गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

फेसबुक बना बच्ची के लिए संजीवनी


फेसबुक बना बच्ची के लिए संजीवनी

(अमित कौशल)

नई दिल्ली (साई)। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आम लोगों की जिंदगी का सहारा भी बन रही है। दरअसल, एक डेंगू पीड़ित बच्ची को प्लेटलेट्स की जरूरत थी। इस बारे में बच्ची के पिता ने फेसबुक पर एक मैसेज छोड़ा और एक घंटे के अंदर ही इसके लिए कई हाथ खड़े हो गए। दो अनजान लोगों ने बच्ची को ब्लड देकर बच्ची की जिंदगी बचाई।
कड़कड़ूमा के शांति विहार में रहने वाले जय कुमार की आठ वर्षीय बेटी हिमांशी एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती थी। जांच में पता लगा कि बच्ची को डेंगू है। उसके ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बेहद कम थी। डॉक्टरों ने बच्ची के पिता से कहा कि तत्काल ब्लड चढ़ाना होगा। हिमांशी का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव था। बच्ची के पिता ने नजदीकी लोगों से संपर्क किया गया, लेकिन किसी का ब्लड ग्रुप नहीं मिला।
इस दौरान जय कुमार के एक दोस्त ने सलाह दी कि ब्लड के लिए फेसबुक पर मैसेज दो। इस पर जय ने मैसेज लिखकर मदद की अपील की। मैसेज देने के एक घंटे के अंदर ही करीब 50-60 लोगों ने खून देने के लिए जय कुमार को फोन किया। वसुंधरा के विनीत रस्तोगी और आरके बत्रा का ब्लड ग्रुप हिमांशी के ब्लड ग्रुप से मेल खा गया, जिसके बाद दोनों ने ब्लड देकर हिमांशी की जिंदगी बचाई। जय कुमार ने बताया कि अब उनकी बेटी पूरी तरह से ठीक है।

कोई टिप्पणी नहीं: