गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

बधाई पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के लिए


बधाई पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के लिए

(एस.के.खरे )

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में घटित तीन मामलों में पुलिस ने जिस तरह की तत्परता दिखाई है उससे वह निश्चित तौर पर बधाई की पात्र है। पहला मामला घंसौर का है जहां चार वर्ष की बालिका के साथ दुराचार किया गया था। दुराचार के उपरांत आरोपी सदा की भांति फरार हो गए थे। पुलिस ने बालिका को स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद जबलपुर ले जाया गया जहां से उसे बाद में महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर के केयर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। नागपुर में सिवनी की इस गुडिया की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस महानिरीक्षक संजय झा के अनुसार आरोपी बिहार का रहने वाला था संयोग से संजय झा भी बिहार से ही हैं। संजय झा ने इसके लिए विशेष रणीनीति बनाई और अनेक टीमें बिहार कोलकता दिल्ली आदि भेजीं।
इस मामले में मीडिया का रूख बहुत ही सकारात्मक रहा जिससे वह बधाई की पात्र है। मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया में आरोपी फिरोज के चित्र बार बार दिखाए जाने, पुलिस की रणनीति के अनुसार आरोपी के चित्र वाले पंप्लेट्स और पोस्टर्स वहां चिपकाए जाने से वहां के स्थानीय लोगों में जागरूकता आई और भीड़ ने आरोपी को घेर लिया। बताते हैं कि चेनल्स पर पुलिस के मोबाईल और अन्य नंबर्स दिखाए जा रहे थे, जिनका उपयोग जनता ने किया। जनता ने सिवनी के युवा एसपी मिथलेश शुक्ला को फोन पर इसकी सूचना दी।
दूसरा मामला अरी थाने का है जहां ग्राम टिकारी में साढ़े पांच साल की एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ और गंदी हरकत करने की सूचना अरी थाने में दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में धारा 363, 376 (2) (ज) (झ) तथा 8 लेंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर कार्यवाही करते हुए आरोपी मेहतलाल उईके को धर दबोचा। इसी तरह किंदरई में दर्ज अपराध में भी एक साढ़े पांच साल की बच्ची के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने जनता के सहयोग से आरोपी स्वरूप लाल को पकड़ लिया।
इन तीनों मामलों में पुलिस की तत्परता वाकई काबिले तारीफ है किन्तु जब बात आती है इन अपराधों के घटने की तो ये अपराध क्यों घटित हुए इस मामले में अगर गहराई से देखा जाए तो पहले मामले में पुलिस का दोष साफ नजर आता है। वर्ष 2008 से आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा लगभग सात हजार करोड़ रूपयों की लागत से कोल आधारित पावर प्लांट की स्थापना की जा रही है।
जाहिर है इतने बड़े पावर प्लांट की संस्थापना के लिए जो मेन पावर की जरूरत होगी उसमें स्किल्ड और अनस्किल्ड मेनपावर सिवनी के अलावा बाहर से लाना ही होगा। विडम्बना ही कही जाएगी कि प्रदेश सरकार को जमा कराए गए कार्यकारी सारांश में संयंत्र प्रबंधन ने सिवनी के मेन पावर को रोजगार देने का वायदा किया था, किन्तु वह अपना वायदा निभाने में असफल ही साबित हुआ है।
इसका प्रत्यक्ष उदहारण घंसौर की गुडिया के पिता हैं, जो अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर पूना में नौकरी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर महाकौशल अंचल और स्थानीय स्तर पर नेता नुमा ठेकेदारों ने इस संयंत्र पर कब्जा जमा लिया है। कृत्रिम विरोध कराकर ये पहले संयंत्र प्रबंधन को भयाक्रांत करते हैं और बाद में अपनी मनमानी पर उतारू हो जाते हैं। य़क्ष प्रश्न तो यह है कि इतना बड़ा संयंत्र यहां स्थापित हो रहा है और गुडिया के पिता को महाराष्ट्र के पूना जाकर नौकरी करने की क्या आवश्यक्ता?
संयंत्र प्रबंधन बहुत ही दावे के साथ सीना ठोंककर सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन की बात कहता है। प्रबंधन कहता है कि उसने घंसौर में आईटीआई खुलवाया है। अगर घंसौर में आईटीआई खुला है तो 2008 के पांच सालों बाद यहां से प्रशिक्षित लोगों में से कितने लोागों को संयंत्र प्रबंधन ने आज तक रोजगार दिया है? वैसे घंसौर में आईटीआई पहले से ही चल रहा था। संयंत्र प्रबंधन द्वारा कुछ गैर संरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से सामाजिक जिम्मेदारी की रस्म अदायगी भी की जा रही है। संयंत्र प्रबंधन यह बताने में असफल है कि उसने प्राईमरी स्तर की शिक्षा का क्या प्रबंध किया है। देखा जाए तो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कांधों पर यह जिम्मेवारी आती है कि वह यह सब कुछ सुनिश्चित करवाए।
वहीं दूसरी ओर पुलिस के सर पर यह जवाबदेही है कि वह नागरिकों की सुरक्षा के माकूल इंतजामात पुख्ता करे। पुलिस के अधिकारी यह कहकर अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते कि उनके पूर्ववर्ती थानेदारों या अफसरों ने एसा नहीं किया उनकी तैनाती अभी अभी हुई है। 2008 के उपरांत घंसोर थाने में पदस्थ रहे समस्त थानेदारों, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के खिलाफ इस बात को लेकर कार्यवाही होना चाहिए कि उन्होंने बाहर से आए आगंतुकों की आमद पुलिस थाने में दर्ज क्यों नहीं करवाई।
पुलिस को चाहिए कि वह अपराधियों में कानून का भय पैदा करे। इसके लिए उसे कुछ मिसालें पेश करना ही होगा। घंसौर में घटित इस दिल दहला देने वाले मामले में पुलिस अगर कठोर कार्यवाही करती है तो इसका बहुत अच्छा संदेश जा सकता है। इसके लिए पुलिस को चाहिए कि वह संयंत्र प्रबंधन पर शिकंजा कसे, उसके बाद संयंत्र प्रबंधन से ठेकेदार और ठेकेदारों से पेटी कांट्रेक्टर्स की सूची लेकर उन पर इस मामले में कार्यवाही करे के बाहर से आकर यहां नौकरी करने वालों की सूचना पुलिस को आखिर दी क्यों नही गई। मामला बहुत सीधा साधा नहीं होगा। चूंकि इसके मालिक गौतम थापर का इकबाल सियासी बियावान में जमकर बुलंद है अतः उन पर हाथ डालना आसान नहीं होगा। (साई फीचर्स)

