गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

अवेकिंग सेंटर पढ़ रहा सोनिया चालीसा


अवेकिंग सेंटर पढ़ रहा सोनिया चालीसा

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र में सत्ता की चाबी अपने पास रखने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गुणगान में इंटरनेशनल अवेकिंग सेंटर ने सारी हदों को पार करते हुए चापलूसी का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस संस्था ने अपने ध्येय से ना डिगते हुए लगातार नौवीं बार सोनिया गांधी को नोबेल पुरूकार के लिए नामित करने सिफारिशी पत्र लिखा है।
ज्ञातव्य है कि इटली मूल की सोनिया गांधी की अगुआई में कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2004 में देश में संप्रग की सरकार बनाई थी। 2004 से अब तक केंद्र में शामिल हर दल के नेता इस देश को नोचकर खाते रहे और सोनिया गांधी शांत भाव से सब कुछ देखती रहीं हैं।
संभवतः इसी शांत रहने के आधार पर संगठन ने सोनिया गांधी को शांति का पुजारी निरूपित करते हुए नोबेल शांति पुरूस्कार देने की मांग की है। सियासी हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार शांत रहकर देश को लुटवाने के मामले में सोनिया गांधी से कई कदम आगे हैं मनमोहन सिंह, इसलिए अगर यही आधार है तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस शांति नोबेल पुरूस्कार के असली हकदार हैं।
साल 2012 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए कांग्रेस एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम की सिफारिश की गई है। इंटरनेशनल अवेकनिंग सेंटर ने सोनिया गांधी का नाम लगातार नौंवी बार नोबल शांति पुरस्कार से संबंधित समिति की स्वीकृत सूची में शामिल करने के लिए भेजा है। संगठन ने अपने सिफारिशी पत्र सोनिया गांधी विश्व शांति की पुजारी और एक महान सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का अनुरोध किया है।

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