गड़करी को सांसे उधार दी संघ ने
औसत परफार्मेंस के बाद भी दूसरी पारी खेल सकते हैं गड़करी
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। महाराष्ट्र की सूबाई राजनीति से एकाएक उठकर देश के फलक पर छाने वाले भाजपा के निजाम नितिन गड़करी की लाटरी लग गई है। भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपना वरद हस्त गड़करी की पीठ पर रख दिया है। गड़करी अब दूसरे टर्म के साथ ही देश के आम चुनाव भी करवाएंगे। प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी गड़करी ने न केवल भाजपा में ही अपनी मर्जी के मुताबिक काम किया है वरन् भगवा पार्टी को मनचाहे तरीके से हांका भी है।
दिल्ली में झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय ‘केशव कुंज‘ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि भाजपा को निर्देशित और मार्ग दिखाने वाला संघ इन दिनों गड़करी का खासा मुरीद हो चुका है। संघ ने गड़करी को साफ साफ कह दिया है कि वह गड़करी की कार्यप्रणाली से संतुष्ट है। भाजपा से रिसाकर (रूठकर) गए नेताओें की घर वापसी के बाद विशेषकर उमा फेक्टर का मुंह मध्य प्रदेश से मोड़कर उत्तर प्रदेश करने और यूपी के बड़बोले नेताओं को साईज में लाने से संघ इन दिनों गड़करी पर फिदा हो गया है।
गड़करी जिस तरह की चालें चल रहे थे, उसे देखकर भाजपा के अंदरखाने में यह बात तेजी से उभर रही थी कि गड़करी निरंकुश हो गए हैं और वे दूसरी पंक्ति के नेताओं की परवाह किए बिना ही मनमाने फैसले लेते जा रहे हैं। उमा भारती की घरवापसी के बाद भाजपा का एक धड़ा गड़करी के खिलाफ ही तलवार पजाने लगा था। बाद में जब उन्हें यूपी भेजा गया तो एमपी के धड़े ने तो राहत की सांस ली किन्तु यूपी में घमासान मच गया।
माना जा रहा था कि भाजपा के नेशनल प्रेजीडेंट नितिन गड़करी के मनचाहे तरीके से काम करने को लेकर जब भाजपा के अनेक आला नेता नाराज हैं तो उनका जाना तय है। गड़करी के तौर तरीकों को लेकर अनेक लोगों ने उनकी शिकायत संघ के आला नेताओं से भी की थी। समझा जा रहा था कि शिकवे शिकायतों के दौर के बाद संघ नेतृत्व उन्हें बुलाकर कायदे में रहकर काम करने की सीख देगा। लोगों का तीर उल्टा ही लगा। संघ के शीर्ष नेतृत्व ने गड़करी को फटकारना छोड़ उन्हें गले लगाकर उनकी पीठ ही थपथपा दी है।
केशव कुंज के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के उपरांत परिणामों की समीक्षा जल्द ही निपटा ली जाएगी। इसके तत्काल बाद ही भाजपा संगठन का ‘प्लेनेरी सेशन‘ बुलवाया जाएगा। इस सेशन में भगवा पार्टी अपना संविधान संशोधन का मसौदा पेश करेगी। जिसमें पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल करने का प्रस्ताव होगा। इसके अलावा इसमें यह व्यवस्था भी दी जा रही है कि कोई भी अध्यक्ष लगातार दो बार अर्थात लगातार छः साल अपना टर्म पूरा कर सकता है।