कहीं प्रायोजित तो
नहीं था गनपत प्रसंग!
प्रभारी मंत्री
नाना भाऊ झाड़ते रहे बार बार अपना आसन!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। दशहरा
मैदान में आज आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक विकलांग
युवक को न केवल अपनी कुर्सी पर बिठाया वरन् उसे पचास हजार रूपए का चेक भी प्रदान
किया। भाजपाई खेमें में चल रही चर्चा को अगर सच माना जाए तो यह कार्यक्रम सिवनी
विधायक श्रीमती नीता पटेरिया द्वारा प्रायोजित ही था।
भाजपा के एक वरिष्ठ
पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि अपने
दोनों पैरों से विकलांग उगली पठार निवासी गनपत धुर्वे, बीती रात्रि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आया था, परंतु भाजपा के ‘टाईट शैड्यूल‘ के कारण वह सीएम
शिवराज सिंह चौहान से नहीं मिल सका।
आज जब मुख्यमंत्री
दशहरा मैदान पहुंचे और उनकी नजर नीचे बैठे गनपत पर पड़ी तो उन्होंने उसे न केवल मंच
पर बुलाया वरन् जिला कलेक्टर को तत्काल आदेशित कर उसे पचास हजार रूपए की राशि का
धनादेश (चेक) प्रदाय किया गया। सूबे के निज़ाम शिवराज सिंह चौहान की सहृदयता और
पारखी नजर मीडिया की सुर्खियां बन सकती हैं, किन्तु अनेक सवाल अभी अनुत्तरित ही हैं।
उक्त पदाधिकारी ने
बताया कि इसके पूर्व उज्जैन में भी मुख्यमंत्री ने सभा मंच से एक वृद्धा को मंच पर
बुलाकर बिठाया और उसे आर्थिक इमदाद भी दी थी। बाद में पता चला था कि वह महिला
प्रायोजित तरीके से भीड़ का हिस्सा बनाई गई थी। उक्त पदाधिकारी का कहना है कि कुछ
लोगों ने जब उससे पूछा कि वह कहां का रहने वाला है, तो उसने छूटते ही
नीता पटेरिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसके बारे में पटेरिया मेडम को सब कुछ
पता है।
प्रभारी मंत्री
झाड़ते रहे आसनी
मुख्यमंत्री ने
गनपत को नीचे से बुलवाकर अपने आसन पर बिठा दिया था। वहीं बाजू में प्रभारी मंत्री
नाना भाऊ सफेद झक कपड़ों में बैठे थे। गनपत के बैठने के उपरांत प्रभारी मंत्री बार
बार उठकर रूमाल से अपनी कुर्सी झाड़ते देखे गए। मंच पर मौजूद भाजपा के एक नेता ने
नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि दरअसल, गनपत नीचे बैठा था अतः धूल मिट्टी, घास फूस चिपककर
उसके कपड़ों के जरिए कुर्सी पर आन पड़ी थी, संभवतः उसे ही साफ करने की गरज से प्रभारी
मंत्री बार बार अपनी कुर्सी साफ कर रहे थे।
मीडिया से बनाई
दूरी
गत दिवस दशहरा
मैदान में आयोजित सभा में सूबे के निज़ाम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया के लोगों से
मुखातिब होकर कहा था कि वे मीडिया में आज और कल सिवनी में हैं। आज वे सिवनी से
बिदा हो गए पर मीडिया से चर्चा का समय उन्हें नहीं मिल पाया। कल मीडिया के लोगों
को सीएम के कार्यक्रम के लिए जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा चुन चुन कर बुलाये
जाने पर भी मीडिया के लोगों में नाराजगी का आलम था। बताया जाता है कि रविवार को
सीएम के आगमन के पूर्व जिला जनसंपर्क कार्यालय में, मीडिया के चुनिंदा
प्रतिनिधियों के लिए भोज की व्यवस्था भी रखी गई थी।
मिलती है पांच हजार
रूपए की राशि
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के भोपाल ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी ने बाणगंगा स्थित जनसंपर्क संचालनालय के
सूत्रों के हवाले से बताया कि जब भी सूबे के निज़ाम किसी भी जिले के प्रवास पर होते
हैं, उस समय
संबंधित जनसंपर्क अधिकारी को पांच हजार रूपए की राशि तत्काल ही मीडिया मैनेजमेंट
