आराम में खलल से
नाराज हैं युवराज!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कांग्रेस की नजर में देश के युवराज और अगले वज़ीरे आज़म गर्मी के अंतिम दिनों में
अपनी नानी के घर आराम फरमा रहे थे कि अचानक ही उन्हें भारत आने का बुलावा आ गया।
राहुल कांग्रेस के इस बुलावे से खासे नाराज बताए जा रहे हैं। देश में महामहिम
राष्ट्रपति का चुनाव चल रहा है और कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और
युवराज राहुल गांधी परिदृश्य से लगभग गायब ही थे।
सियासी गलियारों
में यह चर्चा आम हो चुकी है कि सोनिया गांधी के ना चाहने के बाद भी पूर्व वित्त मंत्री
प्रणव मुखर्जी को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार इसलिए बनाया क्योंकि प्रणव मुखर्जी
ने पद और कांग्रेस से त्यागपत्र देने की धमकी दे डाली थी। इन बातों में कितना दम
है यह बात तो कांग्रेस जाने और प्रणव मुखर्जी, किन्तु ममता बनर्जी
के साथ चर्चा के बाद जब ममता मीडिया से रूबरू हुईं तब कांग्रेस की दो पसंद के बारे
में बताकर उन्होंने सभी को चौंका दिया था।
इसके बाद प्रणव
मुखर्जी का नाम सामने आया और आनन फानन बाबू मोशाय को फेयरवेल देने का प्रस्ताव रखा
गया। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि यह तय किया गया कि 25 जून को अपरान्ह
ग्यारह बजे बाबू मोशाय को कांग्रेस की ओर से फेयरवेल देकर उनकी औपचारिक बिदाई कर
दी जाए।
सूत्रों का कहना है
कि इस प्रोग्राम में अगर राहुल गांधी अनुपस्थित रहते तो इन खबरों को बल मिल जाता
कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी वास्तव में प्रणव मुखर्जी की उम्मीदवारी के इच्छुक
नहीं थे। फिर क्या था कांग्रेस के अतिउत्साहित प्रबंधकों ने इटली के तुरीन में
आराम फरमा रहे युवराज राहुल गांधी को वापस बुला भेजा। आराम में खलल से पहले तो
युवराज काफी खफा हुए फिर अपने सियासी चाणक्यों से मशविरे के बाद उन्होंने नानी से
विदा ली।
कांग्रेस के सत्ता
और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों का कहना है कि विमानन के
क्षेत्र में दखल रखने वाले एक चर्चित केंद्रीय मंत्री के द्वारा इटली से भारत आने
के लिए जेट एयरवेज के एक्जीक्यूटिव क्लास की टिकिट युवराज के लिए बुक करवाई गई और
राहुल 25 जून को
सुबह सवेरे दिल्ली में लेण्ड कर गए।
बताते हैं कि
युवराज राहुल गांधी की जेट उड़ान थोड़ा विलंब से नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय हवाई
अड्डे पहुंची तो विमान में ही कपड़े बदलकर ‘राजा बाबू‘ बनकर कांग्रेस
महासचिव राहुल गांधी घर जाने के बजाए भागे भागे प्रणव मुखर्जी के बिदाई समारोह में
जा पहुंचे, तब जाकर
कांग्रेस के रणनीतिकारों की सांस में सांस आई। वरना भावी महामहिम राष्ट्रपति की
पार्टी से औपचारिक बिदाई में भावी प्रधानमंत्री का ना होने की खबर मीडिया की
सुर्खियां बनते देर नहीं लगती।