हल्का सा बदलाव रहेगा मौसम में
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)। पश्चिमी विक्षोभ
देश में गरमी के मौसम में कुछ बदलाव ला रहा है। इसके साथ ही साथ इस साल बारिश समय से
पूर्व होने के संकेत भी मिल रहे हैं। गरमी तो आने वाले दो माहों तक अपने पूरे शबाब
पर ही रहेगी, पर दिल्ली में जून के दूसरे सप्ताह ही बारिश की फुहार आने के
संकेत मिले हैं।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण गुरुवार
शाम को दिल्ली और उसके आस-पास आंधी के साथ बारिश हो सकती है। इससे गर्मी से जरुर राहत
मिल जाएगी, लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए यह बारिश बहुत महंगी
साबित हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत में एक थंडर एक्टिविटी बन सकती
है। इससे तेज हवा के साथ हल्की वर्षा की संभावना बन रही है। इस दौरान आसमान में आंशिक
रूप से बादल छाए रहेंगे और रविवार तक यह सिलसिला चलता रहेगा। राष्ट्रीय मध्यम अवधि
मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बृहस्पतिवार तक दिन में आसमान
साफ रहेगा और शाम को थंडर स्ट्रॉम बन सकते हैं। इस दौरान शाम को गर्जन वाले बादल बनेंगे
और अंधड़ आने की संभावना बनेगी।
ज्ञातव्य है कि सोमवार रात हल्की
वर्षा के बाद आई तेज आंधी के बाद मंगलवार सुबह से ही आसमान साफ रहा। इससे 24 घंटों में अधिकतम तापमान
में कमी आई। अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया,
जो कि
सामान्य से चार डिग्री कम रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया
गया। इस दौरान सुबह और शाम को ठंडी हवाएं चलीं। जिससे शहरवासियों को अधिक गर्मी से
राहत मिली। मंगलवार को अधिकतम आर्द्रता 67 फीसदी और न्यूनतम आर्द्रता 32 फीसदी दर्ज की गई। अगले
दो दिनों में 34 से 36 डिग्री सेल्सियस तक अधिकतम तापमान
रहने का अनुमान है। वहीं, न्यूनतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस रह सकता
है।
इस सप्ताह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के
कारण होनेवाली बारिश से जरुर तापमान कम हो जाएगा, लेकिन यह किसानों के लिए
अच्छी खबर नहीं है। गेहूं की फसल तैयार है । इस बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचने
का अंदेशा है। पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ था।
मानसून के बारे में भी कहा जा रहा
है कि यह एक पखवाड़े पहले ही अपनी आमद दे सकता है। इस बार दिल्ली मानसून बादलों से 15 दिन पहले यानी 12 जून के आस-पास ही बारिश
से सराबोर हो जाएगी। यह अलनिनो के कारण हो रहा है। हालांकि इसलिए कड़कड़ती गर्मी इस बार
जल्द ही पड़नेवाली है। इस महीने के आखिर में दिल्ली तपने लगेगी। इस बार मानसून पहले
आने के साथ सामान्य भी रहेगा।
प्रशांत महासागर में 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस तक तापमान
में हुई बढ़ोतरी मध्य भारत में आने वाले मॉनसून पर एक बड़ा फर्क डालने वाली है। समुद्री
तापमान में बढ़ोत्तरी से यहां अल-निनो का प्रभाव बन गया है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक,
अल-निनो
के असर से मार्च के अंत से लगातार थंडर एक्टिविटी (आंधी-बारिश) नहीं आई है। थंडर एक्टिविटी
कम होने के कारण गर्मी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। अगर कुछ दिनों तक थंडर शावर (बारिश)
नहीं आए तो मई के अंत में पड़ने वाली गर्मी के दर्शन लोगों को अप्रैल के अंत में ही
हो जाएंगे।
मौसम विभाग के अनुसार, इससे जुलाई के प्रथम सप्ताह
में दिल्ली आने वाला मॉनसून दो सप्ताह पहले ही क्षेत्र में दस्तक दे सकता है। हालांकि
यह कमजोर स्थिति में हो सकता है। राष्ट्रीय मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के विशेषज्ञ
बीपी यादव ने बताया कि प्रशांत महासागर में पिछले तीन महीनों से बन रहा ला-निना का
प्रभाव समाप्त हो गया है। इससे सामान्य मॉनसून की स्थितियां बिगड़ी हैं। यहां तापमान
बढ़ने से अल-निनो का प्रभाव बना है।
इसके असर से उत्तर, पूर्व और मध्य भारत में समय
से पंद्रह दिन पूर्व मानसून आने की संभावना है। वहीं, इसके प्रभाव से दक्षिण भारत
में सामान्य से अधिक ताकतवर मॉनसून आ सकता है। राष्ट्रीय मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान
केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह ने बताया कि तापमान में इजाफा होने से इस समय
सरसों, मूंग, उरद और सब्जियों की फसलों पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं, पोट्री की उत्पादकता पर भी
काफी असर पड़ने का अनुमान है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने खबर दी है कि आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष देश
में मॉनसून के सामान्य होने की संभावना है। सूखे जैसी किसी स्थिति को खारिज करते हुए
कहा गया है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मॉनसून के सामान्य होने के सभी संकेत हैं।
इस वर्ष प्रतिकूल वातावरण या सामुद्रिक
स्थिति सामान्य मॉनसून में बाधक नहीं हो सकती। जून से सितम्बर के दौरान मॉनसून कृषि
उत्पादन और आर्थिक वृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे देश की कृषि भूमि के
लगभग साठ प्रतिशत हिस्से को पानी मिलता है। इधर, प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव
का दौर जारी है। मौसम में आए इस बदलाव के बारे में मौसम विभाग के सूत्रों ने उक्ताशय
की जानकारी दी है।
शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो स्वाति सिंह ने बताया
कि सूबे के अधिकांश भागों में आज दिन भर छिटपुट बादल छाए रहे। हालांकि लाहौल-स्पिति
में मौसम साफ बताया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही वर्षा की वजह से तापमान
में गिरावट दर्ज की गई है। केलंग में न्यूतनम तापमान 2 दशमलव एक डिग्री सेल्सियस
रिकॉर्ड किया गया जबकि राजधानी शिमला में आज अधिकतम तापमान 21 दशमलव 2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम
12 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम
विभाग ने आने वाले 24 घंटों के दौरान प्रदेश भर
में मौसम साफ रहने व कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है।