भूख से मर गए तीन
शावक
(आंचल झा)
रायपुर (साई)।
नंदनवन में बुधवार को जन्म लेने वाले पांच लायन शावकों में तीन शावकों की शुक्रवार
सुबह भूख से मौत हो गई। तीनों अपनी मां की मांद में मृत मिले। ऐसी आशंका है कि
इनका जन्म तीसरे, चौथे और
पांचवें क्रम में हुआ था। तीनों जन्म से ही कमजोर थे। उन्हें अपनी मां का दूध पीने
का मौका ही नहीं मिला। बाकी बचे दो शावक तंदुरुस्त हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार नंदनवन प्रबंधन ने तीनों का
अंतिम संस्कार करने के पहले उनका पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही
पता चला कि तीनों की मौत भूख से हुई। तीनों के पेट में दूध नहीं मिला।
एक मृत शावक के पेट
की हड्डी भी टूटी हुई थी। इससे यह आशंका है कि वह अपनी मां के नीचे दब गया होगा।
इस वजह से भी उसकी जान चली गई। वन विभाग और नंदनवन के विशेषज्ञों ने पोस्टमार्टम
रिपोर्ट आने के बाद कहा कि आमतौर पर एक-दो शावकों के बाद पैदा होने वाले शावक
कमजोर होते हैं।
अत्यधिक कमजोरी के
कारण वे अपनी मां के दूध तक नहीं पहुंच सके होंगे। इस बात की भी आशंका है कि पहले
पैदा होने वाले बच्चों ने उन्हें दूध पीने का मौका नहीं दिया होगा। नंदनवन प्रबंधन
को शावकों के मरने के बारे में सुबह 8 बजे पता चला। कर्मचारी उस समय सिंहनी को
भोजन देने गए थे। उसके बाद उन्होंने अफसरों को खबर दी। तत्काल नंदनवन के अधीक्षक
सहित तमाम अधिकारी वहां पहुंच गए।
वन महकमे के
सूत्रों ने सामचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मादा सिंहनी की मांद से मृत
शावकों को निकालने में नंदनवन के अधिकारियों को तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। वन्य
प्राणियों के विशेषज्ञों को बुलाकर मादा सिंहनी को किसी तरह बच्चों वाली मांद से
निकालकर उसके बाजू वाली मांद में भेजा गया। वहां उसे भोजन दिया गया ताकि वह हिंसक
होकर खुद को घायल न कर बैठे।
उसी दौरान नंदनवन
के कर्मी तुरंत बच्चों वाली मांद में घुसे। उन्होंने तीनों मृत शावकों के शव
निकालने के अलावा दोनों तंदरुस्त शावकों को बाहर निकाला और उनकी सफाई की। बाद में
उन्हें वापस मांद में छोड़ दिया गया। नंदनवन के अधीक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि
दोनों बच्चे और सिंहनी की हालत सामान्य है। देर रात तक मादा व बच्चों की देखभाल
में खुद अधिकारी जुटे थे। अफसरों का कहना है कि मौसम साफ होने तक अतिरिक्त देखभाल
करनी होगी। गौरतलब है कि नंदनवन की सिंहनी ने बुधवार को अपरान्ह तीन बजे तीन और
रात 10 बजे दो
शावकों को जन्म दिया था।
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