शुक्रवार, 21 मार्च 2014

दिखने लगी है भगवान भास्कर की तपन

दिखने लगी है भगवान भास्कर की तपन

(महेश्‍ा रावलानी)

सिवनी (साई)। बूंदाबांदी का दौर थमने के साथ ही पारे ने रफ्तार पकड़ ली है। गर्मी में तेजी भी इस कदर आई है कि पिछले एक सप्ताह से तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को भले ही तेज गर्मी पड़ी, लेकिन पारा सामान्य तौर पर कम ही उछला है। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तरी हवाएं और उनकी रफ्तार पारे में तेजी ला रही है। आने वाले दिनों में भी गर्मी का अहसास दिनोंदिन बढ़ते ही जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उल्लेखनीय होगा कि पिछले तकरीबन एक सप्ताह से गर्मी में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। एक-दो दिनों को छोड़ दिया जाए तो पारे ने हर दिन एक नए पायदान पर जगह बनाई है। चार दिनों से 33 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चल रहे पारे ने बुधवार को जरूर कुछ नरमी दिखाई, लेकिन गर्मी का अहसास कम नहीं हुआ। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बूंदाबांदी की वजह से गर्मी अपने सही वक्त पर असर नहीं दिखा पाई है। मौसम विभाग के नजरिये से देखा जाए तो गर्मी में अभी कमी ही है। बहरहाल उत्तरी हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में तापमान तेजी से बढ़ने के आसार हैं।
बहरहाल मौसम के बिगड़े मिजाज पर होलिका पर्व ने विराम लगाया है और पिछले तीन दिनों से तमतमाते सूर्य की किरणें लोगों को झुलसाने लगी हैं। अचानक बढ़े तापमान के कारण दिन और रात में पड़ती गर्मी और निकलते पसीने से कूलर, पंखे और एसी चलने लगे हैं। तापमान में अचानक आई वृद्धि ने 19 मार्च को अधिकतम तापमान 33.2 डिसे पर पहुंचा दिया। हालाकि आज 20 मार्च को अधिकतम में मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 32.6 पर आकर ठहर गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी अब अमूमन 20 डि.से. के ऊपर ही दर्ज किया जाने लगा है।
ज्ञातव्य है कि मार्च माह के प्रारंभिक दौर से ही मौसम का मिजाज बदल रहा है और बीते 20-22 दिनों तक कहीं तेज बारिश तो कहीं तेज हवाओं के साथ ओलों की मार भी जिलेवासियों को झेलना पड़ी है। अब पुनः मौसम का असर बदलाव लिए हुए है और गर्मी के बढ़ने के साथ ही मौसम के बदलते क्रम से बीमारियां भी बढ़ी हैं और लोगों को हाथ, पैर में दर्द, जकड़न और पेट संबंधी विकार सामने आए हैं।

यहां निजि क्लीनिकांे के साथ ही साथ जिला चिकित्सालय में भी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। गर्मी के कारण बढ़ रही बीमारियों पर चिकित्सकों ने लोगों को अधिक पानी पीने व बाहरी खाद्य पदार्थ न खाने की सलाह दी है। गर्मी के मौसम के शुरू होते ही बाजारों में भी शीतलता देने वाले पेय पदार्थ व फलों की बिक्री बढ़ी है। बाजार में शीतल पेय के ठेले और दुकानें जगह-जगह सजी हुई हैं। तेज होती धूप के कारण प्रमुख मार्गों पर भी दोपहर के समय आवगमन का दबाव कम होने लगा है।

