शिवराज को हराने पर
ही तुला प्रशासन!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)।
मुख्यमंत्री की जन आर्शीवाद यात्रा को लेकर जिला मुख्यालय में मीडिया जगत में रोष
और असंतोष देखा गया। बताया जाता है कि जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा सीएम की
यात्रा के लिए पत्रकारों के दल को ले जाया जाना सुनिश्चित किया गया था।
इस दल में कौन कौन
शामिल होगा, इस बात को
लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। कहा जा रहा है कि जो मीडिया पर्सन्स अक्सर
जिला जनसंपर्क कार्यालय में जाकर हाजिरी लगाते हैं उनकी आज खासी पूछ परख रही।
शनिवार को जिला मुख्यालय में कुछ चुनिंदा मीडिया से जुड़े लोगों को जनसंपर्क विभाग
द्वारा फोन कर सूचित किया गया था कि सुबह जनसंपर्क कार्यालय से मुख्यमंत्री की
यात्रा के कव्हरेज के लिए विशेष वाहन की व्यवस्था की गई है।
इस संबंध में
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्द गजट को किसी तरह की सूचना न तो शनिवार को
ही दी गई और न ही रविवार को ही दी गई। जब इस संबंध में जिला जनसंपर्क अधिकारी से
संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और हिन्द
गजट का नाम जनसंपर्क कार्यालय की सूची में न हो।
जब पीआरओ को यह
बताया गया कि जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा ही हिन्द गजट को जुलाई में निरंतरता
का प्रमाण पत्र दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कम से कम
हिन्द गजट का नाम तो जनसंपर्क कार्यालय की सूची में शामिल है, पर बावजूद इसके
हिन्द गजट को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से वंचित रखा जाना आश्चर्यजनक ही माना जा
रहा है। इतना सब होने के बाद भी पीआरओ द्वारा हिन्द गजट और समाचार एजेंसी को उस
वक्त भी सीएम के कार्यक्रम के कव्हरेज के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
ज्ञातव्य है कि
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजिटल समाचार एजेंसी है, जो निरंतर खबरों का
प्रसारण करती है। इसकी खबरें देश के ख्यातिलब्ध समाचार पत्रों, समाचार वेब
पोर्टल्स, विभिन्न
मीडिया माध्यमों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित की जाती हैं, साथ ही साथ हिन्द
गजट सिवनी जिले का प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र है। इन दोनों ही मीडिया के
प्रतिष्ठानों की इस तरह उपेक्षा की शिकायत मुख्यमंत्री, जनसंपर्क मंत्री, जनसंपर्क आयुक्त
आदि से की गई है।
वहीं, आज दिन भर जिला जनसंपर्क
कार्यालय की ‘चीन्ह
चीन्ह‘ कर बांटी
गई आमंत्रण की रेवड़ी की चर्चाएं तेज रहीं। लोगों का कहना था जब चुनाव सर पर हों उस
समय अगर शासन, प्रशासन और
मीडिया के बीच सेतु का काम करने वाला जनसंपर्क विभाग ही इस तरह की हरकत करे तो इसे
यही समझा जाए कि प्रशासन ही शिवराज सिंह चौहान की हार के मार्ग प्रशस्त करने पर
अमादा हो गया है।