शनिवार, 1 सितंबर 2012

मोबाईल टावर के विकिरण मानक लागू


मोबाईल टावर के विकिरण मानक लागू

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। मोबाइल फोन हैंडसेट और मोबाइल फोन टॉवर से विद्युत चुम्बकीय विकिरण के नये मानक आज से लागू हो जाएंगे। ये मानक दूरसंचार विभाग ने तय किये हैं। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि आज से देश में बिकने वाले मोबाइल फोन हैंडसेट, को नए मानकों का सख्ती से पालने करना होगा । आयातित हैंडसेट पर भी दूर संचार विभाग के नए मानक लागू होंगे।
नये मोबाइल्स के लिये जो स्टैंडर्ड हमने बनाये हैं वो लगभग यह स्टैंडर्ड है जो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक जो रेडियेशन है मोबाइल्स की वो एक दशमलव छह वॉट्स/किलोग्राम ओवर वन ग्राम ऑफ ह्घ्यूमनटिश्यू है और जो भी अब नये हैंडसैट आप खरीदोगे बाजार से इन नॉर्म्स को सैटिसफाई करेंगे। जो इंपोर्टिड सैट्स भी आयेंगे, वो भी इन नॉर्म्स को सैटिसफाई करेंगे और अगले एक साल में कोई सैट हिंदुस्तान में इस नये नॉर्म्स के बगैर नहीं बेचा जायेगा।
श्री सिब्बल ने कहा कि इस समय जो पुराने मोबाइल फोन हैंडसेट और मोबाइल टॉवर इन मानकों का पालन नहीं करते उन्हें एक साल के अंदर यानी सितम्बर, २०१३ तक हटा दिया जाएगा। श्री सिब्बल ने कहा कि ९५ प्रतिशत तक मोबाइल टॉवर इन मानकों का पालन कर रहे हैं। बाकी टॉवरों को बदले जाने या अपग्रेड किये जाने की जरूरत है। श्री सिब्बल ने कहा कि हालांकि मोबाइल फोन से होने वाले विकिरण के वास्तविक असर के बारे में किसी विशेष अध्ययन से कोई खास संकेत नहीं मिले हैं, फिर भी लोगों की सेहत पर इसका असर कम से कम करने के सभी उपाय किये जा रहे हैं।

इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता: मनमोहन


इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता: मनमोहन

(ब्यूरो)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले पर इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी लोगों का ध्यान बंटाने के लिये यह मुद्दा उछाल रही है। १६वें गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद तेहरान से स्वदेश लौटते समय कल विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आशा व्यक्त की कि संसद के कामकाज में बाधा डाल रहे विपक्षी दल समझबूझ से काम लेंगे।
यह दुर्भाग्य की बात है कि एक के बाद दूसरे मुद्दे पर सदन में बाधा डालना भाजपा की नीति है। यह सब ध्यान भटकाने के तरीके हैं। यदि इन्हीं सब चीजों में उलझे रहेंगे तो ज्यादा मूलभूत कार्यों पर ध्यान देने की सरकार की क्षमता और सामर्थ्य पर असर पड़ना स्वभाविक है।
डॉ। मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की गरिमा रखनी है और वे अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ आरोप -प्रत्यारोप में नहीं उलझ सकते। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय जनता पार्टी जनादेश का सम्मान करेगी और सरकार को काम करने देगी। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि देश के सामने मौजूद समस्याओं को प्रभावी तरीके से हल करने में सरकार के साथ मिलकर काम करें। डॉ। सिंह ने कहा कि वे हमेशा इस बात के पक्षधर रहे हैं कि लोकपाल प्रधानमंत्री के कामकाज का भी विवेचन करे।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सरकार में शामिल होने के उनके अनुरोध पर गंभीरता से विचार करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पाकिस्तान यात्रा के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए अनुकूल माहौल होना जरूरी है। डॉ। सिंह ने कहा कि मुम्बई हमलों की साजिश रचनें वालों को सजा दिलाना पाकिस्तान की सबसे बड़ी परीक्षा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगना चाहिये कि पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियां रोकने की भरसक कोशिश कर रहा है।
डॉ। सिंह ने कहा कि असम में जातीय हिंसा में ८० लोगों की मौत होना चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि पूर्वाेत्तर के हजारों लोगों का बंग्लुरू, मुम्बई, पुणे और अन्य दक्षिणी शहरों से लौटना अच्छे संकेत नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए काम कर रही है।