आज सिवनी में पेश किया जाएगा वहशी फिरोज को


आज सिवनी में पेश किया जाएगा वहशी फिरोज को

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। महज चार साल की दुधमुंही बच्ची के साथ घिनौना कृत्य करने वाले आरोपी फिरोज को गुरूवार 25 अप्रेल को सिवनी लाया जाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा। मूंछ कटाकर भेष बदलकर बिहार के मुजाहिदपुर थाने में रहने वाले फिरोज खान को पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से पकड़ लिया। 01 मई से पुलिस सिवनी में मुसाफिरी अभियान का पालन सख्ती से करवाने वाली है।
उक्ताशय की बात आज यहां पुलिस अधीक्षक कक्ष में संपन्न पत्रकार वार्ता में जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक संजय झा ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने सायबर सेल की मदद इसलिए नहीं ली जा सकी क्योंकि आरोपी मोबाईल का उपयोग ही नहीं कर रहा था।
उन्होंने कहा कि आरोपी का पता उसके बैंक के एकांउट के माध्यम से लिया गया था। गौरतलब है कि मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन संयंत्र में उक्त आरोपी कार्यरत था और संयंत्र प्रबंधन या उसके ठेकेदार के पास भी इसकी पहचान का कोई प्रमाण ना होना आर्श्चजनक ही है। आईजी ने आगे बताया कि आरोपी ने वारदात करने के बाद घंसौर से ही एक मोबाईल भी खरीदा था।
मूलतः बिहार के निवासी पुलिस महानिरीक्षक संजय झा ने कहा कि बिहार की जनता ने इस मामले में जो जागरूकता दिखाई है उसकी उम्मीद वैसे तो नहीं की जाती है किन्तु इस मामले में विशेषकर माईनारिटी समूह द्वारा दिखाई गई जागरूकता निस्संदेह तारीफे काबिल है।
दो इलेक्ट्रानिक चेनल्स का आभार मानते हुए उन्होंने कहा कि इन चेनल्स पर फिरोज का फोटो और संपर्क वाले मोबाईल नंबर्स प्रदर्शित हो रहे थे, जिन्हें देखकर वहां से एसपी सिवनी को मोबाईल पर फिरोज की सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि फिरोज के लिए फांसी तक की सजा दिलवाने का प्रयास करेगी पुलिस।
आईजी झा ने कहा कि प्रदेश में 3407 बलात्कार के मामलों में अधिकतर मामलों में रिश्तेदार, जानपहचान वाले या पड़ोसी ही हैं। उन्होंने कहा कि धारा 376, 354, 509 जैसे मामलों में सजायाफ्ता लोगों के जिला बदर की कार्यवाही भी पुलिस द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
संजय झा ने कहा कि एक मई से सिवनी पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जाकर बाहर के प्रांतों से आने वाले लोगों की मुसाफिरी दर्ज करवाने का काम सख्ती से आरंभ किया जाएगा। साथ ही साथ किराएदारी का सत्यापन भी कराए जाने की बात उनके द्वारा कही गई।
वहीं बिहार से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि भागलपुर के मुजाहिदपुर थाना अंतर्गत हुसैनाबाद मुहल्ला में फिरोज खान को उसके मौसा सलाहुद्दीन के घर से स्थानीय लोगों के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया।
बांका जिला के अमरपुर थाना अंतर्गत ढिमरा गांव का निवासी फिरोज खान (35) मध्य प्रदेश के झाबुआ पावर प्लांट लिमिटेड बरेला में वेल्डर का काम करता था।  फिरोज की तलाश में बांका जिले में खाक छानने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सुपौल जिले में भी डेरा जमा लिया था। दरअसल, आरोपी फिरोज के नेपाल भाग जाने की आशंका से ऐसा किया गया था। लेकिन बिहार पुलिस के सहयोग से ऐसा नहीं हो सका और आरोपी फिरोज भागलपुर से गिरफ्तार किया जा सका।
