प्राकृतिक आपदा की स्थिति में निर्वाचन आयोग द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग
की सशर्त अनुमति
(दीप्ति)
भोपाल (साई)। भारत निर्वाचन आयोग ने किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में
मुख्यमंत्री अथवा संबंधित मंत्री द्वारा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग
करने की सशर्त अनुमति दी है।
आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को भेजे
अपने पत्र में कहा है कि पूर्व में यह निर्देश दिये गये थे कि आदर्श आचार संहिता
लागू रहने के दौरान मुख्यमंत्री/मंत्री/राजनीतिक कार्यकर्ता अधिकारियों के साथ
वीडियो कान्फ्रेंसिंग नहीं कर सकते। आयोग ने उसे प्राप्त कतिपय अनुरोधों के प्रकाश
में अपने निर्णय पर पुनर्विचार किया और आपदा की स्थिति में एक वीडियो
कान्फ्रेंसिंग करने की सशर्त अनुमति दे दी है।
शर्तों में यह शामिल है कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग करने के पहले संबंधित
विभाग मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से सम्पर्क कर इसके लिये अनुमोदन प्राप्त करेगा।
इसके बाद यदि कोई वीडियो कान्फ्रेंसिंग की जानी है, तो आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में
संबंधित क्षेत्र के कलेक्टर/डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तथा प्राकृतिक आपदा में राहत
से जुड़े अधिकारियों को ही बुलाया जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बचाव/राहत तथा
उससे जुड़े पहलुओं के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जायेगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग
के पहले या बाद में इसका किसी भी प्रकार से प्रचार नहीं किया जायेगा। वीडियो
कान्फ्रेंसिंग मीडिया के लिये खुली नहीं रहेगी।
आयोग ने यह शर्त भी लगाई है कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग की प्रोसीडिंग्स की
ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग होगी और संबंधित विभाग इसका संधारण करेगा तथा इसकी प्रति
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसी भी
प्रकार की सहायता, नगद अथवा वस्तु
रूप में प्रदाय करने की न घोषणा की जायेगी और न वायदा किया जायेगा। साथ ही
राजनीतिक स्वरूप का कोई बयान नहीं दिया जायेगा। ऐसी कोई घोषणा नहीं की जायेगी
जिससे मतदाता प्रभावित होता हो। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य निर्वाचन
पदाधिकारी का एक प्रतिनिधि उपस्थित रहेगा।
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