शनिवार, 1 सितंबर 2012

इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता: मनमोहन


इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता: मनमोहन

(ब्यूरो)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले पर इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी लोगों का ध्यान बंटाने के लिये यह मुद्दा उछाल रही है। १६वें गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद तेहरान से स्वदेश लौटते समय कल विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आशा व्यक्त की कि संसद के कामकाज में बाधा डाल रहे विपक्षी दल समझबूझ से काम लेंगे।
यह दुर्भाग्य की बात है कि एक के बाद दूसरे मुद्दे पर सदन में बाधा डालना भाजपा की नीति है। यह सब ध्यान भटकाने के तरीके हैं। यदि इन्हीं सब चीजों में उलझे रहेंगे तो ज्यादा मूलभूत कार्यों पर ध्यान देने की सरकार की क्षमता और सामर्थ्य पर असर पड़ना स्वभाविक है।
डॉ। मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की गरिमा रखनी है और वे अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ आरोप -प्रत्यारोप में नहीं उलझ सकते। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय जनता पार्टी जनादेश का सम्मान करेगी और सरकार को काम करने देगी। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि देश के सामने मौजूद समस्याओं को प्रभावी तरीके से हल करने में सरकार के साथ मिलकर काम करें। डॉ। सिंह ने कहा कि वे हमेशा इस बात के पक्षधर रहे हैं कि लोकपाल प्रधानमंत्री के कामकाज का भी विवेचन करे।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सरकार में शामिल होने के उनके अनुरोध पर गंभीरता से विचार करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पाकिस्तान यात्रा के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए अनुकूल माहौल होना जरूरी है। डॉ। सिंह ने कहा कि मुम्बई हमलों की साजिश रचनें वालों को सजा दिलाना पाकिस्तान की सबसे बड़ी परीक्षा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगना चाहिये कि पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियां रोकने की भरसक कोशिश कर रहा है।
डॉ। सिंह ने कहा कि असम में जातीय हिंसा में ८० लोगों की मौत होना चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि पूर्वाेत्तर के हजारों लोगों का बंग्लुरू, मुम्बई, पुणे और अन्य दक्षिणी शहरों से लौटना अच्छे संकेत नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए काम कर रही है।

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