भोपाल में अगले साल
आरंभ हो जाएगा एम्स
(सोनल सूर्यवंशी)
नई दिल्ली (साई)।
मध्य प्रदेश की राजधानी के निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)
में सितंबर में कक्षाएं लगनी शुरू होंगी। संस्थान के अस्पताल में मरीजों को अगले
साल से इलाज मिलना शुरू होगा। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने
निर्माण एजेंसी सहित सभी को आवंटित काम तय समय में पूरा करने के निर्देश दे दिए
हैं।
सितंबर में शुरू हो
रहे एम्स के मेडिकल कॉलेज और हॉस्टल कॉम्प्लेक्स का 90 फीसदी काम पूरा हो
गया है। जबकि बिजली फिटिंग और ड्रेनेज लाइन फिटिंग का काम लंबित हैं, जो नगर निगम और
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनुमति नहीं मिलने के कारण धीमी गति से चल
रहा है।
धीमी गति से चल रहे
इन कार्याे की रफ्तार तेज कराने और विभिन्न कार्यालयों की औपचारिक अनुमति दिलाने
की कार्रवाई करने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पीके प्रधान एम्स का निरीक्षण
करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को
बताया कि सितंबर में एम्स की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। कॉलेज हॉस्टल्स में अगस्त के
आखिरी सप्ताह में स्टूडेंट्स रहना शुरू कर देंगे। इन विद्यार्थियों और उन्हें
पढ़ाने के लिए नियुक्त किए गए टीचिंग स्टाफ को सुरक्षा मुहैया कराने के इंतजाम किए
जाने हैं।
मौके पर जाकर
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज एवं
हॉस्टल कॉम्प्लेक्स का काम लगभग पचहत्तर फीसदी, अस्पताल भवन का
पचास फीसदी, आवासीय
परिसर लगभग तैयार एवं बिजली फिटिंग का काम महज पांच फीसदी ही पूरा हुआ है।
उधर, निर्माण
एजेंसी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एम्स के अकादमिक ब्लॉक
में फर्नीचर फिटिंग का काम अगले सप्ताह शुरू होगा। अधिकारियों के मुताबिक फर्नीचर
फिटिंग की एजेंसी तय करने का काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा संस्थान की बिजली सप्लाई व्यवस्था
बहाल करने के लिए अलग से पॉवर सब स्टेशन बनाया जाना है।
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