फिर से लोकसभा में लाया जाएगा।

राजग विधायक बरसे मंत्री पर


राजग विधायक बरसे मंत्री पर

(प्रतिभा सिंह)

पटना (साई)। सत्तापक्ष राजग के एक विधायक ने विधानसभा में सरकार की ओर से अपने प्रश्न के जवाब से असंतुष्ट होकर स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के बयान को झूठ का पुलिंदाकह दिया। मधुबन निर्वाचन क्षेत्र के जदयू विधायक शिवजी राय ने एक तारांकित प्रश्न के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार के जवाब को सदन के भीतर झूठ का पुलिंदाकरार दिया और जवाब की सच्चाई को चुनौती दी।
राय ने मंत्री के जवाब को चुनौती दी। उन्होंने पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन प्रखंड में उपस्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे तालाबंद रहने का सवाल उठाया था जिसके बाद मंत्री ने कहा कि वहां चिकित्सक पदस्थापित किया गया है। इस मामले की 48 घंटे के भीतर जांच की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विधायक ने उनके बयान को झूठ का पुलिंदा करार दिया।
बाद में भाजपा के एक अन्य विधायक संजय सरावगी ने पिछले सत्र में दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल के संबंध में 24 घंटे के भीतर जांच और कार्रवाई के आश्वासन पर उन्हें घेरा। इस दौरान थोडी देर के लिए मंत्री और भाजपा विधायक के बीच बहस भी हुई।

राजस्थान की स्वाति बनीं अंतरिक्ष वैज्ञानिक

राजस्थान की स्वाति बनीं अंतरिक्ष वैज्ञानिक

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। स्वाति भौमियां का भारत सरकार के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरोमें चयन हुआ है। स्वाति भौमियां ऐसी एकमात्र छात्र हैं जिनका चयन कनिष्ठ अनुसंधानकर्ता फैलोशिप अवार्ड के लिए हुआ है। प्रारंभ में फैलोशिप एक साल के लिए है, हर साल इसकी समीक्षा होगी इसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
मूलतः चूरू जिले की निवासी 23 वर्षीय स्वाति जयपुर के कानोडिया महिला महाविद्यालय में भौतिकी विषय की व्याख्याता हैं। स्वाति ने अपना एमएससी फीजिक्स राजस्थान विश्वविद्यालय से किया। होनहार छात्र का बिट्स पिलानी में भी पीएचडी तथा स्कूल टीचर के लिए चयन हो चुका है लेकिन उसने इसरो को प्राथमिकता दी है क्योंकि यह उसका सपना था जिसे उनहोंने दसवीं कक्षा में ही संजो लिया था।

नकली एकांउट की नकेल कसेगा फेसबुक


नकली एकांउट की नकेल कसेगा फेसबुक

(अनीष कौशल)

वाशिंगटन (साई)। अगर आप नकली अकाउंट से फेसबुक का उपयोग करते हैं तो इस आदत को बदल डालिये। क्योंकि फेसबुक अब नकली अकाउंट को बंद करने जा रहा है। बढ़ते फरजी यूजर्स को ध्यान में रखते हुए बहुत जल्द फेसबुक सख्त कदम उठायेगी। वाशिंगटन, भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया में फेसबुक का इस्तेमाल करनेवालों की संख्या 955 करोड़ हो गयी है।
इन यूजर्स में से 8.3 करोड़ फरजी अकाउंट वाले लोग हैं। कंपनी इनके अकाउंट को बंद करना चाहती है। फेसबुक ने 30 जून, 2012 तक भारत में अपने मासिक सक्रिय उपयोग करनेवालों की संख्या 5.9 करोड़ बतायी है, जो वर्ष 2011 की इसी अवधि के मुकाबले 84 प्रतिशत अधिक है।
फेसबुक ने अपने ताजा जारी आंकड़ों में कहा है कि भारत, ब्राजील तथा इंडोनेशिया में इसके इस्तेमाल करनेवालों की संख्या में वर्ष 2012 की दूसरी तिमाही में पिछले साल के मुकाबले 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी के अनुसार, दुनिया भर में इसके 95.9 करोड़ सक्रिय यूजर्स में 8.7 प्रतिशत फरजी अकाउंट वाले हैं। वहीं, दो-दो अकाउंट इस्तेमाल करनेवालों की संख्या 4.8 प्रतिशत (4.58 करोड़) है। करीब 2.4 प्रतिशत (2.29 करोड़) अकाउंट ऐसे हैं, जो कंपनियों, समूहों के नाम पर बनाये गये हैं।
कंपनी ऐसे अकाउंट को सूचना लीक किये बिना स्वीकृत पेज के रूप में परिवर्तित करना चाहती है। कुल सक्रिय इस्तेमाल करनेवालों में करीब 1.5 प्रतिशत ऐसे अकाउंट हैं, जो सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करनेवाले हैं। करीब 1.43 करोड़ अकाउंट ऐसे हैं, जिसके बारे में फेसबुक का मानना है कि इन्हें खास तौर पर कंपनी की अवांछनीय ई-मेल से संबंधित शर्तों के उल्लंघन के लिए बनाया गया है। दुनियाभर में फेसबुक को रोजाना इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह 41.7 करोड़ से बढ़ कर 52.2 करोड़ हो गयी है। फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले बड़े बाजार ब्राजील, अमेरिका तथा भारत हैं।

