शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

भारत की शान बना अग्नि पांच



भारत की शान बना अग्नि पांच

(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का कल सफल परीक्षण कर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढाया है। इसकी मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली अग्नि-५  मिसाइल का ओडिशा तट के पास व्हिलर द्वीप से एक चलते फिरते प्लेटफार्म से किया गया।
इस परीक्षण के साथ भारत महत्वपूर्ण पांच देशों के साथ खड़ा हो गया है, जिनके पास अंतर-महाद्वीपीय मिसाइल  हैं।भारत ने पहली बार ऐसी मिसाइल का निर्माण किया है, जिसके दायरे में पूरा चीन आ गया है।राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अग्नि-५ के सफल परीक्षण पर डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिकों तथा तकनीशियनों को बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डीआरडीओ के निदेशक वी० के० सारस्वत ने कहा है कि ये मिसाइल रूख बदलेगा और कई भूमिकाएं निभा सकता है। उनहेंने कहा कि अग्नि-५ के प्रक्षेपण के साथ भारत एक बड़ी मिसाइल शक्ति के रूप में उभरा है और यह उन छह देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास इस प्रकार की मिसाइलों को डिजाइन करने, इनका विकास करने, निर्माण करने की क्षमता है और साथ ही रक्षा क्षेत्र में सामरिक क्षमता भी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार १७ दशमलव पांच मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी तथा लगभग पचास टन की इस मिसाइल को जब छोड़ा गया तो यह नारंगी रंग का घुंआ छोड़ते हुए आकाश में तेजी से बढ़ा। इस पर लगभग डेढ़ टन के नकली हथियार भी थे। हिंद महासागर में पांच हजार किलोमीटर दूर लक्ष्य को बेधने के लिये मिसाइल वायु मंडल में प्रवेश करने से पहले छह सौ मीटर की ऊंचाई पर पहुंची। यह अत्याधुनिक मिसाइल एक टन से अधिक भार का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
भारत इस तरह की मिसाइल रखने वाले अमरीका, चीन, रूस और फ्रांस जैसे चुनिन्दा देशों में शामिल हो गया है। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अग्नि-५ के सफल परीक्षण पर डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिकों तथा तकनीशियनों को बधाई दी है। डॉ० मनमोहन सिंह ने अपने संदेश में कहा कि राष्ट्र इस गौरवशाली सफलता के अवसर पर वैज्ञानिक समुदाय के साथ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अग्नि-५ मिसाइल का सफल परीक्षण वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक समुदाय की राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना और सम्मान का प्रदर्शन है। उन्होंने सभी तकनीकी विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना को सफल बनाकर देश को और मजबूत किया है। मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने कहा है कि हमारे महान वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि सब कुछ संभव है।