अंततः जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग निलंबित

अंततः जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग निलंबित

निलंबित नहीं किया, निलंबन की सिफारिश की है: भरत यादव

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इस आशय का समाचार जिला जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय द्वारा आज जारी किया गया है। जब इस संबंध में जिला कलेक्टर भरत यादव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डॉ.गर्ग के निलंबन की सिफारिश आयुक्त (राजस्व) कार्यालय जबलपुर को की गई है।
जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा आज जारी विज्ञप्ति के अनुसार जिला आयुष अधिकारी द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2014 आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कई प्रकार के गंभीर आरोप लगे है। डॉ.सतीश गर्ग द्वारा अपने पद रहने के दौरान आकाश सूर्यवंशी की नियुक्ति अंशकालिक सफाई कर्मी (पी.टी.एस.) के पद पर नियमों के विपरीत करना, स्वार्थसिद्धि के उद्देश्य से स्वयं के द्वारा आकाश सूर्यवंशी का नियुक्ति आदेश तैयार कर हस्ताक्षर करना एवं डाक बुक पंजी में अशोक सूर्यवंशी का नाम अंकित कर जारी किया जाना, नियुक्ति आदेश में सामान्यतः उपस्थिति के लिये समय-सीमा निर्धारित न करना, जावक पंजी में स्वयं के द्वारा पी.टी.एस. नियुक्ति आदेश की प्रविष्टि करना एवं जावक लिपिक को अनुपस्थित बताकर झूठा कथन देकर जांच अधिकारी को भ्रमित करना, नियम विरूद्ध आचार संहिता का उल्लंघन कर अवैधानिक तौर पर पी.टी.एस. के पद पर नियुक्ति करना, सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदक द्वारा मांगी जानकारी उपलब्ध न करवाना, आयुक्त आयुष अधिकारी द्वारा वेतन आहरण पर रोक लगाने के पश्चात स्वयं का वेतन नियम विरूद्ध आहरण करने का प्रयास करना, संयुक्त जांच समिति द्वारा उपरोक्त तथ्य सत्य पाये जाने पर जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति उदासीनता, शासकीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने, वित्तीय संहिता व कोषालय संहिता के प्रावधानों के दौरान अवैधानिक तौर पर नियम विरूद्ध कार्यवाही कर वित्तीय अनियमितता की गई है।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि डॉ.गर्ग के उपरोक्त कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों, एवं म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम तीन सामान्य (1) (2) (3) के विरूद्ध ऊपर वर्णित अनुशासनहीता पूर्ण किये गये कृत्य गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आते हैं, जो म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 सहित उक्त वर्णित अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय है। कलेक्टर भरत यादव द्वारा नियमानुसार विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही करते हुए डॉ.सतीश गर्ग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

पता नहीं जिला जनसंपर्क कार्यालय ने किस आधार पर समाचार जारी किया है। हमें निलंबित करने का अधिकार नहीं है। डॉ.गर्ग के विरूद्ध शिकायतें मिलने पर उसकी जांच की गई, एवं जांच प्रतिवेदन के आधार पर उनके निलंबन की सिफारिश आयुक्त जबलपुर संभाग को भेज दी गई हैं। उन्हें निलंबित करने का अधिकार आयुक्त को है, आयुक्त ही इस संबंध में अंतिम निर्णय लेंगे।

भरत यादव, कलेक्टर, सिवनी.

बेलगाम होते चिकित्सक!

बेलगाम होते चिकित्सक!

(शरद खरे)

होली के अवसर पर दो लोगों के शव जिला मुख्यालय में मिले। इन दोनों को कोतवाली पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर शव परीक्षण के लिए भेज दिया गया। एक का शव परीक्षण चिकित्सक द्वारा कर दिया गया किन्तु दूसरे को एक दिन का इंतजार करना पड़ा, यह वाकई दुखद ही माना जाएगा। वह भी तब जबकि सूर्यास्त को दो-ढाई घंटे शेष थे।
कोतवाली पुलिस विशेषकर नगर कोतवाल अमित विलास दाणी ने जिस तत्परता के साथ अज्ञात शव के कफन-दफन की माकूल व्यवस्थाएं की हैं वह तारीफे काबिल है, किन्तु जिला चिकित्सालय में पदस्थ बेलगाम चिकित्सकों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजिमी है।
नगर कोतवाल अमित विलास दाणी स्वयं जिला चिकित्सालय पहुंचे और उन्होंने सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी सहित आपातकालीन सेवाओं में पदस्थ महिला चिकित्सक से दूसरे शव का शव परीक्षण करने की बात कही। डॉ.सोनी और महिला चिकित्सक सहित खुद नगर कोतवाल ने शव परीक्षण के लिए उस दिन पाबंद चिकित्सक को मोबाईल पर फोन लगाया किन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया। नतीजतन दूसरे का शव परीक्षण दूसरे दिन संभव हो पाया।
वैसे भी गर्मी के मौसम में शव के डिकंपोज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं अतः शव परीक्षण जितनी जल्दी हो जाए उतना बेहतर होता हैै। वैसे भी शव को साथ में रखकर परिजनों का क्या होता होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। पीएम के लिए सूर्याेदय से सूर्यास्त तक का समय होता है। मामला चार साढ़े चार बजे का है अतः दूसरे शव के शव परीक्षण को आसानी से अंजाम दिया जा सकता था, वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं।
अभी चंद दिनों पहले ही कलबोड़ी के समीप एक सड़क दुर्घटना में सिवनी के युवकों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इनके शवों का शव परीक्षण कुरई पुलिस एवं कुरई में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा सुबह सवेरे ही करते हुए परिजनों को शव सौंप दिया था। उस समय भी समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा इस बात को रेखांकित किया था कि सिवनी की पुलिस और चिकित्सकों को कुरई के इस मामले से सबक लेना चाहिए था, किन्तु ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

