बुधवार, 4 जुलाई 2012

कमल के बजाए कमल नाथ भा रहे गौर को


कमल के बजाए कमल नाथ भा रहे गौर को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। भाजपा के उमर दराज नेता बाबू लाल गौर जिन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने और सबसे सीनियर एमएलए होने का रूतबा हासिल है के कदम ताल देखकर लगने लगा है मानों उनका रूझान कांग्रेस की ओर बढ़ गया है। कभी वे केंद्र के कांग्रेस के मंत्रियों के गुणगान करते हैं तो कभी केंद्र की इमदाद लाने का दावा करते हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की तारीफ में कशीदे गढ़कर सभी को चौंका दिया है।
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की किताब में हुए खुलासों से राजनीतिक हलकों में मची हलचल के बीच मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने सोनिया गांधी को बड़े दिल वाली महिला करार दिया है। किताब में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया था।
कलाम के खुलासे के बाद भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोनिया की तारीफ करने से कतरा रही हो, लेकिन गौर ने उनकी खुलकर सराहना की है। एक निजी चौनल से बातचीत में गौर ने कहा कि कलाम ने अपनी किताब में कहा है कि सोनिया गांधी 2004 में जब उनसे मिलने पहुंचीं तो उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री बनने से इंकार करते हुए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की। यह बड़ी बात है।
गौर ने आगे कहा कि जब किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को पद से हटा दिया जाता है तो वह बेचौन हो जाता है, मगर एक महिला ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। गौर ने कहा, ‘परिस्थितियां चाहे जो रही हों, मगर यह बड़े दिल का काम है। सोनिया का प्रधानमंत्री न बनने का फैसला यह बताता है कि उनका हृदय और मन बड़ा है। गौर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री देश का सबसे बड़ा पद है, और इसे पाने के लिए प्रतियोगिता व संघर्ष तक होता है। इस पद का त्याग करना बड़े दिल का प्रमाण है।
सियासी गलियारों में बाबू लाल गौर के बयानों पर अब शोध होने लगा है। एक तरफ शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा कांग्रेसनीत केंद्र सरकार पर मध्य प्रदेश के साथ अन्याय का आरोप लगाया जाता है, वहीं दूसरी ओर बाबू लाल गौर द्वारा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ से लगभग हर सप्ताह मिलकर उनसे जो इमदाद प्रदेश को दिलाई जाने का दावा जनसंपर्क विभाग के माध्यम से किया जाता है उसकी तादाद ढाई हजार करोड़ रूपयों से कहीं अधिक हो चुकी है।
दिल्ली के सियासी गलियारों में भी मध्य प्रदेश के भाजपाई मंत्री बाबू लाल गौर का कमलके बजाए ‘‘कमल नाथ‘‘ के प्रति प्रेम भी चर्चाओं में ही है। कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा में परासिया के प्रकरण में समूची भाजपा एक तरफ होने के बाद भी गौर ने कमल नाथ का ही साथ दिया बताया जाता है। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि कमल नाथ और सोनिया गांधी की स्तुति करने वाले बाबू लाल गौर अगर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

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