भूख से मर गए तीन शावक


भूख से मर गए तीन शावक

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। नंदनवन में बुधवार को जन्म लेने वाले पांच लायन शावकों में तीन शावकों की शुक्रवार सुबह भूख से मौत हो गई। तीनों अपनी मां की मांद में मृत मिले। ऐसी आशंका है कि इनका जन्म तीसरे, चौथे और पांचवें क्रम में हुआ था। तीनों जन्म से ही कमजोर थे। उन्हें अपनी मां का दूध पीने का मौका ही नहीं मिला। बाकी बचे दो शावक तंदुरुस्त हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार नंदनवन प्रबंधन ने तीनों का अंतिम संस्कार करने के पहले उनका पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही पता चला कि तीनों की मौत भूख से हुई। तीनों के पेट में दूध नहीं मिला।
एक मृत शावक के पेट की हड्डी भी टूटी हुई थी। इससे यह आशंका है कि वह अपनी मां के नीचे दब गया होगा। इस वजह से भी उसकी जान चली गई। वन विभाग और नंदनवन के विशेषज्ञों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कहा कि आमतौर पर एक-दो शावकों के बाद पैदा होने वाले शावक कमजोर होते हैं।
अत्यधिक कमजोरी के कारण वे अपनी मां के दूध तक नहीं पहुंच सके होंगे। इस बात की भी आशंका है कि पहले पैदा होने वाले बच्चों ने उन्हें दूध पीने का मौका नहीं दिया होगा। नंदनवन प्रबंधन को शावकों के मरने के बारे में सुबह 8 बजे पता चला। कर्मचारी उस समय सिंहनी को भोजन देने गए थे। उसके बाद उन्होंने अफसरों को खबर दी। तत्काल नंदनवन के अधीक्षक सहित तमाम अधिकारी वहां पहुंच गए।
वन महकमे के सूत्रों ने सामचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मादा सिंहनी की मांद से मृत शावकों को निकालने में नंदनवन के अधिकारियों को तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। वन्य प्राणियों के विशेषज्ञों को बुलाकर मादा सिंहनी को किसी तरह बच्चों वाली मांद से निकालकर उसके बाजू वाली मांद में भेजा गया। वहां उसे भोजन दिया गया ताकि वह हिंसक होकर खुद को घायल न कर बैठे।
उसी दौरान नंदनवन के कर्मी तुरंत बच्चों वाली मांद में घुसे। उन्होंने तीनों मृत शावकों के शव निकालने के अलावा दोनों तंदरुस्त शावकों को बाहर निकाला और उनकी सफाई की। बाद में उन्हें वापस मांद में छोड़ दिया गया। नंदनवन के अधीक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि दोनों बच्चे और सिंहनी की हालत सामान्य है। देर रात तक मादा व बच्चों की देखभाल में खुद अधिकारी जुटे थे। अफसरों का कहना है कि मौसम साफ होने तक अतिरिक्त देखभाल करनी होगी। गौरतलब है कि नंदनवन की सिंहनी ने बुधवार को अपरान्ह तीन बजे तीन और रात 10 बजे दो शावकों को जन्म दिया था।