यह मामला वाकई जांच का विषय है। इसकी जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी या अस्पताल के सिविल सर्जन द्वारा की जाएगी अथवा नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है किन्तु इस तरह की लापरवाही पर जिला प्रशासन को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। इसकी जांच जिला प्रशासन द्वारा की जाकर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाहीअवश्य की जानी चाहिए ताकि यह एक नज़ीर बन सके, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

सलवार सूट में नहीं अब मिनी स्कर्ट में दिखेगी चुटकी

सलवार सूट में नहीं अब मिनी स्कर्ट में दिखेगी चुटकी

(अतुल खरे)

मुंबई (साई)। जी हां आपने सही सुना.. हम बात कर रहे हैं आपके चहेते किरदार चुटकी की जो कि इन दिनों मैड इन इंडियाके जरिये आप लोगों के सामने आ रही है।

खबर है कि चुटकी का किरदार प्ले करने वाले सुनील ग्रोवर अपने करेक्टर को और रोचक बनाने में जुटे हैं। इसलिए ही वह अपने किरदार को अब मार्डन रूप में ढालने में लगे हैं। रविवार को प्रसारित होने वाले शो मैड इन इंडिया में अब आपको चुटकी सलवार-सूट में नहीं बल्कि मिनी स्कर्ट में दिखायी देगी और वह रैंप पर कैटवॉक भी करेगी।

खतरा! एक लाख एटीएम पर हो सकता है वायरस अटैक

खतरा! एक लाख एटीएम पर हो सकता है वायरस अटैक

(मोदस्सिर कादरी)

नई दिल्ली (साई)। अगले माह आपके एटीएम पर वायरस अटैक हो सकता है। इस बात का संकेत खुद रिजर्व बैंक ने दिया है। 8 अप्रैल के बाद भारत के एक लाख एटीएम पर वायरस अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट 8 अप्रैल से विंडोज एक्सपी सॉफ्टवेयर के लिए सपोर्ट बंद कर देगा। देश में अधिकतर एटीएम विडोंज एक्सपी पर ही चल रहे हैं। इसलिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को कहा है कि वो जल्द अपने सिस्टम्स अपडेट करें।
आरबीआई ने विडोंज एक्सपी पर बैंकों को एडवाइजरी जारी की है। माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज एक्स पी सॉफ्टवेयर के लिए सपोर्ट बंद करने पर वायरस अटैक का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि विडोंज एक्सपी को अपडेट करें।

देश में करीब 1.40 लाख एटीएम हैं और अप्रैल तक 40,000 एटीएम ही अपडेट होंगे। इसके चलते एक लाख एटीएम पर वायरस अटैक का खतरा बन गया है। एटीएम पर वायरस अटैक से एटीएम की सुरक्षा खत्म हो सकती है और ग्राहकों का डाटा चोरी हो सकता है। अब इस खतरे से निपटने के लिए बैंकों को ब्रांच में भी सॉफ्टवेयर अपडेट करना होगा। हालांकि इस वायरस अटैक के बाद भी एटीएम काम करते रहेंगे।

17 नवंबर को जम्मप-कश्मीेर मनाएगा अपना गणतंत्र दिवस!

