दो तिहाई पार्षद हैं करोड़पति
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में संपन्न
हुए नगर निगम चुनावों में अजीबोगरीब रिकार्ड बने हैं। इनमें एक ओर 51 फीसदी अर्थात 120 पार्षद करोड़पति हैं तो दूसरी
ओर 49 पार्षदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पंजाबी बाग की भाजपा पार्षद सतविंदर कौर
के पास 112 करोड़ रूपए की संपत्ति है।
एमसीडी के नए काउंसलरों में ज्यादातर
अमीरी के मामले में आगे हैं लेकिन एजुकेशन के मामले में बहुत पीछे। 236 काउंसलरों में से 51 पर्सेंट करोड़पति हैं जबकि
सिर्फ 39 पर्सेंट ही ग्रैजुएट हैं। सबसे अमीर काउंसलर बीजेपी - अकाली
दल की हैं और सबसे गरीब कांग्रेस के। दिल्ली इलेक्शन वॉच ने 272 काउंसलरों में से 236 के एफिडेविट की जांच की।
21 पर्सेंट यानी 49 काउंसलर ने बताया है कि
उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं। इनमें बीजेपी के 121 में से 29, कांग्रेस के 66 में से 14, बीएसपी के 14 में से 2 और आईएनएलडी का 1 काउंसलर शामिल है। 49 में से 12 के खिलाफ हत्या,
हत्या
की कोशिश, अपहरण, डकैती जैसे गंभीर मामले हैं। इनमें
बीजेपी के 5, कांग्रेस के 4 और बीएसपी का 1 काउंसलर है।
236 में से 120 काउंसलर यानी 51 पर्सेंट करोड़पति हैं। पंजाबी
बाग से बीजेपी काउंसलर सतविंदर कौर सिरसा के पास 112 करोड़ की प्रॉपर्टी है। नवादा
से निर्दलीय काउंसलर नरेश बलयान के पास 57.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है। तीसरे
नंबर पर सुभाष नगर से कांग्रेस काउंसलर मंजू सेतिया हैं, इनके पास 32.79 करोड़ की संपत्ति है। 11 काउंसलरों ने अपनी संपत्ति
4 लाख से कम बताई। इनमें सबसे काम संपत्ति वाले काउंसलर रमेश दत्त हैं। मिंटो रोड
से कांग्रेस के टिकट पर जीते रमेश के पास कुल संपत्ति 44,000 रुपये है। दूसरे नंबर पर
मंगोलपुरी वेस्ट से बीएसपी काउंसलर पूनम हैं। जिनके पास 77,000 रुपये की संपत्ति है।
सबसे ज्यादा सालाना इनकम हरि नगर
से कांग्रेस काउंसलर राजकुमारी ने बताई है। परिवार की कुल इनकम 94.8 लाख और अपनी 3.08 लाख बताई है। दूसरे नंबर
पर सबसे अमीर काउंसलर सतविंदर हैं। इनके परिवार की कुल सालाना इनकम 94.80 लाख है और इनकी अपनी 1.31 लाख। तीसरे नंबर पर ऐंड्रूजगंज
से कांग्रेस काउंसलर अभिषेक दत्त हैं। यह सालाना 27.58 लाख रुपये कमाते हैं। 10 पर्सेंट काउंसलर ने अपना
पैन कार्ड नहीं दिया है। 62 काउंसलर ने बताया है कि उन्होंने कभी इनकम टैक्स रिटर्न
नहीं भरा।
पैसों के मामले में काउंसिलर काफी
आगे हैं लेकिन पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं हैं। सिर्फ 39 पर्सेंट यानी 93 काउंसिलर ग्रेजुएट या इससे
ज्यादा पढ़े लिखे हैं। 2 काउंसिलर अनपढ़ हैं। 7 पर्सेंट 5 वीं या इससे कम पढ़े लिखे
हैं। 2 काउंसिलर पीएचडी धारक हैं। दोनों बीजेपी के हैं। रोहिणी सेंट्रल से शोभा विजेंद्र
और मुखर्जी नगर से रजनी अब्बी। अनपढ़ काउंसिलर में एक बीजेपी और एक कांग्रेस से हैं।
236 में से 6 काउंसिलर ने अपनी उम्र 25 साल से कम बताई। 2 ने उम्र नहीं लिखी है। जबकि
13 काउंसिलर 61 साल से ज्यादा के हैं।
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