गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

ग्राम पंचायत सारंगी हुई सम्मानित


ग्राम पंचायत सारंगी हुई सम्मानित

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि पंचायतों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि लोग पंचायतों को मजबूत करके राजनीति के बारे में ज्यादा जागरूक हुए हैं। नई दिल्ली में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में डॉ० सिंह ने कहा कि १५ राज्यों ने पंचायतों में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत सीटे आरक्षित की हैं।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में अपनी लोकल बॉडिज में अन्य पिछड़े वर्गों और महिलाओं के आरक्षण के लिए कानून बनाये हैं जो महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से हकदार बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम हो सकता है। प्रधानमंत्री ने देश भर में पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत करने को कहा।
पंचायतों को मजबूत बनाने की राज्य सरकारों की कोशिशों में मदद करने के लिए हमने १२वीं योजना में पहले से कहीं ज्यादा राशि मुकरर की है। इस मकसद के लिए बजटीय सहायता करीबन १० गुना बढ़ाकर ११वीं पंचवर्षीय योजना के छः सौ अठासठ करोड़ रूपये की तुलना में छह हजार चार सौ सैंतीस करोड़ रूपये बढ़ा दी गई।
डॉ. मनमोहन सिंह ने आशा व्यक्त की कि राज्य स्थानीय स्वायत्त संस्थानों को मजबूत करने के लिए इस राशि का पूरी तरह से इस्तेमाल करेंगे। प्रधानमंत्री ने विकास प्रक्रिया को ज्यादा समावेशी और सतत्घ् बनाने के लिए राज्यों को केन्द्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। डा० सिंह ने राज्यों से ये सुनिश्चित करने को कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत सही मायनों में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो और निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके अधिकार और जिम्मेदारियां पूरी तरह से मिलें।
उन्होने कहा कि ये ख्याल रखना होगा कि पंचायती राज का मकसद डी-सैंट्रलाइजेशन है। जिसमें लोगों को खुद शासन की व्यवस्था चलाने का असली हक मिल पायेगा। इसके लिए हमें सही मायनों में शक्तियां और जिम्मेदारियां निर्वाचित प्रतिनिधियों को देनी होंगी। इन शिकायतों के बारे में कि केन्द्र और राज्य स्तर पर अधिकारी स्थानीय निकायों के साथ सत्ता बांटने में आनाकानी करते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रवैये में परिवर्तन किये जाने की जरूरत है।
इस अवसर पर  मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड की ग्राम पंचायत सारंगी की ग्राम सभा को ग्राम विकास में दायित्वों के श्रेष्ठतम निर्वहन के लिए वर्ष 2012-13 के लिए राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय पंचायत दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने ग्राम पंचायत सारंगी की सरपंच फुदीबाई मैदा को सम्मानित किया। सम्मान में  8 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
समारोह में मध्यप्रदेश की चयनित श्रेष्ठ त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को दो करोड़ दो लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान किये गये। पंचायतों का सशक्तिकरण और जवाबदेही पुरस्कार योजना 2013 में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित जिला पंचायत इंदौर और सागर को सम्मानित किया गया तथा प्रत्येक को 40 लाख पुरस्कार राशि के रूप में दिये गये। जनपद पंचायत हरदा और खरगौन को पुरस्कार के रूप में दो-दो लाख रुपये दिये गये। इसके अलावा मध्यप्रदेश की श्रेष्ठ 12 ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कृत किया गया। इन सब को 6-6 लाख रुपये पुरस्कार राशि के रूप में दिये गये। इनमें खरगौन जिले की ग्राम पंचायत लिक्खी, बड़गांव और भोरठ, हरदा जिले की ग्राम पंचायत रायबोर और भाटपरेतिया, नरसिंहपुर जिले की ग्राम पंचायत आंगनबाड़ा, उमरिया और गोगावरी, सागर जिले की ग्राम पंचायत रामपुर और बरखेड़ा गोठन तथा मंडला जिले की इन्द्री ग्राम पंचायत शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की कुल 23 हजार 6 ग्राम पंचायत, 313 जनपद पंचायत और 50 जिला पंचायत ग्रामीण अंचलों के विकास में सशक्त भूमिका निभा रही हैं। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के सुचारू क्रियान्वयन के जरिये ग्रामीण अंचलों में जहां तरक्की की रफ्तार तेज हुई है वहीं ग्रामीणों को आर्थिक विकास के व्यापक अवसर मिले हैं। 

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