हर्बल खजाना
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बडे काम का नारियल
(डॉ दीपक आचार्य)
अहमदाबाद (साई)।
नारियल का प्रयोग लगभग हर भारतीय घर में होता है। नारियल के पत्तों से लेकर तेल तक
सब कुछ हमारे लिए बड़ा उपयोगी होता है। नारियल का वनस्पतिक नाम कोकस न्यूसीफेरा है।
नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, वीर्यवर्धक, अग्निप्रदीपक तथा
मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।
नारियल के पानी में
दूध से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। बच्चों को कच्चा नारियल खिलाने से उनके पेट के
कृमि निकल जाते हैं। ब्लड़ प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए नारियल का पानी बहुत
उपयोगी होता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रोलाइट और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है
जो दिल की गतिविधियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है।
नारियल के तेल में
नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से रूसी से छुटकारा मिलता है और बाल स्वस्थ
और लंबे होते हैं। दक्षिण भारत में नारियल के तेल का प्रयोग खाना बनाने के लिए
किया जाता है। नारियल तेल में पकाया गया भोजन अधिक देर तक ताजा रहता है और पोषक
पदार्थों के अवशोषण में मदद करता है।
नारियल का पानी न
केवल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है बल्कि शरीर में मौजूद बहुत
से वायरसों से भी लड़ाई करता है। रात के
भोजन पश्चात नियमित रूप से आधा गिलास नारियल पानी पीने से पाचन क्रिया में फायदा
होता है और अनिद्रा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
सुबह नियमित रूप से
५० ग्राम नारियल की गिरी को चबाने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य में तो लाभ होता
ही है। साथ ही गर्भस्थ बालक भी गौरवर्ण का एवं हृष्ट-पुष्ट होता है। नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क ठंडा रहता है।
गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से
दस्तों में तुरंत आराम मिलता है। (साई फीचर्स)
(लेखक हर्बल मामलों
के जाने माने विशेषज्ञ हैं)
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