साई न्यूज के बिहार ब्यूरो ने बताया कि मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के घनसौर थाना क्षेत्र में गत 17 अप्रैल को एक पांच वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी फिरोज खान को आज भागलपुर जिले की एक अदालत ने तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी। फिरोज खान को आज सुबह भागलपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आर सी मालवीय के समक्ष पेश किया गया, जिन्होने खान को तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश से आयी पुलिस टीम को ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी।
0 मां के बाद मौसी ने कहा आग लगा देती
फिरोज खान जब हुसैनाबाद में रहने वाली इसकी मौसी (खाला) के घर गया था, उस समय उसकी मौसी के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने उसे पहचान लिया, उस समय मीडिया के सामने फिरोज की खाला ने कहा कि उसे नही मालूम था कि फिरोज ने इंसानियत को शर्मसार करने जैसा काम किया है, वरना मैं उसे चूल्हे की लकड़ी जैसे जला देती।
0 मासूम बच्ची को दे दी जाये इनाम की राशि
बिहार प्रदेश में एक तरफ तो फिरोज जैसे वहशी दरिंदों ने बिहार को बदनाम किया। वहीं बिहार की ही जनता ने उसे पकड़कर कुछ हद तक अपने माथे में लगे दाग को धोने का काम किया है। सबसे तारीफ की बात तो यह है कि आरोपी फिरोज के ऊपर 01 लाख का ईनाम था। ईनाम किसको दिया जाये, इस सवाल के जवाब में फिरोज में पकडऩे वाली जनता ने यह कहा कि ईनाम की राशि उनकी ओर से पीड़ित बच्ची को दे दिया जाए। उल्लेखनीय है कि फिरोज को मुस्लिम समाज के लोगों ने ही पकड़कर पुलिस के हवाले कर यह साबित कर दिया कि वहशी दरिंदे और शैतान किसी धर्म- मजहब के नहीं होते।
0 मुस्लिम समुदाय ने पकड़ा आरोपी को
श्री झा ने बताया कि हुस्नाबाद बड़ी मस्जिद के पास जब फिरोज घूम रहा था, तब वहां लोगों ने उसे पहचान लिया और उसे पकड़ा, जिसमें मुस्लिम समाज की तादाद अधिक थी, जिन्होंने फिरोज नामक आरोपी को पकड़ा।
0 1 मई से छेड़ेंगे मुहिम
जिले में बाहर से आकर रहने वाले व्यवसाई और संदिग्ध लोगों की पतासाजी और मुसाफिरी दर्ज करने की मुहिम 01 मई से छेड़ी जायेगी। झा ने कहा कि अलग- अलग कंपनियों के जो ठेकेदार बाहर से जो मजदूर और कर्मचारी लाते हैं, उनकी पूरी जानकारी देना उनका कर्तव्य होगा। अन्यथा संबंधित लोगों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
0 लाडली लक्ष्मी सुरक्षा अभियान का हुआ शुभारंभ
मासूम बिटिया को दरिंदो से बचाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाडली लक्ष्मी अभियान का शुभारंभ किया गया। बताया जाता है कि इस योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पुलिस विभाग के अधिकारी- कर्मचारी लोगों के बीच पहुंचकर अपनी बिटिया को हर तरह से सुरक्षा प्रदान किये जाने हेतु जनजागृति फैलायेंगे।
इसके लिए उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की सूचना के लिए पुलिस अधीक्षक के मोबाईल नं. 9479998001, अति. पुलिस अधीक्षक  9479998002, एसडीओपी सिवनी 9479998003, थाना प्रभारी सिवनी 9425157508 एवं महिला डेस्क प्रभारी 94245851394 में जानकारी देने की बात भी कही। 