गुवहाटी बंग्लुरू के बीच विशेष रेल आरंभ


गुवहाटी बंग्लुरू के बीच विशेष रेल आरंभ

(पुरबालिका हजारिका)

गुवहाटी (साई)। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे आज से गुवाहाटी से बंग्लुरू के लिए विशेष रेलगाड़ियां चला रहा है। एस।एम।एस से मिली धमकियों के कारण अन्य राज्यों से घर लौट आये पूर्वाेत्तर के लोगों को वापस काम के स्थानों तक पंहुचाने लिये यह सुविधा शुरू की गई है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से घर लौटने वालों की सुरक्षित यात्रा के लिये प्रबंध किये गये हैं। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे बैंगलोर के लिये दो विशेष रेलगाड़ियों सहित पांच रेलगाड़ियां चलायेगी। बंग्लुरू के लिये पहली विशेष रेलगाड़ी पलटन बाजार स्टेशन से आज १२ सौ यात्रियों के साथ रवाना हुई।
असम सरकार ने विभिन्न राज्य सरकारों से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। लगभग ३५००० लोग हाल ही में अन्य राज्यों से अपने घर लौटे हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने गुवाहाटी और इम्फाल का दौरा कर लोगों से बिना किसी डर के लौटने का अनुरोध किया था।
इस बीच सेना ने कोकराझार जिले में जातीय हिंसा भड़काने में शामिल गुटों की धरपकड़ शुरू कर दी है। एक सरकारी समाचार एजेंसी से बातचीत में राज्य के गृह सचिव जी।डी। त्रिपाठी ने बताया कि सेना ने अवैध हथियार जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू की है।
इससे पहले सेना को केवल हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च के लिए तैनात किया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष आयुक्त हर्ष मंदर ने मुख्यमंत्री तरूण गोगोई और राज्य के मुख्य सचिव से अलग-अलग मुलाकात की और राहत उपायों पर चर्चा की।

कमल नाथ के खिलाफ फैसला सुरक्षित


कमल नाथ के खिलाफ फैसला सुरक्षित

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। महाकौशल के क्षत्रप और 1980 से लगातार (1997 का उपचुनाव छोड़कर) छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के खिलाफ भाजपा के प्रदेश के पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह द्वारा लगाई गई याचिका पर न्यायालय ने बहस पूरी होने के उपरांत फैसला सुरक्षित रख लिया है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की युगलपीठ ने केन्द्रीय मंत्री व छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर उभयपक्षों की बहस पूरी होने के साथ ही अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। मामला भाजपा के पराजित प्रत्याशी चौधरी चन्द्रभान सिंह द्वारा निर्वाचन को कठघरे में रखे जाने से संबंधित है। शुक्रवार को प्रशासनिक न्यायाधीश कृष्ण कुमार लाहोटी व जस्टिस विमला जैन की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
उधर प्रशासनिक न्यायाधीश कृष्ण कुमार लाहोटी व जस्टिस विमला जैन की युगलपीठ ने नेता प्रतिपक्ष और विदिशा सांसद सुषमा स्वराज के खिलाफ राजकुमार पटेल द्वारा दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई १४ सितंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है।

इसी महीने एमपी आ सकते हैं राहुल गांधी


इसी महीने एमपी आ सकते हैं राहुल गांधी

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। कांग्रेस की नजर में भविष्य के वज़ीरे आज़म सितम्बर माह में ही मध्य प्रदेश के प्रवास पर आ सकते हैं। उक्ताशय के संकेत प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों ने दिए हैं। राहुल की प्रस्तावित एमपी यात्रा के संभावित जिले शहडोल, धार, जबलपुर और होशंगाबाद हैं, जिनमें से एक स्थान पर राहुल गांधी द्वारा युवाओं और आदिवासियों से रूबरू हो सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का मध्य प्रदेश दौरा लगभग तय है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी से खफा राहुल गांधी की टीम ने अपने एमपी प्रवास के बारे में पीसीसी चीफ कांति लाल भूरिया को अभी तक कोई सूचना नहीं दी है।
उधर, सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी संकेत दिए कि राहुल गांधी मध्य प्रदेश के नेहरू गांधी परिवार के एक वरिष्ठ नेता से इस कदर खफा हैं कि वे अपने एमपी प्रवास के दरम्यान उक्त नेता को अपने साथ मंच पर नहीं देखना चाहते हैं। राहुल के करीबी सूत्र का दावा है कि अपनी एमपी यात्रा के दौरान राहुल उक्त नेता को दूर रखने की हिदायत पहले ही दे दिया करते हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस बार भी दिल्ली में जब राहुल गांधी के दौरों को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तब मध्य प्रदेश दौरे की जैसे ही बात आई, वैसे ही राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के उक्त क्षत्रप का बाकायदा नाम लेते हुए यह निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर उक्त नेता को मंच पर स्थान नहीं मिलना चाहिए। इसके साथ ही साथ मध्य प्रदेश के एक अन्य क्षत्रप जो सूबाई राजनीति में मनराखनलालके नाम से जाने जाते हैं और उक्त नेता के साथ ही साथ स्व.अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह के अनुयायी रहे हैं को इस बार मंच पर स्थान दिए जाने पर उन्होंने सहमति अवश्य प्रदान कर दी।