हल्का सा बदलाव रहेगा मौसम में


हल्का सा बदलाव रहेगा मौसम में

(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)। पश्चिमी विक्षोभ देश में गरमी के मौसम में कुछ बदलाव ला रहा है। इसके साथ ही साथ इस साल बारिश समय से पूर्व होने के संकेत भी मिल रहे हैं। गरमी तो आने वाले दो माहों तक अपने पूरे शबाब पर ही रहेगी, पर दिल्ली में जून के दूसरे सप्ताह ही बारिश की फुहार आने के संकेत मिले हैं।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण गुरुवार शाम को दिल्ली और उसके आस-पास आंधी के साथ बारिश हो सकती है। इससे गर्मी से जरुर राहत मिल जाएगी, लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए यह बारिश बहुत महंगी साबित हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत में एक थंडर एक्टिविटी बन सकती है। इससे तेज हवा के साथ हल्की वर्षा की संभावना बन रही है। इस दौरान आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और रविवार तक यह सिलसिला चलता रहेगा। राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बृहस्पतिवार तक दिन में आसमान साफ रहेगा और शाम को थंडर स्ट्रॉम बन सकते हैं। इस दौरान शाम को गर्जन वाले बादल बनेंगे और अंधड़ आने की संभावना बनेगी।
ज्ञातव्य है कि सोमवार रात हल्की वर्षा के बाद आई तेज आंधी के बाद मंगलवार सुबह से ही आसमान साफ रहा। इससे 24 घंटों में अधिकतम तापमान में कमी आई। अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से चार डिग्री कम रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दौरान सुबह और शाम को ठंडी हवाएं चलीं। जिससे शहरवासियों को अधिक गर्मी से राहत मिली। मंगलवार को अधिकतम आर्द्रता 67 फीसदी और न्यूनतम आर्द्रता 32 फीसदी दर्ज की गई। अगले दो दिनों में 34 से 36 डिग्री सेल्सियस तक अधिकतम तापमान रहने का अनुमान है। वहीं, न्यूनतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
इस सप्ताह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण होनेवाली बारिश से जरुर तापमान कम हो जाएगा, लेकिन यह किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं है। गेहूं की फसल तैयार है । इस बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ था।
मानसून के बारे में भी कहा जा रहा है कि यह एक पखवाड़े पहले ही अपनी आमद दे सकता है। इस बार दिल्ली मानसून बादलों से 15 दिन पहले यानी 12 जून के आस-पास ही बारिश से सराबोर हो जाएगी। यह अलनिनो के कारण हो रहा है। हालांकि इसलिए कड़कड़ती गर्मी इस बार जल्द ही पड़नेवाली है। इस महीने के आखिर में दिल्ली तपने लगेगी। इस बार मानसून पहले आने के साथ सामान्य भी रहेगा।
प्रशांत महासागर में 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में हुई बढ़ोतरी मध्य भारत में आने वाले मॉनसून पर एक बड़ा फर्क डालने वाली है। समुद्री तापमान में बढ़ोत्तरी से यहां अल-निनो का प्रभाव बन गया है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अल-निनो के असर से मार्च के अंत से लगातार थंडर एक्टिविटी (आंधी-बारिश) नहीं आई है। थंडर एक्टिविटी कम होने के कारण गर्मी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। अगर कुछ दिनों तक थंडर शावर (बारिश) नहीं आए तो मई के अंत में पड़ने वाली गर्मी के दर्शन लोगों को अप्रैल के अंत में ही हो जाएंगे।
मौसम विभाग के अनुसार, इससे जुलाई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली आने वाला मॉनसून दो सप्ताह पहले ही क्षेत्र में दस्तक दे सकता है। हालांकि यह कमजोर स्थिति में हो सकता है। राष्ट्रीय मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के विशेषज्ञ बीपी यादव ने बताया कि प्रशांत महासागर में पिछले तीन महीनों से बन रहा ला-निना का प्रभाव समाप्त हो गया है। इससे सामान्य मॉनसून की स्थितियां बिगड़ी हैं। यहां तापमान बढ़ने से अल-निनो का प्रभाव बना है।
इसके असर से उत्तर, पूर्व और मध्य भारत में समय से पंद्रह दिन पूर्व मानसून आने की संभावना है। वहीं, इसके प्रभाव से दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक ताकतवर मॉनसून आ सकता है। राष्ट्रीय मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह ने बताया कि तापमान में इजाफा होने से इस समय सरसों, मूंग, उरद और सब्जियों की फसलों पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं, पोट्री की उत्पादकता पर भी काफी असर पड़ने का अनुमान है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने खबर दी है कि आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष देश में मॉनसून के सामान्य होने की संभावना है। सूखे जैसी किसी स्थिति को खारिज करते हुए कहा गया है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मॉनसून के सामान्य होने के सभी संकेत हैं।
इस वर्ष प्रतिकूल वातावरण या सामुद्रिक स्थिति सामान्य मॉनसून में बाधक नहीं हो सकती। जून से सितम्बर के दौरान मॉनसून कृषि उत्पादन और आर्थिक वृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे देश की कृषि भूमि के लगभग साठ प्रतिशत हिस्से को पानी मिलता है। इधर, प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। मौसम में आए इस बदलाव के बारे में मौसम विभाग के सूत्रों ने उक्ताशय की जानकारी दी है।
शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो स्वाति सिंह ने बताया कि सूबे के अधिकांश भागों में आज दिन भर छिटपुट बादल छाए रहे। हालांकि लाहौल-स्पिति में मौसम साफ बताया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही वर्षा की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। केलंग में न्यूतनम तापमान 2 दशमलव एक डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जबकि राजधानी शिमला में आज अधिकतम तापमान 21 दशमलव 2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के दौरान प्रदेश भर में मौसम साफ रहने व कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है।