ग्राम पंचायत सारंगी हुई सम्मानित


ग्राम पंचायत सारंगी हुई सम्मानित

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि पंचायतों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि लोग पंचायतों को मजबूत करके राजनीति के बारे में ज्यादा जागरूक हुए हैं। नई दिल्ली में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में डॉ० सिंह ने कहा कि १५ राज्यों ने पंचायतों में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत सीटे आरक्षित की हैं।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में अपनी लोकल बॉडिज में अन्य पिछड़े वर्गों और महिलाओं के आरक्षण के लिए कानून बनाये हैं जो महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से हकदार बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम हो सकता है। प्रधानमंत्री ने देश भर में पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत करने को कहा।
पंचायतों को मजबूत बनाने की राज्य सरकारों की कोशिशों में मदद करने के लिए हमने १२वीं योजना में पहले से कहीं ज्यादा राशि मुकरर की है। इस मकसद के लिए बजटीय सहायता करीबन १० गुना बढ़ाकर ११वीं पंचवर्षीय योजना के छः सौ अठासठ करोड़ रूपये की तुलना में छह हजार चार सौ सैंतीस करोड़ रूपये बढ़ा दी गई।
डॉ. मनमोहन सिंह ने आशा व्यक्त की कि राज्य स्थानीय स्वायत्त संस्थानों को मजबूत करने के लिए इस राशि का पूरी तरह से इस्तेमाल करेंगे। प्रधानमंत्री ने विकास प्रक्रिया को ज्यादा समावेशी और सतत्घ् बनाने के लिए राज्यों को केन्द्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। डा० सिंह ने राज्यों से ये सुनिश्चित करने को कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत सही मायनों में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो और निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके अधिकार और जिम्मेदारियां पूरी तरह से मिलें।
उन्होने कहा कि ये ख्याल रखना होगा कि पंचायती राज का मकसद डी-सैंट्रलाइजेशन है। जिसमें लोगों को खुद शासन की व्यवस्था चलाने का असली हक मिल पायेगा। इसके लिए हमें सही मायनों में शक्तियां और जिम्मेदारियां निर्वाचित प्रतिनिधियों को देनी होंगी। इन शिकायतों के बारे में कि केन्द्र और राज्य स्तर पर अधिकारी स्थानीय निकायों के साथ सत्ता बांटने में आनाकानी करते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रवैये में परिवर्तन किये जाने की जरूरत है।
इस अवसर पर  मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड की ग्राम पंचायत सारंगी की ग्राम सभा को ग्राम विकास में दायित्वों के श्रेष्ठतम निर्वहन के लिए वर्ष 2012-13 के लिए राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय पंचायत दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने ग्राम पंचायत सारंगी की सरपंच फुदीबाई मैदा को सम्मानित किया। सम्मान में  8 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
समारोह में मध्यप्रदेश की चयनित श्रेष्ठ त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को दो करोड़ दो लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान किये गये। पंचायतों का सशक्तिकरण और जवाबदेही पुरस्कार योजना 2013 में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित जिला पंचायत इंदौर और सागर को सम्मानित किया गया तथा प्रत्येक को 40 लाख पुरस्कार राशि के रूप में दिये गये। जनपद पंचायत हरदा और खरगौन को पुरस्कार के रूप में दो-दो लाख रुपये दिये गये। इसके अलावा मध्यप्रदेश की श्रेष्ठ 12 ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कृत किया गया। इन सब को 6-6 लाख रुपये पुरस्कार राशि के रूप में दिये गये। इनमें खरगौन जिले की ग्राम पंचायत लिक्खी, बड़गांव और भोरठ, हरदा जिले की ग्राम पंचायत रायबोर और भाटपरेतिया, नरसिंहपुर जिले की ग्राम पंचायत आंगनबाड़ा, उमरिया और गोगावरी, सागर जिले की ग्राम पंचायत रामपुर और बरखेड़ा गोठन तथा मंडला जिले की इन्द्री ग्राम पंचायत शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की कुल 23 हजार 6 ग्राम पंचायत, 313 जनपद पंचायत और 50 जिला पंचायत ग्रामीण अंचलों के विकास में सशक्त भूमिका निभा रही हैं। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के सुचारू क्रियान्वयन के जरिये ग्रामीण अंचलों में जहां तरक्की की रफ्तार तेज हुई है वहीं ग्रामीणों को आर्थिक विकास के व्यापक अवसर मिले हैं। 

