गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

अपनी ही घोषणा भूले शिवराज!


अपनी ही घोषणा भूले शिवराज!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान द्वारा लगभग तीन साल पहले पुण्य सलिला बैनगंगा के उद्गम स्थल मुण्डारा के समीप बसे गोपालगंज में तेंदूपत्ता वितरण प्रोग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई थी, और वह घोषणा थी छिंदवाड़ा, बालाघाट और सिवनी को एक साथ मिलाकर नए संभाग के गठन की। तीन साल बीत जाने के उपरांत भी ना तो सरकार ने ही इस बारे में कोई पहल की है और ना ही इस संभाग को कर्मभूमि बनाने वाले आला नेताओं नें।
गौरतलब है कि बालाघाट, सिवनी और मण्डला को आधार बनाकर राजनीति करने वाले भाजपा के नेताओं में पूर्व सांसद प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया, वित्त विकास निगम के अध्यक्ष डॉ.ढाल सिंह बिसेन, महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, बालाघाट कोटे से प्रदेश में मंत्री गौरी शंकर बिसेन, छिंदवाड़ा कोटे से मंत्री नाना भाउ माहौड़ हैं पर विडम्बना है कि इनमें से किसी ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी घोषणा याद दिलाना उचित नहीं समझा है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से जिन लोगों को इस संभाग के बनने से फायदा मिल सकता है उनमें केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, वरिष्ठ विधायक दीपक सक्सेना, तेजी लाल सरेयाम, प्रदीप जायस्वाल विश्वेश्वर भगत, चोधरी मेर सिंह का शुमार है। इन सांसद विधायकों ने भी सतपुड़ा को संभाग बनाने की पहल नहीं की है। शिवराज सिंह चौहान के करीबी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के एक आला क्षत्रप के दबाव में सतपुड़ा संभाग को अस्तित्व में आने से शिवराज सिंह चौहान रोक रहे हैं।
वहीं दूसरी और मध्य्र प्रदेश जनसंपर्क द्वारा जारी खबर में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में गणका तन्त्रबनाने के लिए राज्य शासन द्वारा बहुविध प्रयास किए जा रहे हैं। इसका एक प्रमाण है गत चार वर्ष में राज्य में दो नए संभाग, दो नए जिले, सात राजस्व अनुभाग और 80 नई तहसील का गठन। प्रदेश में सन् 1956 में गठन के बाद यह पहली बार है कि मात्र चार साल की छोटी अवधि में करीब 100 नई राजस्व प्रशासन इकाइयाँ गठित हुई हैं। इन इकाइयों के गठन से प्रदेश में अब कुल 10 राजस्व संभाग, 50 जिले और 352 तहसीलें हो गई हैं।
वर्ष 2008 में प्रदेश में शहडोल और नर्मदापुरम दो नए संभाग का निर्माण होने के साथ ही अलीराजपुर और सिंगरौली जिले अस्तित्व में आए। वहीं फरवरी, 2011 में बुरहानपुर जिले में नेपानगर को और जून, 2012 में नरसिंहपुर जिले के तेन्दूखेड़ा, बालाघाट के कटंगी, छिन्दवाड़ा के चौरई, सागर के बीना और विदिशा के लटेरी एवं शमशाबाद को राजस्व अनुभाग का दर्जा मिला।
प्रदेश में मई, 2008 से अब तक 80 नई तहसील सृजित की जा चुकी हैं। ये तहसीलें हैं हरदा जिले में सिराली, रहटगाँव और हंडिया, गुना जिले में बम्होरी, मकसूदनगढ़ और शाडोरा, बैतूल जिले में आठनेर, घोड़ाडोंगरी और चिचोली, मंदसौर जिले में शामगढ़ एवं दलौदा, पन्ना जिले में रेपुरा, अमानगंज, देवेन्द्र नगर, विदिशा जिले में शमशाबाद, त्यौदा और गुलाबगंज, छिन्दवाड़ा जिले में उमरेठ, चांद, मोहखेड़ और हर्रई, सतना जिले में कोटर और बिरसिंहपुर, उमरिया जिले में चंदिया और नौरोजाबाद, छतरपुर जिले में महाराजपुर, बक्सवाहा, चंदला और घुवारा, शिवपुरी जिले में बदरवास, बड़वानी जिले में अंजड़, पाटी और बरला, राजगढ़ जिले में पचोर, सीहोर जिले में रेहटी, जावर और श्यामपुर, रीवा जिले में मनगवां, सेमरिया, नईगढ़ी और जवां, सागर जिले में मालथोन और शाहगढ़, रायसेन जिले में बाड़ी, देवास जिले में हाटपिपलिया और सतवास, टीकमगढ़ जिले में ओरछा, खरगापुर, मोहनगढ़ और लिधौरा, जबलपुर जिले में पनागर, सिवनी जिले में छपारा और धनोरा, धार जिले में डही, ग्वालियर जिले में चिनौर, इंदौर जिले में हातोद, खरगोन जिले में गौगाँव, खण्डवा जिले में पुनासा, खालवा, श्योपुर में बड़ोदा, बीरपुर, नीमच जिले में सिंगौली, जीरन और रामपुरा, मण्डला जिले में नारायणगंज और घुघरी, बालाघाट जिले में परसवाड़ा, तिरोड़ी और बिरसा, दतिया जिले में इंदरगढ़, होशंगाबाद जिले में डोलरिया, रतलाम जिले में ताल, रावटी, भिण्ड जिले में गोरमी, शहडोल जिले में बुढार और गोहपारू, सिंगरौली जिले में सरई और माड़ा और अलीराजपुर जिले में कठ्ठीवाड़ा और सोण्डवा तहसीलें शामिल हैं।