17 नवंबर को जम्मप-कश्मीेर मनाएगा अपना गणतंत्र दिवस!
(विनोद नेगी)
जम्मू (साई)। जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की ओर से एक ऐसा कदम उठाया गया है जिसके बाद पूरे देश में एक बहस छिड़ सकती है।
हाईकोर्ट ने एक याचिका को स्वीेकार किया है जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से 17 नवंबर को इस राज्य  का गणतंत्र दिवस मनाने के लिए राज्यह सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है। हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीमकार करते हुए राज्य सरकार से इस पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा है।
जस्टिस डीएस ठाकुर की एक बेंच की ओर से जम्मू और कश्मीर सरकार के मुख्यड सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्टार की ओर से विधानसभा के स्पीकर और विधानपरिषद के चेयरमैन को नोटिस भेजे गए हैं। हाईकोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। याचिकाकर्ता अब्दुरल कयूम खान की ओर से हाईकोर्ट के सामने याचना की गई है कि राज्य की संवैधानिक संस्थओं को निर्देश दिया जाए कि वह राज्य के आधिकारिक ध्वज को आधिकारिक वाहनों और अपने कार्यालयों में प्रयोग करें।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य की संवैधानिक स्थिति और इसकी स्वाायत्त भूमिका के बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। साथ ही राज्य का एक अलग संविधान है और ऐसे में राज्य के ध्वज का ध्वकजारोहण न होना संविधान के खिलाफ है। याचिकाकर्ता के मुताबिक राज्य के ध्वज का राज्यपाल, हाईकोर्ट के सम्मानित जजों की ओर से ध्वजारोहण न किया जाना जम्मू एवं कश्मीार के संविधान के खिलाफ है। खान की ओर से दायर इस याचिका के मुताबिक सभी संवैधानिक संस्थायओं को ध्वक का सम्मान करने के आदेश के साथ ही 17 नवंबर 1956 को राज्य के गणतंत्र दिवस के तौर पर घोषित कर इसे 17 नवंबर को इसके मनाए जाने के निर्देश दिए जाएं।

बंगला बनाने के लिए घर बेचने पर मजबूर कर रहे हैं आमिर खान?

बंगला बनाने के लिए घर बेचने पर मजबूर कर रहे हैं आमिर खान?

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। आमिर खान पर आरोप लगे हैं कि वह अपने पड़ोसियों को घर बेचने पर मजबूर कर रहे हैं ताकि अपना बंगला बना सकें।
एक स्थानीय अखबार में छपी खबर के मुताबिक मुंबई के बांद्रा में पाली हिल इलाके में आमिर खान बंगला बनाना चाहते हैं। खबर के मुताबिक एक 87 वर्षीय महिला और उनकी बेटी ने आरोप लगाया है कि उनकी सोसाइटी की मैनेजिंग कमिटी लोगों को गुमराह कर रही है और यहां तक कि उन पर दबाव बना रही है कि 60 फीसदी जमीन आमिर खान को बेच दें, ताकि वह अपना महलनुमा बंगला बना सकें।
इस बारे में डॉ. पैमेला डे सा और उनकी बेटी 50 साल की डॉ. जिनीव डे सा ने को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के डिप्टी रजिस्ट्रार से शिकायत भी की है। वर्गाे को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में 23 सदस्य हैं। इसमें दो बिल्डिंग्स हैं जिनमें से हरेक में 12 फ्लैट्स हैं। इनमें से एक बिल्डिंग में आमिर खान के दो फ्लैट्स हैं और दूसरी में एक। डॉ. पैमेला के भी यहां दो फ्लैट्स हैं, जबकि उनकी बेटी के दो गराज हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक आमिर खान ने 2011 में ही इस जगह का 20000 हजार वर्गफुट एरिया खरीदने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन सोसाइटी के सभी मेंबर्स इसके लिए राजी नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम पांच मेंबर्स ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। इस प्रस्ताव को रीडिवेलपमेंटके नाम से पेश किया गया था जबकि डॉ. पैमेला का कहना है कि यह प्रॉपर्टी बेचने का मामला है।  हाउसिंग सोसाइटीज के डिप्टी रजिस्ट्रार एसएस पाटिल ने कहा है कि उन्होंने अभी तक शिकायत का अध्ययन नहीं किया है लेकिन शुरुआती नजर में वह यह मानते हैं कि आमिर खान का प्रस्ताव वैसा नहीं लगता, जैसा बताया जा रहा है।

अंततः मना ही लिया आडवाणी को!