भोर होते तक चला कवि सम्मेलन


भोर होते तक चला कवि सम्मेलन

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भगवान महावीर स्वामी के जन्मोत्सव के अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज सिवनी द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के अवसर पर कवियों ने श्रोताओं को गुदगुदाया, हंसाया, चिंतन के साथ साथ तत्कालिक घटनाओं पर आधारित रचनाओं से मंच को जोड़ा, किसी भी संवेदनशील विषय को न छेड़ते हुए राजनीति पर करारे व्यंग्यों के माध्यम से रात्रि के तीसरे पहर तक काव्य रसिकों ने इसका भरपूर आनंद लिया। कवियों का स्वागत एवं परिचय पारस जैन ने कराया, जबकि आभार संजय जैन संजू ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम के संचालक ग्वालियर से आये अतुल अजनबी ने दिल्ली एवं सिवनी के घंसौर में घटित घटना पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हवस के हाथों तितली के पर भी नोच लिये, बिना परो के फिजा में वह उड़ नहीं पाती, इसलिए तो रूखसत हुई है दुनिया से कि जिंदा रहके बहारो से उड़ नही पाती।्य ओज हास्य के सशक्त हस्ताक्षर धार से आये संदीप शर्मा ने जहां हास्य पर आधारित वाहवाहके कई जुमले दिये वही ओज की रचना देते हुए कहा कि अरे त्याग का रंग, राष्ट्र कलंगी नहीं हो सकता, कुछ भी हो जाये, भगवा आतंकी नहीं हो सकता।
झांसी से आये देवेंद्र नटखट ने आध्यात्म से ओतप्रोत रचना के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि दल को नहीं दिलों को रंग ले, तू अबीर बन जायेगा, चीर नहीं रे पीर हरे तू शूरबीर बन जायेगा, सत्य अहिंसा, अपरिग्रह से तपकर शुद्ध हुआ तो सच कहता हूं तू युग का महावीर बन जायेगा।
श्रृंगार से ओतप्रोत रचना के माध्यम से भिण्ड से पधारे राजेश शर्मा ने कहा कि उन्हीं बेदर्द लहरों के इशारों पर लिखा होगा, किसी ने नाम मेरा, जब किनारों पर लिखा होगा, दिलों पर अब भी लिखा लो ढाई आखर प्रेम का, वरना यहां खुशहाल बस्ती थी, नजारों पर लिखा होगा।
संवेदना से ओत प्रोम रचना के माध्यम से अपनी बात रखते हुए रविंद्र रवि ने कहा कि बहारे लाख हो पर पतझड़ों को भूल मत जाना, बुलंदी पाके तू अपनी जड़ों को भूल मत जाना, दुआ करते हैं ये अक्सर तुम्हारी कामयाबी की, कभी भी भूलकर अपने बड़ों को भूल मत जाना।
इंदौर से पधारी कोकिला कण्ठ कवियित्री अंजली सराफ ने मां के चरणों का वंदन करते हुए अपनी बात रखते हुए कहा कि जन्नत के फेरे मेरे सुबहों शाम हो गये, दुनिया के सारे पुण्य मेरे नाम हो गये, जब- जब भी मुझको मां ने यूं लगा लिया गले, भगवान की कसम है चारो धाम हो गये।
महाराष्ट्र के मालेगांव से आये सुंदर मालेगांवी ने जहां लोगों को अपनी छोटी बड़ी रचनाओं से हंसाया, गुदगुदाया तथा पारिवारिक जुमलों से हास्य की बात करते हुए कहा कि इश्त तो बेहिसाब कर डाला, खुद को बासी कबाब कर डाला, घेरकर मुझको मेरे सालों ने अगला पिछला हिसाब कर डाला। इस दौरान वारासिवनी से पधारे मनोज पाराशर ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से चिंतन छोड़ा। अंत में श्रोताओं ने यह कहने से भी नहीं चूक े कि गरिमा के अनुकूल लंबे समय बाद कवि सम्मेलन सुनने तथा कविता का आनंद मिला है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विनोद कौशल, चंदू वैसाखिया, दिनेश जैन, पारस जैन, सुनील जैन, सुनील कुमार, प्रभात जैन, विपनेश जैन, नीलेंद्र जैन, प्रभात बीडी जैन, आनंद जैन, प्रशांत जैन, सिद्धार्थ जैन, नीरज जैन, संजय नायक, संजय जैन का सराहनीय योगदान रहा। 