कसाब की पैरवी का पैसा बटेगा शहीदों के परिजनों में


कसाब की पैरवी का पैसा बटेगा शहीदों के परिजनों में

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। सर्वाेच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के वकील का शुल्क 14.5 लाख रुपये मुम्बई हमले में शहीद रहे सुरक्षाकर्मियों के सम्बंधियों को दिया जाए। कसाब के वकील ने शुल्क लेने से इंकार किया है।
न्यायालय के आदेश के उपरांत इस राशि को  शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को समान अनुपात में बांटा जाएगा। मुम्बई आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए थे। कसाब इस हमले का एक मात्र जीवित पकड़ा गया आतंकवादी था। कसाब को मृत्युदंड के खिलाफ अदालत में याचिका लगाने में मदद करने वाले वकील राजू रामचंद्रन और गौरव अग्रवाल ने कहा था कि वे अपनी सेवा के लिए 14.5 लाख रुपये का शुल्क नहीं लेना चाहते हैं।
उन्होंने सलाह दी थी कि यह राशि नेशनल लीग सर्विसेज अथॉरिटी या महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को दिया जा सकता है। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सी.के. प्रसाद की पीठ ने वकीलों के फैसले की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि 14.5 लाख रुपये की राशि शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को वितरित की जाए।

अवेकिंग सेंटर पढ़ रहा सोनिया चालीसा


अवेकिंग सेंटर पढ़ रहा सोनिया चालीसा

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र में सत्ता की चाबी अपने पास रखने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गुणगान में इंटरनेशनल अवेकिंग सेंटर ने सारी हदों को पार करते हुए चापलूसी का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस संस्था ने अपने ध्येय से ना डिगते हुए लगातार नौवीं बार सोनिया गांधी को नोबेल पुरूकार के लिए नामित करने सिफारिशी पत्र लिखा है।
ज्ञातव्य है कि इटली मूल की सोनिया गांधी की अगुआई में कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2004 में देश में संप्रग की सरकार बनाई थी। 2004 से अब तक केंद्र में शामिल हर दल के नेता इस देश को नोचकर खाते रहे और सोनिया गांधी शांत भाव से सब कुछ देखती रहीं हैं।
संभवतः इसी शांत रहने के आधार पर संगठन ने सोनिया गांधी को शांति का पुजारी निरूपित करते हुए नोबेल शांति पुरूस्कार देने की मांग की है। सियासी हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार शांत रहकर देश को लुटवाने के मामले में सोनिया गांधी से कई कदम आगे हैं मनमोहन सिंह, इसलिए अगर यही आधार है तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस शांति नोबेल पुरूस्कार के असली हकदार हैं।
साल 2012 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए कांग्रेस एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम की सिफारिश की गई है। इंटरनेशनल अवेकनिंग सेंटर ने सोनिया गांधी का नाम लगातार नौंवी बार नोबल शांति पुरस्कार से संबंधित समिति की स्वीकृत सूची में शामिल करने के लिए भेजा है। संगठन ने अपने सिफारिशी पत्र सोनिया गांधी विश्व शांति की पुजारी और एक महान सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का अनुरोध किया है।

गुजरात हिमाचल के चुनाव घोषित


गुजरात हिमाचल के चुनाव घोषित

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में अगले महीने की चार तारीख को मतदान होगा, जबकि गुजरात में तेरह और सत्रह दिसम्बर को दो चरणों में मतदान होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. सम्पत ने कल नई दिल्ली में दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध कर लिए गए हैं। दोनों राज्यों में वोटों की गिनती बीस दिसम्बर को होगी। श्री सम्पत ने बताया कि चुनावी खर्चों पर नजर रखने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों को बैंक में अलग खाता खोलना होगा और तमाम खर्चे उसी खाते से करने होंगे। इसके लिए जिला स्तर पर जिलाधीश द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। जिसमें उन्हें सभी आवश्यक औपचारिकताओं के बारे में जानकारी दी जायेगी।
श्री सम्पत ने बताया कि आयोग ने पैसे देकर खबर छपवाने के मामलों पर नजर रखने और कार्रवाई के लिए समितियों के गठन के नए आदेश जारी किए हैं। पैसे देकर खबर छपवाने अथवा प्रसारित करवाने पर निगरानी के लिए विभिन्न स्तरों पर तीन समितियां काम करेगी। मीडिया, प्रमाणीकरण और निगरानी के विभिन्न स्तरों पर ये समितियां बनाई जायेगी।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है।  विधानसभा चुनावों की   घोषणा का भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने स्वागत किया है।  निर्वाचन आयोग ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनावी शंखनाद कर दिया। हिमाचल में एक चरण में नवम्बर महीने में और गुजरात में दो चरणों में दिसम्बर महीने में चुनाव होंगे।
आयोग की घोषणा के मुताबिक हिमाचल में चार नवम्बर को जबकि गुजरात में 13 एवं 17 दिसम्बर को मतदान सम्पन्न होगा। दोनों राज्यों में मतगणना 20 दिसम्बर को होगी। उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखण्ड तथा मणिपुर विधानसभाओं के लिए इस साल फरवरी-मार्च में हुए चुनाव के बाद ये साल के सबसे अधिक महत्वपूर्ण चुनाव हैं।