अंततः मना ही लिया आडवाणी को!

(सोनाली खरे)

नई दिल्ली (साई)। अंततः भाजपा के वरिष्ठ नेता एल.के.आडवाणी ने अपनी जिद छोड़ दी और गांधीनगर सीट से ही चुनाव लड़ने को राजी हो गए।
उन्होंने अपने बयान में लिखा है, ‘राजनाथ सिंह ने मुझे बताया कि गुजरात यूनिट चाहती है कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं। इलेक्शन कमिटी ने भी यही फैसला किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे मिलने आए और उन्होंने भी कहा कि गुजरात के लोग चाहते हैं कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं। राजनाथ सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश यूनिट भी चाहती है कि मैं भोपाल से लड़ूं।

उन्होंने बताया कि पार्टी के सहयोगियों ने सीट चुनने का फैसला मेरे ऊपर छोड़ा है। अपने सहयोगियों की बातों ने मेरे दिल को छू लिया है। मैं हमेशा से गांधीनगर से जुड़ा रहा हूं। 1991 से मैं यहां से चुनाव लड़ता रहा हूं। इस बार भी मैं यहीं से चुनाव लड़ूंगा।अपने बयान में आडवाणी ने भोपाल के मौजूदा सांसद कैलाश जोशी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, राज्य बीजेपी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह का धन्यवाद भी किया है।

पटेल कहते थे, आरएसएस जहरीला संगठन: राहुल

पटेल कहते थे, आरएसएस जहरीला संगठन: राहुल

(रीता वर्मा)

धर्मशाला (साई)। आज जो नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा बनाने की बात कर रहे हैं, वे शायद नहीं जानते कि सरदार पटेल ने ही आरएसएस को जहरीली संस्था बताते हुए कहा था कि इस पर प्रतिबंध से ही देश को बचाया जा सकता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यह बात गुरुवार को धर्मशाला में फिर दोहराई। वह यहां के पुलिस मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। हालांकि उन्होंने राजग पर खुल कर हमला बोला किंतु अनेक ऐसी बातें ही कहीं जिन्हें वह अन्य जनसभाओं में कहते रहे हैं। बकौल राहुल, ‘भाजपा को हिदूं धर्म की परिभाषा तक पता नहीं है। हिंदुत्व में विरोध ,अभिमान तथा वैरभाव का कोई स्थान नहीं है लेकिन भाजपा हमेशा ही वैरभाव की राजनीति करती रही है।
राहुल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कंप्यूटरीकरण व सेलफोन की बात की थी तो भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया था, लेकिन आज वही लोग इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने पूर्व की राजग सरकार से तीन गुना अधिक सड़कें केवल पांच वर्षाे में बनाई हैं। भाजपा के भ्रष्टाचार के मुद्दे का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने सूचना का अधिकार देकर हर व्यक्ति को भ्रष्टाचार से लड़ने का एक अधिकार दिया है। इससे व्यवस्था पारदर्शी हुई है। उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा में छह बिल लाए गए और विपक्ष ने इन्हें रोककर केवल अपने चुनावी हितों को ही साधा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 15 करोड़ गरीबों को रोजगार, भोजन व सत्तार हजार किसानों को लाभ दिलवाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट उनके खेतों के आस-पास खोले गए है। वहीं 70 करोड़ लोगों को मिडल क्लास की श्रेणी में लाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों का विस्तार किया गया है। उन्होंने दिल्ली-मुंबई-चेन्नई में विशेष निर्माण गलियारे का जिक्र भी किया।

प्राकृतिक आपदा की स्थिति में निर्वाचन आयोग द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सशर्त अनुमति

प्राकृतिक आपदा की स्थिति में निर्वाचन आयोग द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सशर्त अनुमति

(दीप्ति)