हिकाका को नहीं छोड़ा माओवादियों ने


हिकाका को नहीं छोड़ा माओवादियों ने

(मुकुंद शर्मा)

भुवनेश्वर (साई)। ओड़िशा में बीजू जनता दल के अपहृत विधायक झिना हिकाका अब भी माओवादियों के कब्जे में हैं। ओड़िशा सरकार ने सीपीआई माओवादियों की आंध्र ओड़िशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति से फिर अपील की है कि श्री हिकाका को तुरंत सही सलामत छोड़ दें।
ओड़ीशा के गृहसचिव उपेन्द्रनाथ बेहरा ने भुवनेश्वर में बताया कि प्रजा अदालत के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं है और उन्हें इस बारे में केवल समाचार माध्यमों से ही पता चला है। श्री बेहरा ने कहा कि सरकार राज्य की विभिन्न जेलों में बंद १३ व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमें वापस लेने की घोषणा पहले ही कर चुकी है और उम्मीद है कि यह घोषणा माओवादियों तक पहुंच गई है।

इलैक्ट्रोनिक्स नीति जल्द


इलैक्ट्रोनिक्स नीति जल्द
(महेंद्र देशमुख)
नई दिल्ली (साई)। सरकार जल्दी ही राष्ट्रीय इलैक्ट्रोनिक्स नीति जारी करेगी। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कल पत्रकारों से कहा कि योजना आयोग के साथ विचार विमर्श चल रहा है और यह नीति जल्दी ही जारी होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि नीति का मसौदा अक्तूबर में जारी किया गया था और उस पर व्यापक विचार विमर्श पूरा हो चुका है।
इस नीति में आने वाले दशक के लिए देश में इलैक्ट्रोनिक क्षेत्र में विकास का पूरा खाका दिया जाएगा।इससे पहले श्री सिब्बल ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर इलैक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग करने के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता की।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सरकार देश में इलैक्ट्रोनिक क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठा चुकी है। भारत सेमीकन्डेक्टर डिजाइन का केन्द्र बन चुका है जिससे करीब दो अरब डॉलर की आमदनी हो रही है। श्री सिब्बल ने बताया कि देश का इलैक्ट्रोनिक क्षेत्र २०२० तक करीब एक सौ अरब डॉलर के निवेश से करीब चार सौ अरब डॉलर का कारोबार करना चाहता है जिससे लगभग दो करोड़ अस्सी लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

कयानी के बयान का स्वागत किया भारत ने


कयानी के बयान का स्वागत किया भारत ने
(ज़ाकिया ज़रीन)
हैदराबाद (साई)। भारत ने सियाचिन मुद्दे के समाधान और वहां से सैनिकों को हटाने के बारे में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल अशफाक परवेज कयानी के बयान का स्वागत किया है। भारत ने कहा है कि सैनिकों की तैनाती पर खर्च किये जा रहे धन का इस्तेमाल दोनों देशों में विकास के काम में किया जा सकता है।
रक्षा राज्य मंत्री एम.एम. पल्ल्म राजू ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान भी सियाचिन में सैनिकों की तैनाती से जुड़ी चुनौतियों और आर्थिक समस्याओं को महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सियाचिन में सैनिकों की तैनाती पर बड़ा खर्च आ रहा है।दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने भी श्री कयानी के बयान को सकारात्मक बताया है। सूत्रों ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच मुद्दे हल करने के बारे में सेना के सकारात्मक रुख का पता चलता है।