निशुल्क दवाएं मुहैया कराएगी केंद्र सरकार


निशुल्क दवाएं मुहैया कराएगी केंद्र सरकार

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। सरकार देश भर में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक दवाएं निःशुल्क मुहैया कराएगी। हॉलैंड के एमस्टरडम में दवाओं के जिम्मेदाराना इस्तेमाल के बारे में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार के इस कदम से लोगों का दवाओ पर खर्चा कम हो जाएगा और उनको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।
यहां जारी सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सरकार के इस कदम से दवाइयों के उचित इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा और अनावश्यक, अवैज्ञानिक और खतरनाक दवाइयों की खपत में कमी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में इन दिनों एंटीबायोटिक दवाओं का असर कम हो रहा है और इससे निपटने के लिए मंत्रालय ने राष्ट्रीय नीति विकसित की है। इसके तहत एंटी बायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण इस्तेमाल को बढावा दिया जायेगा और कोशिश की जाएगी कि इनका असर बना रहे।
उधर, उच्चतम न्यायालय ने सरकार से आवश्यक दवाओं की मूल्य प्रणाली में बदलाव न करने को कहा है, क्योंकि ऐसा करने से इनकी कीमतों में और  बढ़ोतरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सरकार राष्ट्रीय अनिवार्य औषधि सूची (एनएलईडी) में आवश्यक दवाओं की संख्या बढ़ाने के दौरान मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के तहत अनिवार्य दवाओं के खुदरा मूल्य तंत्र से छेड़छाड़ नहीं करेगी।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि १३ जुलाई १९९९ की अधिसूचना के अनुसार सरकार को औषधियों की मूल्य प्रणाली में बदलाव नहीं करना चाहिए। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले मंगलवार को निर्धारित की है। न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर यह निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि सरकार चलाना उसका काम नहीं है, लेकिन उसने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इसमें नौ वर्षाे तक कोई प्रगति क्यों नहीं हुई।
अतिरिक्त महाधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने नई मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के तहत एनएलईडी को अधिसूचित करने के लिए सरकार को सात दिनों की मोहलत दी। न्यायालय ने कहा कि यदि एनएनईडी को जारी करने में और देरी हुई तो न्यायालय को उसके अनुसार आदेश पारित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि दवा की कीमतें इतनी अधिक हैं कि मरीज के सामने दो विकल्प रह जाते हैं- या तो वह मर जाए या फिर जमीन या जेवरात बेचकर दवा खरीदे।

छः महीने में मुहैया करवाओ बुनियादी सुविधाएं: सुको


छः महीने में मुहैया करवाओ बुनियादी सुविधाएं: सुको

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि छह महीने के भीतर देश के सभी स्कूलों में पेयजल और शौचालय समेत सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने समयसीमा तय करते हुए सरकारों से कहा कि देशभर के स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाये जाएं।
पीठ ने कहा कि बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने से जुड़े उसके सभी पूर्ववर्ती निर्देशों को उसके द्वारा तय समयसीमा के भीतर लागू किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 अक्तूबर को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी सरकारी स्कूलों में खासकर लड़कियों के लिए शौचालय बनाने का निर्देश दिया था।
देश की सर्वाेच्च अदालत ने स्कूलों में पेयजल और शौचालय की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि सभी स्कूलों में शौचालय की सुविधा होनी चाहिए क्योंकि शोधों से पता चला है कि जिन स्कूलों में शौचालयों की सुविधा नहीं होती वहां माता-पिता अपने बच्चों को और खासतौर पर बच्चियों को पढ़ने के लिए नहीं भेजते। अदालत ने यह भी कहा था कि बुनियादी सुविधाएं प्रदान नहीं करना संविधान के अनुच्छेद 21-ए के तहत बच्चों को प्रदत्त निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।

राहुल बने वित्त की स्थायी समीति के सदस्य


राहुल बने वित्त की स्थायी समीति के सदस्य

(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्र सरकार ने कुछ संसदीय समितियों का पुनर्गठन किया है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को वित्तीय मामलों से संबंधित स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति के प्रमुख भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा हैं। उद्योगों से संबंधित स्थायी समिति की अध्यक्षता डीएमके पार्टी के तिरुची शिवा को और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण की स्थायी समिति की अध्यक्षता बहुजन समाज पार्टी के ब्रजेश पाठक को सौंपी गई है।
 पूर्व केन्द्रीय मंत्री आदिमत्थू राजा को ऊर्जा मामलों की स्थायी संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। डीएमके सांसद कणिमोझी गृहमंत्रालय से और कांग्रेस सांसद सुरेश कलमाडी विदेश मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति के सदस्य बनाए गए हैं। मालूम हो कि संसद की स्थायी समितियां विधेयकों का निरीक्षण कर संबंधित मंत्रालयों को प्रस्तावित कानून के बारे में सुझाव देती हैं।
गौरतलब है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में राजा को पिछले साल 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह इस साल 15 मई से जमानत पर रिहा हैं। कलमाड़ी को भी नौ महीने तक जेल में रहने के बाद इस साल 19 जनवरी को जमानत पर रिहा किया गया था।

शीला जाएंगी केंद्र!


शीला जाएंगी केंद्र!