भोपाल (साई)। भारत निर्वाचन आयोग ने किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मुख्यमंत्री अथवा संबंधित मंत्री द्वारा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करने की सशर्त अनुमति दी है।
आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को भेजे अपने पत्र में कहा है कि पूर्व में यह निर्देश दिये गये थे कि आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान मुख्यमंत्री/मंत्री/राजनीतिक कार्यकर्ता अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग नहीं कर सकते। आयोग ने उसे प्राप्त कतिपय अनुरोधों के प्रकाश में अपने निर्णय पर पुनर्विचार किया और आपदा की स्थिति में एक वीडियो कान्फ्रेंसिंग करने की सशर्त अनुमति दे दी है।
शर्तों में यह शामिल है कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग करने के पहले संबंधित विभाग मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से सम्पर्क कर इसके लिये अनुमोदन प्राप्त करेगा। इसके बाद यदि कोई वीडियो कान्फ्रेंसिंग की जानी है, तो आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संबंधित क्षेत्र के कलेक्टर/डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तथा प्राकृतिक आपदा में राहत से जुड़े अधिकारियों को ही बुलाया जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बचाव/राहत तथा उससे जुड़े पहलुओं के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जायेगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के पहले या बाद में इसका किसी भी प्रकार से प्रचार नहीं किया जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग मीडिया के लिये खुली नहीं रहेगी।

आयोग ने यह शर्त भी लगाई है कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग की प्रोसीडिंग्स की ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग होगी और संबंधित विभाग इसका संधारण करेगा तथा इसकी प्रति मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसी भी प्रकार की सहायता, नगद अथवा वस्तु रूप में प्रदाय करने की न घोषणा की जायेगी और न वायदा किया जायेगा। साथ ही राजनीतिक स्वरूप का कोई बयान नहीं दिया जायेगा। ऐसी कोई घोषणा नहीं की जायेगी जिससे मतदाता प्रभावित होता हो। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का एक प्रतिनिधि उपस्थित रहेगा।

सीईओ कार्यालय के अधिकारियों के वाहन पर लाल-पीली बत्ती के लिए अधिसूचना

सीईओ कार्यालय के अधिकारियों के वाहन पर लाल-पीली बत्ती के लिए अधिसूचना

(प्रदीप आर्य)

भोपाल (साई)। लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने तक अपने वाहनों पर लाल एवं पीली बत्ती लगाये जाने की अनुमति प्रदान की गई है। परिवहन विभाग ने इस संबंध में मध्यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपने उपयोग में आने वाले वाहन में लाल बत्ती एवं अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपने वाहन पर पीली बत्ती का उपयोग कर सकेंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक एवं प्राधिकृत उच्च अधिकारी भी अपने वाहन में पीली बत्ती का उपयोग कर सकेंगे।

उन्नीस संसदीय क्षेत्र में आज जमा हुए 29 नाम-निर्देशन पत्र

उन्नीस संसदीय क्षेत्र में आज जमा हुए 29 नाम-निर्देशन पत्र

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों द्वारा नाम-निर्देशन पत्र जमा करवाये जाने का सिलसिला निरंतर जारी है।
तीन में से दो चरण के उन्नीस संसदीय क्षेत्र में अब तक 40 नाम-निर्देशन पत्र जमा करवाये जा चुके हैं। इनमें पहले चरण के 9 संसदीय क्षेत्र में 33 और दूसरे चरण के अंतर्गत 10 संसदीय क्षेत्र में अब तक 7 नामांकन पत्र जमा करवाये गये हैं।
पहले और दूसरे चरण के लिए आज कुल 29 नाम-निर्देशन पत्र उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किये गये। पहले चरण के लिए विगत 15 मार्च से शुरू हुई नाम-निर्देशन पत्र जमा करवाने की प्रक्रिया के तहत आज 24 नाम-निर्देशन पत्र जमा हुए। जिन संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किये गये उनमें सतना में 6, रीवा, सीधी, मण्डला, छिन्दवाड़ा में 3-3 और शहडोल, जबलपुर, बालाघाट में 2-2 नाम निर्देशन पत्र जमा करवाये गये।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 17 अप्रैल के दूसरे चरण के नामांकन के लिए 19 मार्च को जारी अधिसूचना के बाद आज 10 संसदीय क्षेत्र में 5 उम्मीदवार द्वारा नाम-निर्देशन पत्र जमा करवाये गये। इनमें ग्वालियर, दमोह में 2-2 और टीकमगढ़ में एक उम्मीदवार ने नामांकन पर्चा भरा। 