शिक्षा मंत्री ने पबनावा गांव का किया दौरा


शिक्षा मंत्री ने पबनावा गांव का किया दौरा

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। प्रदेश की शिक्षा तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री गीता भुक्कल ने पबनावा गांव में दोनों समुदायों से गांव में शांति स्थापित करने तथा आपसी भाईचारा कायम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को गांव में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। हमारे सामाजिक ताने-बाने में एक ही गांव में शादी करना गलत है। इस घटना के लिए दोनों समुदाय जिम्मेदार हैं। इसलिए दोनों समुदायों को मिलकर गांव में पहले जैसा माहौल बनाकर भाईचारे की भावना को बढ़ाना होगा। भुक्कल आज पबनावा गांव में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए गांव पहुंची थी। इससे पूर्व उन्होंने बस्ती का दौरा किया तथा वहां उपस्थित महिलाओं से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हर रोज पबनावा गांव की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा 24 नामजद व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा समुदाय की मांग पर इस घटना की जांच कर रहे उप पुलिस अधीक्षक को बदल दिया गया है। उन्होंने बुजुर्गों से अपील की कि वे अपने बच्चों तथा परिवार के अन्य सदस्यों को गांव में लेकर आएं। उन्होंने इन परिवारों को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार द्वारा इस समुदाय को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए विशेष वाहन का प्रबंध जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। हिंसक घटना के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गठित कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट दे दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 82 मकान क्षति ग्रस्त हुए हैं तथा कमेटी द्वारा लगभग साढ़े 11 लाख रुपए की संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि गांव में इस समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है तथा गांव में आपसी भाईचारे को कायम करने के लिए कमेटी बनाई गई हैं। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा मुस्तैदी से काम करने से एक बड़ी घटना होने से टल गई है। प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद करने को तैयार है तथा उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और पुलिस प्रशासन द्वारा दिन और रात की अलग शिफ्टों में पुलिस बल तैनात किया गया है। गांव में पीड़ित परिवारों की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा फूड पैकेट भी मुहैया करवा जा रहे हैं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव ने शिक्षा मंत्री को 13 अप्रैल को हुई हिंसक घटना तथा जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी दी। इस अवसर पर उपमंडलाधीश हवा सिंह पचार, उप पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र भौरिया, जिला शिक्षा अधिकारी जसबीर सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी सरिता चौहान, बीडीपीओ सूरज भान सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण मौजूद रहे।

रिश्वतखोरी व यातनाएं देने के मामले में एसओ को मिली जमानत


रिश्वतखोरी व यातनाएं देने के मामले में एसओ को मिली जमानत

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। पांच युवकों को स्कूटी चोरी के नाम यातनाएं देने वाले आरोपी मंसूरपुर एसओ पंकज त्यागी व चार अन्य को आज न्यायालय से जमानत मिल गई। सोमवार रात्रि उक्त मामला एसएसपी मंजिल सैनी के संज्ञान में आया था। एसओ मंसूरपुर के खिलाफ गंभीर शिकायतों के चलते एसएसपी ने थाना मंसूरपुर जाकर एसओ मंसूरपुर पंकज त्यागी व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपों की जांच की थी। जांच सही पाये जाने पर एसएसपी ने एसओ पंकज त्यागी व सिपाही सतेन्द्र, जितेन्द्र, अनुज यादव को तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दिये थे तथा एसओ का फालोअर वसीम भी गिरफ्तार किया गया था।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना मंसूरपुर के गिरफ्तार एसओ पंकज त्यागी व चारों अन्य आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने एसओ सहित सभी को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किये।
इस मामले में खास बात यह है कि गत देर रात्रि गिरफ्तार किये गये एसओ पंकज त्यागी व अन्य पर रिश्वतखोरी, गंभीर यातनाऐं देने तथा पांचों युवकों को बिजली का कंरट लगाने पर कड़ी धाराएं लगाने की बात एसएसपी ने स्वयं की थी लेकिन आज 342323 आईपीसी जैसी हल्की धाराओं में पांचांे का चालान पुलिस ने किया। जिसके चलते मंगलवार को ही निलम्बित एसओ पंकज त्यागी व अन्य को न्यायालय से जमानत मिल गई।