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में अपनी जड़ें गहरी कर लेने वाली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को केंद्र सरकार में शामिल किए जाने की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को केंद्रीय कैबिनेट में संभावित तौर पर शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी से संकेत मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि दीक्षित को कुछ महीनों पहले पार्टी की ओर से केंद्र में नयी जिम्मेदारीके बारे में संकेत दिया गया।
दीक्षित ने स्वयं इस संबंध में पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा कि जब तक कुछ हो नहीं जाता वह कुछ कह नहीं सकतीं। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी दीक्षित ने कहा कि इस संबंध में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लेंगी और वह पार्टी के निर्देशों का पालन कर खुश होंगी।
उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी आलाकमान को तय करना है। अगर ऐसे फैसले लिए जाते हैं तो मेरे पास कोई विकल्प नहीं होगा। अटकलें हैं कि मुझे केंद्र में भेजा जाएगा। मुझे जो भी कहा जाएगा उसका मैं पालन करूंगी।सोनिया गांधी के मेडिकल बिल को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर दीक्षित ने कहा, ‘यह बेहद अरुचिपूर्ण था। राजनीति में किसी को व्यक्तिगत हमले नहीं करने चाहिए। मैं इसे अरुचिपूर्ण मानती हूं।
यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल की पार्टी का दिल्ली में कांग्रेस पर असर होगा उन्होंने कहा, ‘इस पर प्रतिक्रिया देना अभी बहुत मुश्किल है। अभी अनुमान लगाना मुश्किल है। उनकी पार्टी को गठित होने दीजिए।

सोनिया की अज्ञात बीमारी पर नहीं हुआ सरकारी खर्च


सोनिया की अज्ञात बीमारी पर नहीं हुआ सरकारी खर्च

(जया श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी ने अपने इलाज के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) ने जानकारी दी है कि पिछले साल अगस्त-सितंबर के दौरान सोनिया ने अपने इलाज के लिए सरकार से कोई पैसा नहीं लिया। हालांकि ये आंकड़ा सिर्फ पिछले साल के अगस्त और सितंबर महीने का है। एक आरटीआई के जवाब में इन बातों की जानकारी दी गई।
अब एक आरटीआई के जवाब में सीआईसी ने यह जानकारी दी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसी भी तरह के मेडिकल बिल की अदायगी के लिए सरकार से संपर्क नहीं किया। मुरादाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता नवीन कुमार ने पीएमओ, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद, लोकसभा सचिवालय, विदेश मंत्रालय, पार्लियामेंट्री अफेयर्स, स्टेटिसटिक्स एंड प्रोग्राम से सोनिया गांधी के इलाज पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी।
गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिनों पहले सोनिया गांधी के विदेशी दौरे पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि सरकार सोनिया गांधी के इलाज पर किए गए खर्च का ब्योरा क्यों नहीं देती? मजे की बात तो यह है कि सोनिया गांधी विदेश जाती हैं। उनके इलाज के दौरान रूम चार्ज पर 18 लाख रूपए रोज खर्च किए जाते हैं, उनकी बीमारी क्या है इस बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता है।

पूर्वोत्तर में आए भूकंप के झटके


पूर्वोत्तर में आए भूकंप के झटके

(पुरबालिका हजारिका)

गुवहाटी (साई)। असम और पूर्वाेत्तर के कुछ अन्य भागों में बुधवार को कम तीव्रता के कई भूकंप आए। मौसम विभाग के कार्यालय के अनुसार इस भूकंप की तीव्रता 5.1 थी। मध्यरात्रि 12.07 बजे से 12.10 के बीच असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड और मेघालय में तीन भूकंप आए तो लोग जाग गए और अपनी सुरक्षा के लिए जल्दबाजी में बाहर की ओर भागे।
इसी क्षेत्र में एक और भूकंप सुबह सात बजकर 39 मिनट पर आया। मौसम विभाग के अनुसार, इन कंपनों का केंद्र केंद्रीय असम के सोनितपुर जिले में स्थित रंगपारा में 35 किलोमीटर की गहराई पर था। अभी तक किसी के मरने, घायल होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं आई है लेकिन सोनितपुर की कुछ इमारतों में भूकंप की वजह से दरारें आने की अनाधिकारिक खबरें आई हैं।

ओएमजी से खफा बजरंग दल: फाडे पोस्टर


ओएमजी से खफा बजरंग दल: फाडे पोस्टर

(विनोद नेगी)

जम्मू (साई)। कथित धर्म विरोधी बातों को लेकर ओह माई गॉडफिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए बजरंग दल और हिंदुस्तान शिव सेना (एचएसएस) ने आज यहां प्रदर्शन किया एवं सिनेमाघरों में इस फिल्म के पोस्टर फाड दिए। बजरंग दल के जिला समन्वयक राकेश शर्मा की अगुवाई में 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सिनेमा घरों की दीवारों से फिल्म के पोस्टर फाडकर हटा दिए जबकि एचएसएस के सदस्यों ने निर्देशक उमेश शुक्ला का पुतला फूंका। पुलिस ने जब पोस्टर फाडने का विरोध किया तब बजरंग दल के कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों से भी भिड गए।
शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम विभिन्न पात्रों के धर्मविरोधी निरुपण के कारण ओएमजी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग कर रहे हैं। फिल्म में एक ऐसा दृश्य है जिसमें पवित्र गंगाजल को शराब के साथ मिलाते हुए दिखाया गया है तथा देवी-देवताओं को गलत ढंग से पेश किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। फिल्मोद्योग को देवी-देवताओं को गलत ढंग से नहीं पेश करना रोकना चाहिए। ’’ उन्होनें कहा कि जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों को इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगानी चाहिए अन्यथा बजरंग दल आंदोलन तेज करेगा।

लोभ में फंसने लगे हैं बाबा फकीर!


लोभ में फंसने लगे हैं बाबा फकीर!