किसकी बेटरी से चमक रहा विनोद राय का लट्टू!


किसकी बेटरी से चमक रहा विनोद राय का लट्टू!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारत के महालेखा परीक्षक (कैग) ने मनमोहन सरकार पर मुश्किलों के पहाड़ खड़े कर दिए हैं। इस पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ मनमोहन सिंह ही आहत नजर आ रहे हैं। मनमोहन की बली चढ़ाकर कांग्रेस विपक्ष के तुणीर के इस तीर से जहर अलग कर सकती है। सियासी गलियारों में इस बात की पतासाजी की जा रही है कि आखिर सीएजी विनोद राय को प्रधानमंत्री डॉ।मनमोहन सिंह से सीधे सीधे पंगा लेने के लिए करंट किसकी बैटरी से मिल रहा है?
कोल गेट मामले में क्षति का आंकलन कर कैग ने सरकार के लिए मुश्किलों का पिटारा खोल दिया है। भ्रष्टाचार पर सदा ही मौन साधने वाले प्रधानमंत्री डॉ।मनमोहन सिंह इस मामले में इसलिए कटघरे में हैं क्योंकि उनके कोयला मंत्री रहते ही सारी पटकथा लिखी गई थी। कांग्रेस अब रक्षात्मक मुद्रा में ही दिख रही है।
कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने पूर्व सीएजी चतुर्वेदी पर सेवानिवृत्ति के उपरांत भाजपा की गोद में बैठने तो वर्तमान सीएजी विनोद राय पर राजनैतिक तौर पर महात्वाकांक्षी होने का आरोप मढ़ दिया है। दिग्गी राजा के आरोपों के बाद सभी की निगाहें भाजपा की ओर होना स्वाभाविक ही हैं।
उधर, कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के सामने इस मामले की हकीकत आ चुकी है कि किसके इशारे पर सीएजी विनोद राय द्वारा मनमोहन सिंह को घेरने की रणनीति बनाई गई है?
सूत्रों ने कहा कि दरअसल, मनमोहन सिंह की रूखसती और राहुल गांधी की ताजपोशी के बीच एक नेता को देश की बागडोर सौंपी जाने की स्थिति निर्मित हो रही है। मनमोहन सिंह का सक्सेसर कौन होगा इस बारे में कुहासा अभी हट नहीं सका है। कांग्रेस के अंदर ही अंदर पीएम इन वेटिंग की फेहरिस्त बेहद लंबी है। इसमें ए।के।अंटोनी, पलनिअप्पम चिदम्बरम, राजा दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे आदि के नाम आगे बताए जा रहे हैं।
उधर, पीएम के सबसे प्रबल दावेदार प्रणव मुखर्जी के रायसीना हिल्स जाने के उपरांत अब वे इस दौड़ से बाहर हो चुके हैं। इसके साथ ही साथ टूजी मामले में देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा क्लीन चिट देने के बाद वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम इसके प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।
7, रेसकोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) को अपना आशियाना बनाने की चाहत में हर नेता अपने अपने दांव चल रहा है। विनोद राय को कैग की आसनी पर आसीन करवाने में चिदम्बरम की महती भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। उनकी नियुक्ति चिदम्बरम के वित्त मंत्री रहते ही हुई थी।
कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो भारत के महालेखा परीक्षक विनोद राय दरअसल, वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम के ही आदमी हैं, और उनकी कठपुतली बनकर ही सारा नाटक खेला जा रहा है। वरना, क्या कारण था कि टूजी मामलों में कैग ने अपने प्रतिवेदन में चिदम्बरम का जिकर भी मुनासिब नहीं समझा!