आज बंद रहा आरटीओ ऑफिस


आज बंद रहा आरटीओ ऑफिस

(नरेंद्र ठाकुर)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थापित अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कार्यालय शनिवार को लगभग बंद ही रहा। कर्मचारियों की अनुपस्थिति के चलते कार्यालय की अनेक शाखाओं में ताले झूलते नजर आए। अपरान्ह एक बजे तक चालक अनुज्ञा शाखा को छोड़कर शेष शाखाएं बंद ही थीं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के इस प्रतिनिधि ने जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो ज्ञात हुआ कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री शर्मा खवासा जांच चौकी की ओर कूच कर चुके थे। शेष सारे कर्मचारी अनुपस्थित ही थे। महज एक लाईसेंसिंग ब्रांच में ही कुछ भीड़ भाड़ दिखाई पड़ रही थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भिण्ड जिले में माननीय न्यायालय के आदेश पर आए गए जांच दल को भी दस्तावेज देखने और बयान लेने के लिए इधर उधर भटकना पड़ा। कार्यालय के मुख्यद्वार पर ही पट्टे वाले कच्छे बनियान सूखते नजर आए। एसा लग रहा था मानो इस कार्यालय का कोई धनी धोरी ही ना रह गया हो।
यह अगस्त माह का पहला शनिवार होने के चलते अवकाश का दिन भी नहीं था। गौरतलब है कि सिवनी जिले में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर अवस्थित परिवहन जांच चौकी परिवहन विभाग के लिए टकसाल से कम नहीं है। कहा जाता है कि इस चौकी से प्रतिमाह करोड़ों रूपयों की वसूली कर सरकारी राजस्व में और इससे अधिक अधिकारियों, नेताओं और मीडिया की जेब में भेजा जाता है।

भास्कर को भा गई रजनीगंधा की गंध

भास्कर को भा गई रजनीगंधा की गंध

(तेजवानी गिरधर / विस्फोट डॉट काम)

नई दिल्ली (साई)। इन दिनों देश का एक नामी अखबार दैनिक भास्कर एक और जनहित अभियान पर निकल पड़ा है। पान मसाले पर प्रतिबंध का अभियान। लेकिन दैनिक भास्कर की इस मुहिम के में एक विरोधाभासी और हास्यास्पद तथ्य उभर कर सामने आया है। विरोधाभासी इसलिए कि एक ओर दैनिक भास्कर को मिली केन्द्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान उर्फ सीटीआरआई, राजमुंदरी में बताया गया है कि पान मसाला रजनीगंधा में 2.26 प्रतिशत निकोटिन है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जबकि दूसरी ओर उसी दैनिक भास्कर में रजनीगंधा ने एक विज्ञापन जारी कर खुलासा किया है कि सेंट्रल टोबेको रिसर्च इंस्टीट्यूट-इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकलचर, राजुमंदरी से यह प्रमाणित हो चुका है कि उनके उत्पाद में निकोटिन नहीं है।
हास्यास्पद यह है कि जिन दो संस्थानों का नाम ये दोनों हिन्दी और अंग्रेजी में ले रहे हैं ये संस्थान और इंस्टिट्यूट एक ही हैं, केवल हिंदी और अंग्रेजी में नाम का फर्क है। जिस पान मसाला विरोधी मुहिम के तहत दैनिक भास्कर ने 29 जुलाई के अंक में रजनीगंधा सहित अन्य पान मसालों के बारे में रिपोर्ट छापी है, उसी दैनिक भास्कर के 2 अगस्त के प्रथम पृष्ठ पर रजनीगंधा का विज्ञापन छापा है।
सवाल ये उठता है कि आखिर किसकी रिपोर्ट सही है? दैनिक भास्कर को मिली रिपोर्ट, जिसके आधार पर उसने मुहिम पर और अधिक जोर दिया है या फिर रजनीगंधा की ओर से उल्लेखित रिपोर्ट, जो कि बाकायदा विज्ञापन के जरिए बता रहा है कि उसके उत्पाद में न तम्बाकू है और न ही निकोटिन। इसलिए अपने पसंदीदा रजनीगंधा पान मसाला की शुद्धता का आनंद पूरे विश्वास के साथ लीजिए। एक ही संस्थान भला दो तरह की विरोधाभासी रिपोर्ट कैसे जारी कर सकता है? जरूर कोई घालमेल है। उससे भी अफसोसनाक ये कि जो समाचार पत्र पान मसाला विरोधी मुहिम का श्रेय ले रहा है और उत्पाद विशेष का हवाला दे रहा है, वह भला कैसे उसी पान मसाला का विज्ञापन छाप रहा है। ऐसा करके खुद भास्कर ने अपनी ही खबर का खंडन कर दिया है। मगर इससे पाठक तो भ्रमित हो रहा है। वह भला कहां जाए? उसे असलियत कौन बताएगा?
इतना ही नहीं इससे तो गुटका गोवा 1000, गुटका आरएमडी, खैनी राजा व खैनी चौनी-खैनी के बारे में छपी रिपोर्ट पर भी संदेह होता है, जिसमें बताया गया है कि उनमें क्रमशः 2.04, 1.88, 1.02 व .58 प्रतिशत निकोटिन है। और इस तरह से दैनिक भास्कर की वह मुहिम ही सिरे से खारिज होती नजर आ रही है, जिसके अनुसार सादा पान मसाला में भी निकोटिन मौजूद है, अतरू उस पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
यहां बता दें कि भास्कर ने अपनी खबर में बताया है कि बाजार में जीरो टोबेको के नाम से बिक रहे मशहूर ब्रांडों के पान मसाला भी गुटखा और तंबाकू जितने ही खतरनाक हैं। इनमें गुटखा और तंबाकू उत्पादों से कहीं ज्यादा मात्रा में निकोटिन पाया गया है, जबकि यह जीरो प्रतिशत होना चाहिए। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर केंद्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान सीटीआरआई, राजमुंदरी की जांच रिपोर्ट में हुआ। सीटीआरआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर बाजार में मौजूद पान मसाला, तंबाकू और गुटखा उत्पादों के सैंपल लेकर निकोटिन की मात्रा की जांच की थी। रजनीगंधा में 2.26 प्रतिशत निकोटिन पाया गया, जो सभी सैंपलों में सबसे ज्यादा था। सीटीआरआई तंबाकू पर शोध करने वाली केंद्र सरकार की सर्वाेच्च संस्था है। यह संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर के अधीन काम करता है। इसकी रिपोर्ट विश्वसनीय मानी जाती है।
दैनिक भास्कर के तीन अगस्त की खबर में भी इसी बात पर जोर दिया जा गया है कि राज्य सरकार की ओर से गुटखे पर लगाई गई पाबंदी के आदेशों में हर उस खाद्य पदार्थ पर बैन है, जिसमें निकोटिन मिला है। इसके बावजूद प्रदेश में ऐसे पान मसाले की बिक्री खुले आम की जा रही है, जिनकी जांच में खतरनाक निकोटिन की पुष्टि हो चुकी है।
सरकार अब इसे यह कहकर टाल रही है कि केंद्रीय कानून फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट में संशोधन किए बिना रोक संभव नहीं है, लेकिन सरकार के आदेश में स्पष्ट है कि वे खाद्य पदार्थ, जिनमें निकोटिन है उनके भंडारण, उत्पादन व बिक्री पर रोक रहेगी। लब्बोलुआब, बड़ा सवाल ये है कि जब सादा पान मसालों में निकोटिन होने की रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान लग गया है तो दैनिक भास्कर की इस मुहिम के मायने ही क्या रह जाते हैं?