(नीलिमा सिंह)

रांची (साई)। पुरी के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि भारत में राजनीतिक नेता और अधिकारी तो पहले से ही लोभी थे जिससे देश गर्त में जा रहा था लेकिन अब गंभीर चिंता की बात यह है कि बाबा और साधु भी लोभी हो गये हैं। सनातन धर्म सेवा न्यास द्वारा आयोजित एक सभा में पुरी पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती ने यह बात कही।
शंकराचार्य ने कहा कि जब तक राजनीतिज्ञ और अधिकारी तथा उसके बाबू लालची होकर भ्रष्टाचार कर रहे थे तब तक साधु संतों से समाज और देश को दिशा दिखाने की उम्मीद थी लेकिन अब जब कि अधिकतर साधु और बाबा भी लालची एवं भ्रष्ट हो गये हैं, यह गंभीर चिंता की बात है कि समाज को दिशा कौन दिखायेगा। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि देश और समाज को दिखा दिखाने वालों की इस समय भारी कमी हो गयी है।
उन्होंने चेताया कि जिस प्रकार समूचे विश्व में किसानों का अनादर हो रहा है और अन्न उपजाने वाली धरती का दुरुपयोग किया जा रहा है और कंक्रीट के जंगल खडे हो रहे हैं, वह दिन दूर नहीं है जब समूचे विश्व में लोग खाने के दाने दाने के लिए तरसेंगे। उन्होंने कहा, मेरी इस बात को श्रप न समङों लेकिन यह चेतावनी है कि आने वाले समय में पूरे विश्व में लोग खाने के लिये दाने दाने को तरसेंगे।

गुटखा प्रतिबंधित पर मार्च तक खा सकते हैं यूपी में जहर


गुटखा प्रतिबंधित पर मार्च तक खा सकते हैं यूपी में जहर

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। अंततः उत्तर प्रदेश सरकार ने भी गुटखे पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया है। राज्य सरकार ने कहा कि प्रदेश में गुटखा उद्योग पर प्रतिबंध 1 अप्रैल 2013 से प्रभावी होगा। माना जा रहा है कि पिछले दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गुटखे पर प्रतिबंध लगाने के मामले पर सख्त रुख अपनाए जाने के बाद राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने जारी एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने यह कदम संसद द्वारा पारित फूड से फ्रूटी एक्ट के अन्तर्गत उठाया है। संसद द्वारा पारित खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी लम्बे समय से चल रहे गुटखा उद्योग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुटखा उद्योग से जुड़े हुए लाखों कर्मकारों, श्रमिकों व उद्यमियों की रोजी-रोटी को दृष्टिगत रखते हुए गुटखा उद्योग पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध को 01 अप्रैल, 2013 से प्रभावी किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस अवधि का सदुपयोग करते हुए गुटखा उद्योग से जुड़े हुए कर्मकारों, श्रमिकों व उद्यमियों द्वारा अन्य रोजगार एवं वैकल्पिक उद्योग तलाश कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि देश के दस से ज्यादा राज्यों में गुटखे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

8 तक टोल नहीं देंगे निजी वाहन


8 तक टोल नहीं देंगे निजी वाहन

(अनेशा वर्मा)

गुडगांव (साई)। दिल्ली गुड़गांव एक्सप्रेस वे पर निजी वाहनों को अब सोमवार तक टोल टैक्स नहीं देना होगा। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी करते हुए कहा कि 8 अक्तूबर तक निजी वाहन टोल टैक्स फ्री रहेंगे। इससे पहले 28 सितंबर को अंतिम सुनवाई में कोर्ट ने यह कहा था कि दिल्ली-गुड़गांव के अतिव्यस्त एक्सप्रेस वे पर सुबह और शाम को ऑफिस ऑवर में निजी वाहनों से टोल टैक्स की वसूली न की जाए। हाईकोर्ट डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि इसके लिए सुबह 8।30 से 10।00 बजे तक और शाम में 5।30 से 7।00 बजे के बीच निजी वाहन टोल टैक्स से मुक्त रहेंगे। अब इस आदेश को कोर्ट ने 8 अक्तूबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
ज्ञातव्य है कि 20 सितंबर को मामले की सुनवाई जसबीर सिंह व जस्टिस राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने की थी। जसबीर सिंह उस समय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूलने पर लगी रोक हटा दी थी। साथ ही पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल को लोकल कमिश्नर नियुक्त कर टोल प्लाजा का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जस्टिस मुद्गल ने कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूल करने वाली कंपनी दिल्ली गुड़गांव सुपर कनेक्टिविटी लि। (डीजीएससीएल) ने जाम से बचने के लिए क्या कदम उठाए हैं। मालूम हो कि पिछले महीने 4 सितंबर को हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस-वे पर लगने वाले जाम के लिए कंपनी को दोषी मानते हुए टोल वसूली पर 15 दिनों के लिए रोक लगाई थी।

जनसत्याग्रह हेतु पचास लाख लोग दिल्ली रवाना!


जनसत्याग्रह हेतु पचास लाख लोग दिल्ली रवाना!