के लिए आवंटित कर दी जाती है। अब तक सीएम के सिवनी आगमन पर यह राशि हर बार जारी
हुई होगी। इस राशि को किसके उपर खर्च किया गया, यह भी शोध का ही
विषय बना हुआ है।
‘प्रेस क्लब‘ ने सौंपा ज्ञापन
जिला प्रशासन और
भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन पर मीडिया के साथ किए गए दोयम दर्जे के व्यवहार
से क्षुब्ध होकर प्रेस क्लब (पत्रकार हितों के लिए संघर्ष का दावा करने वाले शेष
पत्रकार संगठन, पत्रकारों
की उपेक्षा के बावजूद भी सदा की ही भांति मौन रहे) द्वारा लिखित रूप में
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में इस बात को रेखांकित किया गया कि
चुनावों के मद्देनजर भी सिवनी के मीडिया को मुख्यमंत्री के 29 एवं 30 सितम्बर की जन
आर्शीवाद यात्रा के बारे में जानकारी से महरूम रखा गया।
प्रेस क्लब के
सक्रिय सदस्य काबिज खान ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नाराज मीडिया
कर्मियों ने अपने अपने कैमरे और कलब आज के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बंद कर
दिए गए थे। काबिज खान ने बताया कि सीएम ने प्रेस क्लब के ज्ञापन को पूरा पढ़ा और
जिला प्रशासन ने मीडिया के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बकौल अब्दुल
काबिज खान, सीएम ने
ज्ञापन को पढ़कर अपनी जेब के हवाले कर दिया और मंच से उतरकर मीडिया से रूबरू हुए
एवं इन मामलों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की बात भी कही गई।
अपनी सुनाई, पर मीडिया से रखा
परहेज
शिवराज सिंह चौहान
सिर्फ अपनी बात सुनाना चाहते हैं, अन्य किसी की बात वह सुनने को तैयार नहीं, तभी तो अक्सर वह स्थानीय
मीडिया से परहेज करते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने रात्रि विश्राम सिवनी में ही किया
और सुबह 10.30 बजे ही वह
यहां से निकल गये,
लेकिन इस बीच वह मीडिया से बचते रहे। मीडिया में चल रही
चर्चाओं के अनुसार शिवराज सिंह चौहान सिवनी में मीडिया से इसलिए बचते रहे क्योंकि
अगर मीडिया उनके पहले कार्यकाल से लेकर अब तक की घोषणाओं की बखिया उधेड़ना आरंभ कर
देता तो शायद ही शिवराज सिंह चौहान उसका जवाब दे पाते!
कांग्रेस ने खोया
उम्दा मौका!
वहीं दूसरी ओर
विपक्ष में बैठकर लगातार शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश की भाजपा सरकार को कोसने
वाली कांग्रेस ने भी एक बेहतर मौका गंवा दिया है जो उसके लिए आगामी चुनावों में
बेहतरीन प्लेटफार्म दे जाता। कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान के आगमन के पूर्व
ही अगर कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणाओं की फेहरिस्त बनाकर एक पत्रकार
वार्ता का आयोजन कर लिया जाता तो बात ही कुछ ओर होती। इतना ही नहीं अगर आज सीएम के
जाने के उपरांत भी मीडिया से रूबरू होकर कांग्रेस के नेता सीएम के आने के प्रयोजन
को जनता से पूछ लेते तो भी भाजपा की किरकिरी हो जाती।
वहीं कांग्रेस के
अंदर यह चर्चा तेज हो चुकी है कि आखिर क्या कारण है कि लगातार शिवराज सिंह चौहान
और भाजपा सरकार के खिलाफ विष उगलने वाले कांग्रेस के प्रवक्ता शिवराज के सिवनी
आगमन पर मौन धारित कर गए? शिवराज सिंह चौहान के जाने के उपरांत अब एक बार फिर कांग्रेस
के प्रवक्ताओं की तोपें अगर भाजपा (जिला स्तर नहीं, प्रदेश स्तर पर) गरजीं
तो लोग यही मान लेंगे कि यह विरोध छद्म है, कांग्रेस विरोध के बजाए विज्ञप्तियां जारी
कर जनता को भरमाना ही चाहती है।