असम के लिए पांच सौ
करोड़ रूपए की सहायता
(जाकिया तस्मिन रहमान)
नई दिल्ली (साई)।
प्रधानमंत्री ने बाढ़ग्रस्त असम के लिए पांच सौ करोड़ रूपये की तदर्थ सहायता की
घोषणा की है। असम के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद आज
गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक
केन्द्रीय दल, राज्य में
बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगा।
डाक्टर सिंह ने
राज्य सरकार और सुरक्षाबलों द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों पर संतोष
व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब तक चार लाख ८४ हजार लोगों ने सात सौ ६८ राहत
शिविरों में शरण ली है। इन सभी को चलते फिरते स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा
सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इससे पहले
प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज असम में
बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई भी उनके
साथ थे। इन तीनों नेताओं ने हेलीकॉप्टर से मजूली द्वीप, जोरहाट, सिबसागर, लखीमपुर और धेमाजी
जिलों का जायजा लिया, जो बाढ़ से सबसे
अधिक प्रभावित हैं।
इससे पहले, डाक्टर मनमोहन और
श्रीमती सोनिया गांधी आज सुबह करीब ११ बजे विशेष उड़ान से नई दिल्ली से जोरहाट के
रोरइया हवाईअड्डे पहुंचे। ये दोनों नेता, गुवाहाटी में मंत्रियों और अधिकारियों के
साथ बाढ़ की स्थिति पर विचारविमर्श करेंगे।असम में बाढ़ से अब तक ६१ लोगों की और
भूस्खलन गिरने से १६ लोगों की मौत हुई है। २७ जिलों में बाढ़ का असर पड़ा है।
काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
उधर समाचार एजेंसी
ऑफ इंडिया के असम ब्यूरो ने बताया कि आज बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है।
अधिकतर नदियों में बाढ़ का पानी घटना शुरू हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब
तक ७७ लोगों की बाढ़ और जमीन खिसकने से मौत हुई है। जिला प्रशासन ने ७६८ राहत शिविर
स्थापित किए है जहां चार लाख ८५ हजार लोग रह रहे हैं।
स्वास्थ विभाग
द्वारा आज १२२ चिकित्सादल तैनात किये गये हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन
ने २१ बाढ़ प्रभावित जिलों में दवाईयां खरीदने के लिए ७५ लाख रूपये मंजूर किया है।
पशु चिकित्सा विभाग ने भी ४५००० चिकित्सा शिविर लगाए हैं। बचाव और राहत कार्य पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, और सीआरपीएफ के
जवानों को तैनात किया गया है।
इस बीच, भारतीय वायु सेना
के हेलीकॉप्टरों ने असम के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बृहस्पतिवार से राहत और बचाव
कार्य के लिए २४ उड़ानें भरी हैं। हेलीकॉप्टरों ने करीब ४ हजार किलोग्राम खाद्य
सामग्री के पैकेट गिराए हैं। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार काफी बड़ी संख्या में
लोगों ने अपने पशुओं के साथ ऐसे छोटे-छोटे स्थानों पर शरण ले रखी है जहां बाढ़ का
पानी नहीं है। विज्ञप्ति के अनुसार पानी का स्तर घटना शुरू हो गया है और अभी
हेलीकॉप्टरों ने खाद्य सामग्री गिराना भी रोक दिया है लेकिन किसी भी आपात स्थिति
से निपटने के लिए पायलट तैयार हैं।
उधर, भाखड़ा और पोंग
बांधों में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जलस्तर कम है। भाखड़ा व्यास प्रबन्धन
बोर्ड के सूत्रों के अनुसार आज भाखड़ा बांध में जलस्तर पन्द्रह सौ पैंतीस फुट है
जबकि पिछले साल आज के दिन यह पन्द्रह सौ सतानवे फुट था। पोंग बांध का जलस्तर आज
बारह सौ नब्बे फुट रिकॉर्ड किया गया जबकि पिछले वर्ष इसी दिन यह तेरह सौ इक्यावन
फुट था। सरकारी सूत्रों के अनुसार ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ न पिघलने और सतलुज तथा
व्यास नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में अभी तक बारिश कम रहने के कारण इन बांधों
में जलस्तर घटा है। जलस्तर कम हो जाने से बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ा है। पंजाब
सरकार ने सिंचाई के लिए सप्ताह में एक बार पानी छोड़ने का फैसला किया है।