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। अपने हक की लड़ाई के लिए जनजातीय वर्ग के 50 हजार से ज्यादा लोग जनसत्याग्रह 2012 के तहत ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच कर गए हैं। एकता परिषद की अगुवाई में शुरु हुए जनसत्याग्रह में शामिल जनजातीय वर्ग के लोग अपने हक से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश व केन्द्रीय उद्योग व वाणिज्य राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बीते रोज मंगलवार को मेला मैदान में सत्याग्रहियों से बातचीत के लिए पहुंचे, मगर वार्ता सफल नहीं हुई। बाद में एक सामूहिक निर्णय हुआ कि भूमि सुधार के मुद्दे पर संघर्ष और संवाद दोनों साथ-साथ चलते रहेंगे और बुधवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च पर निकल पड़ेंगे।
एकता परिषद के अध्यक्ष राजगोपाल की अगुवाई में ग्वालियर से दिल्ली तक के लिए शुरु हुए इस जनसत्याग्रह 2012 की मुख्य मांग राष्ट्रीय समग्र भूमि सुधार कानून की है। साथ ही वे देश के हर नागरिक को आवास लायक भूमि, वनवासी क्षेत्र के लिए लागू वन अधिकार कानून, महिलाओं को कृषक का दर्जा देने, भूमि को जीवन जीने के साधन के रूप में विकसित करने की भी मांग है। केंद्रीय मंत्री रमेश भी सत्याग्रहियों की मांगों को जायज ठहरा चुके हैं, मगर एक मौके पर इन्हें पूरा करने में अपनी असमर्थता भी जताई है। उनका कहना है कि इस मसले पर दीगर राज्यों से भी चर्चा करना होगी।
बीती शाम को लिए गए फैसले के मुताबिक जनजातीय वर्ग के 50 हजार से ज्यादा लोग दिल्ली की ओर निकल पड़े हैं। पांच-पांच हजार सत्याग्रही एक-एक की टोलियों में निकले हैं, इन टोलियों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। सभी टोली में शामिल सत्याग्रही के हाथ में एकता परिषद का हरे व सफेद रंग का झंडा है तो कंधे पर अपनी जरुरत का सामान टंगे हुए है। वे हर हाल में अपना हक पाने का जज्बा लेकर दिल्ली की ओर निकल पड़े हैं।
पहले दिन सत्याग्रहियों ने 22 किलोमीटर का रास्ता तय किया और वे बानमोर व रायरू के बीच पहुंच गए हैं। सत्याग्रही चार-चार की लाइन में चल रहे हैं और काफिला 12 किलोमीटर लम्बा है। ग्वालियर से मुरैना रोड पर 12 किमी की दूरी पर जहां फोरलेन सड़क आती है वहां तक वाहनों का यातायात पूरी तरह से बंद रखा गया। फोरलेन सड़क पर डिवाईडर के दूसरी तरफ से वाहनों का आवागमन जारी रहा। राजगोपाल के साथ स्वामी अग्निवेश व हेम भाई बुधवार को पूरी यात्रा के दौरान पैदल चले।
पदयात्रा के संयोजक डॉ रनसिंह परमार ने बताया कि गुरुवार को पदयात्रा बानमोर से नूरावाद टेकरी पार करते हुए आसन नदी के दूसरे पार छौंदा गांव पहुंचेगी। जनसत्याग्रह की पदयात्रा कुल 350 किलोमीटर की है, यह यात्रा मध्य प्रदेश के मुरैना, राजस्थान के धौलपुर, उत्तर प्रदेश के आगरा मथुरा से होती हुई दिल्ली पहुंचेगी।

सीएम के काफिले की एम्बूलेंस का पीयूएल किसके सर

सीएम के काफिले की एम्बूलेंस का पीयूएल किसके सर

(रश्मि कुलश्रेष्ठ)

लखनऊ (साई)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले में चल रही एंबुलेंस के लिए पीयूएल (डीजल आयल पेट्रोल आदि) का भोगमान कौन सा विभाग भोगेगा इस बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। इस एंबूलेंस के डीजल के लिए वाहन का सारथी  सिविल अस्पताल पहुंच गया। डीजल के लिए उसने पहले सीएमओ कार्यालय के भी कई चक्कर लगाए थे। बाद में मुख्यमंत्री के ओएसडी ने सीएमएस को फोन कर डीजल खर्च देने का आदेश दिया।
दरअसल, पिछली सरकार में सिविल अस्पताल से डीजल का बजट मिलता था। इस बार बजट जारी नहीं हुआ। इसी वजह से समस्या हुई। अब सवाल है कि अस्पताल प्रशासन को अलग से बजट नहीं मिलता तो इस खर्च का भुगतान कहां से किया जाएगा? ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के काफिले में दो एंबुलेंस चलती हैं। नई सरकार में इसके भुगतान की कोई आधिकारिक व्यवस्था नहीं की गई।
ऐसे में एंबुलेंस के ड्राइवरों के सामने डीजल की समस्या खड़ी हो गई। ये ड्राइवर सीएमओ से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी समस्या लेकर पहुंचे। उन्हें सिविल अस्पताल भेजा गया। सिविल अस्पताल में बजट की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे भुगतान नहीं हो पाया। इसी बीच मुख्यमंत्री के ओएसडी ने सीएमएस को भुगतान करने का आदेश दे दिया। सीएमएस ने अन्य मद से भुगतान की व्यवस्था तो कर दी पर अब समस्या ये है कि इस सरकार में इसके लिए जब कोई बजट जारी नहीं हुआ तो एंबुलेंस का खर्च अस्पताल प्रशासन कैसे उठाएगा?