राज्यपाल ने इकबाल अहमद को मूख्य सूचना आयुक्त की शपथ दिलाई


राज्यपाल ने इकबाल अहमद को मूख्य सूचना आयुक्त की शपथ दिलाई

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने आज यहां राजभवन में प्रातः 11 बजे आयोजित एक गरिमामय समारोह में श्री इकबाल अहमद को प्रदेश के नये मुख्य सूचना आयुक्त के पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद राज्यपाल श्री यादव ने नये मुख्य सूचना आयुक्त श्री इकबाल अहमद को बधाई और शुभकामनाएं दीं। शपथ ग्रहण की कार्यवाही का संचालन प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन श्री सुदेश कुमार ने किया।
नगरीय प्रशासन मंत्री श्री बाबूलाल गौर, वित्त मंत्री श्री राघव जी, वन मंत्री श्री सरताज सिंह, गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम भी समारोह में उपस्थित थे। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा श्री इकबाल अहमद के परिजन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ


स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ

(महेंद्र देशमुख)

बालाघाट (साई)। सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने स्वयं सेवी संगठनों के साथ-साथ युवाओं की भागीदारी किए जाने पर जोर दिया है। श्री बिसेन पिछले दिनों बालाघाट के डाईट परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बढ़ी संख्या में लोगों के साथ पौधरोपण भी किया। इस मौके पर विधायक श्री रामकिशोर कावरे भी मौजूद थे। सहकारिता मंत्री ने लगाए गए पौधों की सुरक्षा का संकल्प उपस्थित जन समूह को दिलाया। वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन हरियाली महोत्सव के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा किया गया था।
सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने बालाघाट में उद्यमिता विकास केन्द्र में प्रशिक्षण ले रही कामकाजी महिलाओं से चर्चा की। श्री बिसेन कहा कि आज के दौर में महिलाओं का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी है। समन्वयक श्री अजय तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को कौशल विकास के तौर पर विभिन्न विधाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।