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक अवकाश घोषित

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक अवकाश घोषित

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में तीन चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान दिवस 10 अप्रैल, गुरूवार, 17 अप्रैल गुरूवार एवं 24 अप्रैल गुरूवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा सामान्य प्रशासन विभाग ने की है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पहले चरण के मतदान के लिये 10 अप्रैल गुरूवार को जिन संसदीय क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा, उनमें सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट, छिन्दवाड़ा और होशंगाबाद शामिल हैं। दूसरे चरण के मतदान के लिये 17 अप्रैल को जिन संसदीय क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा, उनमें मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, भोपाल और राजगढ़ शामिल हैं।

तीसरे चरण के मतदान के लिये 24 अप्रैल को जिन संसदीय क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा, उनमें विदिशा, देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खण्डवा और बैतूल शामिल हैं।

राजनैतिक विज्ञापन प्रमाणन समिति गठित

राजनैतिक विज्ञापन प्रमाणन समिति गठित

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। भारत निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक विज्ञापनों के मीडिया प्रमाणीकरण से संबंधित मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट की है। आयोग ने कहा है कि राजनैतिक विज्ञापनों व चुनाव प्रचार सामग्री के ऑडियो-विजुअल प्रदर्शन को मीडिया प्रमाणीकरण कमेटी सर्टिफाई करने का कार्य करेगी।
आयोग ने कहा है कि कोई भी केबल संचालक अथवा टीवी चैनल ऐसा विज्ञापन टेलीकास्ट नहीं करेगा जो देश के कानून के अनुरूप न हो अथवा जिसमें शालीनता के दायरे में विचार व्यक्त नहीं किये गये हों। आयोग ने कहा है कि ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जो किसी नस्ल, जाति, शारीरिक रंग व कौमियत का उपहास करते हों। कमेटी प्रमाण-पत्र जारी करते समय यह भी घोषित करेगी कि विज्ञापन में दिये गये तथ्यों व इसके द्वारा लगाये आरोपों की पूर्ण जिम्मेदारी प्रकाशक अथवा विज्ञापनकर्ता पर है।
इस प्रकार के विज्ञापन से उत्पन्न किसी हानि, दीवानी अथवा आपराधिक मामले के लिए समिति जिम्मेदार एवं जवाबदेह नहीं है। प्रमाणीकरण के लिए गठित समिति आवेदन प्राप्त होने के दिन से 24 घण्टे के भीतर संबंधित उम्मीदवार को सूचित करेगी। विज्ञापन के प्रमाणीकरण के लिये संसदीय चुनाव क्षेत्र का रिटर्निंग ऑफिसर, एक एआरओ जो एसडीएम से नीचे स्तर का नहीं होगा, एमसीएमसी के सदस्य होंगे।

पूर्व प्रमाणीकरण के लिये समितियाँ गठित
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणीकरण के लिये समिति गठित कर दी गई है। निर्वाचन आयोग ने समिति के कार्यक्षेत्र के संबंध में भी स्थिति स्पष्ट की है। निर्वाचन आयोग के अनुसार संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अध्यक्षता में दिल्ली में गठित समिति उन सभी राजनैतिक दलों, समूह व संस्थाओं जिनका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है, के राजनैतिक विज्ञापनों के लिये दिये गये आवेदनों का निपटारा करेगी। राज्य में गठित समिति ऐसे राज्य राजनैतिक दल जिनका मुख्यालय उसी राज्य में है, उनके राजनैतिक विज्ञापनों के लिये दिये गये आवेदनों का निराकरण करेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी राष्ट्रीय या राज्य-स्तरीय राजनैतिक दल जिसका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में है वह अपने राजनैतिक विज्ञापन का प्रमाणीकरण दिल्ली मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में जमा करायेंगे। दिल्ली मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में गठित समिति द्वारा उन सभी राष्ट्रीय या राज्य-स्तरीय राजनैतिक दल जिनका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है तो उनके राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणीकरण पूरे भारत में वैध होगा। उन्हें राज्य-स्तरीय समितियों से पृथक से प्रमाणीकरण नहीं कराना होगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे राजनैतिक दल जिनका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में नहीं है तो उनके राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणीकरण संबंधित राज्य-स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा, जहाँ से दल चुनाव लड़ रहा है।