बीएसएनएल का कस्टमर केयर पोर्टल की उखड़ी सांसें


बीएसएनएल का कस्टमर केयर पोर्टल की उखड़ी सांसें

(स्वाति नाडकर्णी)

शिमला (साई)। आपके ब्राडबैंड में कोई सेंध तो नहीं लगा रहा? बीएसएनएल कस्टमर केयर पोर्टल पर पूरी जानकारी न मिलने के कारण यदि कोई आपके ब्राडबैंड कनेक्शन में सेंध लगा रहा है तो आपको पता ही नहीं चल पाएगा। बीएसएनएल कस्टमर केयर पोर्टलपर उपभोक्ताओं को वांछित जानकारी नहीं मिल रही।
उपभोक्ताओं को यह जानकारी भी नहीं मिल पा रही कि उन्होंने कितने समय तक इंटरनेट सेवा का प्रयोग किया है। उपभोक्ता आनलाइन बिलिंग सुविधा का लाभ भी नहीं उठा पा रहे। पिछले बिलों से संबंधित जानकारी भी पोर्टल के माध्यम से नहीं मिल रही। लैंड लाइन पर ब्राडबैंड का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता यदि अपना प्लान बदलना चाहते हैं तो कस्टमर केयर पोर्टल सेवा प्रभावित होने के कारण उनके आवेदन का स्टेटस पता ही नहीं लग पा रहा।
वहीं दूरसंचार के महाप्रबंधक प्रेम सिंह ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि बीएसएनएल के कस्टमर केयर पोर्टल में दिक्कत के बारे में जानकारी नहीं मिली है, उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े इसके लिए तुरंत समस्या के बारे में छानबीन कर इसका निदान किया जाएगा।

बाल विकास के 37वें स्थापना दिवस पर मोर-डुबलिया प्रारंभ


बाल विकास के 37वें स्थापना दिवस पर मोर-डुबलिया प्रारंभ

(एस.के.वर्मा)