हनुमान जयंती की पूर्वसंध्या पर हुई साफ सफाई


हनुमान जयंती की पूर्वसंध्या पर हुई साफ सफाई

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। हनुमान जयंती की पूर्व संध्या पर दिन भर नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों ने शहर में साफ सफाई के काम को रस्मी अदायगी के साथ अंजाम दिया। आज शहर के मुख्य चौक चौराहों पर पालिका के कर्मचारी मुस्तैदी के साथ नजर आए किन्तु नागरिक यह विचार करने पर विवश हैं कि आखिर कचरा हफ्तों तक सड़कों पर पड़ा क्यों रहता है।
गौरतलब है कि गुरूवार को हनुमान जयंती है। इस अवसर पर शहर की साफ सफाई के लिए मुस्तैद नगर पालिका प्रशासन ने चौक चौराहों की साफ सफाई कर एक रस्म अदायगी कर अपनी नेक नियति का परिचय दिया है। इस अवसर पर नगरीय साफ सफाई अभियान के तहत चौक चौराहों पर जमा कूड़े करकट के ढ़ेर हटाए गए।
लोगों का मानना है कि रोजना साफ सफाई झाडू बुहारे के बाद भी आखिर कचरे के ढ़ेर क्यों पड़े और किसकी राह तकते हैं। हनुमान जयंती की पूर्व संध्या के अवसर पर शहर के प्रमुख व्हीव्हीआईपी क्षेत्र समझे जाने वाले बारापत्थर में अस्पताल के समीप वाले चौराहे पर अपने निर्माण काल के साथ ही चर्चित रहे सड़क के बीचों बीच दीवार नुमा खड़े फव्वारे की साफ सफाई की गई।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो साफ सफाई का दायरा फव्वारे के अंदर पानी की साफ सफाई तक ही सीमित रहा। ज्ञातव्य है कि देखरेख के अभाव और सड़कों पर उड़ती धूल मिट्टी के कारण यहां कचरा जमा होता रहता है। इस फव्वारे के टांके को तो साफ कर दिया गया किन्तु इस फव्वारे की दीवारों पर चस्पा पोस्टर्स जंगल व्यवस्था की मुंह चिढ़ाते नजर आए।

. . . मतलब षणयंत्र के तहत ही तोड़ी गई थी दीवार!


