जनसत्याग्रह हेतु
पचास लाख लोग दिल्ली रवाना!
(राजीव सक्सेना)
ग्वालियर (साई)।
अपने हक की लड़ाई के लिए जनजातीय वर्ग के 50 हजार से ज्यादा लोग जनसत्याग्रह 2012
के तहत ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच कर गए हैं। एकता परिषद की अगुवाई में शुरु
हुए जनसत्याग्रह में शामिल जनजातीय वर्ग के लोग अपने हक से कम पर समझौता करने को
तैयार नहीं हैं।
केन्द्रीय ग्रामीण
विकास मंत्री जयराम रमेश व केन्द्रीय उद्योग व वाणिज्य राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य
सिंधिया बीते रोज मंगलवार को मेला मैदान में सत्याग्रहियों से बातचीत के लिए
पहुंचे, मगर वार्ता
सफल नहीं हुई। बाद में एक सामूहिक निर्णय हुआ कि भूमि सुधार के मुद्दे पर संघर्ष
और संवाद दोनों साथ-साथ चलते रहेंगे और बुधवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च पर
निकल पड़ेंगे।
एकता परिषद के
अध्यक्ष राजगोपाल की अगुवाई में ग्वालियर से दिल्ली तक के लिए शुरु हुए इस
जनसत्याग्रह 2012 की मुख्य मांग राष्ट्रीय समग्र भूमि सुधार कानून की है। साथ ही
वे देश के हर नागरिक को आवास लायक भूमि, वनवासी क्षेत्र के लिए लागू वन अधिकार कानून, महिलाओं को कृषक का
दर्जा देने, भूमि को
जीवन जीने के साधन के रूप में विकसित करने की भी मांग है। केंद्रीय मंत्री रमेश भी
सत्याग्रहियों की मांगों को जायज ठहरा चुके हैं, मगर एक मौके पर
इन्हें पूरा करने में अपनी असमर्थता भी जताई है। उनका कहना है कि इस मसले पर दीगर
राज्यों से भी चर्चा करना होगी।
बीती शाम को लिए गए
फैसले के मुताबिक जनजातीय वर्ग के 50 हजार से ज्यादा लोग दिल्ली की ओर निकल पड़े
हैं। पांच-पांच हजार सत्याग्रही एक-एक की टोलियों में निकले हैं, इन टोलियों में
महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। सभी टोली में शामिल सत्याग्रही के हाथ में एकता
परिषद का हरे व सफेद रंग का झंडा है तो कंधे पर अपनी जरुरत का सामान टंगे हुए है।
वे हर हाल में अपना हक पाने का जज्बा लेकर दिल्ली की ओर निकल पड़े हैं।
पहले दिन
सत्याग्रहियों ने 22 किलोमीटर का रास्ता तय किया और वे बानमोर व रायरू के बीच
पहुंच गए हैं। सत्याग्रही चार-चार की लाइन में चल रहे हैं और काफिला 12 किलोमीटर
लम्बा है। ग्वालियर से मुरैना रोड पर 12 किमी की दूरी पर जहां फोरलेन सड़क आती है
वहां तक वाहनों का यातायात पूरी तरह से बंद रखा गया। फोरलेन सड़क पर डिवाईडर के
दूसरी तरफ से वाहनों का आवागमन जारी रहा। राजगोपाल के साथ स्वामी अग्निवेश व हेम
भाई बुधवार को पूरी यात्रा के दौरान पैदल चले।
पदयात्रा के संयोजक
डॉ रनसिंह परमार ने बताया कि गुरुवार को पदयात्रा बानमोर से नूरावाद टेकरी पार
करते हुए आसन नदी के दूसरे पार छौंदा गांव पहुंचेगी। जनसत्याग्रह की पदयात्रा कुल
350 किलोमीटर की है,
यह यात्रा मध्य प्रदेश के मुरैना, राजस्थान के धौलपुर, उत्तर प्रदेश के
आगरा मथुरा से होती हुई दिल्ली पहुंचेगी।
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