डिंडोरी (साई)। गांधी जयंती शास्त्री जयंती एवम मध्यप्रदेश में  बाल विकास सेवा परियोजनाओं के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग, महिला-सशक्तिकरण विभाग, स्वास्थय-विभाग के संयुक्त प्रयासों से डिण्डोरी जिला मुख्यालय पर एक बहु-आयामी कार्यक्रम का आयोजन एक पारंपरिक उत्सव के रूप में संपन्न इस अवसर पर मोर-डुबलिया कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया गया मध्यप्रदेश सरकार के बेटी बचाओ अभियान के तहत आज गांधी जयंती के अवसर पर डिण्डौरी में महिलाओं को बहुउद्देश्यीय कार्यक्रमों से जोड़ने का प्रोजेक्ट ‘‘मोरे डुबुलिया’’ का शुभारंभ हुआ।
’’मोरे डुबुलिया’’ के शुभारंभ के अवसर पर जिले की 37 गर्भवती महिलाओं की गोद-भराई के साथ जिले का विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाली 37 बेटियों को प्रमाण-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया इसमें राष्ट्रीय स्तर पर डिंडोरी का नाम रोशन करने वाली गुडुम-बजादल में शामिल बालिकाओं को सम्मानित करना उल्लेखनीय है।। कार्यक्रम के पूर्व महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं की एक विशाल रैली बाल विकास परियोजना डिंडोरी के प्रांगण से निकाली गई जो नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई समारोह स्थल कलेक्टर कार्यालय पहुँची। परियोजना कार्यालय से निकाली गई विशाल रैली जो नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई मुख्य समारोह स्थल कलेक्टर कार्यालय पहुँची जहॉ जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा कन्या पूजन कर रैली की आगवानी की। जिसमें निरूशक्त बालिका कुमारी मुस्कान अली ने पैदल दो किलोमीटर की दूरी चल कर रैली को प्रभावी बनाया।
कार्यक्रम के आरम्भ में अथितियों द्वारा दीप-प्रज्जवलन किया तदुपरांत मोर-डुबलियाकी अवधारणा को प्रस्तुत करते हुए  जिला कलेक्टर श्री मदन कुमार ने बताया कि-स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं अन्य विभागों के बहुत से ऐसे कार्यक्रम है जो महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है। ’’मोर डुबुलिया’’ कार्यक्रम बहुत सारे बहुउद्देश्यीय कार्यक्रमों को जोड़ने वाली प्रक्रिया है। इन प्रयासों का क्रियान्वयन स्वयं हितग्राहियों को ही करना है इसमें प्रशासन सिर्फ सेतु का काम करेगा। उन्होंने बताया कि डुबुलिया में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित पुस्तिका, जच्चा-बच्चा सुरक्षा कार्ड, रक्ताल्पता से बचाव के लिए आयरन की गोली, प्राथमिक उपचार की दवाइयों का विवरण सहित पाउच, दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना का कार्ड और जननी सुरक्षा वाहन, जिम्मेदार अधिकारियों एवं क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर सहित सूची रखी गयी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सखी सहेली कार्ड, लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदन प्रपत्र, डाइट एवं टी.एच.आर. कार्ड, टी.एच.आर.पाक प्रक्रिया, सरोकार पुस्तिका और स्तनपान प्रोत्साहन पुस्तिका दी गई है। जिला पंचायत द्वारा बैंक खाता खोलने का फार्म, के।बाय।सी। करने के दस्तावेज, जीरो बैलेन्स में खाता खोलने के आदेष, स्व-सहायता समूह से जोड़ने की जानकारी और मर्यादा अभियान से जुड़ने एवं स्वच्छता के संबंध में जानकारी रखी गई है। इसी प्रकार मलेरिया से बचाव की जानकारी, सब्जी बीज किट, जन्म प्रमाण-पत्र के आवेदन-पत्र, पशुपालन योजना की जानकारी एवं आवेदन प्रपत्र और जनसंपर्क विभाग द्वारा आगे आयें लाभ उठायें व लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम की जानकारी के फोल्डर्स दिये गये हैं। राजस्व विभाग द्वारा महिलाओं को मिलने वाली विधिक सहायता की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
कार्यक्रम में ’’मोरे डुबुलिया’’ प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुये कलेक्टर श्री मदन कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय भ्रमण एवं विभागों की समीक्षा के दौरान कुछ ऐसे तथ्य निकलकर आये कि स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं अन्य विभागों के बहुत से कार्यक्रम है जो महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है और उनके समन्वित लाभ ध्यान में नहीं आते है। ’’मोरे डुबुलिया’’ कार्यक्रम बहुत सारे बहुउद्देशीय कार्यक्रमों को जोड़ने वाली प्रक्रिया है और इसे जिले में महिलाओं और बेटियो के समग्र उत्थान का प्रयास कहा जा सकता है। इन प्रयासों का क्रियान्वयन स्वयं हितग्राहियों को ही करना है इसमें प्रशासन सिर्फ सेतु का काम करेगा। उन्होंने बताया कि इस डुबुलिया में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित पुस्तिका, जच्चा-बच्चा सुरक्षा कार्ड, रक्ताल्पता से बचाव के लिए आयरन की गोली, प्राथमिक उपचार की दवाइयो का विवरण सहित पाउच दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना का कार्ड और स्वास्थ्य विभाग के जननी सुरक्षा वाहन, जिम्मेदार अधिकारियों एवं क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर सहित सूची रखी गयी है। महिला एवं बालविकास विभाग सखी सहेली कार्ड, लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदन प्रपत्र, डाइट एवं टी.एच.आर. कार्ड, टी.एच.आर.पाक प्रक्रिया, सरोकार पुस्तिका और स्तनपान प्रोत्साहन पुस्तिका दीगई।
जिला पंचायत द्वारा बैंक खाता खोलने का फार्म, के.बाय.सी. करने के दस्तावेज, जीरो बैलेन्स में खाता खोलने के आदेश, स्व-सहायता समूह से जोड़ने की जानकारी और मर्यादा अभियान से जुड़ने एवं स्वच्छता के संबंध में जानकारी रखी। इस अवसर पर श्री ओम प्रकाश धुर्वे अध्यक्ष जिला पंचायत ने उपस्थित समुदाय को स्वच्छता की शपथ दिलाई।  वन्या कम्यूनिटी रेडियो की रेडियो जाकी एवम आदिवासी कला साधिका श्रीमति जानकी धुर्वे को ब्रांड-एम्बेसडरघोषित किया गया।साथ ही उन्हैं आवासीय सुविधा हेतु इंदिरा-आवास योजना का लाभ देने की घोषणा की गई।  साथ ही अतिथियों द्वारा ष्आडियो-विज़ुअल-साधनोंष् से सुसज्जित ष्चेतना-रथ ष् को हरी झंडी दिखा कर डिंडोरी जिले के समस्त विकास-खण्डों के लिये रवाना किया।
आयोजन स्थल पर रैली की आगवानी एवम पंडाल में लोक-धुनों की थाप पर मोहक नृत्यों की प्रस्तुति आदिवासी कलाकारों ने दी। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती वंदना मंडावी,विधायक स्थानीय विधायक श्री ओमकार सिंह मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश धुर्वे,  जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री कृष्णा सिंह परमार ,श्रीमति सुशीला मार्काे अध्यक्ष नगर-परिषद डिंडोरी, श्रीमति ज्योति प्रकाश धुर्वे(सभापति महिला बाल विकास एवम स्वास्थ्य समिति जिला पंचायत), सहित जिला पंचायत के सदस्यगण, कलेक्टर श्री मदन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री आर।के। अरूसिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुदर्शन सोनी,अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,  सी एम ओ. नगर-परिषद श्री शर्मा, सीएमएचओ डा० वी०पी० कोले,श्रीमति शिखा राय महिला शक्ति संगठन एवं संस्था के सदस्य, बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री एम.एस. कुशराम,श्रीमति उदयवती तेकाम, श्रीमति खिल्ली नेटी, श्रीमती नीतू तिलगाम,श्री भवेदी, एवम बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक अधीनस्त अमले  सहित गणमान्य नागरिक, पत्रकार एवं बड़ी संख्या में महिलायें एवं बालिकायें उपस्थित उल्लेखनीय है। कार्यक्रम का संचालन गिरीश बिल्लोरे परियोजना अधिकारी डिंडोरी ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में श्रीमति तीजा धुर्वे, श्रीमति उर्मिला जंघेला, श्रीमति कमला मरावी, सुश्री लेखनी दुबे, श्रीमति चंद्रवति,श्रीमति केतकी,श्रीमति कृष्णा धुर्वे, किरण पटेल, श्री एन.एस. पोषाम , श्री एस.आर. रजक, श्री दिगम्बर श्याम, भवानी शंकर झारिया, श्री सुखराम रजक, की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
मध्य प्रदेश में 2 अक्टूबर 1975 को सीधी जिले के चितरंगी ब्लाक से प्रारंभ बाल विकास सेवा परियोजना के उपरांत प्रदेश भर में इसका सर्वव्यापीकरण हुआ। अब प्रदेश में 453 बाल विकास परियोजनाएं एवम 78 हज़ार से अधिक आंगनवाड़ी कें एवम उप केंद्र हैं। अदभुत संयोग था कि गोद-भराई कार्यक्रम की शुरुआत बालघाट जिले में श्रीमति कल्पना तिवारी रिछारिया ने बाल विकास परियोजना अधिकारी  के रूप में एक प्रयोग के तौर पर की थी। जिसका नियमित आयोजन मैने बाल विकास परियोजना अधिकारी जबलपुर के पद पर रहते हुये किया। प्रदेश सरकार ने इस नवाचार को हू ब हू पूरे प्रदेश में लागू किया। मंगल-दिवस के रूप में। इसी कार्यक्रम को एक नया स्वरूप मिला मोर-डुबलियाके रूप में।