. . . मतलब षणयंत्र के तहत ही तोड़ी गई थी दीवार!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का अस्तित्व जिस षणयंत्र के तहत समाप्त किया गया, अब उसकी काली छाया किसी ना किसी रूप में सिवनी के बस स्टेंड की निशानियों पर देखने को मिल ही जाती है। संचालन की पर्याप्त सुविधाओं के बावजूद भी सपनि के इस बस स्टेंड पर अतिक्रमण और अन्य कुव्यवस्थाएं दिखना आम बात हो गई हैै।
सड़क परिवहन के इस बस स्टेंड में चोबीसों घंटे ना जाने कितने वैध और अवैध वाहनों का आवागमन होता है। मजे की बात तो यह है कि इस बस स्टेंड के अंदर यातायात पुलिस की चौकी स्थापित होने के बाद भी यहां अवैध वाहनों का संचालन नहीं रूक पा रहा है, जिसके चलते आए दिन यहां लड़ाई झगड़े होते रहते हैं।
जानकारों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब इस बस स्टेंड में सपनि की यात्री बसों का आवागमन होता था और अंतिम बार इसे सुसज्जित किया गया था तब यहां दो द्वार बनाए गए थे। इन द्वारों से नागपुर छिंदवाड़ा की ओर से आने जाने और जबलपुर, बालाघाट, मण्डला की ओर से आने जाने वाली यात्री बसें परिचालित होती थीं।
इन दोनों गेट के मध्य एक दीवार हुआ करती थी जिसके साथ ही सायकल रिक्शा स्टेंड संचालित होता था। पिछले दिनों यहां एक वाहन की टक्कर से यह दीवार कुछ क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस दौरान कुछ सायकल रिक्शे भी टूट फूट गए थे। उस समय लग रहा था कि संबंधित विभाग इस दीवार की मरस्मत करवा देगा।
विडम्बना ही कही जाएगी कि इस दीवार की मरम्मत करना तो दूर इस दीवार को समूल ही नष्ट कर दिया गया है। कुछ बस संचालकों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अनेक बस संचालकों द्वारा बस स्टेंड के अंदर वाहनों की रेलमपेल और अधिक से अधिक समय तक अधिक से अधिक वाहन खड़े करने की गरज से इस टूटी दीवार को पूरी तरह ढहा दिया गया है।
वर्तमान में अनुबंधित बस के नाम से संचालित वैध और अवैध बसों के संचालकों की इस कारस्तानी की चर्चाएं जोरों पर हैं। यह बात भी समझ से परे है कि जानते बूझते इस बस स्टेंड का रखरखाव करने वाला अमला मौन क्यों धारित किए हुए है। गत दिवस जिला कलेक्टर भरत यादव ने भी बस स्टेंड का निरीक्षण किया है।
बताया जाता है कि राज्य परिवहन के अस्तित्व की समाप्ति के उपरांत इस बस स्टेंड से बस संचालन का काम क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सिवनी के कांधों पर रखा गया है। यहां काम करने वाले उंगलियों में गिने जाने वाले कर्मचारियों का वेतन भी यहीं से निकलना बताया जाता है। बावजूद इसके आरटीओ द्वारा इस दिशा में कोई ध्यान ना दिया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
जिले के प्रशासनिक मुखिया खुद शहर के अतिक्रमण को लेकर खासे संजीदा हैं, बावजूद इसके ना तो नगर पालिका और ना ही आरटीओ अथवा यातायात पुलिस द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही की जा रही है। सिवनी के बस स्टेंड को एक तरह से अतिक्रमण का असुर निगलने को तैयार ही बैठा हुआ है।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि जब राज्य परिवहन का संचालन का होता था तब भौगोलिक स्थिति के कारण सिवनी से चहुंओर नागपुर, जबलपुर, मण्डला, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट आदि की ओर वाहनों का संचालन होता था। इन वाहनों के लिए सिवनी एक केंद्रीय टर्मिनल का काम करता था।
सिवनी के सरकारी बस स्टेंड में बसों के संचालन के लिए दो हिस्से थे दोनों हिस्सों से अलग अलग दिशा में वाहनों का परिचालन होता था। उस समय यात्रियों की आवाजाही के बाद भी इस तरह की नौबत कभी नहीं आई, अब तो आए दिन बस स्टेंड पर झगड़े फसाद के साथ ही साथ जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है, वह भी तब जब यातायात पुलिस की चौकी यहां स्थापित है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने इसकी गहराई में जाना चाहा तो पता चला कि यह सब कुछ संरक्षण वादी प्रक्रिया के तहत शहर के बीचों बीच हो रहा है। मजे की बात तो यह है कि शहर में एक दर्जन के लगभग अघोषित बस स्टेंड बन गए हैं। इस बस स्टेंड का वर्कशाप वाला हिस्सा प्राईवेट मेक्सी कैब के संचालकों के कब्जे में चला गया हैै।

गर्मी में जागरूक रहें उपभोक्ता


गर्मी में जागरूक रहें उपभोक्ता

(डी.बी.नायर)

 गर्मियों का सीजन आ चुका है अतः पानी की समस्या का समाना होना स्वाभाविक है अतः हमें एक जाकरुक नागरिक होने के साथ साथ जागरुक माता-पिता का दायित्व निभाना आवश्क हो गया है। अतः जल संवर्धन की दृष्टि से हमें अपने परिवार में पानी की बचत करना अतिआवश्यक है। अतः अपने बच्चों को निम्न बातों पर अवश्य ध्यान दिलावें:-
1.            वाशबेसिन का उपयोग करते समय नल को अनावश्यक न खुला रखें उसे यथा संभव आधा ही खोलें जिससे पानी का दुरुपयोग न हो।
2.            बच्चों को पीने का पानी देते समय ध्यान रखें कि ग्लास आवश्यक्ता से अधिक न भरा हो जिससे बच्चा पानी का पूर्ण उपयोग करे।
3.            वाशबेसिन में या बाथरुम में यथा संभव ऐसे नलों का उपयोग करें जिसमें पानी की धार कम आती हो जिससे पानी का अनावश्य अपव्यय न हो।
4.            धर के उपयोग यथा कपडे धोने या बर्तन धोने के उपरांत बचे पानी को बगीचे के झाडों में डाल दें जिससे गर्मी में पानी का सदुपयोग हो सके।
5.            धर की छत पर एक छोटे से बर्तन में पक्षियों को पीने के पानी की व्यवस्था करें जिससे उनके लिये पीने का पानी उपलब्ध हो सके।
6.            घर के आसपास या मोहल्ले में कहीं गंदा पानी एकत्र हो रहा है उसकी तुरंत निकासी करावें। क्योंकि इससे मच्छर पैदा होने की आशंका होगी और मलेरिया फैल सकता है।